
अल्सर की 5 आयुर्वेदिक दवाएं – पतंजलि, बैद्यनाथ |
अल्सर को घाव कहा जाता है | यह घाव जब आपके अमाशय में हो जाता है तो इसे पेप्टिक अल्सर पुकारा जाता है | घाव शब्द से यह सामान्य रोग लगता है लेकिन पेट के अंदरूनी हिस्सों में घाव होना आप समझ सकते है कि कितना ख़तरनाक साबित हो सकता है |
शरीर के बाहरी हिस्से पर घाव का उपचार आसानी से किया जा सकता है , लेकिन अमाशय में घाव होने पर उपचार में थोड़ी कठिनाई आती है | अत: अल्सर जैसे रोगों का चिकित्सकीय सलाह से तुरंत उपचार शुरू कर देना चाहिए |
यह रोग कई प्रकार का होता है, जैसे गैस्ट्रिक अल्सर, ड्यूडीनल अल्सर आदि | हमने पहले ही अल्सर रोग की सम्पूर्ण जानकारी यहाँ पर आपके साथ शेयर की है | आप अल्सर रोग को पूर्ण समझने के लिए यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते है |
अधिक जानने के लिए क्लिक करें – पेप्टिक अल्सर
आज इस आर्टिकल में हम अल्सर की आयुर्वेदिक दवा ओं के बारे में बताएँगे जो आयुर्वेदिक चिकित्सक अल्सर के इलाज में काम लेते है | यहाँ पर आप पतंजलि में अल्सर की दवा या अन्य सभी आयुर्वेदिक कंपनियों की दवाओं के बारे में जानेंगे |
अल्सर की 5 आयुर्वेदिक दवाएं
रोग के उपचार में निम्न आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल रोग के प्रकार एवं रोगी की स्थिति के अनुसार आयुर्वेदिक चिकित्सक करते है | ये सभी आयुर्वेदिक सामान्यत: अल्सर में काम आने वाली आयुर्वेदिक दवाएं अत: बैगर चिकित्सक के परामर्श इनका सेवन नहीं करना चाहिए | ये सभी दवा पतंजलि, बैद्यनाथ, धुतपापेश्वर आदि कंपनियों की मिलती है |
1 . पतंजलि दिव्य कुटजघन वटी

सिद्ध योग संग्रह में उल्लेखित यह दवा संग्रहणी, अतिसार एवं अल्सर के उपचार में प्रमुखता से उपयोग में ली जाती है | इस दवा का सेवन ठन्डे पानी के साथ दिन में 2 से 3 बार दो – दो गोली के रूप में प्रयोग किया जाता है | अल्सर की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि (Patanjali) में यह दवा बहुत उपयोगी है |
2. दिव्य सूतशेखर रस

सूतशेखर रस पतंजलि, बैद्यनाथ आदि सभी आयुर्वेदिक फार्मेसी में निर्माण की जाती है | पित्त की अधिकता, संग्रहणी, गुल्म एवं अल्सर आदि रोगों में प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है | इसका सेवन 2 रति तक शहद के साथ किया जाता है |
3. पतंजलि नागकेसर एवं लोध्र त्वक चूर्ण योग

लोध्र त्वक चूर्ण का इस्तेमाल नागकेशर चूर्ण, प्रवाल भस्म, मुक्त भस्म, शंख भस्म एवं शुक्ति भस्म आदि का योग बनाकर भी अल्सर रोग में आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रयोग करवाते है | पतंजली में ये सभी चूर्ण एवं भस्म आसानी से उपलब्ध हो जाते है |
4. वत्सकादी चूर्ण

यह सौंफ, छोटी इलायची, धनिया एवं बिल्व जैसे औषध योगों से निर्मित होने के कारण अल्सर में अति फायदेमंद आयुर्वेदिक दवा है | ये सभी आयुर्वेदिक द्रव्य अल्सर में तुरंत राहत देने वाले होते है | अत: वत्सकादी चूर्ण भी अल्सर में अति फायदेमंद साबित होता है |
5. पतंजली दिव्य अर्जुन चूर्ण

आयुर्वेद की प्रमुख जड़ी – बूटी अर्जुन से निर्मित यह चूर्ण अल्सर में अतिलाभदायक है | यह अमाशय की अंदरूनी दीवारों को जल्दी ही भरने में सहायक है | यह टोक्सिनस आदि से उदर की रक्षा करता है |
धन्यवाद |
Pet me chhala hai aur gas banta hai chhati me jalan hota h. Aur kabhi kabhi loose motion ho jata h .3sal ho gya sir. Bawasir bhi ho gya h sir
Kaun sa dawayi is karu sir pls batao sir
हरी साहू जी,
कृपया एक बार अपने नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सम्पर्क करें | रोग एवं रोगी के परिक्षण पर ही दवा का निर्धारण होता है | गैस एवं जलन के लिए अविपत्तिकर एवं हिंग्वाष्टक चूर्ण का सेवन कर सकते है साथ ही डाइट भी सुधारें |
धन्यवाद |
Pet me chhala h dard hota h
मुह का अल्चर का प्रॉब्लम है