प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के दौरान मालिश के फायदे

आयुर्वेद उपचार पद्धति में मालिश (मसाज) का बहुत महत्व है | शरीर के उचित रख रखाव एवं अंगो को सुडोल और स्वस्थ रखने के लिए मालिश करना बहुत उपयोगी होता है | मालिश करने से तन मन दोनों स्वस्थ रहते हैं | सामान्य रूप से आप मालिश से परिचित होंगे | इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान मालिश करने के क्या फायदे हैं, इसे किस तरह करना चाहिए आदि बातों के बारे में बतायेंगे |

गर्भावस्था में मालिश का महत्व, इसे कैसे करना चाहिए ?

गर्भ धारण होने के पश्चात स्त्री का शरीर बहुत से परिवर्तनों एवं कठिनाइयों से गुजरता है | यह समय माँ के लिए बहुत संवेदनशील होता है | ऐसी अवस्था में माँ को अपने और होने वाले शिशु के स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है | गर्भावस्था में शरीर में जकड़न, दर्द, जी मतलाना, साँस लेने में तकलीफ, नींद नहीं आना जैसी समस्याएं होती हैं | ऐसे में मालिश करना बहुत उपयोगी होता है | इससे दर्द जकड़न जैसी समस्याओं से राहत मिलती है एवं नींद भी अच्छी आती है |

गर्भावस्था में मालिश कैसे करें

गर्भावस्था के दौरान मालिश सामान्य मालिश से अलग होती है, आइये जानते हैं कैसे ?

सामान्य परिस्थितियों में मालिश करना आसान होता है लेकिन गर्भावस्था या प्रेगनेंसी के दौरान माँ के गर्भ में शिशु होता है, इसलिए बहुत सावधानी के साथ सभी बातों का ध्यान रखते हुए मालिश करनी होती है | गर्भावस्था में माँ और गर्भ में भ्रूण की सुरक्षा सबसे जरूरी होती है | इसलिए गर्भावस्था में माँ की उचित तरीके से देखभाल करनी चाहिए |

प्रेगनेंसी में महिला को पेट या पीठ के बल न लेटाकर करवट लेके लेटाना चाहिए | पीठ के बल लेटने पर पेट पर अधिक दबाव पड़ता है और पेट के बल लेटना तो मुमकिन ही नहीं है | इस समय मालिश करते समय बहुत अधिक दबाव भी नहीं डालना चाहिए | हल्के हाथ से मालिश करना चाहिए | पहले 3 महीने मालिश नहीं करनी चाहिए खास तौर पर पेट के आस पास |

गर्भावस्था में मसाज

गर्भावस्था के दौरान मालिश करने के क्या क्या फायदे हैं ?

  • अच्छी नींद :- मालिश करने से शरीर को समग्र रूप से आराम मिलता है | इससे हार्मोन्स संतुलित होते हैं एवं अच्छी नींद आती है |
  • मानसिक शांति :- गर्भावस्था में मानसिक तनाव बढ़ जाता है | ऐसे में मालिश अहम साबित होती है | मालिश करने से कोर्टीसोल का स्तर संतुलित रहता है जिससे मानसिक शांति बनी रहती है |
  • दर्द और सुजन को कम करती है :- कुछ महिलाओं को गर्भावस्था में चलने फिरने में बहुत दिक्कत होती है | यह रक्त वाहिकाओं में दबाव के कारण होता है | ऐसे में मालिश करना बहुत गुणकारी होता है | इससे शरीर में रक्त का संचार सही रूप से होता है और दर्द व सुजन में राहत मिलती है |
  • ऐंठन और दर्द को कम करे :- गर्भधारण के बाद मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द रहना आम समस्या है | मालिश करने से ऐंठन कम होती है और शरीर रिलैक्स होता है | इससे दर्द और ऐंठन में राहत मिलती है |
  • तंत्रिका तंत्र / पीठ दर्द को कम करे :- गर्भावस्था में पीठ दर्द बहुत अधिक परेशान करता है | जैसे जैसे बच्चे का वजन बढ़ता है पीठ के निचले हिसे पर दबाव बढ़ता है | इससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है और दर्द होता है | मालिश करने से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं |
  • समय से पहले जन्म का खतरा टलता है :- मालिश करने से प्रसव सही समय पर होने की संभावना अधिक होती है इससे समय पूर्व प्रसव का खतरा नहीं रहता | प्रसव के समय होने वाली पीड़ा भी कुछ हद तक कम होती है |

आयुर्वेदिक मसाज का गर्भावस्था में क्या महत्व है ?

गर्भधारण के बाद हार्मोनल बदलाव और शरीर में आए परिवर्तनों के कारण माँ को बहुत कष्ट झेलना होता है | थकान होना, मन नहीं लगना, पीठ दर्द, चलने में परेशानी आदि अनेको समस्याएं इस समय हो जाती है | ऐसे में आयुर्वेद अनुसार मसाज करना बहुत गुणकारी होता है | इससे इन सभी समस्याओं में विशेष राहत मिलती है और माँ व शिशु दोनों स्वस्थ रहते हैं |

मसाज करने से दर्द और परेशानी दूर होती हैं एवं मानसिक शांति मिलती है | गर्भावस्था के दौरान होने वाली जटिलताएं कुछ हद तक कम होती हैं |

ध्यान देने योग्य बातें :-

गर्भावस्था का समय माँ और शिशु दोनों के लिए बहुत संवेदनशील होता है | इस समय उन्हें उचित देखरेख की आवश्यकता होती है | मालिश करना इस समय में बहुत लाभकारी होता है | पर विशेष परिस्थितियों में जब गर्भावस्था में कुछ जटिलताएं हों तो चिकित्सक की सलाह के बिना मसाज नहीं करनी चाहिए | गर्भधारण के शुरुवाती दिनों में मसाज नहीं करें |

FAQ / सवाल जवाब

इससे गर्भावस्था में होने वाली परेशानियाँ जैसे पीठ दर्द, जकड़न, नींद नहीं आना आदि ठीक होती हैं |

इसके लिए गर्भविलास आयुर्वेदिक तेल का उपयोग करें | सामान्य नारियल तेल से भी मालिश कर सकते हैं |

इस समय माँ को करवट लेके लेटना चाहिए | मालिश करते समय ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए |

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