गैस्ट्रिक अल्सर कितने दिन में ठीक होता है ? (सवाल – जवाब)

आमतौर पर एसे सवाल बार बार हमें पूछे जाते हैं कि गैस्ट्रिक अल्सर कितने दिन में ठीक होता है । इसे आप साधारण सवाल ही समझ कर पूछते हैं परन्तु इसका जवाब उतना ही जटिल है । देखिये सबसे पहले इसके लिए आपको अपने रोग एवं रोग की स्थिति के बारे में अवगत होना आवश्यक है ।

ओर उसी आधार पर आप यही सवाल अपने आप से पूछें कि मेरा अल्सर कितने दिन में ठीक हो जायेगा । शायद आप खुद भी इसका सटीक जवाब नहीं दे सकते या यूँ कहें कि कोई भी चिकित्सक सटीक नहीं बता सकता है कि आपका अल्सर इतने दिनों में ठीक हो जायेगा ।

चिकित्सक भी एक सम्भावना व्यक्त कर सकते है । जो आपके रोग के आधार पर होती है । जितना जीर्ण आपका रोग है उतने ही अधिक दिन इसे ठीक होने में लगते है । मुख्यत: सामान्य अल्सर कुछ ही दिनों में नियमित दवाओं के सेवन से ठीक हो जाता है ।

गैस्ट्रिक अल्सर कितने दिन में ठीक होता है

आज के इस लेख में हम “गैस्ट्रिक अल्सर कितने दिन में ठीक होता है ?” का वर्गीकृत जवाब देंगे । हमारी संस्था पिछले कुछ वर्षों से गैस्ट्रिक अल्सर से झुझ रहें लोगों से जुडी हुई है एवं बहुत से लोगों को हमने सही गाइडेंस देकर उपचार के लिए आयुर्वेद को चुनने का सुझाव भी दिया है । तो चलिए सबसे पहले जानते हैं गैस्ट्रिक अल्सर होता क्या है –

गैस्ट्रिक अल्सर क्या है?

पेट में होने वाले घाव या छाले जो दर्द एवं पीड़ा पैदा करते हैं उन्हें अल्सर कहा जाता है । यह एक प्रकार का पेप्टिक अल्सर का ही प्रकार है । इसमें पेट में पाचक रसों से बचाने वाली परत जब किन्ही कारणों से छील या घाव हो जाते है तो ये तीव्र पीड़ा पैदा करते है । रोगी को खाना खाने के बाद पेट में दर्द, उल्टी, डकार एवं गैस की समस्या हो जाती है ।

आधुनिकमता अनुसार यह H. Pylori हेलिकोबैक्टर पाइलोरी जीवाणु के कारण गैस्ट्रिक अल्सर हो जाता है । क्योंकि यह जीवाणु पेट में अम्ल की अधिकता पैदा करता है जो अल्सर के लिए जिम्मेदार होता है । अधिकतर ऐसा भी देखा गया है कि ज्यादा दर्द निवारक अंग्रेजी दवाओं का सेवन करने से भी पेट में घाव हो जाते है जो गैस्ट्रिक अल्सर को जन्म देते है ।

तो चलिए अब जानते है की अल्सर कितने समय में ठीक हो सकता है एवं क्या आपको आयुर्वेद अपनाना चाहिए ?

① सामान्य अल्सर कितने दिनों में ठीक हो जाता है ?

सामान्य अल्सर से तात्पर्य है कि थोड़ी बहुत गैस बनना और पेट में जलन आदि की समस्या होने पर आपने जांच करवाई और जाँच में कोई भी घाव आदि नहीं है तो आयुर्वेदिक दवा और आहार विहार को सही करके 3 से 5 दिनों में अल्सर को ठीक किया जा सकता है ।

② गैस्ट्रिक अल्सर कितने दिन में ठीक हो जाता है ?

पेप्टिक अल्सर का यह प्रकार पेट में हल्के छाले और घाव आदि करता है । जिसे उचित आहार – विहार एवं आयुर्वेदिक दवाओं से 15 से 20 दिन में ठीक किया जा सकता है । हालाँकि रोग की तीव्रता 15 से 20 दिनों में कम हो जाती है परन्तु पूर्णत: ठीक करने के लिए आहार एवं विहार का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है ।

संभवत: अगर अल्सर शुरूआती अवस्था में है तो उचित आयुर्वेदिक दवा एवं चिकित्सकीय सलाह मशवरे से इस रोग पर जल्द ही काबू पाया जा सकता है । इसमें होने वाले सामान्य लक्षण जैसे डकार, खाना खाने के बाद पेट दर्द, उल्टी आदि को तो 3 से 5 दिन में ही आयुर्वेदिक दवाओं से कण्ट्रोल किया जा सकता है ।

इसके बाद घाव को भरने एवं पेट की दीवारों की परत फिर से सामान्य करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक कुछ महीनों के लिए आपको रोग के आधार पर दवाओं का सेवन बता सकते है ।

H Pylori के कारण गैस्ट्रिक अल्सर हुआ है तो इन जीवाणुओं को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सक कुछ महीनों तक दवाएं चला सकते हैं ।

③ पेप्टिक अल्सर कितने दिन में ठीक हो जाता है?

पेप्टिक अल्सर में पेट की परत के साथ साथ छोटी आंत एवं अन्नप्रणाली में गंभीर फोड़े एवं घाव हो जाते है । इसका मुख्य कारण दर्द निवारक दवाओं का अधिक सेवन एवं H. Pylori बैक्टीरिया की असामन्य वृद्धि होना होता है ।

सामान्य तौर पर इस रोग में भी आयुर्वेदिक दवाओं से काबू पाया जा सकता है । गंभीर स्थिति में 3 से 6 महीने तक उचित आहार – विहार के साथ उचित औषध प्रयोजन करके रोग ठीक हो जाता है । कुछ अवस्थाओं में यह 6 से 12 महीने या इससे भी अधिक समय लग सकता है ।

हालाँकि कुछ दुर्लभ मामलों में अंग्रेजी चिकित्सा से सर्जरी करवाके रोग को ठीक किया जा सकता है । जिसमे ठीक होने में थोडा समय लग सकता है ।

सारांश (Conclusion)

अल्सर के लिए सामान्य ठीक होने का समय 15 से 30 दिन है । इतने दिनों में रोग के लक्षण उचित दवाओं के सेवन और आहार एवं योग आदि से ठीक हो जाते हैं । जैसा हमने उपरोक्त भी बताया है कि अल्सर ठीक होने के लिए अल्सर की स्थिति पर निर्भर करता है । आयुर्वेद चिकित्सा से अल्सर आसानी से ठीक हो सकता है । आयुर्वेद में अविपत्तिकर, अमल्पित्तान्तक योग एवं पंचामृत पर्पटी जैसी विभिन्न दवाओं से उपचार संभव है । साथ ही इस रोग में आहार एवं विहार मुख्य चिकित्सा है ।

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