रसायन चूर्ण: आयुर्वेद अनमोल प्राकृतिक दवाओं का खजाना है | रोगों को दूर रखने एवं आजीवन स्वस्थ रहने के तरीके आदि का ज्ञान आयुर्वेद से ही हमें प्राप्त होता है | यह पूर्णत: विश्वसनीय पुरातन विज्ञानं है जिसे हमारे ऋषि मुनियों ने अपने ज्ञान से संजोया है |
इस ज्ञान की कड़ी में रसायन चूर्ण भी एक आयुर्वेदिक तोहफा है जिसे सभी प्रकृति के लोगों के लिए बलवान औषधि माना गया है | आज के इस लेख में हम आपको रसायन चूर्ण के फायदे, इसके घटक, बनाने की विधि एवं सेवन का तरीका बताएँगे | अत: इस स्वास्थ्य जानकारी को अवश्य पढ़ें |
Post Contents
रसायन चूर्ण क्या है ? | What is Rasayana Churna in Hindi?
यह आयुर्वेद की एक क्लासिकल दवा है जिसका वर्णन वाग्भट संहिता में मिलता है | आयुर्वेद में इसे उत्कृष्ट औषधि माना जाता है | यह सभी उम्र एवं सभी प्रकृति के लोगों के लिए गुणकारी औषधि है अर्थात रसायन चूर्ण का सेवन हर कोई कर सकता है | यह त्रिदोष को संतुलित करने वाली, शरीर में बल बढ़ाने वाली, वीर्य को बढ़ाने एवं उम्र को स्थिर करने वाली रसायन वाजीकरण औषधि है |
वाग्भट ऋषि ने अष्टांग हृदय ग्रन्थ के उत्तर स्थान में रसायन विधि अध्याय में इस औषधि का वर्णन किया है | इसे वाग्भट ऋषि ने श्वंद्रष्टादी चूर्ण के नाम से इसे उल्लेखित किया है | श्वंद्रष्टादी चूर्ण को ही रसायन चूर्ण के नाम से जाना जाता है |
यह सप्तधातुओं को वर्द्धन करती है | शरीर में किसी रोग के कारण आई कमजोरी, उम्र को स्थिर करने एवं शरीर में औज को बढ़ाने में यह लाभदायक आयुर्वेदिक दवा है |
रसायन चूर्ण के घटक | Ingredients of Rasayana Churna
यह उत्तम औषधि सिर्फ तीन आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियों से मिलकर बनी होती है |
- आंवला – वय स्थापन अर्थात आयु को स्थिर करने एवं एंटीओक्सिडेंट से भरपूर
- गोखरू – मूत्र सम्बन्धी विकारों में उपयोगी, शरीर से टोक्सिन निकालने में लाभदायक
- गिलोय – त्रिदोष शामक एवं रोगों को दूर करने वाली औषधि है |
रसायन चूर्ण बनाने की विधि: इस आयुर्वेदिक चूर्ण को बड़ी आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता है | इसे बनाने के लिए आंवला, गोखरू एवं गिलोय इन तीनों जड़ी बूटियों को समान मात्रा में लेकर साफ़ करलें | अब इन्हें पीसकर महीन चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को सम्मिलित करके कपडे से छान लें एवं कांच के बर्तन में सहेज लें | यही रसायन चूर्ण है | बाजार में यह पतंजलि रसायन चूर्ण एवं बैद्यनाथ रसायन चूर्ण के नाम से भी उपलब्ध हो जाता है |
ध्यान दें – घटक की मात्रा बराबर लेनी होती है | जैसे अगर गोखरू 50 ग्राम ले रहें है तो बाकि अन्य दोनों आंवला एवं गिलोय भी 50 – 50 ग्राम ही लेनी है | इस प्रकार से निर्मित चूर्ण रसायन चूर्ण कहलाता है |
रसायन चूर्ण के फायदे | Benefits of Rasayan Churna in Hindi
इस रसायन वाजीकरण चूर्ण के शरीर में अत्यंत लाभ है | इसे किसी भी उम्र एवं प्रकृति वाला व्यक्ति बेझिझक सेवन कर सकता है | सर्दियों में कम से कम 3 महीने इसका सेवन अवश्य करना चाहिए | हालाँकि इसे पुरे वर्षभर सेवन किया जा सकता है | इसके फायदे बताते हुए आयुर्वेद के ऋषि वाग्भट ने लिखा है –
चूर्णं श्वंद्रष्टाम आमलकं अमृतानाम
लिहन ससर्पीमधुभागमिश्रं |
वृष: स्थिर: शांतविकार दुःख:
समा शतं जीवति कृष्णकेश: ||
आचार्य वाग्भट
उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकता है रसायन चूर्ण: रसायन चूर्ण को वय स्थापन कहा गया है अर्थात यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम करता है | अत: इस औषधि के सेवन से बुजुर्ग भी जवानी का अहसास करते है | उनकी उम्र बढ़नी मानो रुक सी जाती है | व्यक्ति भरपूर जोश से परिपूर्ण होता है | नित्य सुबह – शाम 3 से 5 ग्राम की मात्रा में इसका सेवन किया जा सकता है |
वीर्य विकारों में लाभदायक: यह चूर्ण वाजीकरण भी है अत: यौन दुर्बलताओं में इसका सेवन करने से अच्छा लाभ मिलता है | यह शरीर में सभी धातुओं का पौषण करके शुक्र धातु का वर्द्धन करता है | नियमित सेवन से यौन कमजोरियों से ग्रषित व्यक्ति को अच्छा फायदा मिलता है |
सप्तधातुओं का पौषण: रसायन चूर्ण शरीर में स्थित सप्त धातुओं (रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, एवं शुक्र) का पौषण करने में फायदेमंद है | यह सभी धातुओं के वर्द्धन के लिए फायदेमंद औषधि है | इसके सेवन से किसी भी धातु का ह्रास ठीक हो जाता है |
इम्युनिटी बूस्टर: यह चूर्ण व्यक्ति की इम्युनिटी को बढ़ाने में भी फायदेमंद है | इसमें गिलोय एवं आंवला शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति का संचार करते है | आंवला एंटीओक्सिडेंट एवं विटामिन c से भरपूर होने के कारण रोगों से लड़ने की शक्ति का संचार करने में फायदेमंद है |
शरीर को बल प्रदान करने में फायदेमंद: रसायन चूर्ण रोग के कारण आई शारीरिक कमजोरी को दूर करने में भी अच्छा फायदा करता है | इस चूर्ण का नित्य सेवन करने से शरीर को बल मिलता है एवं रोगों के कारण आई शरीर में कमजोरी को दूर करता है |
मूत्र विकारों में फायदेमंद: रसायन चूर्ण में गोखरू एक घटक के रूप में स्थित है | अत: यह चूर्ण यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में भी फायदेमंद है | यह मूत्र के साथ धातु जाने, मूत्रकृछता (रुक – रुक के पेशाब आना) एवं मूत्राशय के संक्रमण और सुजन में भी फायदेमंद औषधि है |
बालों को काला करने में: रसायन चूर्ण का नियमित सेवन करने से सफ़ेद हुए बाल भी काले होने लगते है | इसके बारे में कहा गया है कि रसायन चूर्ण समस्त बालों की समस्याओं में लाभदायक है | यह बालों को काला करने का कार्य करता हैं एवं आँखों की रोशनी भी बढाता है |
रसायन चूर्ण को खाने की विधि | Dosage
सामान्यत: यह औषधि बिना डोक्टर के पर्चे के मिलने वाली औषधि है | इसे कोई भी व्यक्ति एक टॉनिक के रूप में सेवन कर सकता है | इसके लिए किसी वैद्यकिय सलाह की आवश्यकता नहीं है | लेकिन रोगों में अच्छा लाभ हो एवं रोगानुसार सेवन करने के लिए चिकित्सकीय सलाह लेना चाहिए | इसे 3 से 5 ग्राम की मात्रा में सुबह – शाम गुनगुने जल के साथ खाया जा सकता है |
सावधानियां | Precautions
रसायन चूर्ण पूर्णत: सुरक्षित औषधि है | इसका सेवन करने से किसी भी प्रकार की हानि या नुकसान शरीर में नहीं होते | लेकिन निर्धारित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए | निर्धारित खुराक से अधिक मात्रा में सेवन करने से सीने में जलन, चक्कर या जी मितलाने जैसी समस्याएँ हो सकती है | अत: रसायन चूर्ण का निर्धारित खुराक में सेवन करने से कोई भी नुकसान नहीं होते |
सामान्य पूछे जाने वाले सवाल – जवाब | FAQ
Q: क्या रसायन चूर्ण शास्त्रोक्त औषधि है ?
Ans: जी हाँ, यह आयुर्वेद की शास्त्रोक्त औषधि है जिसका वर्णन अष्टांग हृदयं में मिलता है |
Q: रसायन चूर्ण के घटक क्या है ?
Ans: रसायन चूर्ण आंवला, गोखरू एवं गिलोय जड़ी-बूटियों के समान मात्रा से बनता है | इनके चूर्ण को समान मात्रा में मिलाने से रसायन चूर्ण का निर्माण होता है |
Q: रसायन चूर्ण के क्या फायदे हैं ?
Ans: यह पुरुषों के यौन दुर्बलता, धातु विकृति, रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी, एवं सामान्य दुर्बलता को दूर करने में फायदेमंद है |
Q: रसायन चूर्ण का सेवन कब करना चाहिए ?
Ans: सामान्यत: इसका सेवन सुबह एवं शाम में गुनगुने जल के साथ किया जाता है | अगर वैद्य ने अलग तरीका बताया है तो आप इसे उसी तरीके से सेवन करें |
Q: क्या इसे कोई भी सेवन कर सकता है ?
Ans: रसायन चूर्ण को सभी प्रकृति एवं उम्र के लोग सेवन कर सकते है | इसे पुरुष एवं महिला दोनों समान रूप से उपयोग कर सकते है |
विडियो देखें
धन्यवाद |
Rasayan churna ke saath ashwagandha ka use kaise kar sakte hai sahi vidhi aur dono ke beech kitna time difference rakhana chahiye