पीलिया जिसे jaundice भी कहा जाता है बहुत जटिल रोग है | यह रोग होने के बाद ठीक होने में बहुत समय लेता है | आयुर्वेद में इसे पांडू रोग के नाम से भी जाना जाता है | समय रहते पता चलने पर इसका इलाज पतंजलि आयुर्वेद की दवाओं और घरेलु नुश्खों से आसानी से किया जा सकता है | जब यह रोग अपनी उग्र अवस्था में पहुँच जाता है तो इसको ठीक होने बहुत अधिक समय लगता है |
इस लेख के माध्यम से पीलिया का इलाज पतंजलि दवाओं से कैसे किया जाये और इसके घरेलु उपचार क्या क्या हैं, इस विषय पर आपको विश्वसनीय जानकारी मिलेगी |
Post Contents
पीलिया का इलाज हिंदी में जानें पतंजलि दवाओं से कैसे करें ?
यह रोग रुधिर (खून) के दूषित होने से होता है | जब billrubin की मात्रा २.५ % से अधिक हो जाती है तो रक्त का रंग पिला पड़ जाता है और इसी से कामला या पीलिया के लक्षण प्रकट होते हैं | इसमें त्वचा, नाख़ून, आँखे और पेशाब का रंग पीला पड़ जाता है | यह हिंदी लेख पीलिया का इलाज पतंजलि दवाओं से कैसे किया जाये इस बारे में है |
पीलिया के लक्षण, कारण और आहार के बारे में जानने के लिए आप निचे दिए गये लेख को पढ़ें :-
पीलिया के कारण लक्षण और उपचार – स्वदेशी उपचार
पीलिया रोग मूलतः यकृत की विकृति की वजह से होता है इसलिए इसका इलाज दवा के साथ साथ आहार विहार का ध्यान रख के ही किया जा सकता है | यूँ तो आयुर्वेद में इस रोग के लिए बहुत सारी दवाएं और उपचार उपलब्ध हैं लेकिन हम इस लेख में सिर्फ पतंजलि द्वारा बनाये जाने वाली शास्त्रोक्त और पेटेंट पीलिया ठीक करने वाली दवाओं के बारे में ही बताएँगे | क्योंकि पतंजलि के स्टोर आज हर जगह उपलब्ध हैं और दवाएं भी सस्ती हैं |
पीलिया के इलाज के लिए काम में आने वाली पतंजलि दवाओं की लिस्ट
पीलिया रोग में मुख्यतः यकृत को ठीक करने वाली, पाचन सही करने वाली, इन्फेक्शन ख़त्म करने वाली और रक्त शोधक दवाओं का उपयोग किया जाता है | पीलिया का इलाज हिंदी के लिए आप निम्न दवाओं का उपयोग कर सकते हैं यह सभी दवाएं आपको पतंजलि स्टोर पर मिल जाएँगी :-
- मंडूर वटी
- विडंगादि लौह
- पुनर्नवादि मंडूर
- पुनर्नवादि तेल
- गिलोय आंवला स्वरस
- पतंजलि का सर्वकल्प क्वाथ
- लिवामृत सिरप
- दिव्य कुटकी चूर्ण
- लिवामृत टेबलेट
- दिव्य लौह भस्म
पतंजलि की किस दवा का उपयोग पीलिया (jaundice) के इलाज में सबसे कारगर है ?
यूँ तो आप ऊपर बतायी गयी सभी दवाओं का सेवन पीलिया रोग में कर सकते हैं | लेकिन पीलिया रोग को ठीक करने के लिए पतंजलि सर्वकल्प क्वाथ, लिवामृत सिरप और लौह भस्म का उपयोग बहुत लाभदायक होता है | चिकित्सक से सलाह लेकर आप इन दवाओं का सेवन कर सकते हैं |
पीलिया रोग में पतंजलि की इन दवाओं का सेवन करने से बहुत जल्द राहत मिलती है | बाबा रामदेव पीलिया ठीक करने के लिए घरेलु उपचार के साथ साथ इन दवाओं का उपयोग करने की सलाह देते हैं |
पीलिया का इलाज घरेलु उपचार से कैसे करें (हिंदी में जानें)
त्रिफला चूर्ण एक चम्मच शहद में मिलाकर रोज चाटने से पीलिया ठीक होता है |
गिलोय का चूर्ण भी पीलिया रोग में बहुत लाभदायक है | इस रोग में इसके चूर्ण की एक चम्मच शहद के साथ खानी चाहिए | यह रक्त साफ करता है और लिवर को भी मजबूत करता है |
हल्दी का चूर्ण घी, शहद और चीनी में मिलाकर खाने से कामला रोग नष्ट होता है |
गन्ने का जूस पीलिया रोग को ठीक करने में बहुत गुणकारी होता है | पीलिया हो जाने पर रोज दिन में दो से तीन बार गन्ने का जूस पीना चाहिए | अगर जूस नहीं मिले तो गन्ने को चब्बा के खाएं |
कडवे नीम के पत्तो को पीस कर इसमें मिश्री मिलाकर गर्म कर लें अब इस मिश्रण को ठंडा होने दें | रोज थोडा थोड़ा पिएं इससे पांडू रोग में बहुत राहत मिलती है |
पतंजलि पीलिया इलाज की दवा लेते समय साथ में बेल के पत्तो का रस काली मिर्च के साथ में सेवन करने से रोग जल्दी ठीक हो जाता है |
वात्तज पीलिया रोग में शुद्ध शिलाजीत को केसर और मिश्री के साथ सेवन करना बहुत लाभदायक होता है |
पित्त जनित पीलिया रोग में लौह मंडूर को आमला स्वरस के साथ पीना बहुत गुणकारी होता है |
कफज पीलिया रोग में दशमूल काढ़े के साथ सोंठ मिलाकर सेवन करना चाहिए | इसमें पीपल और सोंठ का सेवन करना भी हितकारी होता है |
पीलिया में परहेज इन हिंदी
- इस रोग में मसालेदार चीजों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए |
- जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड इस पीलिया रोग में जहर के समान हैं |
- शराब का सेवन इस रोग में बहुत नुकसान दायक है |
- पीलिया होने पर नमक कम खाना चाहिए |
- घी और मक्खन भी कम सेवन करना चाहिए |
- इस रोग में मांस मछली का सेवन बिल्कुल भी न करें |
- चाय कॉफ़ी का अधिक सेवन करना इस रोग में घातक हो सकता है |
- पीलिया होने पर ज्यादा मेहनत वाले काम नहीं करने चाहियें |
पीलिया कितने पॉइंट होना चाहिए ( पित्तरन्जक billrubin का स्तर) ?
पित्तरन्जक billrubin का स्तर 2.5 से ज्यादा होने पर पीलिया रोग हो जाता है | इसका स्तर 2.5 से कम होना चाहिए |
पीलिया में कौनसे फल खाने चाहिए ?
यकृत के लिए फायदे वाले फल इस रोग में खाने चाहिए | जैसे संतरा, बेल, पपीता, गन्ना, केला आदि |
पतंजलि पीलिया की आयुर्वेद दवा का सेवन कितने दिन तक करना चाहिए ?
पीलिया के लिए पतंजलि की दवाओं का सेवन चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए | इसका सेवन 2 से 3 महीने तक किया जा सकता है |
पीलिया कब खतरनाक हो जाता है ?
पीलिया रोग अगर जल्द पहचान में ना आये और खून में इन्फेक्शन से ज्यादा हो जाये तो यह रोग जानलेवा हो जाता है | इसका इलाज जल्द से जल्द लेना चाहिए |
पीलिया रोग में कौनसी पतंजलि सिरप पीनी चाहिए ?
कामला रोग में पतंजलि की लिवामृत सिरप और गिलोय आंवला स्वरस पीना बहुत फायदेमंद रहता है |
पीलिया में दूध पीना चाहिए या नहीं ?
पीलिया में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए | क्योंकि यह पचने में ज्यादा समय लेता है और लिवर के लिए भारी रहता है |
पीलिया में दही का उपयोग करना चाहिए या नहीं ?
पीलिया में दही का उपयोग किया जा सकता है | इसका सेवन छाछ बना के करने पर अधिक फायदेमंद रहता है |
धन्यवाद ||