महावात विध्वंसन रस जैसा आपको नाम से ही प्रतीत हो रहा है सभी प्रकार के वात जनित रोगों की रामबाण दवा है | यह रसायन वात वृद्धि और वातवाहिनी नाड़ियो में क्षोभ (विकार) का शमन करता है | महावत विध्वंसन रस के फायदे वात रोगों के साथ कफ़ जनित विकार, मंदाग्नि, गृहणी एवं सूतिका रोग में भी देखने को मिलते हैं |
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महावात विध्वंसन रस क्या है, इसके घटक द्रव्य, बनाने की विधि एवं फायदे / what is Mahawat vidhwansan ras ?
आयुर्वेद में रस रसायन प्रकरण की यह औषधि वात जनित रोगों में बहुत कारगर दवा है | इसके सेवन से वात विकारों के कारण होने वाली समस्या जैसे शिर:शूल, उर: शूल, पार्श्व शूल एवं हृदय शूल जैसी समस्याएं नष्ट हो जाती हैं | शुद्ध पारद, गंधक, वंग भस्म, नाग भस्म जैसे द्रव्यों से मिलकर बनी यह दवा अनेकों रोगों में उपयोग में ली जाती है |
महावात विध्वंसन रस के घटक क्या हैं / Mahawat vidhwansan ras Ingredients
इस औषधि को बनाने के लिए निचे बताए गये द्रव्यों का उपयोग किया जाता है :-
- शुद्ध पारद
- नाग भस्म
- शुद्ध गंधक
- बंग भस्म
- लौह भस्म
- ताम्र भस्म
- अभ्रक भस्म
- पीपल मूल चूर्ण
- शुद्ध टंकण
- काली मिर्च
- सोंठ
- वत्सनाभ विष
इनके अलावा भावना देने के लिए त्रिकटु क्वाथ, त्रिफला क्वाथ, चित्रक मूल क्वाथ, भांगरा स्वरस, कूठ क्वाथ, निर्गुन्डी, आंवला क्वाथ, अदरक रस और निम्बू का रस लिया जाता है |
महावात विध्वंसन रस बनाने की विधि / Preparation of Mahawat vidhwansan ras
यह औषधि आयुर्वेद में रस परिकल्पना की विधि से बनायीं जाती है | इसे निम्न प्रकार बनाते हैं :-
- सबसे पहले पारा और गंधक को शुद्ध करके इनकी कज्जली बना ली जाती है |
- इसके बाद अन्य सभी द्रव्यों का महीन चूर्ण बना लें |
- इन्हें आपस में अच्छे से मिला लें |
- अब उपर बताए गये भावना देने वाले रसों से तीन तीन भावना दें |
- भावना देने के बाद तीन दिन तक इसका मर्दन करें |
- जब यह गोली बनाने लायक हो जाए तो इसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें |
- इन गोलियों को छायाँ में सुखा कर सुरक्षित पात्र में रख लें |
महावात विध्वंसन रस का सेवन कैसे करे / how to use mahawat vidhwansan ras ?
वात वृद्धि जनित शूल और अन्य रोगों में अदरक रस या भांगरा स्वरस और शहद के साथ सेवन करें (1 से 2 गोली दिन में दो तीन बार) | अगर आमवात की समस्या हो तो एरंड तेल के साथ इसका सेवन करें |
महावात विध्वंसन रस के फायदे एवं उपयोग / Mahawat vidhwansan ras uses and benefits
इस रसायन का प्रयोग करने से सभी प्रकार के वात रोग नष्ट हो जाते हैं | कफ़ प्रकोप से जनित रोग, गृहणी, सन्निपात, अपस्मार, मंदाग्नि, प्लीहा वृद्धि, स्त्रियों के गर्भाशय विकृति आदि रोगों में भी इस रसायन का बहुत अच्छा लाभ होता है | इस रस का विशेष प्रभाव वातवाहिनी नाड़ियो पर पड़ता है | इस औषधि में शूल दूर करने वाले (दर्द दूर करने वाले) विशेष गुण होते हैं |
इस औषधि के निम्न फायदे हैं :-
- वात जनित रोगों में लाभदायक औषधि है |
- आमवात के कारण जोड़ो में दर्द में इसका सेवन फायदेमंद रहता है |
- यह सभी प्रकार के वात विकारों को नष्ट कर देती है |
- स्त्रियों में गर्भाशय के विकार में भी लाभदायक है |
- वात के कारण सन्निपात रोग में इसका सेवन लाभकारी है |
- मानसिक रोगों में वात विकार के कारण वेदना होने पर इसका सेवन करना फायदेमंद है |
- अगर वात वृद्धि के कारण ह्रदय में वेदना होतो इसका सेवन करें |
महावात विध्वंसन रस के नुकसान और सावधानियां / Mahavat vidhwansan ras side effects
इस दवा का सेवन बहुत सावधानी से करना चाहिए | इसमें खनिज भस्मों की मात्रा अधिक होती है इसलिए बिना चिकित्सक की सलाह से इसका सेवन कभी भी ना करें | गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसका सेवन ना कराएं | निश्चित मात्रा और कम अवधि तक ही इसका उपयोग करें |
धन्यवाद !
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