Himalaya liv 52 ds Tablet uses in Hindi | लिव ५२ डीएस टेबलेट के उपयोग हिंदी में

Himalaya liv 52 ds tablet uses in Hindi | हिमालया आयुर्वेदिक फार्मेसी की लिव 52 टेबलेट एवं सिरप काफी समय से चिकित्सकों के बीच प्रशिद्ध है | यह मुख्य रूप से लीवर की समस्याओं में उपयोग होने वाली आयुर्वेदिक टेबलेट है |

Liv 52 DS Tablet का निर्माण आयुर्वेदिक घटकों द्वारा किया जाता है अत: यह पूर्णत: आयुर्वेद सिद्धांत पर आधारित दवा है | हालाँकि अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति के डॉक्टर भी इसे प्रमुखता से prescribe करते है | इस दवा पर हुए बहुत से अनुसंधानों में इसे लीवर की बेहतरीन दवा के रूप में ख्याति प्राप्त हुई है |

प्रशिद्ध कंपनी हिमालय द्वारा Liv 52 को सन 1955 में प्रथम बार लांच किया गया था | अपने लांच के बाद अब तक इस पर 300 से अधिक रिसर्च जर्नल पब्लिश हो चुके है एवं इसे लीवर एवं पाचन सुचारू करने के लिए सबसे अधिक प्रभावी दवा के रूप में विख्याति मिली है |

साथ ही WHO एवं आयुष मंत्रालय की तरफ से आयुर्वेद दवाओं के लिए की जाने वाली पारे की जांच में भी इसे सुरक्षित पाया गया है |

liv 52 ds Tablet uses in Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको Liv 52 DS Tablet के उपयोग एवं इसके अन्य विवरण से अवगत करवाएंगे |

Medicine Name Liv 52 DS Tablet
Manufacturer Himalaya Wellness
Packing60 Tab
Ingredients Himsra, Kasani, Kakmashi, Arjuna, Mandur Bhashma
Price153 Rupees
Expiration3 Years from manufacturing date
Uses Liver
Availability Online and Offline
CategoryAyurveda Medicine

लिव 52 डीएस टेबलेट के घटक द्रव्य | Ingredients of Liv 52 DS Table in Hindi

इसमें निम्न घटक जड़ी – बूटियों का समावेश होता है | आप इस लिस्ट के माध्यम से इसे जान सकते है |

  1. कासनी – 130 mg
  2. कंथारी – 130 mg
  3. कासमर्द – 32 mg
  4. अर्जुन – 64 mg
  5. मंडूर भस्म – 66 mg
  6. बीरनजशिफा – 32 mg

भावनार्थ

  1. भृंगराज
  2. भूमि आंवला
  3. पुनर्नवा
  4. गिलोय
  5. दारू हल्दी
  6. आंवला
  7. चित्रक
  8. विडंग
  9. हरीतकी
  10. पित्त पापड़ा
  11. मूलक

Liv 52 DS Tablet Uses and Benefits in Hindi | लिव 52 डीएस टेबलेट के उपयोग एवं फायदे

यहाँ हमने इसके चिकित्सकीय उपयोग एवं सामान्य स्वास्थ्य लाभों के बारे में विस्तृत रूप से समझाया है | आप निचे दी गई सूचि में इसके उपयोग एवं फायदों के बारे में जान सकते है |

  • लीवर रोग में यह अत्यंत लाभदायक औषधि है | इसमें कासनी एवं कंथारी जैसे घटक द्रव्य है जो लीवर के सामान्य विकारों को दूर करने का कार्य करते है | कासनी लीवर डेटोक्सीफायर के रूप में लीवर को साफ़ करने का कार्य करती है |
  • यह शराब, अन्य दवा एवं खाने के साथ गई घातक टोक्सिंस से लीवर की रक्षा करती है |
  • हेपेटाईटिस रोग में भी यह दवा लाभदायक है | हिमसरा घटक द्रव्य hepatoprotectiv गुणों से युक्त जड़ी बूटी है जो एन्जाइम्स के स्तर को नियंत्रित करके रोग से रक्षा करती है |
  • यह ख़राब पाचन, कब्ज एवं आँतों की समस्या में भी उपयोगी है |
  • भूख ना लगना, लम्बे समय से कब्ज की समस्या एवं पेट की समस्याओं में भी liv 52 ds tablet के सेवन से आराम मिलता है |
  • गर्भावस्था में भूख न लगने की समस्या में भी यह उपयोगी साबित होती है | वैद्य इसका सेवन गर्भावस्था में भी सुरक्षित बताते है |
  • पांडू अर्थात पीलिया रोग में भी लीवर को नुकसान पहुँचता है एसे में वैद्य यकृत के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए लिव 52 टेबलेट या सिरप का इस्तेमाल करवाते है |
  • फैटी लीवर में भी हिमालय वैलनेस की liv 52 tablet और syrup दोनों का इस्तेमाल उपयोगी साबित होता है |
  • अधिक शराब सेवन से यकृत को काफी नुकसान पहुँचता है | एसी स्थिति में भी लिव 52 टेबलेट का उपयोग काफी फायदेमंद साबित होता है | वैद्य सलाह से ही दवा का सेवन करना चाहिए |
  • Liver Cirrhosis भी एक यकृत का रोग है जो लम्बे समय तक चलने वाला रोग है | आयुर्वेदिक चिकित्सक लीवर सिरोसिस रोग में इस दवा का सेवन करवाते है और यह उपयोगी साबित होती है |
  • यकृत की सफाई में भी यह दवा लाभदायक है | इसके सेवन से यकृत की सफाई होती है |

लिव 52 डीएस टेबलेट की सेवन मात्रा एवं विधि | Doses of Liv 52 DS Tablet in Hindi

इस टेबलेट की खुराक 1 से 2 गोली दिन में 2 से 3 बार आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अनुसार लेनी चाहिए | गर्भवती स्त्री एवं बच्चों को भी यह दवा खिलाई जा सकती है | लेकिन उपयोग से पहले कृपया अपने नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें |

इसका सेवन निर्धारित मात्रा एवं अनुपान अनुसार करना अधिक उपयोगी होता है | वैद्य आपके रोग एवं बला बल अनुसार औषधि का निर्धारण करते है अत: सेल्फ मेडिकेशन से बचे एवं पूर्ण उपचार के लिए वैद्य सलाह से ही दवा का सेवन करें |

दवा के नुकसान | Side effects of Himalaya Liv 52 DS Tablet in hindi

सैंकड़ो रिसर्च में इस दवा को सुरक्षित बताया है | यह पूर्णत: आयुर्वेद सिद्धांतो पर निर्मित दवा है | साथ ही इसके कोई भी दुष्प्रभाव शरिर पर नहीं है | ध्यान दें निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन करना एवं गलत तरीके से दवा का सेवन करना आपको नुकसानों की तरफ ले जा सकते है |

अत: दवा का निर्धारण वैद्य को ही करने दें | हालाँकि यह दवा दुष्प्रभाव रहित है फिर भी गलत तरीके से सेवन एवं गलत मात्रा में सेवन सिरदर्द, पेटदर्द एवं जी मचलाना जैसी समस्याएँ दिखा सकता है |

सामान्य सवाल – जवाब | FAQ About Liv 52 DS Tablet

Liv 52 और Liv 52 DS में क्या अंतर है ?

दोनों ही टेबलेट लीवर के रोगों में उपयोग होती है | इनमे फर्क सिर्फ इतना है कि Liv 52 DS की ताकत को बढाया गया है एवं इसके घटक द्रव्यों को अधिक मॉडिफाई किया गया है |

लिव 52 गोली खाने से क्या फायदा होता है ?

इसको खाने से लीवर के रोग, पाचन की समस्या, भूख न लगना, पीलिया आदि में आराम मिलता है | साथ ही यकृत को डेटोक्स करने के लिए भी फायदेमंद है |

Liv 52 DS टेबलेट का इस्तेमाल कैसे करना है ?

इसका इस्तेमाल 1 से 2 गोली दिन में 2 से 3 बार वैद्य सलाह अनुसार इस्तेमाल किया जा सकता है |

Liv 52 DS Tablet को कब खाना चाहिए ?

इस दवा को हमेंशा खाना खाने के आधा घंटे पश्चात खाना चाहिए |

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