Swasari vati uses in Hindi: पतंजलि श्वासारि वटी दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित की जाने वाली एक पेटेंट आयुर्वेदिक दवा है | सर्दी, खांसी, अस्थमा एवं श्वसन विकारों में प्रमुखता से उपयोग होने वाली आयुर्वेदिक दवाई है |
अगर आप किसी भी प्रकार के श्वसन संक्रमण या फेफड़ों की समस्या से पीड़ित है तो श्वासारि वटी आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है | अस्थमा, साँस लेने में तकलीफ, फेफड़ों की सुजन, खांसी, जुकाम एवं सामान्य सभी स्वसन विकारों में इस औषधि का उपयोग लाभदायक होता है |
swasari vati की सामान्य जानकारी आप इस निचे दी गई टेबल के माध्यम से जान सकते है |
दवा का नाम | श्वासारि वटी |
मैन्युफैक्चरर | पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड |
दवा का प्रकार | वटी (गोलियां) |
घटक | मुलेठी, काकड़ासिंगी, रुदंती, सौंठ, पिप्पली, कालीमिर्च एवं दालचीनी आदि |
मूल्य | 120 रूपए |
उपलब्धता | स्टोर पर उपलब्ध |
मात्रा | 80 टेबलेट |
आयु वर्ग | बच्चे, बुजुर्ग एवं युवा सभी |
अधिकतम खुराक | दिन में दो बार अधिकतम |
Post Contents
श्वासारि वटी के स्वास्थ्य उपयोग | Swasari Vati Uses in Hindi
यह दवा निम्न रोगों में उपयोग में ली जाती है | यहाँ हमने इसके सामान्य उपयोगों के बारे में बताया है | आप Swasari vati uses in hindi यहाँ निचे से जान सकते है |
– श्वसन सम्बन्धी विकार
– गले में जमा कफ
– फेफड़ों का संक्रमण
– सर्दी, खांसी
– इम्युनिटी बढ़ाने के लिए
– अस्थमा रोग
श्वसन सम्बन्धी विकार में श्वासारी वटी के उपयोग:- श्वसन विकारों में श्वासारि वटी का उपयोग स्वास्थ्य दृष्टि से अत्यंत लाभदायक साबित हुआ है | Covid-19 के लिए पतंजलि द्वारा दिए जाने वाले coronil kit में भी इस दवा का की उपस्थिति है | इसमें काकड़ासिंगी एवं मुलेठी जैसे घटक द्रव्य है जिनका मुख्य कार्य श्वसन तंत्र को मजबूत बनाना है | अगर आपको श्वसन सम्बन्धी को भी विकार है तो निश्चित रूप से आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह से इस दवा का सेवन किया जाता सकता है |
गले में जमा कफ:- सर्दी जुकाम या अन्य श्वसन संक्रमणों के कारण गले में कफ जम जाता है जो श्वसन क्रिया को अवरुद्ध करता है | एसे में दिव्य श्वासारि वटी बहुत लाभदायक साबित होती है | आप इसका उपयोग गले में जमे कफ को निकालने में कर सकते है | वैद्य सलाह द्वारा इसका सेवन किया जा सकता है | Swasari vati uses in Hindi में मुलेठी, सौंठ, पिप्पली जैसे घटक द्रव्य है जो गले में जमे हुए कफ को छुड़ाकर बाहर निकालने का कार्य करते है |
फेफड़ों का संक्रमण:- फेफड़ों का संक्रमण एक आम समस्या है | covid के पश्चात बहुत से लोगों में फेफड़ों का संक्रमण देखा गया है | एसे में पतंजलि श्वासारि वटी का उपयोग करने से फेफड़ों का संक्रमण खत्म होता है | इसमें गोदंती भस्म, मुक्तशुक्ति भस्म, काकड़ासिंगी, स्फटिक जैसे घटक द्रव्य है जो फेफड़ों के संक्रमण को खत्म करने का कार्य करते है | फेफड़ों के संक्रमण में वैद्य सलाह से इस औषदी का उपयोग किया जाता सकता है |
सर्दी / खांसी:- सामान्य सर्दी एवं खांसी की समस्या में भी यह दवा उपयोगी है | बहुत सी रिसर्च में भी यह तथ्य निकल कर आये है कि पतंजलि की श्वासारि वटी का उपयोग सर्दी एवं खांसी में प्रभावी साबित होता है | सर्दी जुकाम के कारण खांसी की समस्या भी रोगी में बन आती है | एसे में आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से श्वासारि वटी का उपयोग किया जा सकता है | यह जुकाम एवं खांसी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है |
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए:- दिव्य श्वासारि वटी में सभी घटक रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले है | पिप्पली, सौंठ, मुलेठी, दालचीनी आदि सभी घटक द्रव्य शरिर में रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास करते है | अत: इस दवा के सेवन से रोगी की इम्युनिटी भी बढती है | रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से रोगों से लड़ने की शक्ति का संचार होता है एवं रोगी जल्द स्वास्थ्य प्राप्त करता है |
अस्थमा एवं टीबी रोग में Swasari vati uses in Hindi:- अस्थमा रोग श्वसन संस्थान की एक प्रमुख व्याधि है | इस रोग में फेफड़ों के एयरवेज में म्यूकस जमा हो जाता है जो सांस लेने में दिक्कत पैदा करता है | श्वासारि वटी के सेवन से फेफड़ो में म्यूकस खत्म होता है एवं श्वसन क्रिया सुचारू रूप से चलती है | अत: अस्थमा एवं टीबी रोग में भी यह दवा लाभदायक है | इसका सेवन वैद्य सलाह से करने से अस्थमा में राहत पाई जा सकती है |
श्वासारि वटी के घटक | Swasari Vati Ingredients in Hindi
निम्न लिस्ट के माध्यम से हमने इसके सभी घटक द्रव्यों की सूचि मात्रा सहित वर्णित की है |
घटक | भाग | मात्रा |
---|---|---|
मुलेठी (Glycyrrhiza glabra) | जड़ | 64 mg |
काकड़ासिंगी (Pistacia integerrima) | खोल | 63 mg |
सौंठ (Zingiber officinale) | जड़ | 42 mg |
रुदंती (Cressa cretica) | फल | 63 mg |
छोटी पिप्पल (Piper longum) | फल | 42 mg |
काली मिर्च (Piper nigrum) | फल | 42 mg |
दालचीनी (Cinnamomum zylancium) | छाल | 32 mg |
आकरकरा (Anacyclus pyrethrum) | जड़ | 32 mg |
लौंग (Syzygium aromaticum) | फुल | 32 mg |
मुक्ताशुक्ति भस्म (Mukta Shukti Bhasma) | भस्म | 12.6 mg |
अभ्रक भस्म (Abhraka Bhasma) | भस्म | 12.6 mg |
कपर्दक भस्म (Koudi Bhasma) | भस्म | 12.6 mg |
गोदंती भस्म (Godanti Bhasma) | भस्म | 12.6 mg |
स्फटिका भस्म (Saftika Bhasma) | भस्म | 12.6 mg |
प्रवाल पिष्टी (Praval Pishti) | भस्म | 12.6 mg |
टंकण भस्म (Tankan Bhasma) | भस्म | 12.6 mg |
श्वासारि वटी लेने का तरीका | Doses of Swasari Vati in Hindi
इस औषधि की खुराक वयस्क के लिए 2 गोली दिन में दो बार तक सेवन की जा सकती है | यह मात्रा आपके वैद्य द्वारा रोग की स्थिति के आधार पर घटाई या बढाई जा सकती है | यहाँ निचे हमने table के माध्यम से इसकी खुराक बताई है |
उम्र | खुराक |
---|---|
5 वर्ष से कम आयु का बच्चा | आयुर्वेदिक शिशु रोग विशेषग्य की सलाह से |
5 से 15 वर्ष | 1 गोली दिन में दो बार गर्म जल के साथ |
15 र्वष से अधिक एवं वयस्क | 2 गोली दिन में दो बार |
बुजुर्ग | 2 गोली या बलाबल अनुसार |
गर्भवती महिला | वैद्य सलाह अनुसार |
श्वासारि वटी लेने का तरीका आप अपने वैद्य से जान सकते है | वैसे इस औषधि का उपयोग गर्म जल के अनुपान अनुसार किया जा सकता है | वैसे किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार ही करना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए अधिक फायदेमंद साबित होता है |
श्वासारि वटी के क्या फायदे है ?
- यह सर्दी, खांसी एवं जुकाम में बहुत लाभदायक है |
- अस्थमा रोग में श्वासारी वटी के सेवन से अच्छे परिणाम मिलते है |
- अगर आपको गले में कफ जमा हुआ है तो इस दवा के सेवन से वह पिघल कर निकल जायेगा |
- श्वसन नलियों में सुजन की समस्या में यह फायदेमंद साबित होती है |
- इसके एंटीवायरल गुण बुखार जैसे रोगों में भी फायदा देते है |
- फेफड़ों के संक्रमण की समस्या में इसमें उपस्थित घटक अच्छा परिणाम देते है |
- क्षय रोग में श्वासारि वटी का उपयोग लाभदायक साबित होता है | यह टीबी को ठीक करने में प्रभावी दवा के रूप में कार्य करती है |
- यह दवा शरिर में रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास भी करती है |
- सामान्य खांसी एवं बुखार में श्वासारी वटी के सेवन से लाभ मिलते है |
श्वासारि वटी के नुकसान | Side Effects of Swasari Vati in Hindi
यह दवा पूर्णत: सुरक्षित औषधि है | इस दवा के कोई भी ज्ञात साइड effects नहीं है | लेकिन फिर भी सामान्य से अधिक मात्रा में लेने से सिरदर्द, पित्त की समस्या एवं पेट में मरोड़ जैसी परेशानियाँ हो सकती है | अत: सेवन से पहले वैद्य सलाह से खुराक का निर्धारण कर लेना चाहिए |
हालाँकि दवा सुरक्षित है परन्तु निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन करने से नुकसान दायक हो सकती है | इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में अधिक राय आप अपने चिकित्सक से कर सकते है |
श्वासारि वटी की प्राइस क्या है ?
यह दवा 80 गोलियों की पैकेजिंग में उपलब्ध है | इसका MRP 120 रूपए 80 T के लिए है | आप ऑनलाइन ऑफर में भी इसे खरीद सकते है | वेबसाइट पर इसके 2 पैक 208 रूपए की कीमत पर खरीद सकते है | आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर यह कीमत भिन्न – भिन्न हो सकती है |