गर्मी में दस्त रोकने के 3 बेहतरीन औषधीय योग एवं 10 आसान और प्रमाणिक घरेलु उपाय

गर्मी में दस्त रोकने के उपाय :- अगर आप दस्त लगने की समस्या से झुझ रहे है तो यह लेख आपके लिए है | आयुर्वेद में कई एसी विद्याएँ एवं औषधीय योग है जो लगातार हो रहे दस्त या पतले पानी की तरह हो रहे दस्त एवं अतिसार को रोकने में चमत्कारिक सिद्ध होते है | दस्त लगना बच्चों, बूढों एवं युवाओं सब में सामान रूप से हो सकता है | अत: हमने इस लेख में बच्चों के लिए दस्त नाशक योग एवं उपाय, बड़ों के लिए दस्तनाशक वटी या योग की निर्माण विधि एवं अन्य सभी दस्त नाशक घरेलु उपाय की जानकारी दी है |

1 – अगर बच्चों में दस्त हो तो अपनाये इस बच्चों के दस्त नाशक घरेलु योग को

गर्मियों के समय बच्चों में दस्त लगना एक आम समस्या मानी जा सकती है | धूप, गर्मी एवं ऊटपटांग खाना खाने से अधिकतर बच्चों में दस्त होने लगते है |

दस्त के लिए योग
प्रतीकात्मक चित्र

इस योग के निर्माण के लिए मयूरशिखा (मोरशिखा, मोरशेंडी) की जड़ 5 ग्राम एवं कालीमिर्च 5 दाने ले | इन दोनों को जल के साथ पीसे और लगभग 20 ग्राम जल में मिलाकर छलनी से छान ले | इस छने हुए जल को बच्चे को सेवन करवाए | अगर दस्त सामान्य है तो सुबह के समय और अगर दस्त अधिक लग रहे है, तो दिन में 3 से 4 बार सेवन करवा सकते है |

इस योग के उपयोग से बच्चो के दस्त जल्द ही रुक जाते है | साथ ही दस्त के साथ आई बुखार एवं बालगृह के सभी रोगों में लाभ देता है |

मयूरशिखा भारत के समशीतोष्ण क्षेत्रों में अधिक होती है | अत: अगर न मिले तो आप बच्चों के दस्त में निम्न घरेलु उपायों को अपना सकते है |

बच्चों के दस्त रोकने के लिए अपनाएं इन घरेलु उपायों को

  • अगर बच्चा थोडा बड़ा है तो जामुन की गुठली की गिरी का प्रयोग करने से भी अच्छे लाभ मिलते है | सबसे पहले जामुन की गुठली की गिरी निकाल ले और इसे पीसकर महीन चूर्ण बना ले | इस चूर्ण का प्रयोग ठन्डे जल के साथ बच्चे को करवाएं | दस्त रुक जायेंगे |
  • आम की गुठली को तोड़ कर इसकी गिरी निकाल ले | इस गिरी को भी जामुन की गिरी की तरह पीसकर चूर्ण बना ले | इस चूर्ण के सेवन से भी जल्द ही दस्त लगना बंद हो जाते है |
  • दूध पीते बच्चों में भी दस्त लगने की समस्या आम होती है | यह माँ का दूध न पचने के कारण होती है | अत: एसी अवस्था में माँ को इस नुस्खे का सेवन करवाना चाहिए | तालमखाने को कूटकर 250 ग्राम दूध में डालकर उबाल ले और इसमें मिश्री मिलाकर माता को पीने के लिए दें | इसके सेवन बच्चों में माता के दूध के कारण होने वाले दस्त रुक जाते है |
  • जीरे और सौंफ को थोड़ी मात्रा में लेकर इन्हें भुन ले | अब इनका चूर्ण बना कर ठन्डे पानी या छाछ के साथ सेवन करवाने से दस्त रुक जायेंगे |

2. दस्त के साथ मरोड़ एवं एंठन के लिए अतिसार नाशकवटी

अतिसार, दस्त, अमातिसार एवं पेट की मरोड़ या एंठन के लिए इस योग का इस्तेमाल किया जा सकता है | इस योग के निर्माण के लिए निम्न सामग्रियों की आवश्यकता होती है |

दस्त एवं मरोड़ के लिए आयुर्वेदिक योग
प्रतीकात्मक चित्र
  1. सोंठ
  2. लोध्र
  3. इंद्रा जौ
  4. बेलपत्र के फल की गिरी
  5. सेमल का गौंद (मोचरस)
  6. आम की गुठली की गिरी
  7. छुहारे
  8. कालीमिर्च

इन सभी को 10 – 10 ग्राम की मात्रा में लेकर – कूटपीसकर चूर्ण बना ले | अंत में इस चूर्ण में थोडा ठंडे पानी के छींटे देकर खरल में घोटलें | जब योग गोलियां बनाने जैसा हो जाए तो इसकी आधा ग्राम की गोलियां बना कर सुखा ले |

इस वटी का प्रयोग अगर रोग साधारण हो तो दो – दो गोली सुबह शाम ठन्डे पानी या छाछ के साथ सेवन करना चाहिए और अगर तीव्र दस्त की शिकायत हो तो दिन में 3 से 4 बार सेवन करने से जल्द ही दस्त लगना बंद हो जाते है |

तीव्र अतिसार एवं मरोड़ या एंठन में चावल के मांड के साथ सेवन करने से तीव्रतम लाभ मिलता है |

3. अतिसार एवं दस्त रोकने के लिए अपनाये इस आयुर्वेदिक योग को

इस योग का निर्माण करने के लिए – शुद्ध अफ़ीम, सोंठ का चूर्ण, इन्द्र्यव, नागरमोथा एवं शुद्ध कपूर की आवश्यकता होती है | इन सभी को 10 – 10 ग्राम की मात्रा में लेना चाहिए |

अब इन सभी खरल में अच्छे से कूट ले | महीन चूर्ण बनाने के पश्चात इसमें थोड़ी मात्रा में जल डालकर खरल में थोड़ी देर और घोटें ताकि यह लुग्दी जैसा बन जाये | अच्छी तरह लुग्दी बनने पर इसकी मुंग के आकर की गोलियां बना लेनी चाहिए | इस गोली को साधारण दस्तों में दिन में दो बार खंड के साथ लेनी चाहिए | अगर दस्त तेज हो तो दिन में चार – चार घंटे के अन्तराल से भी इस योग का सेवन किया जा सकता है

इस आयुर्वेदिक योग से भी अतिसार, अमातिसर और मोरोड़ एवं एंठन की समस्या में लाभ मिलता है |

दस्तों के उपचार के लिए इन आयुर्वेदिक योगों के आलावा कुच्छ बेहतरीन घरेलु नुस्खों को भी अपना सकते है | यहाँ हमने दस्त रोकने के लिए कुछ बेहतरीन घरेलु नुस्खे बताएं है |

इन घरेलु नुस्खों से करें दस्त के रामबाण उपाय

दस्त के घरेलु उपाय

  1. अगर आपके पास घर पर मुन्नका उपलब्ध है तो इन्हें बीज सहित पीसकर पानी में घोल कर सुबह एवं शाम दो बार पिलाने से दस्त लगने बंद हो जाते है |
  2. आंवला भी दस्त एवं पेचिस की समस्या में काफी फय्देमंद्द होता है | सूखे आंवलों को थोड़े से पानी में भिगों कर पीसलें |  अच्छी तरह पीसजाने पर इसकी लुग्दी जैसी बन जाती है | अब इस लुग्दी में थोडा सा नमक मिलाकर – इस लुग्दी से छोटी – छोटी गोलियां बना ले और धुप में सुखा ले | नित्य सुबह – शाम दो – दो गोली सेवन करने से दस्त के साथ सभी प्रकार के पेट के रोगों में भी आराम मिलता है |
  3. दस्तों में आंवले के मुरर्बे का सेवन भी फायदेमंद होता है |
  4. बेलपत्र के फल का सुखा हुआ गुदा ले | इसका चूर्ण बना ले और सुबह शाम ठन्डे जल के साथ इस चूर्ण का सेवन करने से दस्त की समस्या में चमत्कारिक लाभ मिलते है |
  5. दस्तों में प्याज को दही के साथ खाने से भी फायदा मिलता है |
  6. अगर दस्त गरमी के कारण लगे हो तो एक गिलास दूध में एक निम्बू निचोड़ कर जल्द से पी जाए | दस्त तुरंत प्रभाव से बंद हो जायेंगे |
  7. अगर दस्त लम्बे समय से लगे हुए है तो घबराने की जरुरत नहीं है | सबसे पहले घर पर निर्मित छाछ ले | इस छाछ में थोडा सा सेंधा नमक, सेका हुआ जीरा और घी में सकी हुई हिंग को मिलाकर दिन में कम से कम चार बार सेवन करें | इस घरेलु प्रयोग से पुराने समय का दस्त भी बंद हो जाता है |
  8. अपच या गैस के कारण दस्त लगे हुए हो तो जीरे को सेक कर ठन्डे दही में मिलाकर खाने से आराम मिलता है |
  9. दही में जीरा और थोड़ी से मात्रा में शक्कर मिलाकर सेवन करने से भी आराम मिलता है |
  10. वैसे अफीम नशीली होती है लेकिन अगर दस्त में एक रति की थोड़ी सी मात्रा में ली जावे तो तुरंत दस्त रुक जाते है |

सौंफ के इस प्रयोग से भी रुक जायेंगे दस्त एवं मरोड़ 

"दस्त

फीनेल सीड या सौंफ स्वाभाव में शीत होती है | गर्मियों में होने वाले दस्त को रोकने के लिए सौंफ का इस्तेमाल किया जा सकता है | सबसे पहले 5 ग्राम सौंफ को तवे पर सेक ले | अब इसमें 5 ग्राम बिना सकी हुई कची सौंफ को मिलाकर – दोनों को पीसले | इस चूर्ण में से 5 ग्राम चूर्ण को सुबह के समय आधा चम्मच घी के साथ सेवन करे एवं 5 ग्राम चूर्ण का इस्तेमाल शाम के समय घी के साथ करे | जल्द ही दस्त रुक जायेंगे |

सौंफ के दुसरे प्रयोग में एक बेलपत्र के फल की गिरी निकाल ले | इस गिरी को धुप में सुखा ले और इसका चूर्ण बना ले | अब सौंफ का भी समान मात्रा में चूर्ण बना कर दोनों को एक साथ मिलाकर सेवन करे | दस्त के साथ उठने वाली मरोड़ एवं एंठन में भी अच्छे लाभ मिलेंगे |

जामुन है दस्तो का दुश्मन 

दस्तों में जामुन का फल

जामुन का प्रयोग पुराने समय से ही अतिसार के लिए होता आया है | इसमें कुछ ऐसे गुण होते है जो अतिसार को तुरंत प्रभावी रूप से रोकने का कार्य करते है | दस्तों में जामुन का प्रयोग निम्न तरीकों से कर सकते है –

सबसे पहले जामुन के फलों को गुठली निकाले | अब इनका आधा कप ज्यूस निकाल ले | इस ज्यूस में थोड़ी सी मात्रा में काला नमक मिलाकर सुबह एवं शाम सेवन करें | जल्द ही दस्त रुक जावेंगे | अगर इस रस को सेवन करने में हिचकिचाहट हो तो चार चम्मच जामुन के रस में एक चम्मच शहद एवं मिश्री मिलाकर सेवन करें | यह प्रयोग भी प्रभावी रूप से दस्तों में कारगर सिद्ध होता है |

जामुन की गुठली के अन्दर की गिरी निकाल कर इसका चूर्ण बना कर भी दस्तो के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है | साथ ही जामुन का सिरका सेवन भी लाभ देता है |

इसके पेड़ की छाल का सेवन भी दस्तों में फायदेमंद होता है |

जामुन के रस में तुलसी का रस मिलाकर सुबह – शाम सेवन करे और ऊपर से गुनगुना जल पी जावें |

दस्त लगने की समस्या में इन आहार का सेवन न करें 

  • रेशेदार भोज्य पदार्थ
  • मिर्च मसालेदार एवं सुगन्धित भोजन का सेवन बंद कर दें
  • तले – भूने खाने से परहेज करें
  • अधिक घी, तेल या मक्खन युक्त आहार का सेवन नहीं करना चाहिए |
  • छिलके वाली दालों का इस्तेमाल भी बंद कर देना चाहिए |
  • अम्लीय पदार्थो का सेवन भी बंद कर देना चाहिए क्योंकि इनके सेवन से अमाशय में अम्ल की उत्पति करते है
  • रात का बचा खाना या बासी खाने का सेवन भी बंद कर देना चाहिए |
  • पानी को उबाल कर सेवन करना चाहिए |

दस्त में इन बातों का रखें ध्यान 

  • रोगी को पहले तरल आहार अधिक दें |
  • नमक एवं चीनी का घोल बना कर या ORS का घोल युक्त पानी दें ताकि शरीर में लवणों एवं पानी की कमी न हो
  • चावल एवं दाल का मांड देने से रोगी को आराम मिलता है |
  • जब रोग ठीक होने लगे तो रोगी को खिचड़ी एवं नरम सब्जियों का सेवन करवाना चाहिए | शुरुआत में गरिष्ठ भोजन का सेवन नहीं करवाना चाहिए |

 

 

 

 

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *