Post Contents
स्वप्नदोष / Night Fall in Hindi
आयुर्वेद में स्वप्नदोष को प्रमेह का ही एक भाग माना जाता है, इसे स्वप्न-प्रमेह के नाम से भी पुकारा जाता है | जब नींद में किसी सुंदर स्त्री के मिलाप या छूने मात्र से ही वीर्यस्खलन हो जाए तो यह स्वप्न-दोष कहलाता है |
यह रोग अप्राकृतिक रूप से वीर्य को नष्ट करने एवं शरीर में अधिक उष्णता होने या धातु दुर्बल आदि होने से होता है |
अगर महीने में यह स्थति एक या दो बार हो तो इसे सामान्य माना जा सकता है, लेकिन जब दो से अधिक बार होने लगे तो यह व्याधि का रूप ले लेती है |
इस समस्या से मधुमेह जैसा गंभीर रोग होने की सम्भावना होती है | आयुर्वेद चिकित्सा में स्वप्नदोष की चिकित्सा के उपचार के लिए धातु वर्द्धक एवं पौरुष वर्द्धक दवाओं का सेवन करवाया जाता है |
स्वप्नदोष के संभावित कारण
इस रोग के कोई परिभाषित कारण नहीं है लेकिन धातु कमजोर होना, वीर्य का पतला होना, अधिक कमोतेजक भाव, अधिक भारी एवं उष्ण भोजन का सेवन करना, गंदे विचार एवं शारीरिक कमजोरी आदि कारण हो सकते हैं |
- गरिष्ट भोजन
- अश्लील साहित्य एवं फिल्मे देखना |
- कमोतेजक विचारों में रहना |
- प्रमेह |
- धातु विकार |
- वीर्य का पतलापन |
- मानसिक विकार |
- शारीरिक कमजोरी |
- शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी |
- अत्यंत कृष शरीर
स्वप्नदोष की पहचान या लक्षण
रोग से ग्रषित होने पर व्यक्ति की धातु एवं वीर्य का स्तम्भन करने वाली नशें कमजोर हो जाती है | व्यक्ति चाहते हुए भी वीर्य का स्तम्भन नहीं कर पाता | अधिकतर एसे रोगियों की जठराग्नि मंद पड़ जाती है, भूख नहीं लगती, खाना हजम नहीं होता एवं हमेशां कब्ज की सी स्थिति बनी रहती है |
स्वप्नदोष के रोगियों के पेशाब पर मक्खियाँ बैठती है | रोगी हर समय सुस्त बना रहता है एवं हमेशां जुकाम आदि बने रहने की शिकायत करता है | धीरे – धीरे रोगी के शरीर में कमजोरी आने लगती है | खाना खाने एवं कोई शारीरिक श्रम करने की इच्छा नहीं होती है | रोगी हमेशां बिस्तर पड़े रहने में अच्छा महसूस करता है | अगर Night fall होने के पश्चात इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो निश्चित ही वह व्यक्ति स्वप्न-प्रमेह से ग्रषित माना जाता है |
एसे व्यक्तियों की चिकित्सा समय पर करवानी चाहिए , अन्यथा स्थिति और गंभीर हो सकती है |
स्वप्नदोष के प्रमाणित आयुर्वेदिक इलाज एवं दवाएं
स्वदेशी उपचार हमेशां से ही आयुर्वेद एवं घरेलु चिकित्सा के उपाय समय – समय पर अपने पाठकों के साथ साझा करते आया है | आज हम आपको स्वप्न-दोष से पीड़ित रोगियों के लिए आयुर्वेद के कुच्छ महत्वपूर्ण एवं प्रमाणित इलाज बताएँगे जिनको अपनाकर इस रोग से मुक्ति पाई जा सकती है |
1. स्वप्नदोष के लिए अपनाएं असली आयुर्वेदिक “कामसुधा योग”
स्वप्नदोष की सबसे अच्छी दवा “कामसुधा योग” 21 प्रमुख वाजीकरण औषधियों का एसा मिश्रण है जो सभी प्रकार की यौन कमजोरी में आपको बेहतरीन परिणाम देती है | स्वप्नदोष हो या शीघ्रपतन आप इस दवा के सेवन से जल्द ही इन समस्याओं से मुक्ति पा सकते है | यह दवा आपके शरीर में धातुओ का वर्द्धन करती है एवं वीर्य को गाढ़ा करने का काम करती है जिससे स्वप्नदोष जैसे रोगों से मुक्ति मिलती है | इसमें शु. शिलाजीत, शोधित कौंच बीज, अश्वगंधा, अकरकरा, खिरेटी, घरेलु निर्मित गिलोय सत्व एवं अन्य 15 महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियाँ है जो स्वप्न-दोष में कारगर साबित होती है |
अधिक जानकारी के लिए यहाँ click करें
2. घर पर बनायें स्वप्नदोष नाशक योग
सामग्री – सेमलकंद का चूर्ण 1 पाव एवं मिश्री 2 पाव |
बनाने की विधि – सबसे पहले सेमल के पेड़ की जड़ को खोदकर निकाल लें | अब जड़ के ऊपर के छिलके को उतार कर इसे टुकड़ों में काटकर धुप में सुखा लें | वैसे आप इसे पंसारी की दुकान से भी खरीद सकते है लेकिन इसकी प्रमाणिकता की कोई गारंटी नहीं होती | अत: इसे खुद ही इक्कठा करना ज्यादा लाभदायक होता है |
अच्छी तरह सुखी हुई सेमलकंद का महीन चूर्ण बना कर इसमें मिश्री को भी पीसकर मिलालें | आपका स्वप्नदोष नाशक योग तैयार है |
सेवन विधि – इस चूर्ण का सेवन गाय के एक गिलास दूध के साथ 6 माशे की मात्रा में चालीस दिन तक करना चाहिए | नियमित सेवन से जल्द ही स्वप्नदोष ठीक हो जाता है |
3. बरियारे का वीर्यशोधक चूर्ण
सामग्री – बरियारे की जड़ की छाल – 50 ग्राम एवं मिश्री – 100 ग्राम
बनाने की विधि – बरियारे (खिरैटी) की जड़ ले आयें और इसे अच्छी तरह धोकर थोडा सा कुचल दें और इसे अच्छी तरह सूखने दें | सूखने के बाद जड़ के ऊपर की छाल उतार लें अन्दर की कठोर लकड़ी को छोड़ दे | इस छाल का महीन चूर्ण बनाकर इसमें पीसी हुई मिश्री मिलाकर सेवन करें |
सेवन की विधि – इस चूर्ण का सेवन चालीस दिनों तक करना चाहिए | 3 से 5 ग्राम की मात्रा में गाय के दूध के साथ नित्य सुबह के समय इस दवा का सेवन करना चाहिए | यह आपके वीर्य की सभी विकारों को नष्ट करेगी एवं धातु के पतलेपन को ठीक करके स्वप्नदोष से मुक्ति दिलाएगी |
4. धातु दौर्बल्य नाशक लड्डू से करें स्वप्नदोष का इलाज
सामग्री – शतावरी, गिलोय, अश्वगंधा, विदारीकन्द एवं तालमुली – 50 – 50 ग्राम प्रत्येक | गाय का देशी घी – 100 ग्राम एवं 800 ग्राम शक्कर |
बनाने की विधि – सभी पांचो द्रव्यों को कूटपीसकर महीन चूर्ण बना लें | अब एक कड़ाही में घी चढ़ा कर इस चूर्ण को घी में मंद आंच पर भुनें | अच्छी तरह भुनने के बाद एक कड़ाही में पानी डालकर उसमे शक्कर मिलाकर एक तार की चाशनी तैयार करलें | तैयार चाशनी में भुने हुए चूर्ण को डालकर थोड़ी देर आंच पर चलायें | जब योग गाढ़ा होने लगे तो इसे निचे उतार कर ठंडा करके लड्डू बना लें |
सेवन की विधि – इस आयुर्वेदिक योग का इस्तेमाल सर्दियों के दिनों में करना चाहिए | नित्य एक लड्डू खाकर ऊपर से गाय का गुनगुना दूध पीना चाहिए | इससे धातु विकार नष्ट होकर स्वप्नदोष मिटता है एवं साथ ही यह योग शरीर को भी मजबूती प्रदान करता है |
स्वप्नदोष के महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक नुस्खें
- गोखरू, सूखे आंवले एवं गिलोय – इन सभी को बराबर की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में गाय के घी के साथ मिलाकर चाटने से जल्द ही शुक्र-प्रमेह ठीक होने लगता है |
- 10 ग्राम चोपचीनी का चूर्ण में 10 ग्राम पीसी हुई मिश्री मिलाकर रखलें | अब नित्य इस चूर्ण को गाय के घी के साथ मिलाकर चाटने से 7 से 8 दिनों में ही लाभ मिलने लगता है |
- त्रिफला चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से भी आराम मिलता है | जिन्हें त्रिफला सेवन से गर्मी की शिकायत हो वे शहद के बजाय मिश्री के साथ इसका सेवन करें |
- अश्वगंधा, स्याह मुसली एवं तालमखाना – इन तीनो को 50 – 50 ग्राम लेकर इनका महीन कपडछान चूर्ण बना लें | इस तैयार चूर्ण को गाय के गरम दूध में मिश्री मिलाकर सेवन करना चाहिए | यह शरीर में बल एवं वीर्य का वर्द्धन करके रोग को नष्ट करने में लाभदायक नुस्खा सिद्ध होता है |
- रोज सुबह गुलाब के तीन ताजा फूलों की कलियों को मिश्री मिलाकर खाना चाहिए एवं ऊपर से दूध लेना चाहिए | 15 – 20 दिन के प्रयोग से ही रोग खत्म हो जाता है |
- एक तोला बबूल का गोंद रोज रात को आध पाव जल में भिगो दें | सुबह इसे छानकर एवं 2 तोले मिश्री मिलकर पिजावें | नियमित रूप से 21 दिन के प्रयोग से ही स्वप्नप्रमेह ठीक हो जाता है |
- गर्मियों में नित्य आंवले का मुर्रबा खाने वाले व्यक्तियों में कभी भी धात एवं शुक्रप्रमेह की समस्या नहीं होती है | अगर रोग होने पर भी महीने दो महीने मुर्रबा खाया जाए तो रोग से छुटकारा मिलता है |
स्वप्नदोष नाशक आयुर्वेदिक दवाओं एवं नुस्खों का सेवन करते समय ये परहेज रखें
इन दवाओं एवं योगों का सेवन करते समय लालमिर्च, तेल, खटाई, गरम खाद्य पदार्थ, मैदा से बने खाद्य पदार्थ एवं नशे आदि का सेवन नहीं करना चाहिए | अधिक चिंता करना , भूख अधिक खाना एवं स्त्री का प्रसंग भी इन दवाओं के सेवन के समय नहीं करना चाहिए |
शराब, मांस, लहसुन, प्याज, अंडे, अचार एवं गरम मसाले दार भोजन आदि से परहेज करना चाहिए |
धन्यवाद |
Swapandosh
Sir mujhe hapte me 3 se 4 baar night fall hota hai
very useful info.Thank you