सिद्ध मकरध्वज वटी क्या है ? जानें बनाने की विधि, प्राइस एवं फायदे

सिद्ध मकरध्वज वटी : आयुर्वेद चिकित्सा की सुप्रशिद्ध औषधि है | इसका प्रयोग यौन विकारों के उपचारार्थ किया जाता है | इस औषधि के बारे में कहा गया है कि यह अत्यंत गुणवान, बलवर्द्धक एवं वीर्य पौष्टिक रसायन है, जिसके बराबर दूसरी कोई औषधि नहीं है |

जिनकी यौनशक्ति कमजोर हो, नपुंसकता के लक्षण प्रकट हो, शरीर में वीर्य ना बनता हो, शीघ्रपतन की समस्या हो या मधुमेह जैसी व्याधि हो तो ऐसे रोगों में यह अमृत समान उपयोगी दवा है |

साथ ही सिद्ध मकरध्वज वटी मानसिक स्वास्थ्य, हृदय विकार आदि रोगों में भी उपयोगी है | आयुर्वेद चिकित्सा में इसे उत्तम पुष्टिकारक, स्तम्भन-शक्तिवर्द्धक और नपुंसकता नाशक योग कहा जाता है |

सिद्ध मकरध्वज वटी

चलिए जानते है सिद्ध मकरध्वज वटी के घटक द्रव्यों के बारे में

सिद्ध मकरध्वज वटी के घटक द्रव्य / Ingredients of Siddha Makardhwaj Vati

क्रमांक घटक नाम मात्रा
01 मकरध्वज 48 ग्राम
02 जायफल 48 ग्राम
03 कालीमिर्च 48 ग्राम
04कपूर 48 ग्राम
05 कस्तूरी 2 ग्राम
06 जल मर्दन के लिए
भै.र. (भैषज्य रत्नावली)

सिद्ध मकरध्वज वटी बनाने की विधि / Manufacturing Process in Hindi

सबसे पहले ऊपर लिखित सभी औषधियों को निर्देशित मात्रा में ले लिया जाता है | अब जायफल एवं कालीमिर्च का महीन सूक्षम चूर्ण बना लिया जाता है |

अब मकरध्वज को खरल में डालकर इसका महीन मर्दन कर लिया जाता है | इसके पश्चात बाकी बची औषधि जैसे कपूर एवं कस्तूरी को इसमें डालकर साथ ही जायफल एवं कालीमिर्च के महीन चूर्ण को भी इनके साथ खरल में डाल दिया जाता है |

खरल में थोडा पानी डालकर इन सभी का अच्छी तरह से मर्दन किया जाता है | अच्छी तरह मर्दन करने के पश्चात इसकी 250 mg के बराबर की गोलियां बना कर सहेज लिया जाता है |

इस प्रकार से सिद्ध मकरध्वज वटी का निर्माण होता है |

सिद्ध मकरध्वज वटी के फायदे / Health Benefits of Sidha Makardhwaj Vati

यह उत्तम बलकारक आयुर्वेदिक औषधि है | इसके बराबर दूसरी कोई वीर्यवर्द्धक, पुरुष रोगों की दवा नहीं है | सभी प्रकार के प्रमेह, नपुंसकता, वीर्य विकार एवं धातु विकारों में फायदेमंद औषधि है | इसी लिए आयुर्वेद जगत में इसे महा औषधि कहा जाता है |

मकरध्वज मष्तिष्क, हृदय एवं वातवाहिनी नाड़ीयों के लिए उत्तम औषधि है | यह मानसिक विकारों को दूर करती है | हृदय को बल प्रदान करती है | तो चलिए जानते है मकरध्वज वटी के फायदे –

  • शीघ्रपतन की समस्या वीर्य के पतलेपन एवं शारीरिक क्षीणता के कारण पनपती है | एसे में सिद्ध मकरध्वज वीर्य को गाढ़ा करके शारीरिक दुर्बलता को दूर करने का कार्य करती है | अत: शीघ्रपतन जल्द ही ठीक होता है |
  • नपुंसकता जैसी समस्या आज के समय तीव्रता से बढ़ रही है | सिद्ध मकरध्वज वटी का इस्तेमाल नपुंसकता को ठीक करने के लिए किया जाता है | यह शुक्रवाहिनी नाड़ीयों को बल प्रदान करती है, जिससे नपुंसकता की समस्या ठीक होती है |
  • मस्तिष्क विकार में भी कारगर है | यह मानसिक स्वास्थ्य को बरकरार रखती है |
  • सभी प्रकार के प्रमेह रोगों में इसके सेवन से लाभ मिलता है |
  • यह शरीर में जीवनीय शक्ति का संचार करती है | अत: शारीरिक बलवर्धि के लिए भी इसका प्रयोग करवाया जाता है |
  • सिद्ध मकरध्वज वटी के सेवन से स्मरण शक्ति की व्रद्धी, स्तम्भन शक्ति का वर्द्धन एवं वीर्यबल और शरीर में औज की वृद्धि होती है |
  • अप्राकृतिक मैथुन जनित लिंग स्थिलता में मकरध्वज वटी का सेवन करवाने से उत्तम परिणाम मिलते है | यह लिंग में उत्तेजना लाने का कार्य करती है |
  • शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है |

सेवन की मात्रा एवं विधि / Doses

मकरध्वज वटी का इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श अनुसार करना चाहिए | 1 – 1 गोली सुबह शाम विभिन्न अनुपानो के साथ प्रयोग किया जाता है | मात्रा 125mg से 250 mg तक हो सकती है | निचे सिद्ध मकरध्वज वटी के साथ प्रयोग होने वाले अनुपान की लिस्ट दी है

  • मक्खन
  • दूध
  • दूध की मलाई
  • शहद
  • मिश्री
  • अदरक रस

नुकसान / Side Effects

निर्देशित मात्रा में सेवन करने से इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते | लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से कई दुष्प्रभाव हो सकते है | इसे अधिक मात्रा में सेवन करने से सीने में जलन, पेट में जलन एवं चक्र आदि समस्याएँ हो सकती है |

अत: आयुर्वेदिक वैद्य के परामर्शानुसार ही सिद्ध मकरध्वज वटी का सेवन करना चाहिए |

सिद्ध मकरध्वज वटी के बारे में सामान्य पूछे जाने वाले सवाल – जवाब / FAQ

धन्यवाद ||

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