अर्जुनारिष्ट सिरप का उपयोग (Arjunarishta Syrup Uses in Hindi)

अर्जुनारिष्ट सिरप – अर्जुनारिष्ट सिरप आयुर्वेद की एक हर्बल सिरप है। जो मुख्य रूप से हृदय रोगों में काम में ली जाती है। इस सिरप में मुख्य रूप से अर्जुन की छाल का प्रयोग किया जाता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार अर्जुन की छाल हमारे हृदय के लिए एक पावरफुल टॉनिक है ।

अर्जुन की छाल का प्रयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है। यह हृदय रोगों को दूर करने के साथ-साथ हृदय को बल भी प्रदान करती है तथा इसके साथ – साथ यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य बनाए रखती है जिससे हृदय संबंधी कोई भी रोग कम उत्पन्न होते हैं तथा होने पर शीघ्र लाभ मिलता है।

Arjunarishta Syrup Uses in Hindi

क्या है अर्जुनारिष्ट सिरप ?

अर्जुनारिष्ट सिरप आयुर्वेद की एक क्लासिकल मेडिसन है। अर्जुनारिष्ट सिरप का उपयोग बहुत प्राचीन समय से हृदय रोगों में किया जा रहा है। इसे हमारे मूल ग्रंथों में “पार्थाधरिष्ट ” नाम से जाना जाता है।

अर्जुनारिष्ट सिरप पित्तप्रधान हृदय रोग और फेफड़ों की सूजन से फूली हुई शिथिल नाडिय़ों को संकुचित और मजबूत बना कर हृदय की कमजोरी को दूर करती है। हृदय की कमजोरी दूर करने के साथ-साथ हृदय में दर्द, हृदय की अनियमित धड़कन, हृदय की कमजोरी और हृदय के विभिन्न रोगों में काम में आती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अर्जुनारिष्ट सिरप एक शक्तिशाली कार्डियोप्रोटेक्टिव है।

तो चलिए जानते हैं अर्जुनारिष्ट सिरप के घटक द्रव्य, इसे बनाने की विधि, मात्रा और सेवन विधि तथा अर्जुनारिष्ट सिरप का उपयोग-

अर्जुनारिष्ट सिरप के घटक द्रव्य-

  • अर्जुन की छाल-4800gm
  • द्राक्षा(किशमिश)-2400gm
  • महुआ के फूल-960gm
  • जल(क्वाथ बनाने के लिए)-49.152लीटर
  • गुङ/शहद-(गुङ 4800gm,शहद 2400gm)
  • धाय के फूल – 960gm

अर्जुनारिष्ट सिरप बनाने की विधि- वैसे तो अर्जुनारिष्ट सिरप बाजार में सभी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है। फिर भी आप इसे बनाने की विधि जानना चाहें तो आपके ज्ञान वर्धन के लिए हम इसे बनाने की विधि के बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं अर्जुनारिष्ट सिरप बनाने की विधि के बारे में-

अर्जुनारिष्ट सिरप बनाने के लिए 4800 ग्राम अर्जुन की छाल, 2400 ग्राम द्राक्षा (किशमिश), 960 ग्राम महुआ के फूल तीनों को आपस में मिलाकर जौकुट करके अर्थात मोटा-मोटा कूटकर49. 152लीटर जल मिलाकर क्वाथ बना लेना चाहिए। जब चतुर्थांश जल रह जायें तब उतारकर छान लें फिर ठंडा होने पर गुड 4800 ग्राम और धाय के फूल 960 ग्राम मिलाकर मुख बंद करके 2 महीने तक रख देवें फिर छानकर किसी कांच की बोतल में भर ले। यदि इसमें गुड की जगह शहद लेना चाहे तो शहद की मात्रा 2400 ग्राम लेनी चाहिए। गुड़ या शहद दोनों में से एक ही लेना है।

अर्जुनारिष्ट सिरप की मात्रा और सेवन विधि

20 से 30 मिलीलीटर दिन में दो बार जल के साथ अर्जुनारिष्ट सिरप का उपयोग करना चाहिए ।

अर्जुनारिष्ट सिरप के उपयोग-

अर्जुनारिष्ट सिरप रक्तचाप को सामान्य बनाती है- अर्जुनारिष्ट सिरप में कोलेस्ट्रोल को सामान्य बनाए रखने का गुण विद्यमान होता है। इस कारण यह रक्त में कोलेस्ट्रोल के स्तर को सामान्य बनाए रखता है। जिससे हार्टअटैक का खतरा कम हो जाता है।

हृदय की निर्बलता को दूर करने में सहायक अर्जुनारिष्ट सिरप- अर्जुनारिष्ट सिरप में मुख्य रूप से अर्जुन की छाल का प्रयोग किया जाता है। अर्जुन की छाल में हृदय को बल प्रदान करने का गुण विद्यमान होता है। जिससे अर्जुनारिष्ट सिरप का उपयोग करने से हृदय की निर्बलता अर्थात कमजोरी दूर हो जाती है।

हार्ट अटैक को कम करती है अर्जुनारिष्ट सिरप- अर्जुन की छाल में रक्त को पतला बनाए रखने की क्षमता होती है। अधिकतर हार्ट अटैक का कारण शरीर में खून का गाढ़ा होना होता है। शरीर में खून गाढ़ा होने के कारण नाडिय़ों में रुकावट पैदा करता है जिससे हमारे हार्ट में ब्लड सप्लाई नहीं हो पाती और अटैक आ जाता है। अर्जुनारिष्ट सिरप में ब्लड को पतला बनाए रखने की क्षमता होती है जिससे हार्टअटैक के मामले को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

अस्थमा को रोकने में सहायक- अर्जुनारिष्ट सिरप फेफड़ों को मजबूत बनाती है ।जिससे फेफड़े अपना कार्य सही प्रकार से करते हैं और अस्थमा जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है। अर्जुनारिष्ट सिरप में एलर्जी को दूर करने के गुण विद्यमान होते हैं।

उम्र को बढ़ने से रोकने में सहायक अर्जुनारिष्ट सिरप- अर्जुनारिष्ट सिरप यौवनावस्था को बनाए रखती है जिसके कारण बुढ़ापे को बहुत समय के लिए टाला जा सकता हैं।

सावधानियां

Arjunarishta Syrup एक बहू प्रचलित हृदय रोगों की आयुर्वेदिक दवा है । इस औषधि के कोई भी ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है । आप इसे लम्बे समय तक वैद्य सलाह अनुसार सेवन कर सकते है । हालाँकि औषधि का प्रयोग निर्धारित मात्रा में ही करना चाहिए । अधिक मात्रा में प्रयोग करने से नुकसान हो सकते हैं ।

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