पतंजलि पेट के कीड़े की दवा कहें या आयुर्वेद में पेट के कीड़े की दवा दोनों ही समानार्थी हैं । क्योंकि पतंजलि द्वारा भी आयुर्वेद की दवाओं का निर्माण किया जाता है । साथ ही इस लेख में हम आपको पेट के कीड़ों की पतंजलि आयुर्वेद द्वारा बनाये जाने वाली दवाओं एवं आयुर्वेद की क्लासिकल दवाओ के बारे में बताएँगे ।
इन दवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पहले आपको पेट में कीड़ों के लक्षण और कारण के बारे में जान लेना चाहिए । आखिर क्या कारण है कि पेट में कीड़े अर्थात उदरकृमि की समस्या होती है, इसके लक्षण क्या हैं एवं उपचार में कौनसी दवाओं का उपयोग किया जाता है ।
तो चलिए सबसे पहले जानते हैं पेट में कीड़ों की समस्या के कारण एवं लक्षणों के बारे में
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पेट में कीड़ों की समस्या के कारण
पेट के कीड़ों में सबसे मुख्य प्रकार जो आम देखे जाते हैं वे हैं – राउंडवॉर्म, पिनवॉर्म, व्हिपवर्म, फ्लूक और टैपवार्म हैं । ये सभी विभिन्न कारणों से आँतों में अवस्थित हो जाते हैं । ये उदर कृमि बहुत सी शारीरिक एवं मानसिक व्याधियों को उत्पन्न करते हैं । पेट में कीड़ो की समस्या के निम्न कारण हो सकते हैं ।
- गंदे पानी का उपयोग करना
- कच्चे मीट का उपयोग करना
- संक्रमित भोजन
- संक्रमित फल एवं सब्जियों का उपयोग
- अधिक मीठे पदार्थों का सेवन करना
- गंदे हाथों से भोजन करना
- परिश्रम की कमी
- गंदे पानी में उगी हुई सब्जियां एवं फल का सेवन
- बिना पकाए हुए सब्जियों का उपयोग करना
पेट में कीड़ो के लक्षण
पेट के कीड़ों को विभिन्न लक्षणों के आधार पर पहचान सकते हैं । अगर आपके पेट में कृमि है तो निम्न लक्षण प्रकट हो सकते हैं । इन लक्षणों से पता लगाया जा सकता है कि पेट में कीड़े हैं या नहीं
- पेट दर्द
- जी मचलना
- उल्टी होना
- पेट में हर समय हल्का दर्द एवं कोमलता बनी रहना
- पेट में हर समय गैस बनी रहना
- अचानक से वजन कम होना
- मलाशय में खुजली होना
- पेचिस होना
- दांतों का पिसते रहना (बच्चों में अधिकतर)
- पेट में असहनीय दर्द की अनुभूति होती है
पेट के कीड़े की दवा पतंजलि एवं अन्य आयुर्वेदिक (Patanjali medicine for intestinal worms)
पतंजलि के साथ – साथ अन्य आयुर्वेदिक दवा निर्माता कंपनिया भी पेट के कीड़ों की दवाएं निर्मित करती हैं । यहाँ हम आपको पतंजलि फार्मेसी द्वारा निर्मित की जाने वाली एवं आयुर्वेद की क्लासिकल उदर कृमि नाशक औषधियों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे
1. दिव्य विडंगासव
पतंजलि विडंगासव आयुर्वेद की क्लासिकल मेडिसिन है जिसका इस्तेमाल उदर विकारों में प्रमुखता से होता हिया । यह पेट के कीड़ों को खत्म करने एवं उदर को विकार रहित बनाने के लिए इस्तेमाल होती है । पतंजलि के अलावा अन्य आयुर्वेदिक दवा निर्माता कंपनियां भी इसका निर्माण करती हैं । क्योंकि यह आयुर्वेद की शास्त्रोक्त औषधि है अत: सभी आयुर्वेदिक दवा निर्माता फार्मेसी इसका निर्माण कर सकती हैं ।
पेट के कीड़ों में विडंगासव के फायदे:
- विडंगासव उदरकृमियों को नष्ट करने में सक्षम हैं
- इसका मुख्य कार्य पेट के कीड़ों को खत्म करना है
- इसमें विडंग, पिप्पली, अलोएवेरा, तेजपता, धाय के फुल आदि लाभदायक घटक हैं
- विडंगासव पाचन तंत्र को भी मजबूत करने का कार्य करता है
- पेट में कीड़ों की समस्या होने पर एनीमिया भी हो जाता है
- एसे में विडंगासव का इस्तेमाल करने से पेट के कीड़े दूर होकर एनीमिया रोग में भी राहत मिलती है
- यह गैस, कब्ज एवं आँतों की एंठन को भी ठीक करता है
- विडंगासव का इस्तेमाल करने से विभिन्न पाचन विकार ठीक होते हैं
विडंगासव का मूल्य: रु130
मात्रा: 450ml
2. पतंजलि चित्रकादि वटी
चित्रक छाल के साथ अन्य आयुर्वेदिक घटक बनाकर इस्तेमाल होने वाली यह दवा भी उदर कृमि अर्थात पेट के कीड़ों में लाभदायक है । हालाँकि यह भी क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जिसे पतंजलि आयुर्वेद के साथ – साथ अन्य आयुर्वेदिक दवा निर्माता कंपनियों द्वारा भी निर्माण करवाया जाता है ।
दिव्य चित्रकादी वटी के पेट के कीड़ों में फायदे:
- चित्रकादी वटी पाचन विकृतियों एवं पेट के विकारों में बहुत लाभदायक है
- यह पेट के कीड़ों को ख़त्म करने में लाभदायक है
- इसमें चित्रक, पिप्पल, हिंग एवं अजमोद जैसी जड़ी बूटियां हैं जो उदर विकारों में अच्छा परिणाम देती हैं
- इसका प्रयोग नित्य सुबह शाम करने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं
- यह पाचन को दुरस्त रखती है
- चित्रकादी वटी के सेवन से कब्ज एवं गैस की समस्या नहीं रहती
- यह पूर्णत: सफल औषधि हैं जिसका इस्तेमाल करने से पाचन के विकार भी खत्म होते हैं
चित्रकादि वटी का मूल्य: रु 60
मात्रा: 60 टैब
3. दिव्य उदरकल्प चूर्ण पेट के कीड़ों में उपयोगी
यह आयुर्वेदिक औषधि पतंजलि फार्मेसी की पेटेंट औषधि है । इसका इस्तेमाल उदर के समस्त विकारों में किया जाता है । पेट के कीड़े, पेट दर्द, आंव, कब्ज, गैस, एवं पाचन की विकृति सभी रोगों में इसका इस्तेमाल किया जाता है । अगर आप पेट के विकारों से ग्रसित हैं तो आपको उदरकल्प चूर्ण का इस्तेमाल करना चाहिये ।
उदरकल्प चूर्ण के फायदे:
- पाचन से सम्बंधित विकारों में यह लाभदायक चूर्ण है ।
- पेट के कीड़ों में उदरकल्प चूर्ण का सेवन करने से लाभ मिलता है ।
- कीड़ों के कारण आई पाचन विकृति में भी लाभदायक है ।
- लम्बे समय से चली आ रही कब्ज की समस्या में भी लाभदायक है ।
- गैस एवं पेट दर्द में भी लाभदायक है ।
- उदरवायु को दूर करने में लाभदायक है ।
- पेट के कीड़ों को खत्म करने में सक्षम है ।
उदरकल्प चूर्ण का मूल्य: रु 65
मात्रा: 60 टैब
4. दिव्य कुटजारिष्ट पेट के कीड़ों के लिए
कुट्जारिष्ट भी पतंजलि की आयुर्वेदिक औषधि है । यह शास्त्रोक्त दवा है अत: अन्य फार्मेसी की भी यह आसानी से उपलब्ध हो जाती है । इसमें दीपन एवं पाचन गुण विद्यमान होते हैं । कुटजारिष्ट में कुटज, धातकी, मुन्नका एवं अन्य आयुर्वेदिक घटकों का समायोजन होता है । इस कारण से यह पेट के कीड़ो की समस्या में लाभदायक होता है ।
कुटजारिष्ट के फायदे पेट के कीड़ों की समस्या में:
- पेट के कीड़ों को खत्म करने में यह लाभदायक है ।
- इसके इस्तेमाल से आँतों की जलन में लाभ मिलता है ।
- डायरिया में यह लाभदायक है ।
- IBS की समस्या में भी कुटजारिष्ट काफी फायदेमंद है ।
- यह पाचन को ठीक करने एवं पेट की जलन को कम करने में भी लाभदायक है ।
- दस्तों को रोकने में भी कुटजारिष्ट काफी फायदेमंद है ।
कुटजारिष्ट का मूल्य: रू 75
मात्रा: 450ml
5. कृमि मुदगर रस से हटायें पेट के कीड़ों को
यह भी एक शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक दवा है । जिसका इस्तेमाल कृमियो को खत्म करने के लिए किया जाता है । कृमिमुद्गर रस में शुद्ध पारद, गंधक, अजमोदा, विडंग, शुद्ध कुचला, पलास आदि घटक द्रव्यों का संयोजन होता है । अपने इन्ही घटकों के कारण यह रस औषधियों में गिना जाता है । इसके इस्तेमाल से आँतों के कीड़े, पेट के कीड़े एवं सभी प्रकार के उदर इन्फेक्शन में लाभदायक साबित होता है ।
निम्न रोगों में इसके फायदे देखने को मिलते है:
- आँतों के कीड़ों में
- पेट के कीड़ों में
- पाचन को सुधारने में
- पेटदर्द एवं गैस कब्ज की समस्या में फायदेमंद है
Note: इन उपरोक्त दवाओं का इस्तेमाल आयुर्वेदिक वैद्य सलाह अनुसार किया जाना चाहिए । अगर आप पेट के कीड़ों से परेशान हैं तो नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेकर औषधियों का सेवन करें । ये सभी औषधियाँ नुकसान रहित है अगर इनको सही गाइडेंस में लिया जाये ।