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अश्वगंधा के फायदे / ashwagandha benefits in hindi
अश्वगंधा ( Withania somnifera ) का परिचय (updated on 29/10/2017) भारत में समशीतोष्ण प्रदेशो में अश्वगंधा के पोधे अधिकतर मिलते है | राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में अश्वगंधा बहुतायत से उगता है | अश्वगंधा का इस्तेमाल आयुर्वेद में प्रचुरता से होता है | इसके सेवन से दुर्बलता , कमजोरी, गठिया रोग ,नसों की दुर्बलता , सेक्स कमजोरी, धातु दुर्बलता आदि रोगों में चमत्कारिक लाभ प्राप्त होता है |आयुर्वेद में अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण काम में लिया जाता है | इसकी जड़ में ( घोड़े ) अश्व के पसीने जैसी गंद आती है इसलिए इसे अश्वगंधा कहते है |
अश्वगंधा के गुण – धर्म
इसका रस कषाय , तिक्त और मधुर होता है | गुणों की द्रष्टि से यह लघु और स्निग्ध होती है , इसका वीर्य उष्ण होता है अर्थात यह शरीर में गर्मी पैदा करती है | पचने के बाद यह मधुर विपाक देती है | अपने इन्ही गुणों के कारण यह मांसक्षय , शोष, वात व्याधिया , शुक्र क्षय , शोथ , हृदय रोग, अनिद्रा, गलगंड, रसायन, बाजीकरण, बृहन और दीपन आदि रोगों में लाभकारी होती है |प्रयोज्य अंग एवं सेवन की मात्रा
औषध उपयोग में अश्वगंधा की जड़ो से बना चूर्ण या क्वाथ काम में लिए जाता है | इसे 3 से 6 ग्राम तक की मात्रा तक सेवन किया जा सकता है |अश्वगंधा के विभिन्न रोगों में फायदे या स्वास्थ्य लाभ
- गर्भावस्था के बाद महिलाओ में अश्वगंधा का सेवन फायदेमंद होता है | प्रसवोतर काल में महिलाओ को इसके सेवन की सलाह दी जाती है क्योकि यह उत्तम गर्भस्य शोधक होता है | जिन महिलाओ के स्तनों में दूध की कमी है उनको भी इसके सेवन से फायदा होता है | इसके सेवन से सेवन से महिलाओ की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वे स्वास्थ रहती है |
- बढती हुई उम्र को रोकने के लिए भी अश्वगंधा उपयोगी है | इसके सेवन से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है क्योकि यह एंटी एजिंग है और इसके तत्व उत्तको के पुन: निर्माण में सहयोग करते है इसलिए जो व्यक्ति इसका सेवन करते है उनकी उम्र ठहरी से प्रतीत होती है |
- कमजोर युवाओ के लिए यह एक अमृत टॉनिक है | जिन युवाओ की शारीरिक क्षमता कमजोर है उन्हें इसका इस्तेमाल करना चाहिए | कृष शरीर वाले और दुबले पतले व्यक्ति इससे मजबूत शरीर प्राप्त कर सकते है | 5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को रोज रात को सोते समय हल्के गरम दूध के साथ महीने भर तक इस्तेमाल कर के आप बेह्तार् शारीर पा सकते है |
- गठिया रोगियों के लिए भी यह एक उत्तम आयुर्वेदिक औषधि है | एक शोध के अनुसार इसका सेवन गठिया रोग में रहत देता है क्योकि वात व्याधियो में अश्वगंधा बेहतर परिणाम देता है |
- मानसिक शांति में भी यह उपयोगी है | इसके तत्व दिमाग को शांत करने की क्षमता रखते है | वस्तुत: अश्वगंधा में स्टेरॉयड होता है जो प्राकृतिक स्टेरॉयड है और इसके सेवन से मन और दिमाग के संतुलन में लाभ पहुँचता है |
- भारत में आज भी आदिवासी इलाको में इसकी चाय बना कर पी जाती है | वैसे तो इसे एक प्रकार का क्वाथ परिकल्पना ही कह सकते है लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभों के देखते हुए इसे चमत्कारिक चाय कहना कोई अतियोक्ति नहीं होगी |
- शीघ्रपतन और नामर्दी वाले युवाओ के लिए अश्वगंधा एक अच्छी औषधि है | इसके सेवन से वीर्य की मात्रा में बढ़ोतरी होती है एवं शीघ्रपतन का रोग भी मिटता है |
- इसके हरे पतों को पिस कर चेहरे पर लगाने से फोड़े- फुन्सिया नहीं होती | अगर शरीर पर कंही घाव है तो इसके पतों को शिला पर पिस ले और और लुग्दी को घाव पर बंधे जल्दी ही घाव भर जावेगा |
- क्षय रोग में अश्वगंधा का सेवन फायदेमंद होता है | जिनको क्षय (टी बी ) का रोग है वे इसका इस्तेमाल शहद के साथ करे | इसके सेवन से शरीर में आयरन की पूर्ति होती है जिससे क्षय रोगों और अस्थमा आदि रोगों में लाभ मिलता है |
- इसके सेवन से कैंसर का खतरा कम हो जाता है | एक शोध अनुसार इसमें कैंसर रोधी तत्व विद्यमान होते है जो शरीर को कैंसर से बचाते है |
- महिलाओ के स्वेत प्रदर रोग में भी इसका सेवन लाभ देता है | नित्य अश्वगंधा सेवन से इससे छुटकारा पाया जा सकता है | इसमें आप चूर्ण या अश्वगंधारिष्ट उपयोग में ले सकते है |
- इसका उपयोग कोलेस्ट्रोल को भी कम करता है अत: जिनको मधुमेह की समस्या है उनके लिए भी अश्वगंधा लाभकारी होता है | लेकिन मधुमेह में बैगर चिकित्सक के सलाह लिए इसका इस्तेमाल न करे |
- अश्वगंधा के पतों का इस्तेमाल आप चेहरे की खूबसूरती बनाये रखने के लिए कर सकते है क्योकि इसके पतों को चहरे पर लगाने से फोड़े- फुन्सिया नहीं होते |
Ashwagandha ke bare me information dene ke liye thanks.
Thanks for providing authentic information about withania somnifera / ashwagandha.