त्रयोदशांग गुग्गुलु : यह आयुर्वेद चिकित्सा की शास्त्रोक्त दवा है | जिसका इस्तेमाल लकवे, गठिया एवं वातव्याधियों के लिए किया जाता है | यह क्लासिकल प्रिपरेशन गुग्गुलु प्रकरण की दवाओं में आती है | गुग्गुलु प्रकरण की दवाएं वे होती है जिनमे गुग्गुलु मिलाकर दवाओं का निर्माण किया जाता है |
सर्वाइकल, हाथ पैरों में जकड़न, मांसपेशियों में जकड़न, गठिया रोग, पक्षाघात (लकवा) एवं सभी प्रकार की वात व्याधियां त्रयोदशांग गुग्गुलु के सेवन से ठीक हो जाती है | आयुर्वेदिक चिकित्सक इन रोगों में अन्य औषध योगों के साथ त्रयोदशांग गुग्गुलु का प्रयोग भी बताते है |
चलिए अब आपको इसके घटक द्रव्यों के बारे में बताते है |
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त्रयोदशांग गुग्गुलु के घटक द्रव्य / Ingredients of Trayodashang Guggulu in Hindi
इसमें निम्न घटक द्रव्य इस्तेमाल में आते है –
- बबूल छाल (Acacia Arabica)
- अश्वगंधा (Withania Somnifera)
- हाउबेर (Juniperus Communis)
- गिलोय (Tinospora Cordifolia)
- शतपुष्पा (Foeniculum valgare)
- सोंठ (Zinziber)
- गोखरू (Tribulus Terriestris)
- शतावरी (Aspragus Racemosus)
- कर्चुर (Curcuma Zedoaria)
- यवानी (Trachyspermum ammi)
- वृद्ध दारू (Argyria Speciosa)
- रास्ना (Pluchea Lanceolata)
- गुग्गुलु (Commifura Mukul)
- घी (Cow Ghrita)
त्रयोदशांग गुग्गुलु कैसे बनता है
इसे बनाने की विधि बहुत ही सरल है | सबसे पहले ऊपर बताई गई सभी काष्ठ औषधियों का महीन चूर्ण बना लिया जाता है | इन काष्ठ औषधियों की मात्रा सभी की समान होती है | अब शुद्ध गुग्गुलु लेकर इससे एक चौथाई घी लिया जाता है |
अब खरल में सभी द्रव्यों का चूर्ण एवं गुग्गुलु डालकर ऊपर से एक चौथाई घी डालकर मर्दन किया जाता है | जब यह गोलियां बनाने लायक हो जाये तो 250 mg की गोलिया बना ली जाती है | इस प्रकार से तैयार औषधि त्रयोदशांग गुग्गुलु कहलाती है |
भले ही इसे बनाने की विधि आसान है लेकिन फिर भी किसी भी आयुर्वेदिक औषधि को निपुण वैद्य एवं फार्मासिस्ट की देख रेख में बनाया जाना चाहिए | इस प्रकार से औषधि की गुणवता बढती है एवं उससे नुकसान होने का डर भी नहीं रहता |
त्रयोदशांग गुग्गुलु के फायदे / Health Benefits of Trayodashang Guggulu in hindi
- सर्वाइकल स्पोंडीलाइसीस रोग में यह बहुत फायदेमंद औषधि है |
- गठिया एवं सर्वांग वात में इसका सेवन करने से वात वृद्धि के कारण होने वाले दर्द से मुक्ति मिलती है |
- हाथ पैरों की जकड़न, मांसपेशियों की जकड़न आदि में भी यह लाभदायक है |
- लकवे एवं पक्षाघात में त्रयोदशांग गुग्गुलु सेवन करना फायदेमंद रहता है |
- नियमित सेवन से लकवा ठीक होने लगता है |
- वात विकृति के कारण होने वाले दर्द में बहुत फायदेमंद औषधि है |
- वातनाशक औषधियों के अनुपान के साथ इसका सेवन करने से सभी वातविकृतियाँ नष्ट होती है |
- पेट में वायु भरना एवं दर्द होने में भी लाभदायक आयुर्वेदिक दवा है |
सेवन विधि / Doses
इसका सेवन 2 से 4 वटी सुबह – शाम गर्म जल या दूध के साथ करना चाहिए | विभिन्न रोगों में वैद्य परामर्श से अलग – अलग अनुपान के साथ इसका सेवन किया जा सकता है |
सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना अधिक फायदेमंद साबित होती है |
त्रयोदशांग गुग्गुलु का मूल्य / Trayodashang Guggulu Price in Hindi
- Baidyanath Trayodashang Guggulu Price – Rs. 170
- Patanjali Trayodashang Guggulu Price – Rs. 56
- Dabur Trayodashang Guggulu Price – Rs. 92
- Dhootpapeshwar Trayodashang Guggulu Price – Rs. 138
- Unjha Trayodashang Guggulu Price – Rs. 118
सवाल – जवाब / FAQ
क्या त्रयोदशांग गुग्गुलु सेवन करना सेफ है ?
जी हाँ यह पूर्णत: सेफ आयुर्वेदिक दवा है |
इसके क्या फायदे है ?
सर्वाइकल, आर्थराइटिस, पेरालिसिस एवं वात विकृतियों में इसका उपयोग करने से रोग नष्ट होने लगते है |
क्या यह नशा पैदा करती है ?
जी नहीं, इस दवा में कोई भी कंटेंट एसा नहीं है जो शरीर में आलस या नशा करे | आप वैद्य परामर्श से बेझिझक सेवन कर सकते है |
कहाँ मिलती है ?
यह सभी आयुर्वेदिक दवा की दुकानों एवं ऑनलाइन जैसे अमेज़न आदि वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है |
त्रयोदशांग गुग्गुलु के क्या नुकसान है ?
इसके कोई भी ज्ञात दुष्प्रभाव नही है | चिकित्सक की सलाह से सेवन करने से इस औषधि के कोई भी नुकसान नहीं देखे गए है | अत: नुकसान के रूप में यह पूर्णत: सेफ आयुर्वेदिक दवा है |
Reference (External Link) : https://www.researchgate.net/figure/Ingredients-of-Trayodashang-Guggulu_tbl1_315330757
धन्यवाद |