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प्रेगनेंसी के शुरूआती सप्ताह के लक्षण
पुरुष एवं महिला में सहवास होने के बाद निषेचन की क्रिया होती है | जैसे – जैसे समय बीतता जाता है महिला में प्रेगनेंसी के लक्षण प्रकट होने लगते है | प्रेगनेंसी चेक करने के लिए आजकल टेस्ट किट का इस्तेमाल किया जाने लगा है | लेकिन फिर भी बहुत सी एसी महिलाऐं है जो गर्भाधान की कोई प्लानिंग भी नहीं कर रही होती है एवं उनको भूलवश गर्भाधान हो जाता है | अब जब तक अगले महीने के पीरियड्स नहीं आ जाते महिला इस और ध्यान भी नहीं देती | लेकिन जब कभी पीरियड्स मिस हो जाते है तो वे घबरा जाती है |
शुरूआती weeks में होने वाले प्रेगनेंसी के लक्षणों का सिर्फ गर्भवती महिला को ही आभास होता है | जिसे सद्योगृहीत गर्भा के लक्षण भी कहा जाता है | अगर महिला ध्यान और संयम से अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों को जाने तो उसे गर्भवती होने का पता आसानी से चल सकता है |
प्रेगनेंसी के लक्षण शुरूआती सप्ताह में लक्षण / Pregnancy Symptoms in First Week in Hindi
आचार्य चरक ने सद्योगृहीत गर्भा की निम्नलिखित लक्षण बताये है |
“निष्ठविका गौरवमंग्सादस्तन्द्राप्रह्श्रो हृदये व्यथा च |
तृप्तिश्च बीज्ग्रहण च योन्या ग्रभस्य सद्योनुगत्स्य लिंगम ||
अर्थात
- मुंह से बार – बार पानी आना |
- शरीर में भारीपन रहना |
- अंगो में स्थिलता का अहसास होना |
- तन्द्रा |
- रोमांच महसूस करना |
- घबराहट रहना , हृदय में वेदना का अहसास होना |
- पुरुष सहवास में पूर्ण संतुष्टि का महसूस होना |
- शारीरिक थकावट लगाना |
- ग्लानी, प्यास अधिक लगना , गुप्तांगो में स्फुरण या परिवर्तन लगना |
- वमन की इच्छा होना या जी मचलाना |
इन लक्षणों के आधार पर महिला अपने प्रेग्नेंट होने का पता लगा सकती है | लेकिन ये लक्षण सभी महिलाओं को महसूस हो ये जरुरी नहीं है | क्योंकि हरेक महिला की संवेदनशीलता अलग – अलग होती है | कोई एक महिला इन लक्षणों को महसूस कर सकती है, वहीँ कोई दूसरी महिला के लिए इन लक्षणों को पहचानना मुस्किल होता है | वैसे वर्तमान समय में प्रेगनेंसी की जांच बहुत ही आसन है | इसके लिए सिर्फ एक प्रेगनेंसी टेस्ट किट की आवश्यकता होती है और बस आप घर पर ही प्रेगनेंसी चेक कर सकती है |
प्रारंभिक (12 weeks) गर्भावस्था के लक्षण / Symptoms of Early (12 Weeks) Pregnancy
एक महिला का सम्पूर्ण प्रेगनेंसी काल या गर्भावस्था का समय लगभग 280 दिन का होता है | इनमे से प्रथम तीन महीनो में महिलाओं के शरीर में निम्न लक्षण प्रकट होते है –
1. व्यव्हार में परिवर्तन
माहवारी आने के तीसरे सप्ताह में महिला में अंडाणु के निर्माण का समय होता है | इस समय अगर महिला गर्भवती है तो उसके स्वभाव में परिवर्तन होता है | इस समय हार्मोनल परिवर्तन के कारण महिला का व्यवहार भी परिवर्तित रहता है | कभी स्वाभाव उखड़ा हुआ या कभी बहुत ही सेंसेटिव हो जाता है |
2. पीरियड्स का न आना
शुरूआती तीन महीनो तक अगर मासिक स्राव न आये तो इसे गर्भवती महिला का एक लक्षण कहा जा सकता है | वैसे निषेचन के अगले महीने से ही मासिक धर्म बंद हो जाता है | लेकिन कई महिलाओं में किसी अन्य कारण से भी मासिक धर्म की अवधि बढ़ जाती है |
3. जी मचलाना
ज्यादातर प्रथम तीन महीनों में गर्भवती महिलाओं को जी मचलाने (Morning Sickness) की शिकायत रहती है | ये प्राय: सुबह के समय अधिक होता है एवं कई बार महिला को उल्टी भी हो जाती है |
4. स्तनों में परिवर्तन
शुरूआती तीन महीनो में ही गर्भवती महिला के स्तनों में काफी बदलाव आ जाता है | स्तनों का रंग थोडा श्यामवर्णी हो जाता है | स्तन कुच्छ बढ़ने लगते है एवं स्तनों के निप्पल को दबाने पर पीताभ रंग का जलीय द्रव्य बाहर निकलने लगता है | साथ ही महिलाओं को स्तनों में कुछ पीड़ा का भी सामना करना पड़ता है |
5. अन्य लक्षण
प्रथम 12 सप्ताह में इन लक्षणों के अलावा कुछ अन्य लक्षण भी गर्भवती महिलाओं में देखने को मिलते है | जैसे रेगुलर आहार का सेवन करने के बाद भी पेट आदि का फुला हुआ लगना , बार – बार पेशाब आना, किसी विशेष गंध से परेशानी होना , आँखों की पलकों का भरी होना , भोजन से अरुचि, शारीर में थकावट और भारीपन का महसूस होना , पैरों में सुजन, मुंह में बार – बार पानी आना , खट्टे पदार्थों के सेवन की इच्छा बढ़ना , नींद का अधिक आना आदि लक्षण है जो शुरुआती तीन महीनो में महिलाओं को होने लगते है |
धन्यवाद |