Swarn Vasant Malti Ras: Uses, Benefits, Ingredients, and Dosage in Hindi (स्वर्ण वसंत मालती रस)

Swarn Vasant Malti Ras: स्वर्ण वसंत मालती रस आयुर्वेद की शास्त्रोक्त औषधि है । यह सुप्रशिद्ध बलवान रस रसायन प्रकरण की दवा है । जिसका प्रयोग विभिन्न जटिल एवं कष्टसाध्य रोगों के उपचार के लीये किया जाता है । आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहें है Swarn Vasan Malti Ras Uses in Hindi की सम्पूर्ण विश्वसनीय जानकारी ।

स्वर्ण मालती रस को प्रत्येक ऋतू में उपयोग किया जा सकता है । इसे सभी उम्र के लोग बच्चे, बुजुर्ग, प्रौढ़, युवा, महिला सभी उपयोग में ले सकते हैं । यह उत्तम किस्म की अत्यंत बलवान औषधि है जो विभिन्न रस एवं भस्मों के सहयोग से निर्मित होती है । बुखार, शारीरिक कमजोरी, दिमाग की कमजोरी, धातु विक्रति एवं अन्य विभिन्न रोगों में चिकित्सार्थ प्रयोग होने वाली एक उत्तम किस्म की आयुर्वेदिक दवा है ।

Swarn Vasant Malti Ras Uses

इस औषधि का निर्माण विभिन्न दवा निर्माता कंपनियों जैसे – पतंजलि, बैद्यनाथ झाँसी, डाबर, साधना, धूतपापेश्वर एवं कालेडा द्वारा निर्मित की जाती है । विश्वसनीयता एवं निर्माण की श्रेष्ठता के आधार पर इन्ही फार्मेसीयों की यह दवा उपयोग में लेनी उचित मानी जाती है । क्योंकि Swarn Vasant Malti Ras जटिल प्रक्रिया से निर्मित होने एवं मूल्यवान रस रसायनों से निर्मित होने के कारण थोड़ी महँगी होती है अत: अन्य द्वारा कोस्ट कटिंग की जा सकती है ।

Swarn Vasant Malti Ras General Details:

नाम Swarn Vasant Malti Ras
प्रकार रस प्रकरण
घटक मोती भस्म, यसद भस्म, स्वर्ण, शुद्ध हिंग आदि
मूल्य Rs. 535 (1 gram)
उपयोग बुखार, कफ, अस्थमा एवं कमजोरी
निर्माता बैद्यनाथ / पतंजलि / डाबर /

Swarn Vasant Malti Ras Ingredients | स्वर्ण वसंत मालती रस के घटक

  • स्वर्ण भस्म (Gold Bhasma)
  • मोती भस्म (Pearl Bhasma)
  • शुद्ध सिंगरफ (Purified Cinnabar)
  • ताम्र भस्म (Tamra Bhasma)
  • शुद्ध पारद (Purified Parad)
  • शुद्ध गंधक (Purified Sulphur)
  • त्रिकटु (Trikatu)
  • कालीमिर्च (Black Pepper)
  • यशद भस्म (Yasad Bhasma)
  • निम्बू स्वरस (Lemon Juice)
  • लौह भस्म (Iron Bhasma)

Swarn Vasant Malti Ras Uses | स्वर्ण वसंत मालती रस के उपयोग

निम्न रोगों में स्वर्ण वसंत मालती रस के चिकित्सकीय उपयोग किये जाते हैं –

  1. सामान्य दुर्बलता (General Weakness): स्वर्ण वसंत मालती रस का चिकित्सार्थ उपयोग सामान्य दुर्बलता में किया जाता है । आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा सामान्य दुर्बलता में इसे अनुपान अनुसार देकर रोगी के शरीर में बल वर्द्धन का कार्य किया जाता है ।
  2. वजन की कमी (Excessive Weight Loss): तीव्र रूप कम होते वजन में स्वर्ण वसंत मालती रस उपयोगी है । जैसे टीबी की समस्या में जब रोगी का वजन अचानक से निचे गिरने लगता है तब इसे आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा प्रयोग करवाया जाता है एवं रोगी को लाभ भी मिलता है ।
  3. क्रोनिक फीवर (Chronic Fever): तीव्र रूप से चढ़ी हुई बुखार या काफी समय से चली आ रही बुखार में Swarn Vasant Malti Ras का उपयोग करने से तुरंत राहत मिलती है ।
  4. मधुमेह (Diabetes): मधुमेह में भी स्वर्ण वसंत मालती रस का प्रयोग करने से लाभ मिलता है । यह रस औषधि डायबिटीज के नुकसानों को ठीक करने एवं ब्लड में शर्करा के लेवल को सामान्य करने में महत्वपूर्ण है ।
  5. अस्थमा: अस्थमा रोग में रोगी को श्वसन से सम्बंधित समस्या होती है एवं फेफड़ों में कफ जमा रहता है । एसी स्थिति में स्वर्ण वसंत मालती का प्रयोग करने से लाभ मिलता है ।
  6. टीबी: क्षय रोग में भी स्वर्ण वसंत मालती रस का प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा करवाया जाता है । यह रोगी के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है एवं टीबी से लड़ने में सहायता करती है ।
  7. खांसी एवं जुकाम: खांसी जुकाम में स्वर्ण वसंत मालती रस का प्रयोग करने से लाभ मिलता है ।
  8. अल्प शुक्राणु: पुरुषों में होने वाली अल्प शुक्राणु की समस्या में स्वर्ण वसंत मालती रस उपयोगी है ।

Swarn Vasant Malti Ras Dosage (सेवन विधि)

स्वर्ण वसंत मालती रस की खुराक 1 से 2 गोली पिप्पली चूर्ण के साथ एवं शहद मिलाकर सामान्य रूप में प्रयोग करवाई जाती है । अन्य रोगानुसार चिकित्सक इसकी खुराक कम या ज्यादा कर सकते है । सामान्यत: इसे 1 से 2 गोली की मात्रा में ही सेवन करना चाहिए । शास्त्रों में भी 1 से 2 रति की मात्रा बताई हुई है ।

Swarn Vasant Malti Ras Benefits in Hindi (फायदे)

स्वर्ण वसंत मालती रस का प्रयोग विभिन्न रोगों के लिए आपको उपरोक्त पैराग्राफ में बता चुके है । यहाँ हम स्वर्ण वसंत मालती रस से होने वाले स्वास्थ्य फायदों के बारे में आपको संक्षिप्त में जानकारी दे रहें है । ध्यान दें – यह जानकारी महज आयुर्वेद दवाओं के ज्ञान वर्द्धन के लिए है इसे स्वास्थ्य सलाह न मानें

1. पाचन सुधारने में स्वर्ण वसंत मालती रस के फायदे:

पाचन की गड़बड़ी जैसे भूख कम लगना या न लगना और गैस आदि की समस्या में स्वर्ण वसंत मालती रस फायदेमंद है । अगर आपको भूख खुल कर नहीं लगती तो जीरा भुनकर Swarn Vasant malti Ras in Hindi की एक गोली इसके साथ मिलाकर सेवन करने से खुल कर भूख लगने लगती है एवं मन्दाग्नि की समस्या ठीक हो जाती है ।

2. आँखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद:

आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए स्वर्ण वसंत मालती रस फायदेमंद है । अगर आपकी आँखों में लाली हो, कीच आता हो एवं दुखनी आई हो तो स्वर्ण वसंत मालती रस की एक एक गोली मक्खन के साथ प्रयोग करने से लाभ मिलता है ।

3. बुखार में स्वर्ण वसंत मालती रस के फायदे:

बुखार एवं जीर्ण ज्वर की समस्या में यह दवा अत्यंत लाभदायक है । आयुर्वेद में इसे जीर्ण ज्वर की सबसे उत्तम औषधि माना गया है । यह बुखार को तो खत्म करती ही है साथ में शरीर में कमजोरी नहीं आने देती । अत: इसका प्रयोग बुखार, मलेरिया एवं जीर्ण ज्वर में करने से शरीर में रोग का नाश होता है एवं शरिर में ताकत बनी रहती है ।

4. पुरुषों के रोगों में फायदेमंद:

पुरुषों के यौन स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी स्वर्ण वसंत मालती रस अत्यंत लाभदायक है । इसका प्रयोग करने से स्वप्नदोष, एवं धातु विकृति दूर होती है । इसे आप शुक्राणुओं की कमी में भी वैद्य सलाह से प्रयोग कर सकते हैं । ध्यान दें बिना चिकित्सकीय सलाह इसे प्रयोग में न लें ।

5. स्त्रियों के प्रदर रोग में फायदेमंद है स्वर्ण वसंत मालती रस:

रक्तप्रदर में या जिन स्त्रियों को असमय माहवारी चलती है उनके लिए वैद्यों द्वारा स्वर्ण वसंत मालती रस का भी प्रयोग करवाया जाता है । Swarn Vasant Malti Ras की एक एक गोली को चावल के धोवन के साथ नियमित प्रयोग करवाने से प्रदर रोग नष्ट होता है ।

स्वर्ण वसंत मालती रस की सावधानियां एवं संभावित नुकसान

इस आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग निर्देशित मात्रा में ही करना चाहिए । यह रस औषधि है एवं इसके निर्माण में पारद, गंधक एवं अन्य रस भस्मों का प्रयोग हुआ है अत: वैद्य परामर्श लेकर ही इसका सेवन करना उचित होता है । सामान्यत: अगर निर्देशित मात्रा एवं अनुपान से Swarn Vasant Malti Ras का उपयोग किया जाये तो कोई भी दुष्प्रभाव प्रकट नहीं होते ।

परन्तु अगर खुराक से अधिक मात्रा में ली जाये एवं गलत तरीके और अनुपान से इस औषधि का प्रयोग किया जाये तो यह नुकसान दिखा सकती है । जिसमे सिरदर्द, पेटदर्द, जी मचलाना, उल्टी एवं सीने में जलन जैसी समस्याएँ पैदा कर सकती है ।

धन्यवाद |

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