तंबाकू : इस नाम से आप सभी परिचित होंगे | आम तौर पर धुम्रपान और पान गुटका में उपयोग किये जाने वाले इस पौधे में विषादजनक तत्व निकोटिन पाया जाता है | जिसकी वजह से यह बहुत हानिकारक माना जाता है | लेकिन आयुर्वेद के संदर्भ से देखें तंबाकू में अनेकों औषधीय गुण भी पाए जाते हैं जिसके कारण इसका उपयोग विभिन्न रोगों एवं दवाओं में किया जाता है | इस लेख में हम तंबाकू के औषधीय गुण क्या हैं, इसका क्या क्या प्रयोग किया जाता है एवं इसके फायदे और नुकसान के बारे में बतायेंगे |
आइये जानते हैं तंबाकू के बारे में :-
जड़ी बूटी का नाम (Name of Herb) | तंबाकू (Tobacco) |
कुल (Family) | Solanaceae |
प्रकार (Type) | शाकीय पौधा |
वानस्पतिक नाम (Botanical name) | Nicotiana tabacum Linn. |
अंग्रेजी नाम (English Name) | Tobacco |
संस्कृत नाम (Sanskrit Name) | ताम्रपर्ण, क्षारपत्र |
औषधीय गुण (Medicinal Properties) | कफ एवं वातशामक, पित्तवर्धक |
रोगों में प्रयोग (Uses) | खांसी, श्वास, उदर रोग, त्वचा रोग |
रासायनिक संघटन (Chemical Composition) | निकोटिन, केम्पेस्टेरोल, स्टिग्मास्टेरोल |
नुकसान (Side effects) | अत्यंत तीक्ष्ण, हानिकारक |
तंबाकू (Tobacco) का परिचय, नाम एवं वानस्पतिक जानकारी
यह एक से तीन मीटर ऊँचा, शाकीय पौधा है जो वर्षा ऋतू में पनपता है | इसका काण्ड सीधा होता है | इसके पते सरल, हरे रंग के होते हैं | इसके पुष्प श्वेत गुलाबी होते हैं | तंबाकू की फली में छोटे छोटे बीज होते हैं | यह पौधा भारत में लगभग सभी जगह पाया जाता है |
तंबाकू Solanaceae कुल का पौधा है इसका वानस्पतिक नाम Nicotiana tabacum Linn. है | अंग्रेजी में इसे Tobacco के नाम से जाना जाता है | आइये जानते हैं तंबाकू को किस किस नाम से जाना जाता है :-
- संस्कृत नाम – ताम्रपर्ण, गुच्छफल, क्षारपत्र, ताम्रकुट, धूमपत्र
- हिंदी – तंबाकू, तमाकू
- अंग्रेजी – Tobacco
- कन्नड़ – होगिसोप्पू
- गुजराती – तमाकू
- तेलगु – धूमपत्रम
- तमिल – पुगैलई
- मराठी – तमाकू, तम्बाकू
- मलयालम – पोकल
- अरबी – बुज्जीरभांग
- फारसी – बेहारेभांग
तंबाकू के औषधीय गुण एवं प्रभाव / Medicinal Properties and effects of Tobacco
इसके औषधीय गुण निम्न प्रकार हैं :-
- यह कटु, तिक्त, उष्ण गुणों वाला है |
- इसमें मादक गुणों की अधिकता है |
- तंबाकू रुचिकारक होता है |
- यह कफ एवं वातशामक है |
- शुक्रदोष नाशक एवं शोथ नाशक है |
- इसमें वेदनाशामक, कृमिरोधी गुण होते हैं |
- रक्तचाप वर्धक भी है |
प्रयोज्यांग / उपयोगी भाग
इसके पत्र का उपयोग किया जाता है |
तंबाकू के औषधीय प्रयोग / Medicinal Uses of Tobacco
तंबाकू का उपयोग इसमें मौजूद गुणों के कारण अनेको रोगों में किया जाता है | प्रमुख रूप से इसका उपयोग वेदनाशामक, कफ शामक एवं रुचिकारक द्रव्य के रूप में किया जाता है | आइये जानते हैं रोगानुसार इसका उपयोग कैसे करें :-
गंजापन दूर करने में लाभदायक है तंबाकू / Tobacco for hair loss
गंजापन आज के समय में सब से जटिल समस्या है | तंबाकू का प्रयोग करना इस समस्या में लाभदायक हो सकता है | इसके पुष्पों की राख को करंज के तेल में पीसकर या तिल के तेल में मिलाकर सिर पर लगाने से लाभ होता है |
दांत में दर्द होने पर तंबाकू का उपयोग करें –
तंबाकू को जलाकर उसकी भस्म से मंजन करने पर दांत में दर्द की समस्या दूर जाती है | दो भाग तंबाकू में एक भाग काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर मंजन करने से दन्तपीड़ा का शमन होता है |
श्वास/ अस्थमा की समस्या में गुणकारी है तंबाकू –
तंबाकू पत्र चूर्ण (500 मिग्रा) में गुड़ को मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से श्वास रोग में लाभ होता है | या 2 ग्राम तंबाकू को पानी में पीसकर गुड़ में मिलाकर शर्बत बनाकर पीने से श्वास रोगों में लाभ मिलता है |
उदररोग में बहुत गुणकारी है यह तंबाकू –
आक के पत्ते, एरंड तेल, सेंधानमक, तंबाकू के पत्र सब को मिलाकर पकाकर, वस्त्र में बांधकर उदर पर पुल्टिस बांधने से कब्ज जैसी समस्या में लाभ मिलता है |
पेशाब रुक जाने पर तंबाकू का उपयोग करने से शीघ्र लाभ मिलता है –
मूत्र रुक जाने पर तंबाकू का प्रयोग करना बहुत लाभकारी होता है | इसके पुष्प द्वारा वस्ति का स्वेदन करने से मुत्रावरोध में शीघ्र लाभ होता है |
वृषणशोथ में उपयोगी है तंबाकू –
तंबाकू में चुना और पुन्नाग की छाल को मिलाकर पीसकर लेप करने से अंडवृद्धि में लाभ होता है | इसके पत्रों को पीसकर लेप करने से सुजन का शमन होता है | इससे अंडकोष में होने वाले दर्द में भी आराम मिलता है |
सफ़ेद दाग में ऐसे प्रयोग करें तंबाकू –
तंबाकू के बीजों का तेल निकालकर लगाने से सफ़ेद दाग की समस्या में आराम मिलता है | यह अन्य त्वचा रोगों में भी गुणकारी है |
शोथहर है तंबाकू / सुजन को कम करने के लिए तंबाकू का उपयोग –
तंबाकू की पत्तियों को पीसकर गुनगुना करके लेप करने से शोथ का शमन होता है |
कुचले का विष उतारने के लिए तंबाकू का प्रयोग –
इसके पत्रों का हिम या फाँट बनाकर 5 से 10 मिली मात्रा में पिलाने से कुचले का विष उतर जाता है |
नुकसान / Side effects
यह वनस्पति अत्यंत तीक्ष्ण एवं हानिकारक है, इसलिए इसका उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए | बिना चिकित्सक की सलाह के इसका उपयोग करना हानिकारक हो सकता है | इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर के अंगो पर दुष्प्रभाव होता है | विशेषकर यह यकृत की क्रिया को प्रभावित करता है |
Frequently asked questions / सवाल जवाब
क्या तंबाकू का सेवन करने से नशा होता है ?
जी हाँ, तंबाकू में मदकारी गुण होते हैं |
तंबाकू का उपयोग किन रोगों में किया जाता है ?
इसका उपयोग वेदनाशामक, श्वास रोग, कफ नाशक एवं विषनाशक के रूप में किया जाता है |
तंबाकू के कोनसे भाग का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है ?
इसके पत्रों का उपयोग होता है | इसके अलावा इसके पुष्प भी उपयोगी होते हैं |
तंबाकू का अधिक सेवन करने से क्या दुष्प्रभाव हो सकता है ?
इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से मदहोशी, मूर्छा आ जाना, पेट में और सिने में जलन होना, यकृत ख़राब हो जाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं |
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