हमारे दांत चेहरे की सुंदरता में अहम भूमिका निभाते हैं | अगर किसी के दांत मैले एवं सड़ांध वाले हों तो देख कर बहुत घिन्न आती है | इसके साथ ही अगर दांत स्वस्थ नहीं हैं तो व्यक्ति को बहुत परेशानी होती है | उचित देखभाल न करने से दांतों में दर्द होना, मसूड़े कमजोर हो जाना, दांत पीले पड़ जाना, पायरिया, एवं दांत गिरने जैसी समस्याएं हो जाती हैं | दांतों की समस्याओं से बचने के लिए इनकी उचित देखभाल करना अति आवश्यक है | इसके लिए आयुर्वेदिक दन्त मंजन का उपयोग करना बहुत जरुरी है |
आयुर्वेदिक दन्त मंजन के रूप में हम आपको 3 बेहतरीन आयुर्वेद औषधियों के बारे में बतायेंगे जिनका उपयोग करके आप दांत एवं मसूड़ों में होने वाले विकारों से बच सकते हैं | यह दन्त मंजन आप आसानी से घर पर भी बना सकते हैं | आज बाजार में आयुर्वेद के नाम पर बहुत से दन्त मंजन बेचे जा रहें हैं | लेकिन ये उतने प्रभावी नहीं हैं क्योंकि इनमें केमिकल का उपयोग किया जाता है |
Post Contents
दन्तप्रभा आयुर्वेदिक दन्त मंजन से करें पुराने से पुराना पायरिया ठीक |
यह बहुत ही प्रभावी आयुर्वेदिक मंजन है | इसका उपयोग करने से दांत मजबूत, मुंह दुर्गन्ध रहित एवं मसूड़े स्वस्थ रहते हैं | यह चूर्ण प्रकरण की औषधि है, इसको बनाने के लिए निम्न जड़ी बूटियों की आवश्यकता होगी :-
- खड़िया मिटटी – ६ तोल
- सफ़ेद कत्था – ५ तोला
- दालचीनी – ४ तोला
- मौलश्री की छाल, अजवायन, सेंधा नमक – प्रत्येक ३ तोला
- काली मिर्च, सोंफ, मिलावे की राख – प्रत्येक ३ तोला
- जायफल, अकरकरा, लौंग – प्रत्येक ३ तोला
- माजूफल, इलायची – प्रत्येक ३ तोला
- शुद्ध तूतिया, कपूर, संख – प्रत्येक १ तोला
- पोटाश प्रमाग्नेट – ३ माशा
इन सभी जड़ी बूटियों का महीन चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को कपडे से छान लें | अब इसको शीशी में बंद करके रख लें | इस तरह से दंतप्रभा मंजन तैयार हो जाती है |
दंतप्रभा आयुर्वेदिक मंजन के फायदे :-
- इसको दही में मिलकर मुंह के छालों पर लगाने से छाले जल्द ठीक हो जाते हैं |
- इसकी रोज सुबह शाम दन्त मंजन करने से पुराने से पुराना पायरिया ठीक हो जाता है |
- यह दांत के दर्द एवं दांत में खून आने की समस्या में बहुत फायदेमंद है |
- इसकी मंजन करने से मसूड़े स्वस्थ एवं मजबूत बनते हैं |
- रोजाना इसका उपयोग करने से दांतों का पीलापन दूर हो जाता है |
- इससे दांत के कीड़े मर जाते हैं |
- मुहं में आने वाली दुर्गन्ध का नाश करता है |
दंतप्रभा चूर्ण (दूसरा योग) से करें दांतों को मजबूत
यह दंतप्रभा चूर्ण का दूसरा योग है | इसको बनाने के लिए निम्न लिखित जड़ी बूटियों की आवश्यकता होती है :-
- मौलश्री की छाल का चूर्ण – ४ तोला
- खड़िया मिट्टी – ४ तोला
- बादाम के छिलके की राख – ४ तोला
- अगर की लकड़ी का कोयला – ४ तोला
- भूनी हुई फिटकरी – १ तोला
- सेंधा नमक – ६ माशा
- कपूर – ३ माशा
- शुद्ध तूतिया – ४ रती
- पिपरमेंट का सत्व – १ माशा
इस आयुर्वेदिक दन्त मंजन को बनाने के लिए उपर बताई गई जड़ी बूटियों को महीन पीस कर कपड़छान कर लें | अब इसमें पिपरमेंट का सत्व मिला कर शीशी में बंद करके रख दें |
आयुर्वेदिक दन्त मंजन दंतप्रभा चूर्ण के फायदे :-
- यह बहुत ही सुगन्धित दन्त मंजन है |
- इसके उपयोग से मुख की दुर्गन्ध दूर हो जाती है |
- यह मसूड़ो के लिए अत्यंत फायदेमंद है |
- रोजाना इसकी मंजन करने से दांतों की कोई समस्या नहीं होती |
आयुर्वेदिक दन्त मंजन दशनसंस्कार चूर्ण (मंजन)
यह मंजन दांतों के समस्त विकार दूर करने की क्षमता रखती है | इसको बनाने के लिए निम्न जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है :-
- सोंठ, हर्रे, मोथा
- कपूर, सुपारी की राख, काली मिर्च
- लौगं, दालचीनी, खड़िया मिटटी
इन सभी जड़ी बूटियों (खड़िया मिटटी को छोड़कर) को समान मात्रा में लेकर बारीक़ पीस कर कपड़छान कर लें | अब इस चूर्ण के समान भाग में खड़िया मिटटी लेकर दोनों को अच्छे से मिला लें |
फायदे एवं उपयोग :-
- यह दांतों का पीलापन शीघ्र दूर कर देती है |
- इससे मंजन करने पर दांत स्वस्थ एवं मजबूत बनते हैं |
- यह दांतों के समस्त विकारों को नष्ट कर देती है |
- इसके उपयोग से मसूडे भी मजबूत होते हैं |
- पायरिया, दांतों में कीड़ा जैसी समस्याओं में इसका उपयोग बहुत फायदेमंद रहता है |
अगर आपको उपर बताई गयी जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरुर बताएं |
धन्यवाद !