अर्जुनारिष्ट के फायदे, घटक, खुराक एवं निर्माण विधि : Arjunarishta Syrup in Hindi

अर्जुनारिष्ट के फायदे (Arjunarishta ke fayde) आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं । अर्जुन के पौधे से तैयार होने वाली आयुर्वेद की एक क्लासिकल मेडिसिन है । इसका मुख्य उपयोग हृदय विकारों में किया जाता है, इसके साथ ही दिल से जुडी बिमारियों, कोलेस्ट्रोल बढ़ने और मोटापे को नियंत्रित करने के लिए विशेषकर यह आयुर्वेदिक औषधि उपयोग में आती है ।

अगर आप हृदय विकारों से झुझ रहें है तो निश्चित रहें, इस औषधि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी । यहाँ हम इसके घटक, सेवन की खुराक, अर्जुनारिष्ट के फायदे, संभावित नुकसान और अन्य सभी जानकारियों से अवगत करवाएंगे । तो चलिए सबसे पहले जानते हैं इसकी सामान्य जानकारी –

दवा का नाम:अर्जुनारिष्ट
फॉर्म:सिरप (Syrup)
प्रकार:शास्त्रोक्त (Classical)
उपयोग:हृदय विकार
मूल्य:₹ 140
निर्माता:बैद्यनाथ, पतंजलि, डाबर, साधना, दीनदयाल

अर्जुनारिष्ट क्या है? (What is Arjunarishta Syrup in Hindi)

आर्जुनारिष्ट सिरप एक आयुर्वेदिक दवाई है जो प्रमुखतः हृदय और रक्तसंचार सम्बन्धी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। यह एक प्राकृतिक औषधि है जिसे भारतीय आयुर्वेद में हृदय विकारों के लिए प्रमुख माना जाता है। इसे एक उत्तम कार्डियोप्रोटेक्टिव गुणों से युक्त आयुर्वेदिक दवा माना जाता है ।

आर्जुनारिष्ट सिरप में प्रमुखतः अर्जुन वृक्ष (Terminalia arjuna) की छाल का उपयोग होता है, जिसे हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह सिरप जड़ी-बूटियों अर्जुन की छाल, दाख, धाय के फुल एवं महुए के फुल आदि सामग्रीयों से बनाया जाता है। निचे हमने इसके सभी घटकों का विवरण उपलब्ध करवाया है ।

अर्जुनारिष्ट के घटक | Ingredients of Arjunarishta in Hindi

पदार्थमात्राउपयोग
अर्जुन की छाल4800 ग्रामयह हृदय और मस्तिष्क के रोगों में उपयोगी होती है, विषमताप को नियंत्रित करती है और रक्तवाहिनियों को मजबूत बनाती है।
द्राक्षा2400 ग्रामइसका रस शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, पाचन क्रिया को सुधारता है और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होती है।
महुए के फूल960 ग्रामयह गैस्ट्राइटिस, अपच, पेट दर्द और गैस के इलाज में उपयोगी होता है, शरीर की गर्मी को नियंत्रित करता है और पाचन प्रक्रिया को सुधारता है।
धाय के फुल960 ग्रामसंधान में उपयोगी | शीतवीर्य औषधि है एवं मदकारक है ।
जल49.152 लीटरजल का सेवन शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है, मलाशय और मूत्रमार्ग की सफाई करता है, ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर के विभिन्न कार्यों को संचालित करने में मदद करता है। इसमें जल का इस्तेमाल क्वाथ निर्माण के लिए किया जाता है ।
गुड़4800 ग्रामगुड़ में शक्कर, विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, यह पाचन को सुधारता है, हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देता है । यह संधारित करने के लिए उपयोगी है ।

अर्जुनारिष्ट के निर्माण की विधि (बनाने की विधि)

इसे बनाने के लिए उपरोक्त सामग्री को निर्धारित मात्रा में लिया जाता है । अर्जुन की छाल, दाख, महुए का फुल इन सभी पहले उपरोक्त मात्रा में लेकर इसे कूट छानकर जल में डालकर काढ़ा बना लिया जाता है । अच्छी तरह क्वाथ निर्माण होने के पश्चात इसे आंच से निचे उतार कर ठंडा कर लिया जाता है ।

अब इसमें 4800 ग्राम गुड़ मिलाकर साथ में 960 ग्राम धाय के फुल मिलाकर महीने भर के लिए निर्वात स्थान पर रख दिया जाता है । महीने भर पश्चात संधान परिक्षण करके इसे रख लिया जाता है । यह अर्जुनारिष्ट कहलाता है । इस प्रकार से इस Classical आयुर्वेदिक दवा का निर्माण होता है ।

अन्य आयुर्वेदिक जानकारियां:

अर्जुनारिष्ट सिरप के फायदे | Benefits of Arjunarishta in Hindi

अर्जुनारिष्ट सिरप को हृदय और रक्तसंचार संबंधी विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके निम्न फायदे देखने को मिलते हैं ।

हृदय समस्याएं: अर्जुनारिष्ट सिरप हृदय संबंधी समस्याओं के इलाज में मददगार होता है। यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद करता है, जिससे रक्तसंचार सुचारू रूप से होता है और हृदय में संचारित रक्त की पर्याप्त मात्रा प्राप्त होती है।

उच्च रक्तचाप: अर्जुनारिष्ट सिरप उच्च रक्तचाप के इलाज में सहायक होता है। इसमें मौजूद आर्जुन का वृक्ष रक्तवाहिनी को संतुलित करने में मदद करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सक्षम होता है।

हृदयग्रंथि संबंधी समस्याएं: अर्जुनारिष्ट हृदयग्रंथि की समस्याओं के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है। यह हृदयग्रंथि को स्वस्थ रखने और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

धमनियों की समस्याएं: अर्जुनारिष्ट धमनियों की समस्याओं जैसे वृद्धि, ठंडे हाथ-पैर, गर्म दिखाई देने और उन्हें बहुत ठंडा या ठंडा महसूस करने के इलाज में फायदेमंद साबित हो सकता है।

अर्जुनारिष्ट सिरप के गुण और लाभ

अर्जुनारिष्ट सिरप में प्रमुखतः हृदय संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग होने वाली सामग्रियां मौजूद होती हैं। इसके गुणों और लाभों के बारे में निम्नलिखित बातें जानना महत्वपूर्ण है:

गुण

  • हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार
  • रक्तसंचार को सुधारता है
  • रक्तचाप को नियंत्रित करता है
  • हृदयग्रंथि को स्वस्थ रखता है
  • धमनियों की समस्याओं को दूर करता है

लाभ

  • हृदय स्वास्थ्य में सुधार
  • रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करना
  • धमनियों को मजबूती देना
  • शारीरिक तंदुरुस्ती को बढ़ाना
  • दिल की समस्याओं को रोकना और उनका उपचार करना

अर्जुनारिष्ट सिरप के साइड इफेक्ट्स और सावधानियां

जैसा कि हर दवा के इलाज में, अर्जुनारिष्ट सिरप के भी कुछ साइड इफेक्ट्स और सावधानियां हो सकती हैं। कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं:

साइड इफेक्ट्स

  • मुंह का सूखापन और छाले
  • पेट दर्द और जलन
  • पाचन संबंधी समस्याएं
  • ऊँचाई और चक्कर आना

सावधानियां

  • गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल न करें
  • शराब के साथ सेवन न करें
  • नपुंसकता की समस्या होने पर इस्तेमाल न करें
  • अलर्जी की समस्या होने पर तुरंत इस्तेमाल बंद करें

सारांश

अर्जुनारिष्ट सिरप एक प्रमुख आयुर्वेदिक दवा है जो हृदय और रक्तसंचार सम्बन्धी समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है। इसके उपयोग से हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है, रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है, धमनियों की समस्याएं कम हो सकती हैं और शारीरिक तंदुरुस्ती बढ़ सकती है। हालांकि, इसके साइड इफेक्ट्स और सावधानियां भी हो सकती हैं, इसलिए उपयोग से पहले एक विशेषज्ञ सलाह लेना उचित होता है।

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