गर्भावस्था / Pregnancy के 9 महीने – बच्चे एवं माता का विकास एवं शारीरिक परिवर्तन

गर्भावस्था के 9 महीने / 9 Months of Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के 9 महीने – गर्भधारण करना किसी महिला के जीवन का सबसे सुखद अनुभव है | गर्भधारण होने के बाद महिला के शरीर में कौन – कौन से परिवर्तन होते है एवं गर्भस्थ शिशु का विकास हर महीने में किस प्रकार से होता है | इसका ज्ञान होना सभी गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक होता है | आज हम आपको महीने दर महीने बच्चे एवं माता के शरीर में होने वाले परिवर्तनों एवं विकास के बारे में बताएँगे |

 

गर्भावस्था के 9 महीने
गर्भावस्था के 9 महीने

इन गर्भावस्था के 9 महीने को तीन तिमाहियों में बांटा जा सकता है

  1. प्रथम त्रिमाही
  2. द्वितीय त्रिमाही
  3. तृतीय त्रिमाही

1. प्रथम तिमाही (त्रिमाही) – 1 से 3 महीने तक


गर्भावस्था के पहले तीन महीने बहुत महत्वपूर्ण होते है , क्योंकि कई महत्वपूर्ण शारीरिक परिवर्तन इन 3 महीनो में ही घटित होते है | प्रारंभिक चरण में भले ही आप को प्रेगनेंसी का अहसास तक न हो , लेकिन इन 3 महीनों में सबसे अधिक ध्यान देने की जरुरत होती है | इन तीन महीनों का वर्णन हमने हर महीने अनुसार दिया है –

गर्भावस्था का पहला महीना में परिवर्तन

गर्भिणी के शरीर में परिवर्तन – पहले महीने में आप अपने शरीर में कोई भी परिवर्तन महसूस नहीं कर सकती | लेकिन जब आपका मासिक धर्म का समय निकल गया हो और आपका पीरियड न आया हो तो प्रेगनेंसी के लक्षण जैसे – जी मचलाना , बेहोसी, चक्कर आना, थकान और कुछ पदार्थों के लिए मन में गहरी इच्छा होना आदि लक्षण प्रकट होने लगते है |

गर्भस्थ शिशु – इस समय के शिशु को भ्रूण कहा जा सकता है , जो गर्भाशय में स्थिर होने के लिए जगह ढूंढता है | इस महीने में शुरुआती स्टेज में भ्रूण के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र, रीड की हड्डी और स्पाइनल कोलौमं का प्रारंभिक गठन शुरू हो जाता है | साथ ही बच्चे की जठरांत्र प्रणाली के साथ , गुर्दा, यकृत और आंतो का विकास भी प्रारंभिक अवस्था में शुरू हो जाता है | पहले महीने में ही बच्चे के दिल का निर्माण भी शुरू हो जाता है |

गर्भावस्था का दूसरा महीना / 2nd Month of Pregnancy

गर्भिणी का शरीर – दुसरे महीने में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण आपकी त्वचा में चमक बढ़ जाती है | दुसरे महीने से ही आपको रेगुलर चेकप (Check-up) के लिए चिकित्सक के पास जाना शुरू कर देना चाहिए |

गर्भस्थ शिशु – दुसरे महीने की शुरुआत में भ्रूण की लम्बाई 10mm तक होगी और साथ ही शरीर के मुख्य ओर्गंस भी बनने लगते है | इस महीने में भ्रूण अपने रक्त के प्रकार का निर्माण करता है जो माता के रक्त से भिन्न हो सकता है | भ्रूण में हेयर फॉलिकल , निप्पल और घुटने एवं कोहनी दिखाई देने लगती है | साथ ही भ्रूण में चेहरे को भी पहचाना जा सकता है | भ्रूण में मुख्य मांस पेशियाँ का निर्माण भी होने लगता है एवं भ्रूण हल्का स्थानांतरित करने में भी सक्षम हो जाता है | इस महीने के अंत तक भ्रूण 22mm तक लम्बा हो जाता है |

गर्भावस्था का तीसरा महीना / 3rd Month of Pregnancy

गर्भिणी का शरीर – तीसरे महीने की शुरुआत में आपके शरीर में मोर्निग सिकनेस या मितली आने जैसे लक्षण प्रकट हो सकते है जो तीसरे महीने के अंत तक चलते है | इस महीने में आपकी गर्भावस्था स्पष्ट देखी जा सकती है | शुरूआती सप्ताह में होने वाली थकावट और आलस को आप इस महीने में महसूस नहीं करेंगी |

शिशु – तीसरे महीने में आपका शिशु अब फ़ीटस कहलाने लगता है अर्थात इस महीने में भ्रूण का विकास होकर यह फ़ीटस की फॉर्म में आ जाता है | तीसरे महीने में बच्चे के दिल का पूर्ण निर्माण हो जाता है जिसे Doppler मशीन द्वारा सुना जा सकता है | बच्चे के अधिकतर उतकों और ओर्गंस का अब निर्माण हो चूका होता है और यकृत में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण होना शुरू हो जाता है | इस महीने में चेहरे को और साफ़ तरीके से पहचाना जा सकता है और आँखों का ज्यादातर निर्माण हो जाता है | हाथ एवं हाथ की अंगुलियाँ , पैर और पैर की अँगुलियों का निर्माण भी शुरू हो जाता है |

पहली तिमाही में रखी जाने वाली सावधानियां

इन तीन महीनो में मोर्निंग सिकनेस (उल्टी आना), जी मचलना, चक्कर आना , बेहोसी छाना आदि लक्षण आसानी से प्रकट होते है | अत: इस प्रकार के उपद्रवो में अधिक परेशान या चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती | अपने आहार में फोलिक एसिड युक्त भोजन को अपनाना चाहिए | साथ ही अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों और सलाद को अधिक अपनाना चाहिए | उल्टी और जी मतलाने की समस्या में चिकित्सक अधिकतर फोलिक एसिड की टेबलेट्स देते है |


2. दूसरी त्रिमाही (तिमाही) – 4 से 6 महीने तक


गर्भावस्था का चौथा महिना / 4th Month of Pregnancy

गर्भिणी महिला – गर्भावस्था के चौथे महीने में मितली और Morning Sickness जैसी समस्या अब आपको फिर से महसूस नहीं होगी | आपके शरीर में रक्त संचार बढ़ने से आप अधिक उर्जावान महसूस करेंगी | इस महीने में बच्चे के विकास के कारण आपका पेट दिखाई देने लगेगा | आपके वजन में भी बढ़ोतरी होगी |

शिशु – इस महीने में आपका बच्चे का मष्तिष्क पूरी तरह से विकसित हो चूका है | इस समय बच्चा चुसना , निगलना और अनियमित श्वास लेने की आवाज कर सकता है | चौथे महीने में फ़ीटस दर्द भी महसूस करता है इसलिए ध्यान से रहे | इस समय फ़ीटस की त्वचा बिलकुल पारदर्शी होती है | चौथे महीने में मांसपेशियां और उतक बड़े होने लगते है एवं बच्चे की हड्डियाँ मजबूत होने लगती है | यकृत एवं अन्य अंगो से तरल निकलने लगता है | इस समय बच्चा लात मरना जैसी क्रियाएँ भी करता है जिसे आप महसूस कर सकती है | लेकिन हाँ अगर ये आपका पहला बच्चा हो तो शायद फ़ीटस की इन हरकतों को आप महसूस न कर सके |

गर्भावस्था का पांचवा महीना / 5th Month of Pregnancy

गर्भिणी महिला – पांचवे महीने में भले ही आप गर्भावस्था के प्रारंभिक भाग में कुच्छ कम महसूस कर पायें हो , लेकिन इस महीने से आपको अपने शरीर में काफी परिवर्तन दिखाई देने लगेगा | आपके पैरों पर वजन बढ़ जायेगा , कमर की शेप दिखाई नहीं देगी | इस महीने से डॉक्टर बच्चे के हृदय की धड़कन स्टेथोस्कोप से सुन सकते है | इस महीने में आप बच्चे की हलचल को पहली बार महसूस कर सकती है | शुरुआत सनसनाहट और बुदबुदाती सनसनाहट के साथ बच्चे के किक मारने को भी महसूस करेंगी |

शिशु – पांचवे महीने में बच्चे की अंगुलियाँ आदि दिखाई देने लगती है | शिशु के पुरे शरीर पर बाल होते है जिसका उद्देश्य बच्चे को सही तापमान देना होता है | जन्म से पहले ये बाल गायब हो जाते है | इस महीने से गर्भ में स्थित शिशु अपनी माता की आवाज सुनने में सक्षम हो जाता है | अत: आप बच्चे को कोई नाम दे सकती है या उससे स्नेही बातें कर सकती है |

गर्भावस्था का छठा महीना / 6th of Pregnancy

गर्भिणी महिला – इस महीने में आपका पेट नाभि तक बढ़ जाता है | बच्चे के अधिक बढ़ने से आपको अन्दर एक प्रकार का दबाव महसूस होता है | इस महीने में आप ध्यान से देखेंगी तो आप श्वास छोटी – छोटी लेने लगती है | अत: गहरी श्वास लेने की कोशिश करे या फिर कोई व्यायाम को अपना सकती है |

गर्भस्थ शिशु – इस महीने में शिशु का वजन लगभग 0.5 किलो तक होता है | छठा महिना गर्भस्थ शिशु के लिए गर्भाशय में पूरी तरह मुक्त घुमने का अंतिम महिना होता है | वह अपने आराम और गतिविधि का एक पैटर्न रखता है , जैसे अधिकतर शिशु शाम के समय अधिक सक्रिय महसूस होने लगता है | इस महीने में शिशु की त्वचा को प्रोपेक्टिव नामक एक पदार्थ ढंके रखता है जो जन्म के समय अवशोषित हो जाता है | छठे महीने से ही आपके शिशु के बनते हुए फेफड़ों से वह श्वास लेने की कोशिश करता है |


3. तीसरी तिमाही / 3rd Trimester – 7 से 9 महीने तक


गर्भावस्था का सातवाँ महीना / 7th Month of Pregnancy in Hindi

गर्भिणी महिला – इस महीने से आपके फेफड़े दबाव को अच्छी तरह महसूस करने लगते है एवं आप श्वास लेने में कठिनाई महसूस करती है | लेकिन फिर भी आपके फेफड़ों की कार्य क्षमता 3 गुना बढ़ जाती हो और आपका शिशु और अधिक ऑक्सीजन प्राप्त करने लगता है | सातवें महीने में बच्चे के अधिक विकसित होने से आपके गुप्तांग खुलने लगते है जिससे आप बार – बार पेशाब लगने की शिकायत महसूस कर सकती है | इस महीने से सही ढंग से चलना और बैठना आपको अपनाना होगा , ताकि किसी संभावित दुर्घटना से बचा जा सके |

शिशु – इस महीने में शिशु का मष्तिष्क तेजी से विकसित होता है | शिशु का तंत्रिका तंत्र उसके बॉडी फंक्शन को कुछ हद तक नियत्रित करने में सक्षम होता है | शिशु की आंखे अब कुछ खुल और बंद होने लगती है | 7 वें महीने में शिशु के जन्म की 60% संभावनाएं होती है | इस दौरान अगर बच्चे का जन्म भी हो जाता है तो शिशु के जीवित रहने की 90% सम्भावना रहती है |

गर्भावस्था का आठवां महीना / 8th Month of Pregnancy in Hindi

गर्भिणी महिला –  इस महीने से हर हफ्ते आपको चिकित्सक के पास गर्भस्थ शिशु के चेक – अप के लिए जाना चाहिए | आठवे महीने में अधिकतर महिलाओं को कमर दर्द की शिकायत रहती है तो एसे में कमर को झुकाने एवं घुमाने की हलकी प्रैक्टिस की जा सकती है |

गर्भस्थ शिशु – आठवें महीने में बच्चे के शरीर में तेजी से वृद्धि होती है अर्थात गर्भस्थ शिशु के वजन में बढ़ोतरी होती है | इस महीने से बच्चा लयबद्ध तरीके से श्वास लेने लगता है लेकिन फिर भी गर्भस्थ शिशु के फेफड़ों का पूर्ण विकास नहीं होता है | आपका बच्चा लगभग दिन के 90 से 95% समय सोता रहता है | आठवें महीने में जन्म लेने वाले बच्चों के सर्वाइवल की दर 95% से ऊपर होती है |

गर्भावस्था का नौवां महिना /  9th Month of Pregnancy in hindi

गर्भिणी महिला – इस महीने में गर्भिणी महिला पहले से थोड़ी अधिक परेशानियाँ महसूस करती है | शायद आप सोने में भी परेशान  महसूस करें लेकिन ये तो सिर्फ कुच्छ दिनों की दिक्कत मात्र है | 9 वें महीने में  टखनों में सुजन एक सामान्य समस्या है, जो की शाम के समय अधिक होती है, इसका मुख्य कारण शरीर में अधिक द्रव्य का इकट्ठा  होना है | इससे बचने के लिए अपने भोजन में अधिक प्रोटीन युक्त आहार का  सेवन करें | गर्भावस्था के इस अंतिम महीने में दिन के समय भी आराम करना आवश्यक होता है, अत: जब भी दिन में आराम करे तो अपने पैरों के निचे तकिये का प्रयोग जरुर करे, ये आपके पैरों में होने वाली सुजन में राहत देगा | अगर चेहरे पर भी सुजन दिखाई दे तो अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले |

गर्भस्थ शिशु – इस महीने तक आते आते आपके शिशु का शरीर पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है | गर्भावस्था में गर्भस्थ शिशु के शरीर पर होने वाले हलके और पतले बाल (Lanugo) कन्धो और भुजाओं के अलावा सम्पूर्ण शरीर   से हट जाते है | गर्भस्थ शिशु के सिर पर उपस्थित बाल अब   कुछ गहरे और मोटे होने लगते है | शिशु के फेफड़े भी परिपक्व हो जातें  है | शिशु का औसत वजन लगभग 2.5 KG से 3.5 KG (7.5 पाउंड्स) होता है |

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धन्यवाद |

 

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