8 अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा की सूचि – इनका उपयोग वैद्य परामर्श से ही करें

अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा : आज इस आर्टिकल में हम आपको आयुर्वेदिक उन दवाओं की सूचि उपलब्ध करवा रहें है | जिनमे अफीम का प्रयोग होता है | अत: इन औषधियों का प्रयोग आपको हमेशां वैद्य की सलाह से ही करना चाहिए |

आयुर्वेद चिकित्सा में प्रयोग होने वाली हजारों दवाएं एसी है जिनका वर्णन आपको इन्टरनेट पर उपलब्ध हो जायेगा | लेकिन ये जानकारियां अधिकतर अधूरी है | इन्टरनेट पर दवाओं के गुणों एवं उपयोगों के बारे में बताया जाता है लेकिन इनमे प्रयोग होने वाले घटक द्रव्यों एवं उनके नुकसानों के बारे में आपको सुचना उपलब्ध नहीं होती |

एसे में स्वदेशी उपचार आयुर्वेद की विश्वसनीय जानकारियां आप तक पहुँचाने का प्रयास करता है | आयुर्वेदिक दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी होते है और साइड इफेक्ट्स भी एसे होते है कि नूतन चिकित्सा के बड़े – बड़े महारथियों को भी समझ से बाहर हो जाते है |

अत: इसी को ध्यान में रखकर हमने कुछ अफीम युक्त औषधियों की सूचि यहाँ उपलब्ध करवाई है जिनका प्रयोग कभी भी बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक / वैद्य परामर्श नहीं करना चाहिए | अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा की इस सूचि की आप PDF File भी Download कर सकते है |

तो चलिए जानते है

अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा
image source – patrika.com

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अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवाएं / Ayurvedic Medicine Containing Opium in Hindi

इस सूचि में हमने दवा का नाम उसके घटक द्रव्य, उसके फायदे और नुकसान के बारे में बताया है | ध्यान दें वैद्य परामर्श से ही इनका उपयोग करना चाहिए | अगर आपका आयुर्वेदिक चिकित्सक इनका परामर्श आपको देते है तो चिकित्सक की बताई हुई मात्रा एवं विधि के अनुसार ही एक सिमित समय के लिए इनका उपयोग करें

1. अगस्ति सुतराज रस में है अफीम की मात्रा

यह शामक, दर्द नाशक, संग्रहणी रोग, आमातिसार एवं अंतड़ियों में जल भरने की समस्या में वैद्य सेवन की सलाह देते है | इसमें शुद्ध पारद, गंधक, धतुरा एवं अफीम जैसे घटक द्रव्य है अत: बिना चिकित्सक के सलाह के इनका सेवन नहीं करना चाहिए | इसके घटक द्रव्य निचे देखें

  1. शुद्ध गंधक
  2. शुद्ध पारद
  3. शुद्ध सिंगरफ
  4. धतूरे के बीज
  5. शुद्ध अफीम
  6. भांग का रस

2. कर्पुर रस

यह दवा अफीम से युक है | इसका प्रयोग बुखार, दस्त, विसूचिका, अधिक प्यास लगना, जलन, चक्कर आना एवं संग्रहणी के सभी प्रकारों में इसका प्रयोग होता है | इस दवा में अफीम शुद्ध हिंगुल एवं शुद्ध अफीम मुख्य घटक है अत: बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक के सलाह के उपयोग में नहीं लेना चाहिए | इसे आप अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा कह सकते है | निचे इसके घटक द्रव्य देखें

  1. कर्पुर
  2. शुद्ध हिंगुल
  3. शुद्ध अफीम
  4. नागरमोथा
  5. इंद्र जो
  6. जायफल
  7. अदरक रस

3. कामिनी विद्रावण रस

इस दवा में भी अफीम अधिक मात्रा में होता है | इस दवा का प्रयोग वीर्य का पतलापन, निर्बलता, धातुओं की कमजोरी, भूख न लगना आदि रोगों में किया जाता है | स्तंभन दोष को दूर करने के लिए भी प्रमुख रूप से इस औषधि का प्रयोग करवाते है | अफीम होने के कारण यह दवा लम्बे समय तक सेवन नहीं करवाई जाती | वरना इसकी आदत लग सकती है | अत: बिना वैद्य सलाह के उपयोग में न लें |

निचे इसके घटक द्रव्य है सूचि देखें

कामिनी विद्रावण रस
  1. शुद्ध हिंगुल
  2. शुद्ध अफीम
  3. शुद्ध गंधक
  4. केसर
  5. जायफल
  6. अकरकरा
  7. जावित्री
  8. पीपल
  9. लौंग
  10. सोंठ
  11. लाल चन्दन

4. जातिफलादी वटी (मधुमेह)

मधुमेह के लिए आने वाली यह दवा भी अफीम से युक्त होती है | इसका प्रयोग मधुमेह में पेशाब के साथ आने वाली शुगर कम करने में करते है | साथ ही अधिक प्यास लगने की समस्या को भी दूर करती है | यह मधुमेह में बार – बार आने वाले पेसब को भी कम करती है | इस वटी का प्रयोग भी वैद्य सलाह से ही करना चाहिए | स्वयं के द्वारा किया गया उपयोग फायदे की जगह नुकसान कर सकता है | इसके घटक द्रव्य निम्न है

जातिफलादि वटी
  1. जायफल
  2. जावित्री
  3. लौंग
  4. केसर
  5. धतूरे के शुद्ध बीज
  6. शुद्ध अफीम
  7. शुद्ध शिलाजीत
  8. लौह भस्म

5. निद्रोदय रस में होता है अफीम

यह मुख्य रूप से अनिद्रा की दवा है | अगर नींद न आने की समस्या है तो वैद्य इसका प्रयोग करवाते है | यह एलोपथ की दवाओं से सुरक्षित है | क्योंकि यह वातसंसथान पर घातक असर नहीं छोड़ती साथ में ही अंग्रेजी दवाओं की तरह रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी कम नहीं करती | क्योंकि इसके घटक द्रव्य इसे रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला बनांते है | लेकिन बिना वैद्य के सलाह के इसका प्रयोग भी नहीं करना चाहिए |

क्योंकि अफीम होने के कारण इसको ग्रहण करने का भी तरीका है जो वैद्य आपको बताते है | इसे कुछ समय के लिए अन्तराल से सेवन की जाती है | चलिए इसके घटक द्रव्य आपको बताते है –

  • रस सिंदूर
  • वंशलोचन
  • अफीम
  • धाय के फुल
  • आंवला
  • भांग का रस
  • मुन्नका (बीज रहित)

6. महावातराज रस दवा है अफीम युक्त

यह रस खांसी, हिचकी, स्वांस, अतिसार (दस्त), मधुमेह एवं कफव्याधियों में बहुत उपयोगी है | इसका वर्णन सिद्ध भैषज्य मंजूषाकार में मिलता है | साथ ही यह दवा अनुपान भेद से आमवात, निमोनिया, मधुमेह एवं सूतिका ज्वर (प्रसव- पश्चात) आदि में भी उपयोगी है | इसमें अफीम मिला होने के कारण खुद से सेवन नहीं करनी चाहिए |

वैद्य सलाह से ही उपयोग में लेना अधिक लाभदायक होता है | चलिए जानते है इसके घटक द्रव्य

  1. धतूरे के शुद्ध बीज
  2. शुद्ध पारा
  3. शुद्ध गंधक
  4. लौह भस्म
  5. अभ्रक भस्म
  6. दालचीनी
  7. लौंग
  8. जावित्री
  9. जायफल
  10. इलायची
  11. भीमसेनी कपूर
  12. कालीमिर्च
  13. चंद्रोदय या रस सिंदूर
  14. अफीम
  15. धतुरा स्वरस

7. वीर्य स्तंभन वटी

यह अत्यंत स्तंभक औषधि है | इसका प्रयोग शीघ्रपतन, धातु दुर्बलता एवं स्वप्नदोष को ठीक करने के लिए वैद्य बताते है | वीर्य स्तंभन वटी में भी अफीम अल्प मात्रा में होता है | अत: वैद्य परामर्श से ही इसका प्रयोग करना चाहिए | लम्बे समय तक इसका प्रयोग वैद्य वर्जित करते है | कुछ समयांतराल से इसका सेवन करवाते है | इसे भी मुख्य रूप से अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा कहा जा सकता है |

वीर्य स्तंभन वटी

इसके घटक द्रव्य निम्न है –

  • जायफल
  • लौंग
  • जावित्री
  • केशर
  • छोटी इलायची
  • शुद्ध अफीम
  • अकरकरा
  • भीमसेनी कपूर
  • नागरबेल के पान का रस

8. अहिफेनासव

अफीम को संस्कृत में अहिफेन बोलते है | अत: इस दवा का मुख्य घटक अफीम ही होता है | इसका प्रयोग भयंकर अतिसार एवं हैजा में लाभदायक होता है | इस आसव औषधि का प्रयोग वात एवं कफ जन्य विकारों में भी प्रमुखता से सेवन करवाया जाता है | अफीम होने के कारण वैद्य परामर्श से ही उपयोग में लेनी चाहिए | इसके घटक द्रव्य निम्न है

  1. अफीम
  2. नागरमोथा
  3. जायफल
  4. इंद्र जो
  5. छोटी इलायची

अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा की list (Download PDF)

अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा का नाम घटक द्रव्य उपयोग मूल्य
1. अगस्ति सुतराज रस शुद्ध गंधक, शुद्ध पारद, शुद्ध सिंगरफ,
धतूरे के बीज, शुद्ध अफीम, भांग का रस
दर्द नाशक, संग्रहणी, आमातिसारRs. 495
2. कर्पुर रस कर्पुर, शुद्ध हिंगुल, शुद्ध अफीम,
नागरमोथा, इंद्र जो जायफल, अदरक रस
बुखार एवं दस्त आदि में Rs. 230
3. जातिफलादी वटी जायफल, जावित्री, धतुरा एवं अफीम आदिमधुमेह रोग में Rs. 700
4. कामिनी विद्रावण रस हिंगुल, अफीम, गंधक, केसर, जायफल आदि वीर्य विकारों में Rs. 1399
5. निद्रोदय रस अफीम, वंशलोचन, रस सिंदूर आदि अनिद्रा रोग में Rs. 95
6. महावात राज रस धतुरा, पारद, गंधक एवं अफीम आदि खांसी, हिचकी एवं स्वांस आदि में Unknown
7. वीर्य स्तंभन वटी अफीम, जायफल, लौंग, इलायची आदि स्तंभन दोष में Rs. 725
8. अहिफेनासव अफीम, नागरमोथा, जायफल आदि हैजा, अतिसार (पतले दस्त)

धन्यवाद ||

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