एसिडिटी की प्रशिद्ध 10 आयुर्वेदिक दवाएं | 10 famous Ayurvedic Medicines for Acidity

एसिडिटी की आयुर्वेदिक दवा: अगर आप भी एसिडिटी की समस्या से परेशान है, तो इस लेख में हम आपको बताएँगे कि आयुर्वेद में एसिडिटी की कौनसी प्रशिद्ध दवाएं है जिनका उपयोग अम्लपित अर्थात एसिडिटी के लिए किया जाता है |

Hyper Acidity को आयुर्वेद में अम्लपित्त के नाम से जाना जाता है | यह समस्या वर्तमान समय में खान – पान एवं आहार विहार के गलत चुनाव से बढ़ रही है | आयुर्वेद अनुसार जब शरिर में स्थित त्रिदोष अपने साम्यावस्था खोकर पित्त की वृद्धि शरीर में हो जाती है तो यह पित्त एसिडिटी का कारण बनता है |

एसिडिटी की आयुर्वेदिक दवा

एसिडिटी की आयुर्वेदिक दवा जानने से पहले एसिडिटी क्या है के बारे में जान लेते है |

एसिडिटी क्या है ? What is Acidity

भोजन करने के बाद जब भोजन पेट के अंदर पाचन तंत्र में पहुंचता है तब इस भोजन को पचाने के लिए हमारे शरीर में एक एसिड बनता है। यह एसिड पेट में भोजन को पचाने का काम करता है। जब यह एसिड पेट में जरूरत से ज्यादा बनने लगे तो एसिडिटी हो जाती है। इससे पेट में जलन जैसी समस्या होती है और यह जलन धीरे-धीरे पेट से छाती में पहुंच जाती है जिसे हम एसिडिटी के नाम से जानते हैं।

हमने यह तो जान लिया है कि एसिडिटी क्या है परंतु एसिडिटी होने के क्या कारण है यह जानना भी बहुत जरूरी है तो चलिए जानते हैं की एसिडिटी होने के कारण ।

एसिडिटी होने के कारण

एसिडिटी होने का जो मुख्य कारण वह अहम है हमारा खान-पान। परंतु आजकल खानपान के अतिरिक्त और भी कई कारण है जो हमारे शरीर में एसिडिटी को बनाते हैं तो चलिए जानते हैं इन कारणों को

  • भोजन की अनियमितता
  • असंतुलित भोजन
  • अधिक भोजन
  • हाई एनर्जी ड्रिंक और फूड
  • बर्गर, पिज़्ज़ा, शराब, चाय, कॉफी व मादक द्रव्य का अत्यधिक मात्रा में सेवन

आदि कारणों के कारण खून में क्षारता और अम्लता का संतुलन बिगड़ जाता है और जरा सी बड़ी हुई मात्रा एसिडिटी का रूप ले लेती है |

एसिडिटी की प्रसिद्ध 10 आयुर्वेदिक दवाएं की सूचि | List of Ten Popular Ayurvedic medicine for Acidity

हाइपर एसिडिटी होने के कारण जानने के बाद अब हम यहां आपको एसिडिटी को दूर करने के लिए एसिडिटी के 10 प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानकारी देंगे जो एसिडिटी पर पूर्णता कारगर है और इनको कुछ समय तक लगातार उपयोग करने से एसिडिटी सोनी ही बंद हो जाती है

और यदि एसिडिटी हो भी जाए तो इन दवाओं से वह तुरंत ठीक हो जाती है। तो चलिए जानते हैं आयुर्वेद की प्रसिद्ध 10 एसिडिटी की आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में

  1. अविपत्तिकर चूर्ण (Avipattikar Churna)
  2. मधुयष्टी चूर्ण (Madhuyashti Churna)
  3. हिंग्वाष्टक चूर्ण (Hingwashtak Churna)
  4. धूतपापेश्वर अमल पित्त मिश्रण (Dhootpapeshwar Amlapitta Mishran)
  5. AIMIL फार्मा जिम नेट सिरप (AIMIL Pharma Zymnet Syrup)
  6. महर्षि आयुर्वेद अमलांत टैबलेट (Maharishit Ayurved Amlant Tablets)
  7. बैद्यनाथ अम्लपितान्तक योग (Baidyanath Amlapittantak Yog)
  8. पतंजलि कामदुधा रस (Patanjali Kamdudha Ras)
  9. डाबर एक्टिव एंटासिड (Dabur Active Antacid)
  10. केरला आयुर्वेदा अलसक्टिल टेबलेट (Kerala Ayurveda Alsactil Tablet)

इनका विस्तृत विवरण यहाँ निचे देखिये

अविपत्तिकर चूर्ण | Avipattikar Churna

अविपत्तिकर चूर्ण आयुर्वेद की एक क्लासिकल मेडिसिन है ओर यह एसिडिटी की एक उत्तम दवा है । इसमें शुंठी, पीपल, त्रिकटु, त्रिफला, नागर मोथा, वाय विडंग, छोटी इलायची, तेजपत्ता, लोंग और मिश्री आदि द्रव्य का प्रयोग किया जाता है। इस चूर्ण में नौसादर उपस्थित है जो रक्त एवं वात नाड़ी में एसिड रिफ्लेक्शन को कम कर देती है |

एसिड रिफ्लक्स कम होते ही शरीर में हाइपर एसिडिटी की समस्या भी खत्म हो जाती है | इसे लम्बे समय तक अन्य आयुर्वेदिक औषधियों के साथ सुरक्षित रूप से प्रयोग किया जा सकता है |

हिंग्वाष्टक चूर्ण | Hingwashtak Churna

य़ह आयुर्वेद की क्लासिकल मेडिसन हैं इस मेडिसिन मे दीपन और पाचक गुण विधमान होते हैं जिस कारण इस मेडिसिन को भोजन के प्रथम ग्रास मे घृत के साथ लेने और उसके बाद में भोजन करने पर शरीर में एसिड जरूरत से ज्यादा बनता ही नहीं है जिससे एसिडिटी की समस्या नहीं होतीं है इस मेडिसिन मे शुंठी, कालीमिर्च, पीपल, अजवायन, सेंधा नमक एवं हिंग जैसे घटक है जो पेट की अग्नि का सुधार करते है एवं एसिडिटी को कण्ट्रोल करते है |

यह औषधि कब्ज एवं गैस की समस्या में भी बेहतरीन कार्य करती है | इसे वैद्य सलाह से अन्य औषधीय योगों के साथ हाइपर एसिडिटी की समस्या में सेवन की जा सकती है |

पतंजलि कामदुधा रस | Patanjali Kamdudha Ras

य़ह पतंजलि कम्पनी द्वारा निर्मित प्रोडक्ट हैं इसमें गिलोय, स्वर्ण गैरिक, अभ्रक भस्म आदि पित्त नाशक औषधियाँ का प्रयोग किया जाता है जो शीघ्र ही पित्त विकारों पर अपना प्रभाव डालकर एसिडिटी को शांत कर देती हैं इस रसायन का दोषों के अनुरूप सही अनुपान के साथ प्रयोग करने पर पित्त एवं गर्मी से उत्पन समस्त प्रकार के रोगों को नष्ट कर देता है | पतंजलि कामदुधा रस में खनिज औषधियाँ भी है अत: प्रयोग से पहले वैद्य सलाह अवश्य लें | हालाँकि यह नुकसान दायक है लेकिन आपकी प्रकृति एवं रोग पर निर्भर करता है कि इसकी कितनी मात्रा एवं कैसे लेना चाहिए |

मधुयष्टी चूर्ण | Madhuyashti Churna

एसिडिटी की आयुर्वेदिक दवा के रूप में मधुयष्टी चूर्ण भी एक प्रभावी एवं विश्वसनीय दवा है | इसमें मुलेह्ठी एवं अन्य महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक हर्ब है जो एसिडिटी को खत्म करने का कार्य करती है | मुलेठी कफ, गले की खरास एवं एसिडिटी को कण्ट्रोल करती है | मधुयष्टी चूर्ण का प्रयोग हाइपर एसिडिटी की समस्या में नियमित 3 से 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से अत्यंत लाभ मिलता है |

इस चूर्ण के साथ अविपतिकर चूर्ण लेने से अधिक लाभ मिलता है | समान मात्रा में मुलेठी एवं अविपतिकर चूर्ण का सेवन वैद्य सलाह से किया जा सकता है |

धूतपापेश्वर अम्लपित्त मिश्रण | Dhootpapeshwar Amlapitta Mishran

धूतपापेश्वर आयुर्वेदिक फार्मेसी का यह प्रोपेरिटर प्रोडक्ट है जिसे काफी रिसर्च के बाद बनाया गया है | इस आयुर्वेदिक औषधि पर काफी रिसर्च हो चुकी है जिसमे इसने अच्छा परिणाम दिया है | लम्बे समय तक इस औषधि का प्रयोग सेवन योग्य है | एसिडिटी की समस्या में अम्लपित्त मिश्रण का सेवन करना लाभदायक है |

यह दवा सिरप फॉर्म में आती है | इसे 5 से 10 मिली की मात्रा में नियमित सेवन किया जा सकता है | हाइपर एसिडिटी में अच्छा परिणाम देती है एवं पाचन को भी सुचारू करती है |

एमिल जिमनेट सिरप | AIMIL Zymenet Syrup

एमिल फार्मेसी आयुर्वेद में जानी पहचानी दवा निर्माता कंपनी है | हाइपर एसिडिटी एवं पाचन विकृतियों के लिए इस फार्मेसी द्वारा Zymnet Plus सिरप का निर्माण किया जाता है | यह भूख बढ़ाने वाली एवं पाचन को सुधारने वाली की तरह कार्य करती है | यह अपच, अजीर्ण, गैस एवं एसिडिटी में प्रयोग होती है |

इसमें पिप्पली, मरीच, शुंठी, जीरा, चित्रक, अजमोद जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां है | जो एसिडिटी की बीमारी में प्रभावी है | इसे वैद्य सलाह से 5 से 10 मिली की मात्रा में सेवन किया जा सकता है |

अमलांत टेबलेट्स | Maharishi Amlant Tablets

महर्षि आयुर्वेद द्वारा बनाई जाने वाली यह औषधि एसिडिटी एवं गैस की प्रोब्लेम्स में अच्छा कार्य करती है | इसमें आंवला, शुंठी, मुलेठी, पिप्पली, वायविडंग, हरीतकी जैसी जड़ी-बूटियां है | जो प्राकृतिक रूप से एसिड को बैलेंस करने का कार्य करते है | साथ ही एसिडिटी की पुनरावृति में भी यह अच्छा कार्य करती है | यह प्राकृतिक रूप से एसिडिटी को कम करने का कार्य करती है |

इसे 1 से 2 गोली की मात्रा में दिन में दो बार खाने से आराम मिलता है | एसिडिटी की समस्या में इसे भोजन से पहले सेवन किया जाना चाहिए |

बैद्यनाथ अम्लपितान्तक योग | Baidyanath Amlapittantak Yog

बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन द्वारा निर्मित की जाने वाली यह औषधि एंटासीड के रूप में कार्य करती है | यह हाइपर एसिडिटी एवं गैस की समस्या में काफी फायदेमंद है | यह एसिड पेप्टिक अलसर, भूख न लगना, हाइपर एसिडिटी एवं गैस जैसे रोगों में अत्यंत लाभदायक है |

इसमें कालीमिर्च, सौंठ, लवंग, पिप्पल, हरीतकी, वायविडंग एवं नागरमोथा जैसे हर्बल घटक है | ये घटक हाइपर एसिडिटी की समस्या को खत्म करने का कार्य करती है |

पतंजलि कामदुधा रस | Patanjali Kamdudha Ras

पतंजलि एसिडिटी की आयुर्वेदिक दवा के रूप में कामदुधा रस को जाना जाता है | पतंजलि के अलावा अन्य आयुर्वेदिक फार्मसी भी इस दवा का निर्माण करती है | क्योंकि यह क्लासिकल दवा है | इसे सभी फार्मेसी बना सकती है | कामदुधा रस भी अत्यंत लाभदायक एसिडिटी किलर दवा है | हालाँकि यह रस औषधि है अत: बिना वैद्य सलाह इसका सेवन नुकसान दायक हो सकता है |

इसमें गिलोय सत्व, स्वर्ण गैरिक, अभ्रक भस्म आदि से निर्मित की जाती है | इसे गाय के दूध या चावल के धोवन के साथ इस्तेमाल किया जाता है |

डाबर एक्टिव एंटासीड | Dabur Active Antacid

यह डाबर कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली प्रोपेरिटर मेडिसिन है | इसमें त्रिवृत, गिलोय, भृंगराज, मुलेठी आदि जड़ी-बूटियां है जो एक्टिव एंटासीड का कार्य करती है | यह हाइपर एसिडिटी, पेट की गैस, पेट में जलन, अपच आदि रोगों में प्रमुखता से प्रयोग होती है एवं अच्छा परिणाम देती है |

इसे 5 मिली की मात्रा में भोजन के पश्चात दिन में दो बार वैद्य सलाह से प्रयोग किया जा सकता है |

केरला आयुर्वेद अल्सक्टिल टेबलेट्स | Kerala Ayurveda Alsactil Tablets

केरला आयुर्वेद फार्मेसी द्वारा निर्मित की जाने वाली हाइपर एसिडिटी की आयुर्वेदिक दवा है | इसका प्रयोग हाइपर एसिडिटी की समस्या एवं गैस की समस्या में किया जाता है | इसमें लहसुन, मुलेठी, त्रिफला एवं पिप्पली जैसी जड़ी बूटियां है जो नियमित सेवन से एसिडिटी की समस्या को खत्म कर देती है |

यह पाचक अग्नि को सुचारू करती है एवं पाचन की सभी विकृतियों में फायदा देती है | साथ ही भूख बढ़ाने, अपच, अजीर्ण एवं गैस जैसी समस्या को भी ठीक करती है |

धन्यवाद |

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