Patanjali Arogya Vati Uses in Hindi – पतंजलि आरोग्य वटी के उपयोग, घटक, खुराक एवं प्राइस की जानकारी

Patanjali Arogya Vati Uses in Hindi: पतंजलि फार्मेसी की आयुर्वेदिक दवा आरोग्य वटी बहुत ही प्रशिद्ध औषधि है । जैसा इसका नाम है वैसा ही इसका काम है अर्थात यह व्यक्ति को निरोगी रखने और आरोग्य प्रदान करने में महत्वपूर्ण पतंजलि का उत्पाद है । इस दवा का निर्माण बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा किया जाता है । Arogya Vati पतंजलि की पेटेंट औषधि है अत: इसका निर्माण किसी अन्य फार्मेसी द्वारा नहीं किया जाता ।

आज के इस लेख में हम Divya Arogya Vati Uses in Hindi के बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएंगे । यहाँ हमने इसके घटक, निर्माण विधि, इसके यूजेज और संभावित नुकसानों के बारे में भी आपको अवगत करवाने की कोशिश की है अत: इस आर्टिकल को पूरा पढ़कर आप पतंजलि आरोग्य वटी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।

Arogya Vati Uses in Hindi

तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि आरोग्य वटी की सामान्य जानकारी

Arogya Vati Details in Hindi (आरोग्य वटी की सामान्य जानकारी)

यह पतंजलि द्वारा निर्मित की जाने वाली एक प्रशिद्ध रोगप्रतिरोधक क्षमता वर्द्धक आयुर्वेदि उत्पाद है । आरोग्य वटी सभी पतंजलि स्टोर्स पर आपको उपलब्ध हो सकती है । इसका प्रयोग शारीरिक कमजोरी, बुखार, इन्फेक्शन, त्वचा विकार और सर्दी खांसी की समस्या में किया जाता है । सामान्य जानकारी आप इस टेबल के माध्यम से समझ सकते हैं –

दवा का नाम:आरोग्य वटी
निर्माता:पतंजलि आयुर्वेद
घटक:गिलोय, नीम एवं तुलसी
उपयोग:बुखार, खांसी, जुकाम, शारीरिक क्षीणता एवं त्वचा विकारों में
मूल्य:₹60 (40 ग्राम का पैक)
उपलब्धता:ऑनलाइन एवं नजदीकी स्टोर

आरोग्य वटी के घटक | Ingredients of Arogya Vati in Hindi

पतंजलि दिव्य आरोग्य वटी में कुल 3 आयुर्वेदिक घटक हैं – तुलसी, नीम और गिलोय । इनमे से गिलोय का एक्सट्रेक्ट और बाकि दोनों जड़ी – बूटियों का पाउडर ही उपयोग किया जाता है । घटक इस प्रकार हैं

  1. Giloy Extract – 250 mg
  2. Neem Powder – 125 mg
  3. Tulsi Powder – 125 mg

1. गिलोय (Tinospora Cordifolia)

गिलोय जिसे आयुर्वेद में अमृता भी कहा जाता है । इस आरोग्य वटी का मुख्य घटक है । इसमें गिलोय के एक्सट्रेक्ट का अर्थात गिलोय सत्व का प्रयोग किया जाता है । गिलोय बुखार, जुकाम, खांसी और एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल गुणों से युक्त औषधि होती है । गिलोय के इन्ही गुणों के कारण पतंजलि आरोग्य वटी में भी ये गुण विद्यमान रहते हैं । इसी घटक उपस्थित के कारण आरोग्य वटी को आरोग्य वटी का उपयोग प्रमुखत: एंटी वायरल दवा के रूप में किया जाता है ।

2. नीम (Azadirachta Indica)

नीम को आयुर्वेद में उत्तम एंटी बैक्टीरियल गुणों से युक्त औषधि माना जाता है । इसका प्रयोग त्वचा विकारों, बुखार एवं वायरल बुखारों में भी किया जाता है । नीम का प्रयोग आरोग्य वटी में होने के कारण यह त्वचा विकारों के लिए उत्तम आयुर्वेदिक विकल्प बन जाता है । Arogya Vati Uses in Hindi में घटक के रूप में नीम के पतों का चूर्ण 125mg की मात्रा में होता है । अर्थात 500 mg की एक टेबलेट में 125 mg नीम चूर्ण होता है ।

3. तुलसी (Holy Basil)

तुलसी को हमारे देश में पूजनीय माना जाता है । यह पवित्र पौधा है जो आयुर्वेदिक गुणों की दृष्टि से भी बलवान है । तुलसी को जुकाम, इम्युनिटी बढ़ाने और बुखार आदि में उपयोगी माना जाता है । पतंजलि की इस आरोग्य वटी में भी गिलोय और नीम के साथ तुलसी का संयोग भी किया गया है ताकि औषधि के गुणों में वृद्धि हो । तुलसी होने के कारण आरोग्य वटी इम्युनिटी वर्द्धक, जुकाम, खांसी और कफ की समस्या में उपयोग किया जाता है ।

आरोग्य वटी के उपयोग एवं फायदे | Arogya Vati Uses and Benefits in Hindi

निम्न रोगों में दिव्य आरोग्य वटी के उपयोग किये जाते हैं

  1. त्वचा विकारों में आरोग्य वटी के सेवन से लाभ मिलता है । यह एंटी बैक्टीरियल गुणों से युक्त होने के कारण रक्त का शोधन करती हैं एवं त्वचा के विकार जैसे कील मुंहासों में लाभ मिलता है ।
  2. बुखार होने पर आरोग्य वटी का इस्तेमाल करने से लाभ मिलता है ।
  3. यकृत और लीवर को डेटोक्स करने एवं इनकी सक्रियता बढ़ाने के लिए यह उपयोगी औषधि है ।
  4. वात, पित्त एवं कफ को बैलेंस करने के लिय दिव्य आरोग्य वटी का उपयोग करने से लाभ मिलता है ।
  5. डेंगू, मलेरिया, और अन्य वायरल बुखार में भी आरोग्य वटी का उपयोग लाभदायक है ।
  6. एंटीओक्सिडेंट गुणों से युक्त औषधि होने के कारण विभिन्न रोगों में लाभ करती है ।
  7. खांसी, जुकाम एवं अस्थमा रोग में भी इसके उपयोग से लाभ मिलता है ।
  8. चर्म रोगों में भी दिव्य आरोग्य वटी का सेवन करने से लाभ मिलता है ।
  9. रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में उपयोगी है । अत: आरोग्य वटी का इस्तेमाल करने से सभी रोगों से लड़ने की शक्ति का विकास होता है ।
  10. गठिया एवं जोड़ों के दर्द में भी आरोग्य वटी का प्रयोग करने से लाभ मिलता है । यह जॉइंट्स में होने वाले दर्द को कम करती है एवं यूरिक एसिड को कण्ट्रोल करने का कार्य करती है ।
  11. यह पूर्णत: सुरक्षित औषधि है जिसे लम्बे समय तक के लिए उपयोग किया जा सकता है ।

खुराक (Dosage)

सामान्यत: यह बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाली OTC मेडिसिन है । इसका सेवन 1 – 1 गोली सुबह – शाम गुनगुने जल के साथ किया जाता है । रोगानुसार सेवन के लिए एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए । क्योंकि रोग के आधार पर आयुर्वेदिक चिकित्सक इसकी खुराक कम या ज्यादा का निर्धारण कर सकते हैं ।

नुकसान (Side Effects)

आमतौर पर दिव्य आरोग्य वटी के इस्तेमाल से कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होते । यह सुरक्षित औषधि है । परन्तु इसे निर्धारित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए । आरोग्य वटी में गिलोय, नीम एवं तुलसी घटक के रूप में उपस्थति है अत: नियमित लम्बे समय तक आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श अनुसार सेवन की जा सकती है । इसके कोई भी ज्ञात साइड इफेक्ट्स नहीं देखे गए हैं । हालाँकि मात्रा का ध्यान रखना आवश्यक है । अधिक मात्रा में सेवन से करने से शरीर में उष्णता पैदा कर सकती है ।

मूल्य (Price)

आरोग्य वटी का मूल्य ₹60 है एवं इसकी मात्रा 40 ग्राम है, जिसमे कुल 80 टेबलेट प्रत्येक 500 mg की मिलती है । इसे आप ऑनलाइन पतंजलि के स्टोर या पतंजलि आरोग्य केंद्र से खरीद सकते हैं ।

सामान्य सवाल एवं जवाब (FAQs):

पतंजलि आरोग्य वटी क्या है ?

यह एक बुखार, जुकाम एवं त्वचा विकारों के लिए पेटेंट आयुर्वेदिक औषधि है जिसका निर्माण पतंजलि आयुर्वेद द्वारा किया जाता है ।

आरोग्य वटी का मूल्य क्या है ?

इसका मूल्य ₹60 है जो 80 टेबलेट की पैकिंग में आती है ।

आरोग्य वटी का उपयोग क्या है ?

आरोग्य वटी का उपयोग सभी प्रकार की बुखार, इम्युनिटी बढ़ाने, त्वचा विकारों एवं सर्दी – जुकाम में किया जाता है ।

पतंजलि आरोग्य वटी कैसे सेवन करें ?

आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से इसे 1 – 1 गोली की मात्रा में सुबह – शाम सेवन कर सकते हैं ।

आरोग्य वटी के घटक क्या हैं ?

इसमें तुलसी, गिलोय एवं नीम चूर्ण मुख्य घटक के रूप में उपस्थित हैं ।

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