आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा: आँतों में सुजन आना एक बहुत ही पीड़ादाई स्थति है । इसे आम भाषा में आंतों में सुजन आना कहा जाता है एवं आधुनिक विज्ञानं के अनुसार यह Ulcerative Colitis in Hindi की स्थति है । इस रोग में आंतों में सुजन आ जाती है जो पाचन की विकृति और गलत आहार – विहार के कारण मलाशय की अंदरूनी परत और बड़ी आंत में सुजन आ जाती है । आज के इस लेख में हम आंतों में सुजन की आयुर्वेदिक दवा एवं बेहतरीन घरेलु नुस्खों के बारे में बताएँगे ।
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आंतों में सुजन आना क्या है?
आंतों में सुजन एक स्वास्थ्य समस्या है, और इसका मतलब होता है कि आपके आंतों में तनाव या सूजन हो रहा है, जिससे आपको पेट दर्द या अन्य समस्याएँ हो सकती हैं। आंतों में सुजन कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि खानपान में अनियमितता, पाचन समस्याएँ, बैक्टीरियल इंफेक्शन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सूजन, या अन्य आंत संबंधित समस्याएँ।
आधुनिक विज्ञानं अनुसार आंतों में सुजन आने को अल्सरेटिव कोलाइटिस कहा जाता है । आल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) एक प्रकार की आंत की बीमारी है जिसमें आंत की अंदरूनी दीवारों में सूजन और छाले बन जाते है। यह बीमारी आंत के अंदरूनी भागों में सुजन और घाव आदि को पैदा करती है, जिसके परिणामस्वरूप रोगी को पेट दर्द, दस्त, खून आना एवं मल त्याग में परेशानी महसूस होती है ।
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आंतों में सुजन आने के क्या कारण हो सकते हैं ?
आंतों में सूजन कई कारणों से हो सकता है, निम्नलिखित कुछ मुख्य कारण हमने बताएं है जो संभावित हैं :
- आल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis): यह आंत की बीमारी होती है जिसमें आंत की लाइनिंग में सूजन और छाले की स्थति होती हैं।
- क्रोन बीमारी (Crohn’s Disease): इस बीमारी में भी आंत की सूजन हो सकती है, जो आंत के किसी भी हिस्से में हो सकती है।
- इरिटेबल बोवल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome, IBS): IBS में भी पेट में सूजन और दर्द हो सकता है, लेकिन यह आंत की सुजन की बीमारी नहीं होती है।
- कैंसर: आंत के किसी भाग में कैंसर के रूप में सूजन विकसित हो सकता है, जो अक्सर बीमारी के प्रारंभिक स्टेज में पहचाना नहीं जा सकता है।
- इंफेक्शन: कुछ प्रकार की आंत की इंफेक्शन भी सूजन का कारण बन सकती हैं, जैसे कि आंतीय इंफेक्शन या टाइफाइड जैसी बीमारियाँ।
- ऑटोइम्यून बीमारियाँ: कुछ ऑटोइम्यून बीमारियाँ, जैसे कि आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) या लुपस (Lupus) आंत में सूजन को बढ़ा सकती हैं।
- पाचन संबंधित समस्याएँ: पाचन से संबंधित समस्याएँ, जैसे कि सेलियक बीमारी (Celiac Disease) भी आंत में सूजन का कारण हो सकती हैं।
आंतों में आई सुजन के लक्षण
आंतों में आई सूजन (Inflammation) के लक्षण व्यक्ति के अनुसार अलग – अलग हो सकते हैं और ये लक्षण आंत की सूजन के स्थान और गंभीरता पर निर्भर करते हैं। निम्नलिखित कुछ सामान्य लक्षण हैं:
- मल में खून: सबसे प्रमुख लक्षण होता है मल में खून आना, जिसे हेमटोचेजिया कहते हैं। मल का रंग गहरा लाल होता है और इसमें खून के थक्के हो सकते हैं।
- पेट के दर्द: आंत की सूजन के कारण पेट के बाएं तरफ में दर्द हो सकता है, जो अक्सर तेज होता है और बार-बार होता है।
- दस्त: यह लक्षण आंत की सूजन के साथ आता है और मल का बहुत तेजी से आना।
- पेट में सूजन और फूलन: पेट के आसपास की सूजन और पेट में फूलन का अहसास हो सकता है।
- कमजोरी और वजन में कमी: आंत की सूजन के कारण कमजोरी का अहसास हो सकता है और रोगी का वजन कम हो सकता है।
- पेट में गैस और उबकाई: यह लक्षण पेट में गैस की अधिकता और उबकाई के साथ प्रकट होते हैं ।
- मल की सामग्री की अनियमितता: आंत की सूजन के कारण मल की सामग्री की अनियमितता हो सकती है, जैसे कि मल के साथ भारी मुख्य सामग्री के मिश्रण का अहसास हो सकता है।
- उबकाई और तीव्र मितली: कुछ लोगों को आंत की सूजन के साथ उबकाई और तीव्र मतली की समस्या हो सकती है।
आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक 10 प्रमुख दवाएं | 10 Ayurvedic Medicine for Ulcerative Colitis in Hindi
क्रमांक | दवा का नाम | उपयोग | घटक | मूल्य |
---|---|---|---|---|
01. | वत्सकादि चूर्ण | सुजन को कम करने, और घाव एवं छालों को ठीक करने में उपयोगी | सौंफ, धनिया, अनार, बिल्व और इलायची आदि | ₹256 |
02. | प्रवाल पंचामृत रस | यह आँतों की सुजन को ठीक करने, घावों को भरने एवं एसिडिटी को कम करने में उपयोगी | प्रवाल पिष्टी, मोती पिष्टी, शंख भस्म, मुक्ता शुक्ति और कौड़ी भस्म | ₹650 |
03. | कुटजघन वटी | यह आंतों के सुजन की प्रशिद्ध आयुर्वेदिक दवा है, जो सुजन, पतले दस्त और आंव को ठीक करती है । | कुटज, अतिष और जल | ₹90 |
04. | अविपत्तिकर चूर्ण | एसिडिटी, सुजन और गैस को कम करने में उपयोगी | कालीमिर्च, सोंठ, पिप्पली,आंवला , बहेड़ा, हरड, नागरमोथा, वायविडंग, विड लवण, इलायची, तेजपत्र, लौंग, निशोथ, मिश्री | ₹135 |
05. | अर्जुन चूर्ण | वाऊंड हीलिंग में सबसे बेहतरीन चूर्ण, टोक्सिंस एवं अन्य कारणों से हुई सुजन और घावों को ठीक करने में उपयोगी | अर्जुन छाल | ₹85 |
06. | बिल्वादी चूर्ण | दस्त, IBS को ठीक करने एवं सुजन को कम करने में उपयोगी दवा | कच्चे बेल की गिरी, मोचरस, सोंठ , भांग, धाय के फूल, धनिया, सौंफ | ₹120 |
07. | चित्रकादी वटी | यह पाचन की विकृति, IBS की समस्या एवं सुजन को ठीक करने में उपयोगी है । | चित्रक, पिप्पलीमूल, यवक्षार पंचांग, सज्जीक्षार, सौवर्चल लवण, सैंधव लवण, विड लवण, सामुद्र लवण | ₹135 |
08. | सौंफ अर्क | इस अर्क का इस्तेमाल भी पाचन एवं आंतों की समस्याओं में उपयोगी साबित होता है । | सौर्फ़ का अर्क | ₹65 |
09. | भृंगराजासव | पाचन विकृति, सुजन, कब्ज और अम्लता को दूर करने में उपयोगी | भृंगराज, हरड़, पिप्पली, जायफल, लवंग, दालचीनी, बड़ी इलायची, तेजपत्र, नागकेसर, धायफूल | ₹285 |
10. | विडंगारिष्ट | आँतों की सुजन, पेट दर्द, कीड़े और भूख बढ़ाने में उपयोगी | विडंग, पिप्पली मूल, रास्ना, कुटज छाल, आंवला, शहद, धातकी, तेजपत्ता, कांचनार आदि | ₹205 |
आंतों में सूजन के आयुर्वेदिक उपाय | Ayurvedic Remedies for Intestinal Swelling
आँतों की सुजन को कम करने एवं ठीक करने के लिए आयुर्वेद में सबसे पहले आहार पर नियंत्रण किया जाता है । आहार पर नियंत्रण से तात्पर्य है कि शरीर में जिन दोषों की वृद्धि हो चुकी है उन्हें आहार एवं औषधियों के माध्यम से संतुलन में लाया जाये । इसके लिए आयुर्वेद में विभिन्न जड़ी – बूटियां एवं औषधियों के द्वारा ठीक किया जाता है ।
आंतो की सुजन को हटाने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियां जैसे कुटज, वचा, बेल गिरी, मुलेठी एवं गिलोय आदि बहुत ही लाभदायक साबित होती है । इन सभी का क्वाथ बनाकर सेवन करने से पेट की समस्या दूर होती है एवं आँतों की सुजन कम होती है ।
आहार में आपको प्रोबायोटिक्स से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे दही, छाछ आदि का सेवन करना चाहिए । क्योंकि ये आहार में पेट के रोगों को ठीक करने के साथ – साथ आँतों को भी तंदुरुस्त रखते हैं । इसके अलावा हरी सब्जियां, फाइबर से युक्त फल एवं सब्जियां आदि का सेवन भी अधिक करना चाहिए ।
दूध जैसे लक्टोज पदार्थों का सेवन आँतों के सुजन में नहीं करना चाहिए । क्योंकि बहुत से लोगों को लक्टोज से एलर्जी एवं गलत असर पड़ता है । इसलिए इन उत्पादों का सेवन आंतों के सुजन में नहीं करना चाहिए ।
धन्यवाद ।