एक्यूप्रेशर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का ही एक भाग है | मर्दन चिकित्सा के नाम से आयुर्वेद में इसका वर्णन उपलब्ध होता है | यह प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति चीन, जापान जैसे देशों में भी प्रमुखता से प्रयोग में ली जाती है | वैसे इसे चीन एवं जापान की पैतृक चिकित्सा पद्धति कहा जाता है |
लेकिन गहन अध्यन करने से पता चलता है कि एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति की उत्पति भी भारत में ही हुई थी | अत: इसे भारतीय कहने में कुछ गलत नहीं है |
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एक्यूप्रेशर बिंदु से रोग कैसे ठीक होते है ?
इस चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों ने शरीर में 800 प्रतिबिम्ब एक्यूप्रेशर पॉइंट्स की खोज कर रखी है | लेकिन अधिकतर रोगों का इलाज 90 पॉइंट्स पर प्रेशर देकर किया जाता है | ये सभी एक्यूप्रेशर पॉइंट्स एक रेखापथ में स्थित होते है |
मानव शरीर में एसे 14 रेखापथ होते है | इन रेखापथ को मेरिडियन या आयुर्वेद ग्रंथो के अनुसार मर्म कहा जाता है | इन मेरिडियन से शरीर में उर्जा प्रवाहित होती रहती है एव ये शरीर के विभिन्न अंगो से होकर गुजरते है |
अत: जिस भी अंग में विकार या दर्द आदि होता है उसी बिंदु को दबाकर रोग को नष्ट किया जाता है | इस चिकित्सा पद्धति में किसी भी प्रकार की दवा या औषध का सेवन नहीं किया जाता |
विभिन्न रोगानुसार एक्यूप्रेशर पॉइंट्स का विवरण या चार्ट
हमने यहाँ कुच्छ प्रमुख रोगों के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स का वर्णन रोगानुसार किया है | आप इन रोगों के दबाव बिंदु एवं इसकी विधि के बारे में जान सकते है | साथ ही अंत में हमने एक चार्ट बनाया है जो आपको आसानी समझाने में सहायक सिद्ध होगा |
हृदय रोग
आधुनिक समय में तीव्र गति से बढ़ता रोग हृदय रोग है | आकस्मिक हृदयाघात आदि एसी समस्याएँ है जो पल में जीवन का अंत करने में समर्थ है | हृदय रोगों से बचने के लिए आहार – विहार का ध्यान रखने के साथ इसके सम्बंधित एक्यूप्रेशर बिंदु पर दबाव डालकर उपचार किया जा सकता है |
यहाँ हमने हृदय से सम्बंधित रोगों के लिए बिंदु वार विवरण दिया है
उच्च रक्तचाप के लिए एक्यूप्रेशर बिंदु / High Blood Pressure Acupressure Points in Hindi
शारीरिक श्रम नहीं करने, अनुचित आहार – विहार एवं आराम आदि न करने के कारण हृदय द्वारा उच्च दाब में रक्त का परिसंचरण किया जाता है जो High Blood pressure कहलाता है |
हृदय की इस समस्या के निजात के लिए हृदय से सम्बंधित एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव देखर उपचार किया जा सकता है |
निचे दी गई फोटो के माध्यम से आप उच्च रक्त चाप के लिए इन बिन्दुओ को देख सकते है | हृदय रोग से सम्बंधित ये सभी बिंदु बाएं हाथ एवं पैर में होते है | इन्हें देख कर प्रेशर दिया जा सकता है |
इनके अलावा पेट के प्रतिबिंब केन्द्रों पर प्रेशर देकर भी उपचार किया जा सकता है | निचे उपलब्ध इमेज में दर्शित इन पॉइंट्स पर 10 – 10 सेकंड भोजन से पहले प्रेशर देने से उच्च रक्त चाप की समस्या से निजात मिलती है |
निम्न रक्तचाप से सम्बंधित पॉइंट्स / Low Blood Pressure Acupressure Points in Hindi
सामान्य व्यक्ति का रक्तचाप 120/70 होता है | शारीरिक कमजोरी, कृशता, लम्बे समय तक किसी रोग से पीड़ित रहने एवं मधुमेह आदि रोगों से पीड़ित होने पर Low blood pressure की स्थिति उत्पन्न होती है |
low blood pressure में हाथों की अँगुलियों के अंतिम मुडाव एवं नाखूनों के ऊपर दबाव के बिंदु स्थित होते है | इन पर 15 से 20 सेकंड 2 से 3 बार प्रेशर देने से समस्या से राहत मिलने लगती है | देखें इमेज
वक्षस्थल पर भी इसका एक बिंदु होता है | जहाँ पर प्रेशर देने से भी निम्न रक्तचाप से आराम मिलता है | यह एक्यूप्रेशर का बिंदु दोनों स्तनों के मध्य भाग में थोडा निचे की तरफ होता है | देखें इमेज
हृदय शूल / Angina Pectoris Acupressure Points in Hindi
हृदय रोगों में यह विकृति सबसे गंभीर होती है | आकस्मिक हृदय शूल व्यक्ति की जान तक भी ले लेता है | अधिकतर इस रोग की उत्पति हृदय के वाल्व की गड़बड़ी, अधिक वसा युक्त भोजन का सेवन एवं धुम्रपान या शराब जैसे नशीले पदार्थो के सेवन के कारण होती है |
यहाँ उपलब्ध फोटो के माध्यम से हृदय शूल से सम्बंधित एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डालकर इसका उपचार प्रारंभ किया जा सकता है | साथ ही आहार – विहार का भी ध्यान रखा जाना चाहिए | देखें इमेज
डिप्रेशन के एक्यूप्रेशर बिंदु / Depression Acupressure Points in Hindi
मानसिक तनाव आज के समय से सबसे तीव्र गति से बढती समस्या है | इस समस्या से पढने वाले बच्चों से लेकर बुजर्ग तक सब प्रभावित रहते है | एक – दुसरे से आगे निकलने की प्रवृति, धन एवं इच्छाओं की लोलुपता आदि सामान्य से कारण ही मानसिक तनाव को जन्म देते है | लम्बे समय तक मानसिक तनाव अवसाद (डिप्रेशन) को जन्म देता है |
डिप्रेशन कई शारीरिक समस्याओं को जन्म देता है | हार्ट अटैक, पाचन विकृति, आक्रोश, हाई / लो ब्लड प्रेशर एवं तंत्रिका तंत्र की व्याधियां इससे उत्पन्न होती है | देखें फोटो –
जुकाम / Acupressure Points for Cold in Hindi
मौसम परिवर्तन एवं ऋतू के विपरीत खाद्य पदार्थो का सेवन करना जुकाम को जन्म देता है | आयुर्वेद में इसे प्रतिश्याय कहा जाता है | छोटे बच्चे इस रोग से जल्द पीड़ित होते है | प्रदूषित वातावरण, धुल – धुआं आदि के कारण भी इसकी उत्पति हो जाती है | नाक से छींके आना, पानी बहना, सिरदर्द एवं आँखों में खुजली चलना आदि इसके लक्षण होते है |
एक्यूप्रेशर के माध्यम से जुकाम का उपचार किया जा सकता है | प्रतिश्याय से सम्बंधित बिन्दुओं पर समय पर प्रेशर देकर जुकाम से निजात पाई जा सकती है | देखें प्रतिश्याय के बिंदु –
खांसी / Acupressure Points for Cough
सर्दी – जुकाम की वजह से खांसी की स्थिति उत्पन्न होती है | अगर खांसी का समय पर उपचार न किया जाए तो यह गंभीर रोगों का कारण बन सकती है | इससे अस्थमा, टीबी जैसे रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती है |
खांसी से राहत पाने के लिए इन बिन्दुओं पर प्रेशर दिया जाना चाहिए | देखें खांसी के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स –
साइटिका के एक्यूप्रेशर पॉइंट / Acupressure Points for Sciatica in Hindi
साइटिका जिसे आयुर्वेद चिकित्सा में गृध्रसी भी कहते है | यह कुल्हे एवं जांघ पर होने वाला असहनीय दर्द होता है | इस रोग की उत्पत्ति गलत तरीके से बैठने – उठने से एवं किसी चोट या झटके के कारण होती है |
आयुर्वेद के अनुसार वात की अतिवृद्धि होने पर यह रोग उत्पन्न होता है | हमारे शरीर में स्थित वातनाडी या गृध्रसी नाड़ी में वात का प्रकोप होकर तीव्र शूल की स्थिति उत्पन्न होती है | जिसे हम साइटिका नाम से पुकारते है | देखें –
अस्थमा रोग के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स / Acupressure Points for Asthma in Hindi
श्वांस या अस्थमा रोग श्वसन तंत्र का रोग है | आयुर्वेद के अनुसार अधिक ठन्डे पदार्थों का सेवन, लम्बे समय तक जुकाम या खांसी, बचपन का निमोनिया, दूषित वातावरण आदि कारणों से फेफड़ो में विकार उत्पन्न होकर अस्थमा रोग की उत्पति होती है |
श्वांस रोग में व्यक्ति आसानी से श्वांस – प्रश्वांस की क्रिया करने में असमर्थ होता है | उसे घुटन महसूस होती है | थोड़ा सा चलने या काम करने पर थकान महसूस करता है |
फेफड़ों के इस विकार को दूर करने के लिए श्वांस मार्ग के प्रतिबिम्ब केन्द्रों पर एक्यूप्रेशर करके रोग पर काफी हद तक रोग लगाईं जा सकती है |
इस रोग में थायराइड, पिट्युटरी एवं अड्रेनल ग्रंथियों के प्रतिबिम्ब केन्द्रों पर प्रेशर देने से काफी आराम मिलता है | अस्थमा के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स फोटो के माध्यम से देख सकते है –
डायबिटीज / Acupressure Points for Diabetes
यह रोग अग्नाशय (पैंक्रियाज) की गड़बड़ी के कारण होता है | इसे मधुमेह, सुगर या डायबिटीज नाम से जाना जाता है | मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में शुगर (शर्करा) का पाचन नहीं हो पाता | यह शर्करा मूत्र के साथ बाहर निकलती रहती है | जिससे रोगी कमजोरी महसूस करता है |
मधुमेह कई अन्य गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है | हाई ब्लड प्रेशर, हृदय विकार, हृदय धमनियों की रूकावट एवं आँखों की रोशनी आदि रोग हो जाते है |
पढ़ें मधुमेह रोग की आयुर्वेदिक दवाएं
इस रोग में एक्यूप्रेशर चिकित्सा को अपनाना काफी फायदेमंद रहता है | अग्नाशय के प्रतिबिम्ब केन्द्रों पर दबाव देकर पैंक्रियाज को सक्रीय किया जाता है जिससे शुगर का पाचन आसानी से होता है |
साथ ही यकृत, पिट्युटरी एवं थायराइड ग्रंथि के केन्द्रों पर भी प्रेशर देने से मधुमेह में लाभ मिलता है | डायबिटीज के अधिकतर एक्यूप्रेशर पॉइंट्स हाथ एवं पैरों पर होते है , देखें इमेज –
एक्यूप्रेशर द्वारा शीघ्रपतन का इलाज / Acupressure Points for Premature Ejaculation
शीघ्रपतन पुरुष यौन विकारों में सबसे अधिक प्रभावित करने वाला रोग है | इस रोग में व्यक्ति यौन क्रिया के दौरान समय से पहले ही स्खलित हो जाता है जिससे वह अपने साथ को पूर्ण यौन सुख नहीं दे पाता |
एक्यूप्रेशर के माध्यम से इस रोग पर आसानी से अंकुश लगाया जा सकता है | जननेंद्रिय से सम्बंधित प्रतिबिम्ब केन्द्रों पर एक्यूप्रेशर देकर शीघ्रपतन से आसानी छुटकारा पाया जा सकता है |
साथ ही कामेच्छा का सम्बन्ध मष्तिष्क से भी होता है | अत: मष्तिष्क के प्रतिबिम्ब केन्द्रों पर दबाव देने से भी शीघ्रपतन में लाभ मिलता है | शीघ्रपतन के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स देखें –
कमर दर्द के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स
कमर दर्द आज हर घर की समस्या बनी हुई है | आयुर्वेद के अनुसार वात विकारों के कारण सभी प्रकार के दर्द की उत्पति होती है | कमर दर्द भी प्रकुपित वात का ही एक परिणाम है | इसके अलावा कोई कमर की चोट या आघात भी कमर दर्द के कारण हो सकते है |
एक्यूप्रेशर चिकित्सा के माध्यम से कमर दर्द में बिना किसी दवा एवं अधिक खर्च के आराम पाया जा सकता है |
इसमें सबसे पहले कमर दर्द के पॉइंट्स को जानकार एक्यूप्रेशर प्रारंभ करना चाहिए | इसके एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पैर की एडी के बाहरी किनारे पर स्थित होते है |
इसके अलावा कमर से लेकर पैर की पिंडलियों तक ये एक्यूप्रेशर पॉइंट्स स्थित होते है जिन्हें दबाकर आसानी से कमर दर्द से मुक्ति पाई जा सकती है | देखें –
धन्यवाद |
Muje baat rog ki bajah se pure sir me dard or pure reed (kaseruka) me dard he.muje koi upchar btayen
Muje baat rog ki bajah pure sareer me dard he or puri kaseruka me dard or akadan he
Muje baat rog ki bajah se puri kaseruka me dard or akadan he muje upchar btayen
संजय जी, आप क्या कहना चाहते है कृप्या स्पष्ट शब्दों में कहें ताकि आपकी उचित सहयता की जा सके |
धन्यवाद |
Mere.pitaji ko vaat ki vajah se pura sharir jakad gaya hai aur pure sharir me dard rehta hai..vaat rogo ke liye acupressure point bataiye
वात वृद्धि की समस्या में आप पंचकर्म चिकित्सा (विरेचन) आदि की सहायता से वात को संतुलित कर सकते है |
बाएं और दाएं पैर के घूंटने में दर्द का एक्यूप्रेशर पोइंट ? बताइए प्लीज़।