चिरचिटा के फायदे | Chirchita ke fayde

चिरचिटा या अपामार्ग एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है | चिरचिटा के फायदे के बारे में जानेंगे तो आप हैरान हो जायेंगे | यह जड़ी बूटी लगभग सभी प्रकार के रोगों में उपयोग में ली जाती है | मुख्यतः इसकी दो प्रजातियाँ होती है :-

  • सफ़ेद चिरचिटा (अपामार्ग श्वेत)
  • रक्त चिरचिटा (अपामार्ग लाल)

भारत में चिरचिटा लगभग सभी प्रान्तों में पाया जाता है | यह वर्षा ऋतू में अधिक मिलता है | आयुर्वेद अनुसार इसका उपयोग अनेकों रोगों के लिए किया जाता है | इस लेख में हम सिर्फ चिरचिटा के फायदे क्या हैं इस बारे में जानेंगे | अपामार्ग (चिरचिटा) के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप निचे दिया गया लेख पढ़ सकते हैं :-

अपामार्ग के औषधीय गुण एवं उपयोग

चिरचिटा के फायदे क्या हैं / Chirchita benefits in hindi

अपामार्ग (चिरचिटा) के के औषधीय गुण इसको इतना फायदेमंद बनाते हैं | इसलिए चिरचिटा के फायदों के बारे में जानने से पहले हम इसके औषधीय गुणों के बारे में जानेंगे | इसमें निम्न औषधीय गुण होते हैं –

  • चिरचिटा कफ़वात शामक होता है | यह रक्त को शुद्ध करने वाला एवं शोथहर है |
  • यह कीटाणुनाशक होता है |
  • बलवर्धक, उत्तेजक, वेदनाहर, मूत्रल गुणों वाला है |
  • इसमें पत्थरी नाशक गुण भी होते हैं |
  • इसके पत्ते रक्तपित्त शामक होते हैं |
  • बीज मधुर, शीत, देर से पचने वाले और कास शामक होते हैं |
  • इसकी मूल कटु, शीत और कषाय गुणों वाली होती है |
  • यह पित्तज विकार, श्वास, कास, वृण, क्षत, उदर रोग अतिसार आदि रोगों में उपयोगी होता है |

ऊपर बताये इन गुणों के कारण ही चिरचिटा इतना फायदेमंद है | अब हम आपको इसके फायदों से अवगत करवाते हैं :-

चिरचिटा के फायदों के बारे में बताओ / Chirchita ke fayde

यह जड़ी बूटी बहुत प्रभावशाली दवा का काम करती है | इसके औषधीय गुणों के कारण इसका स्थान आयुर्वेद में प्रमुख जड़ी बूटियों में आता है | अनेक शास्त्रोक्त औषधियों में चिरचिटा का उपयोग किया जाता है | आँखों के रोग, कानो के रोग, वक्ष रोग, मुख के रोग, उदर रोग, प्रजनन स्थान रोग जैसी सभी समस्याओ में इसका उपयोग फायदेमंद होता है |

आइये जानते हैं रोगानुसार चिरचिटा के क्या क्या फायदे हैं :-

शिरो रोग में चिरचिटा के बीजो के फायदे :-

आंधासीसी की समस्या में चिरचिटा के बीजो का चूर्ण सूंघने से आराम मिलता है | इस चूर्ण को सूंघने से मस्तक के अंदर जमा हुवा कफ पतला होकर नाक के जरिए निकल जाता है |

नेत्र रोग में चिरचिटा प्लांट के फायदे :-

दो ग्राम अपामार्ग मूल चूर्ण में 2 चम्मच शहद मिलाकर आँख में डालने से नेत्र विकारो में लाभ मिलता है | इसके अलावा नेत्र शोथ, आँखे लाल होना जैसी समस्याओं में चिरचिटा की मूल को साफ़ ताम्बे के बर्तन में सेंधा नमक मिले हुए दही के साथ घिसकर अंजन के रूप में लगाने से लाभ होता है |

कर्ण रोग में चिरचिटा की जड़ एवं तेल के फायदे :-

  • चिरचिटा की जड़ को साफ पानी से धो कर इसका रस निकाल लें | इस रस में बराबर मात्रा में तिल का तेल मिला लें और आग में पका लें | इस तेल की दो दो बूंद कान में डालने से बहरापन की समस्या में फायदा होता है |
  • अपामार्ग (चिरचिटा) क्षार का घोल तथा अपामार्ग पत्र कल्क लेकर चार गुना तिल का तेल मिला कर पका लें | इससे बाधिर्य में फायदा होता है |

दांतों के लिए भी फायदेमंद है चिरचिटा :-

  • दन्त में दर्द होने पर इसके पत्रों का रस रुई में लगाकर दांतों पर लगाने से फायदा होता है |
  • चिरचिटा की जड़ से दातुन करने से मुख की दुर्गन्ध दूर होती हैं मसूड़े मजबूत होते हैं |
  • इसके पत्रों का क्वाथ बना गरारा करने से मुखपाक की समस्या में फायदा होता है |

खांसी कफ की समस्या में चिरचिटा का उपयोग करें :-

चिरचिटा के पत्तो को हुके में रख पर धुम्रपान करने से श्वास की तकलीफ में फायदा होता है | इसकी जड़ में कफ़ नाशक गुण होते हैं | इसका क्वाथ बना कर पिने से खांसी की समस्या में बहुत लाभ होता है |

उदर रोगों में अपामार्ग (चिरचिटा) के फायदे एवं उपयोग :-

  • विसूचिका में इसकी मूल का चूर्ण फायदेमंद रहता है |
  • इसके पंचांग का क्वाथ पेट के विकारो में लाभदायक है |
  • भस्मक रोग (बहुत अधिक भूख लगने की बीमारी) में इसके बीजो का चूर्ण बना कर सेवन करने से बहुत फायदा होता है |

बवासीर की समस्या में चिरचिटा का उपयोग कैसे करें ?

चिरचिटा की पत्तियों को काली मिर्च के साथ जल में पीसकर सेवन करने से बवासीर की समस्या में लाभ होता है | इसके अलावा इसकी मूल को चावल के धोवन के साथ पीसकर पिने से भी अर्शकी समस्या में लाभ होता है |

प्रजनन संस्थान रोग में चिरचिटा के फायदे एवं उपयोग :-

  • योनीशूल – इसकी जड़ पीसकर रस निकालकर रुई में भिगो योनी पर लगाने से योनि शूल एवं मासिक धर्म की समस्या में फायदा होता है |
  • गर्भधारण के लिए – अनियमित मासिक धर्म या अधिक रक्तस्राव के कारण गर्भधारण की समस्या में चिरचिटा के पत्र एवं जड़ को पीस कर गाय के दूध के साथ पिने से लाभ होता है |

चिरचिटा का उपयोग किन किन रोगों के लिए किया जाता है ?

चिरचिटा एक औषधीय पौधा है इसका उपयोग बहुत से रोगों के लिए किया जाता है | इसका उपयोग निम्न रोगों के लिए होता है :-

  • आंधासीसी
  • आँखों में जलन, नेत्र विकार
  • दांतों की समस्याएं
  • उदर रोग
  • कर्ण रोग
  • रक्त प्रदर
  • बवासीर
  • त्वचा रोग
  • मूत्र विकार

FAQ / सवाल जवाब

चिरचिटा के फायदे क्या क्या हैं ?

यह एक औषधीय पौधा है | इसका उपयोग अनेको रोगों के लिए किया जाता है |

चिरचिटा किसे कहते हैं ?

अपामार्ग को चिरचिटा बोलते हैं |

चिरचिटा के कौनसे भाग का उपयोग किया जाता है ?

इसकी जड़, मूल, पत्र बीज का उपयोग दवा के रूप में होता है |

चिरचिटा भारत में कहाँ पाया जाता है ?

यह भारत में लगभग सभी प्रान्तों में पाया जाता है |

Reference :-

Effect of aqueous extracts of Achyranthes aspera Linn. on experimental animal model for inflammation

Study of CNS depressant and behavioral activity of an ethanol extract of Achyranthes Aspera (Chirchita) in mouse model

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