सिजेरियन डिलीवरी के बाद मासिक धर्म से जुडी खास बातें एवं आयुर्वेदिक केयर

अगर आपकी सिजेरियन डिलीवरी या सी सेक्शन हुआ है तो मासिक धर्म से जुडी कुछ खास बातों को आपको जानलेना चाहिए | आज हम इस आर्टिकल में सिजेरियन डिलीवरी के बाद होने वाले मासिक धर्म की समस्याओं के बारे में बताएँगे साथ ही इसकी सही केयर की जानकारी भी साझा करेंगे |

सिजेरियन डिलीवरी

सिजेरियन या C – Section डिलीवरी प्रसव की वह प्रक्रिया है जिसमे किसी कारणवस या इच्छा अनुसार एक या एक से अधिक बच्चों का जन्म सर्जरी द्वारा करवाया जाता है | वर्तमान में इस प्रकार का प्रसव सुरक्षित है लेकिन इसके प्रभाव से महिलाओं में कई प्रकार की समस्याओं का जन्म होता है जैसे मोटापा, दर्द एवं मासिक धर्म की अनियमितताएँ आदि |

मासिक धर्म से जुडी ये समस्याएँ हो सकती है सिजेरियन के बाद

प्रसव की दोनों अवस्थाओं (सामान्य एवं सर्जरी) में ये समस्याएँ देखने को मिलती है , लेकिन सिजेरियन डिलीवरी वाली महिलाओं में इन समस्याओं की सम्भावना अधिक होती है |

पहला मासिक धर्म देर से आना

अनियमित मासिक धर्म

प्रसव के पश्चात महिलाओं में पहला मासिक धर्म लम्बे अन्तराल के बाद शुरू हो सकता है | यह आपके शिशु को दूध पिलाने के रूटीन पर निर्भर करता है | अगर आप शिशु को कम मात्रा एवं कम अन्तराल तक दूध पिला रही है तो माहवारी जल्दी शुरू हो सकती है या फिर आप बार – बार दूध पिला रही है तो माहवारी लम्बे समय तक रुकी हुई रह सकती है |

दूसरा माहवारी देर से आना आपकी शारीरिक परिस्थितियों पर भी निर्भर करती है | यह अलग – अलग महिलाओं में भिन्न हो सकती है |

अगर आप जल्दी माहवारी चाहती है तो बच्चे को कम मात्रा में दूध पिलावे एवं उचित खान – पान का ध्यान रखें | लेकिन माहवारी के लिए बच्चे के दूध में कटोती करना शिशु के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है |

अनियमित मासिक धर्म

सिजेरियन प्रसव के पश्चात अधिकतर महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म की समस्या से जूझना पड़ता है | इस दौरान सामान्य चलने वाले मासिक धर्म से कम या ज्यादा अन्तराल तक मासिक धर्म चलने की शिकायत हो सकती है |

कई महिलाओं को समय से पहले अर्थात 28 दिनों से पहले ही मासिक धर्म शुरू हो जाता है जो किसी महिला में 1 दिन होकर रुक जाता है तो किसी महिला में 7 से 8 दिन तक भी चलता है |

अधिक या कम मासिक रक्त स्राव

सी – सेक्शन डिलीवरी के पश्चात मासिक धर्म के दौरान आने वाले रक्त स्राव की मात्रा एवं समय में बदलाव देखने को मिलते है | मासिक धर्म के समय आने वाले रक्त की मात्रा में अधिकता या कमी भिन्न – भिन्न महिलाओं में अलग – अलग देखने को मिलती है | यह समस्या प्रथम मासिक धर्म के पश्चात भी बनी रहती है |

एसे में चिकित्सक से राय लेकर औषध ग्रहण करनी चाहिए |

पीरियड्स के दौरान तेज दर्द या बुखार

बुखार

सिजेरियन डिलीवरी के पश्चात महिलाओं में कई हार्मोन्स में परिवर्तन होता है | इसी कारणवस पीरियड्स के दौरान प्रसूता को तेज दर्द की शिकायत हो सकती है | यह अधिकतर सी – सेक्शन डिलीवरी वाली महिलाओं में देखने को मिलती है |

साथ ही हार्मोन्स में बदलाव के कारण महिलाओं को बुखार जैसी समस्याएँ का सामना भी मासिक धर्म के दौरान करना पड़ता है | एसे में अगर आपको 1 या 2 दिन पश्चात भी बुखार बनी रहे तो चिकित्सक से सम्पर्क करें |

सिजेरियन डिलीवरी में आयुर्वेदिक केयर

सी सेक्शन के पश्चात महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए | सामान्य प्रसुताओं से सिजिएरियन प्रसुताओं को ठीक होने में अधिक समय लगता है | इनका विशेष ध्यान भी रखा जाना चाहिए | निम्न बिन्दुओं से आप इनकी आयुर्वेदिक केयर के बारे में जान सकते है |

  • ऑपरेशन से शिशु जन्म के पश्चात खान – पान का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए | शुरूआती अवस्था में बिलकुल ह्ल्का भोजन जैसे – दलीय , खिचड़ी आदि का सेवन फायदेमंद रहता है |
  • ऑपरेशन के पश्चात जब तक चिकित्सालय से छुट्टी न मिले तब तक हॉस्पिटल में ही रहना उचित रहता है |
  • सिजेरियन डिलीवरी के पश्चात अधिकतर महिलाओं को कब्ज की शिकायत रहती है एसे में शुरूआती अवस्था में हल्का भोजन एवं पौष्टिक भोजन करना चाहिए |
  • आहार में दलिया, खिचड़ी, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल एवं अधिक फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए |
  • लगभग 6 महीने तक प्रसूता को आराम करना चाहिए |
  • ऑपरेशन के टांको का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए | घाव एवं टांको को लगभग 15 – 20 दिन पश्चात गीले कपड़े से पोंछना चाहिए |
  • 5 सप्ताह तक लेट कर आराम करें |डॉक्टर की सलाह से घर का काम करें |
  • कुछ समयान्तरल पश्चात चलना फिरना शुरू करें ताकि पाचन तंत्र ठीक रहे |

धन्यवाद |

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