[आयुर्वेद परिपेक्ष्य] पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए | Period ke kitane din bad sambandh banana chahiye

पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए यह महज एक सवाल प्रतीत होता है लेकिन अगर हम आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो माहवारी के समय सहवास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है | आज इस लेख में हम आपको पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए की जानकारी देंगे |

सामान्यत: महिलाओं में 4 से 6 दिन तक पीरियड चलता है | इस समयांतराल के दौरान गर्भाशय से बिना फर्टाइल हुआ अंडा बाहर निकलता है | योनी से रक्त के साथ अंडे के अवशेष भी निकलते रहते है अत: शुरूआती दिनों में संबंध बनाना मुश्किल होता है | शुरुआत के 1 से लेकर 3 दिन तक अधिक मात्रा में पीरियड चलता है जो 4 व 6 दिन कम होता – होता बंद हो जाता है |

पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए

यह प्रक्रिया किसी स्वस्थ महिला में 4 से 5 दिन से लेकर अधिकतम 7 दिन तक रहती है | इस समय सहवास सुरक्षित है या नहीं यह पूर्णतया कहा नहीं जा सकता | आयुर्वेद की दृष्टि से देखा जाये तो माहवारी के समय सहवास निषेद्ध है | हमारे पुरातन ग्रंथों में बताया गया है कि इस समय महिला की योनी से एक विशिष्ट प्रकार का टोक्सिन निकलता है जो महिला एवं पुरुष दोनों के लिए ही नुकसान दायक होता है |

अत: पीरियड्स के दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाना नुकसानदायक हो सकता है | अगर आप प्रेगनेंसी कैन्सिव करना चाहती है एवं यह जानना चाहती है कि गर्भधारण के लिए सही समय कौनसा है तो इस लेख को पूरा पढ़िए हमने यहाँ पर आयुर्वेद सिद्धांतो के आधार पर पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए की जानकारी उपलब्ध करवाई है |

सबसे पहले जानते है पीरियड्स कब एवं कैसे आता है | अर्थात पीरियड्स के बारे में आयुर्वेद ग्रंथो में क्या लिखा गया है |

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पीरियड्स (माहवारी) का समय | Menstrual Cycle

आयुर्वेद के विभिन्न ऋषि मुनियों ने महिलाओं में आने वाले पीरियड्स के आने का समय एवं मात्रा सभी के बारे में आज से हजारों साल पहले ही बता दिया था और यह आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बिलकुल मेल खाता है |

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से 12 से 15 साल की बालिका के अंडाशय प्रतिमहिने एक डिम्ब (अंडे) का उत्सर्जन करते है | यह अंडा Fallopian tube के द्वारा गर्भाशय में पहुँचता है | गर्भाशय में यह रक्त एवं तरल पदार्थ से गाढ़ा हो जाता है | अगर इस समय शुक्र के मेल से अंडा उर्वरित हो जाये तो यह इसी रक्त एवं तरल पदार्थ से उर्जा लेकर बढ़ने लगता है और गर्भ ठहर जाता है |

लेकिन जब शुक्र का संयोग नहीं होता तब यह अंडा बिना नेषिचित हुए यौनी मार्ग से बाहर निकलने लगता है | इसे ही पीरियड्स या मासिक चक्र बोलते है | यह प्रत्येक महिला में 28 दिन के अन्तराल से होता है एवं 4 से 5 दिन तक चलता है | इसे ही मासिक धर्म कहा जाता है |

क्या पीरियड्स में संबंध बनाना चाहिए (आयुर्वेद क्या कहता है) ?

आयुर्वेद अनुसार माहवारी के नियम

पीरियड्स में संबंध बनाने के लिए विभिन्न आचार्यों ने निषेध किया है | माहवारी के समय विवाहित महिला एवं पुरुष दोनों के लिए नियम आचार्यों द्वारा बताये गए थे |

आयुर्वेद अनुसार पीरियड्स के समय संबंध बनाना पुरुष एवं महिला दोनों के लिए नुकसान दायक माना गया है | इस समय महिला की योनी से एक विशेष प्रकार का तरल पदार्थ निकलता है जो दोनों के लिए ही हानिकारक होता है | ग्रंथों में पीरियड्स के दौरान स्त्रियों के लिए ब्रह्मचर्या के पालन का नियम बताया गया है |

इस समय महिला के स्वेद एवं स्तन्य (दूध) से एक रजोविष (Menstruation Toxin) निकलता है जो नुकसान दायक है | इस समय दूध पिलाने वाली महिलाओं के बच्चों को भी कुछ परेशानियाँ आती है |

अत: अगर इस आधार पर देखा जाये तो पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना सुरक्षित नहीं है एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से पीरियड्स में संबंध नहीं बनाने चाहिए | आधुनिक मतानुसार भी इस समय बनाये गए असुरक्षित यौन संबंध नुकसानदायक साबित हो सकते है |

पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए ?

माहवारी के चौथे दिन या जब माहवारी खत्म हो उस दिन से लेकर 12 या 16 दिन तक संबंध बनाना गर्भधारण के लिए उपयुक्त माना गया है | आचार्य सुश्रुत ने मासिक धर्म दिखलाई पड़ने से लेकर 12 रात्रि तक का समय गर्भाधान के लिए उपयुक्त माना है | वहीँ अन्य आचार्यों ने इसे 16 रात्रि का भी माना है |

अर्थात माहवारी के 12 या 16 रात्रि तक स्त्रियों को गर्भ ठहरने की सम्भावना अधिक होती है | इस समय अगर पीरियड के प्रथम दिन सहवास किया जाये तो यह पुरुष के लिए आयुनाशक माना गया है एवं अगर इस समय गर्भ ठहर जाये तो वह गर्भ जीवित नहीं रहता |

अत: पीरियड के चौथे दिन या जिस दिन मासिक धर्म बंद हो उस दिन स्त्री को स्नान करके पुरुष के समक्ष सहवास के लिए जाना चाहिए |

आयुर्वेद अनुसार इस समय अगर समयुग्म तिथियों में संबध बनाया जाये तो अधिक फलदाई होता है | क्योंकि 4, 6, 8, 10, और 12 ये संयुग्म तिथियाँ हैं | इन में बल, आयु, आरोग्य, सौंदर्य एवं एश्वर्य का बल अधिक होता है | इन सम युग्म तिथियों को बनाये गए संबंध से पुत्र प्राप्ति होती है |

एवं वही विषम तिथियाँ 5, 7, 9 एवं 11 में किया गया समागम पुत्री की प्राप्ति देता है | हालाँकि पुत्र एवं पुत्री की प्राप्ति आधुनिक मतानुसार X एवं Y गुणसूत्र के आधार पर निर्धारित होती है |

लेकिन फिर भी अन्य स्वास्थ्य दृष्टि से देखा जाये तो निरोगी, बलवान एवं सुन्दर संतान के लिए समतिथियों में ही संबंध बनाने चाहिए |

सामान्य सवाल – जवाब | FAQ

गर्भधारण के लिए पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए ?

पीरियड के 4 दिन से लेकर 12 दिन तक गर्भ धारण के लिए उपयुक्त समय रहता है | इस समय महिला के गर्भाशय का मुंह खुला रहता है एवं आसानी से गर्भधारण हो जाता है |

पीरियड कितने दिनों तक चलता है ?

सामान्यत: पीरियड प्रतिमहीने 28 वे दिन आकर 4 से 7 दिन तक चलता है | अगर यह समय कम या ज्यादा है तो उचित उपचार लेना चाहिए |

क्या पीरियड में संबंध बनाना सुरक्षित है ?

जी नहीं, मासिकधर्म के समय यौन संबंध बनाना सुरक्षित नहीं है |

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