आज वर्तमान समय में पश्चिमी सभ्यता ने भी इसे दिल से स्वीकार किया है | अंग्रेजी दवाइयों में इसक उपयोग बहुतायत से हो रहा है | हमारी सभ्यता ने तो इसे हजारो सालो से अपनाया हुआ है | लेकिन फिर भी वर्तमान समय में देखा जाय तो बहुत थोड़े से लोग है जो इसके चिकित्सकीय उपयोग के बारे में जानते है क्योकि वर्तमान पीढ़ी अपने इतिहास और उनके सिद्धांत को भूलती जा रही है | आज हम आपको बताते है नीम के बहु उपयोग जिन्हें आजमा कर आप भी लाभ उठा सकते है |
नीम के औषधीय उपयोग
1. जल जाने पर
दैनिक जीवन के काम करते समय कई बार संयोगवस हम आग आदि से जल जाते है जिसके कारन हमे पीड़ा उठानी पड़ती है | जलने के कारण शरीर पर फफोले उठ जाते है | अगर जले हुए स्थान पर नीम का तेल लगा दे तो फफोले नहीं उठते और जलन भी जाती रहती है |
2 . अजीर्ण
अगर कब्ज के कारण अजीर्ण हो गई हो तो नीम की निम्बोलियो के गुदे में शहद मिला कर चाटने से कब्ज जाती रहती है और अजीर्ण की समस्या भी ठीक हो जाती है |
3 . अम्लपित की समस्या में
1/2 भाग नीम की छाल , 1 भाग सोंठ , 1 भाग कालीमिर्च – इन सब को कूट पिस कर चूर्ण बना ले | अब इसमें से रोज सुबह – शाम 5 ग्राम चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करे | अम्लपित में तुरंत लाभ मिलेगा |
4 . अरुचि
अगर भूख कम लगती हो और भोजन में अरुचि हो तो नीम की पतियों का चूर्ण बनाले और इसका सेवन आधा चम्मच की मात्र में करे | इससे भूख खुल कर लगेगी और भोजन से अरुचि जाती रहेगी |
5 . आँखे दुखना
नीम की पतियों का रस – 10 ग्राम एवं इसमें 10 ग्राम की मात्रा में ही पठानी लोध पिस कर मिला दे | इसका लेप आँखों पर करने से दुखती आँखे ठीक होजाती है एवं आँखों में होने वाली लालीम भी जाती रहती है |
6 . पेचिस
नीम की पति , फलो और फूलो को सुखाकर इनका चूर्ण बना ले | इस चूर्ण को 3 ग्राम की मात्र में लेने से दस्त रुक जाते है |
7 . दाद – खाज
नीम की छाल , पीपल की छाल , गिलोय एवं मंजिस्था – इन सभी को बराबर की मात्रा में लेकर इनका काढ़ा बना ले | सुबह – शाम इस काढ़े का सेवन करे एवं दाद – खाज वाली जगह नीम का तेल लगावे | जल्दी आराम मिलेगा |
8 . अगर कान दर्द करता हो
थोड़ी सी नीम की पतिया एवं 3 ग्राम नीला थोथा – इनको पिस कर छोटी – छोटी गोलिया बना ले | अब इन गोलियों को सरसों के तेल में डाल कर तेल को पक्का ले | तेल को छानने के बाद इस तेल की 2 बुँदे दुखते कान में डाले | कान का दर्द जाता रहेगा |
9 . खालित्य ( गंजापन )
नीम के तेल से नित्य सर पर मालिश करने से गए हुए बाल भी वापिस आ जाते है |
10 . चर्म रोग
सुबह उठते ही नीम की 5 – 6 कोमल पतिया खाने से चर्म रोग ठीक हो जाते है एवं पेट की खराबी के कारण मुंह से आने वाली बद्द्बू भी चली जाती है
11 . मुहांसे
अगर चहरे पर मुंहासे हो गए हो तो नीम के बीज को सिरके में पिस कर मुहांसे पर लगाने से कुछ ही दिनों में मुहांसे जाते रहते है |
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धन्यवाद |