H. Pylori Bacteria Ayurvedic Treatment: दोस्तों बैक्टीरिया अच्छे भी होते हैं और बुरे भी। Helicobacter Pylori एक बैड बैक्टीरिया है जो हमारे शरीर में पाचन से जुड़े रोगों की मुख्य वजह है। इस लेख में हम हिंदी में H Pylori Bacteria के Ayurvedic Treatment एवं इसकी Patanjali Medicines के बारे में जानेंगे।
हमारे शरीर में बैक्टीरिया का बहुत बड़ा रोल होता है, खासकर पाचन के लिए। जब तक बैक्टीरिया का संतुलन बना रहता है तब तक हमारा पाचन सही रहता है। लेकिन जैसे ही यह संतुलन बिगड़ जाता है यानि गुड बैक्टीरिया की संख्या बैड बैक्टीरिया से कम हो जाती है तो पाचन तंत्र में विकृति आती है एवं गैस एसिडिटी, कब्ज, अलसर यहाँ तक की पेट का कैंसर तक होने की संभावना हो जाती है। ऐसे में एंटी बायोटिक दवाओं का सहारा लेके इस बैक्टीरिया H. Pylori (Helicobacter Pylori) को मारा जाता है।
आयुर्वेद में इस बैक्टीरिया के लिए क्या इलाज है एवं किन दवाओं का सेवन किया जा सकता है, हमारा ये लेख इसी विषय पर है।
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H-Pylori Bacteria (हेलिकोबक्टेर पाइलोरी) क्या है, Ayurvedic एवं Modern परिपेक्ष
Helicobacter Pylori बैक्टीरिया की खोज 1982 में Barry Marshall एवं Robin Warren जो की ऑस्ट्रेलिया से थे, के द्वारा की गयी थी। इन्होने बताया की यह बैक्टीरिया ही पेट में होने वाली बहुत सी बीमारियों की वजह होता है। यह बैक्टीरिया पाचन तंत्र में विकार पैदा करता है एवं गैस एसिडिटी, पेप्टिक अल्सर, क्रोनिक अल्सर, खून की कमी, आदि विकारों की मुख्य वजह है।
वहीँ आयुर्वेद में ऐसे किसी बैक्टीरिया का वर्णन नहीं है लेकिन गुड बैक्टीरिया और बैड बैक्टीरिया की थ्योरी के अनुसार हमारे पाचन तंत्र के लिए शरीर में बैक्टीरिया का संतुलन बने रहना बहुत जरुरी है। H. Pylori बैक्टीरिया के Ayurvedic Treatment के बहुत सारे विकल्प है, लेकिन उससे पहले हम एलॉपथी में इसके लिए क्या ट्रीटमेंट दिया जाता है इसके बारे में जान लेते हैं।
H. Pylori Treatment (एलॉपथी): जब इस बैक्टीरिया की खोज हुई उस समय इसका ट्रीटमेंट करने के लिए तीन एलॉपथी दवाओं का कॉम्बिनेशन शुरू किया गया। प्रोटोन पंप इन्हिबिटर(PPI), हिस्टामिन ब्लॉकर (H2 Blocker) और Bismuth Subsalicylate इन दवाओं की सहायता से बैक्टीरिया को मार कर पाइलोरी बैक्टीरिया का ट्रीटमेंट किया जाता है।
H. Pylori बैक्टीरिया से होने वाले विकार:
- गैस एसिडिटी की समस्या होना
- खट्टी डकारे आना
- खून की कमी होने लग जाना
- भूख नहीं लगना
- एसिड रेफुल्क्स की समस्या
- पेप्टिक अल्सर
- आंत में विकार
- खाने के बाद पेट दर्द
- पेट का कैंसर
Ayurvedic treatment for H Pylori Bacteria in Hindi
आयुर्वेद में इस बैक्टीरिया के इलाज का अलग एप्रोच है, इसके लिए बैक्टीरिया को कम करने वाली या मारने वाली दवाओं की बजाय, इस बैक्टीरिया H Pylori के बढ़ने की वजह को जड़ से ख़त्म कैसे किया जाये इस बात को ध्यान में रख कर Ayurvedic treatment for H Pylori Bacteria निश्चित किया जाता है। आयुर्वेदिक परिपेक्ष के अनुसार पित्त की मात्रा बढ़ जाने से इस बैक्टीरिया की संख्या बढ़ने लगती है जिससे पाचन में विकार शुरू हो जाता है।
इसलिए इस बैक्टीरिया का Ayurvedic Treatment कुछ विशेष जड़ी बूटियों एवं खान पान में बदलाव करके किया जाता है। आइये जानते हैं क्या क्या इलाज आयुर्वेद में उपलब्ध है इस बैक्टीरिया के लिए:-
पित्त को नियंत्रित करके: आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष में विकार आने से पेट में बैड बैक्टीरिया H. Pylori का प्रभुत्व बढ़ जाता है। अगर आप पित्त को संतुलित कर लेते हैं तो धीरे धीरे अपने आप यह बैक्टीरिया कम हो जायेगा और आपका पाचन सही हो जायेगा। Ayurvedic Treatment for H Pylori में पित्त को संतुलित करने वाली आयुर्वेदिक दवाओं और खान पान में बदलाव करके इसका इलाज करते हैं।
योग मैडिटेशन से: मानसिक तनाव और चिंता पाचन ख़राब होने का मुख्य कारण है। इसकी वजह से भी पाइलोरी बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है। इसलिए योग प्राणायाम के द्वारा मानसिक स्थिति को सुधारकर H Pylori बैक्टीरिया का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है।
आहार विहार में नियंत्रण करके: खान पान और दिनचर्या का हमारे पाचन से बहुत गहरा रिश्ता होता है। अगर खान पान सही नही है तो धीरे धीरे H Pylori Bacteria की संख्या बढ़ने लगती है। इसलिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट में पाइलोरी बैक्टीरिया को मारने के लिए आहार विहार को नियंत्रित किया जाता है।
प्राकृतिक बैक्टीरिया नाशक जड़ी बूटियों से: आयुर्वेद में कुछ खास जड़ी बूटियाँ हैं जिनमें एंटी बायोटिक विशेषता होती है, इन जड़ी बूटियों को अपने खान पान में शामिल करके H Pylori बैक्टीरिया को आसानी से ख़त्म किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक दवाओं से: H Pylori बैक्टीरिया की आयुर्वेदिक दवा के रूप में कुछ ऐसी दवाओं का उपयोग किया जाता है जो पाचन तंत्र को मजबूत करती है एवं दोषों को संतुलित करती है। इस तरह से एक बहु आयामी एप्रोच के द्वारा आयुर्वेद में पाइलोरी बैक्टीरिया को ख़त्म किया जाता है।
Ayurvedic Medicines for Treatment of H. Pylori Bacteria in Hindi- Patanjali Medicines
अब तक आपने पाइलोरी बैक्टीरिया को मारने के लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के बारे में जाना है, अब हम आपको इस बैक्टीरिया को किन आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करके मारा जा सकता है इसके बारे में बताएँगे। अब क्योंकि आयुर्वेद में अभी पतंजलि की दवाएं सबसे अधिक प्रचलित हैं एवं आसानी से उपलब्ध भी हो जाती हैं। तो आइये जानते हैं एक एक करके उन सभी Ayurvedic Medicines के बारे में जो Patanjali दवा केंद्र पर आसानी से मिल भी जायेंगी और इनसे H. Pylori बैक्टीरिया भी ख़त्म हो जायेगा।
Divya Amla Churna for H. Pylori infection: Ayurvedic Medicine in Hindi
आंवला पाचन की सभी समस्याओं में फायदेमंद होता है। पाइलोरी बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाने पर gastritis की समस्या बहुत बढ़ जाती है, ऐसे में पतंजलि आंवला चूर्ण बहुत उपयोगी है। यह बैक्टीरिया को ख़त्म करके पाचन शक्ति बढ़ाने में मदद करता है। अगर आपको पाइलोरी इन्फेक्शन की वजह से पाचन की समस्या है तो आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से आप इस दवा का सेवन कर सकते हैं।
Divya Kamdudha Ras: The Best Ayurvedic Medicine for H. Pylori Infection
कामदुधा रस से पेट की लगभग सभी समस्याओं का इलाज हो जाता है। चाहे गैस एसिडिटी की समस्या हो या भूख नहीं लगने की या फिर H. Pylori इन्फेक्शन, यह दवा सबमे कारगर है। अगर आपके पाचन विकारों का कारण भी पाइलोरी वायरस है तो इस दवा का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। आपके लिए पतंजलि की कौनसी दवा फायदेमंद होगी ये सलाह लेने के लिए आप हमारे अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर्स से संपर्क कर सकते हैं।
Patanjali Vidangasava से हो जायेगा पाइलोरी इन्फेक्शन का इलाज
विडंगासव में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं। पेट में होने वाले जीवाणु इन्फेक्शन के लिए इसका उपयोग बहुत लाभदायक होता है। पाइलोरी बैक्टीरिया एक हानिकारक बैक्टीरिया है इसका इलाज पतंजलि विडंग आसव से करना चाहिए। बैक्टीरियल इन्फेक्शन के साथ इससे पाचन के अन्य विकार भी सहीहो जाते हैं।
पतंजलि पाचक अजवायन चूर्ण: H. Pylori को नष्ट करें
H. Pylori इन्फेक्शन हमारे पाचन तंत्र को पूरी तरह से विकृत कर देता है। ऐसा होने पर हमें ऐसी दवा की जरूरत होती है जो पाइलोरी जीवाणु को मारने के साथ पाचन को फिर से मजबूत कर सके। पतंजलि पाचक अजवायन चूर्ण ऐसी ही आयुर्वेदिक दवा है जो H. Pylori बैक्टीरिया को पूरी तरह से ख़त्म कर है। इसके लिए आपको डॉक्टर की सलाह से इसका सेवन करना चाहिए।
Divya Mahashankh Vati: Best Ayurvedic Medicine for H. Pylori Bacteria
वटी स्वरूप (tablet) की यह पतंजलि आयुर्वेदिक दवा पेट के विकारों जैसे गैस एसिडिटी, अपच, पित्त की अधिकता, अल्सर आदि के लिए बहुत लाभकारी है। इसका उपयोग पाइलोरी बैक्टीरिया के इन्फेक्शन की वजह से होने वाले पाचन विकारों में करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह से आप इसका सेवन कर सकते हैं।
अन्य प्रमुख आयुर्वेदिक दवाएं – H. Pylori इन्फेक्शन के लिए
- रक्तपित्तान्तक लौह
- नारिकेल लवण
- नारिकेल खंड पाक
- अविपत्तिकर चूर्ण
- आंवला स्वरस
- पंचामृत पर्पटी
- लवणभास्कर चूर्ण
H-Pylori बैक्टीरिया के इलाज के लिए कुछ घरेलु जड़ी बूटियां और सामग्री
- अदरक
- तुलसी
- मुलेठी
- आंवला
- इलाइची
- सौंफ
- अजवायन
Ayurvedic Therapy for H. Pylori Infection in Hindi
पाइलोरी इन्फेक्शन में पाचन तंत्र में होने वाले विकारों को आयुर्वेदिक थेरपी की सहायता से ठीक किया जा सकता है। शरीर को डेटोक्स करने वाली आयुर्वेदिक थेरपी पंचकर्म इस तरह के इन्फेक्शन के लिए बहुत कारगर होता है। वमन विरेचन के द्वारा शरीर को डेटोक्स करके पाइलोरी बैक्टीरिया की संख्या कम की जा सकती है।
नाड़ी शोधन प्राणायाम: पाइलोरी बैक्टीरिया के लिए योग
योग व्यायाम यूँ तो पुरे शरीर को ही स्वस्थ रखने में कारगर होते हैं लेकिन नाड़ी शोधन प्राणायम सभी बैड बैक्टीरिया को शरीर से निकालने के लिए उपयोगी योग है। रोज सुबह शाम ये प्राणायाम करने से हेलिकोबक्टेर पाइलोरी बैक्टीरिया इन्फेक्शन में राहत मिलती है। इसलिए दवा के साथ साथ योग प्राणायाम अपनाना भी इस समस्या में बहुत जरुरी है।
धन्यवाद!