समीरगज केशरी रस आयुर्वेद की शास्त्रोक्त औषधि है | यह अपस्मार (Epilepsy), अरुचि (Anorexia), साइटिका (sciatica) एवं कम्पवात जैसे रोगों में उपयोग होती है | आयुर्वेद चिकित्सा में वात नाड़ियों पर असर करने वाली प्रमुख दवाओं में समीरगज केशरी रस का नाम भी प्रमुखता से है |
आज के इस लेख में हम आपको समीर गज केशरी रस के फायदे, इसके चिकित्सकीय उपयोग, संभावित नुकसान एवं सेवन की मात्रा के बारे में जानकारी देंगे | तो चलिए जानते है सबसे पहले इसके घटक द्रव्यों के बारे में
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समीर गज केसरी रस के घटक द्रव्य | Ingredients of Sameer Gaj Kesari Ras
- शुद्ध अफीम (Purified Opium)
- शुद्ध कुचला चूर्ण (Purified Nux vomica powder)
- काली मिर्च (Black Pepper)
इन सब को समान मात्रा में लेकर खरल में कूटकर 125 एमजी की गोली बना ले अर्थात एक गोली एक मूंग के दाने के बराबर होनी चाहिए। ध्यान रखें कि यह औषधि अफीम और कुचला के प्रयोग से बनती है इस कारण इस औषधि को बनाते समय किसी योग्य वैद्य या निपुण फार्मासिस्ट की मदद ले। क्योंकि अफीम एक मादक द्रव्य है और कुचला एक प्रकार का विष है इसलिए इस औषधि को घर पर न बनाकर बाजार से ही ले।
समीरगज केसरी रस के चिकित्सकीय उपयोग | Clinic uses of Sameer Gaj Kesari
- कंपवात
- लंगड़ा पन
- अपस्मार
- विसूचिका
- कूबड़ पन
- अरुचि
- साइटिका
- फ्रोजन शोल्डर
समीर गज केसरी रस के फायदे व उपयोग | Benefits of Sameer Gaj Kesari Ras
समीर गजकेसरी रस एक उग्र रसायन है जो गर्म तासीर का है । अतः वात नाड़ी पर इसका विशेष प्रभाव होता है। इस रस औषधि का प्रयोग बगैर वैद्य निर्देशानुसार नहीं करना चाहिए।
समीर गज कैसी रस वात कफ नाशक भी है। वात अर्थात वायु के कुपित होने के कारण स्नायु संस्थान में जो विकृतियां आ जाती है, उन्हें दूर करने के लिए समीर गजकेसरी रस एक उत्तम औषधि है।
कई बार मनुष्य के शरीर में वायु बढ़ने के कारण या वायु के दूषित होने पर मिर्गी के दौरे आने शुरू हो जाते हैं ऐसी अवस्था में समीर गजकेसरी रस रोगी को देने पर फायदा मिलता है।
अफीम और कुचला के समान मिश्रण के कारण समीर गजकेसरी रस स्नायु मंडल को शक्ति प्रदान कर काम शक्ति को बढ़ाता है एवं स्तंभन करता है।
सेवन मात्रा और अनुपान | Dosage
एक गोली सुबह खाकर बाद में पान खाना चाहिए या फिर वैद्य की सलाह अनुसार सेवन करें।
समीरगज केसरी रस के नुकसान | Side Effects
इसमें अफीम और कुचला का मिश्रण है अतः इस औषधि का प्रयोग सोच समझकर करना चाहिए। दुर्बल मनुष्य, गर्भवती स्त्री छोटे बच्चों, कमजोर पाचन शक्ति वाले मनुष्य और वृद्ध व्यक्ति को इस औषधि का सेवन नहीं करवाना चाहिए। अत: उपयोग से पहले चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए |