हजरुल यहूद भस्म के फायदे | Health Benefits of Hajrul Yahud Bhasma in hindi

हजरुल यहूद भस्म : यह यूनानी चिकित्सा पद्धति की दवा है | जिसका निर्माण संगयहूद नाम के पत्थर से किया जाता है | पत्थरी, मूत्रविकार एवं पित्त विकारों में यह अत्यंत लाभदायक दवा है | इसके फायदों को देखते हुए इसे आयुर्वेद चिकित्सा में भी प्रमुख रूप से प्रयोग करवाया जाता है

संगयहूद या पत्थर बेर एक प्रकार का पत्थर होता है जो बेर की तरह दिखाई देता है इसलिए इसे बेर पत्थर भी कहते है | इस पत्थर से जो भस्म तैयार होती है उसे हजरुल यहूद भस्म कहा जाता है |

इस आर्टिकल में हम आपको इसके फायदे, नुकसान एवं बनाने की विधि के बारे में बताएँगे | इस भस्म को कई नामों से जाना जाता है जैसे हजरुल यहूद भस्म / पिष्टी, संगयहूद भस्म, बेर पत्थर भस्म आदि | तो चलिए सबसे पहले जानते है कि इसका निर्माण कैसे होता है |

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हजरुल यहूद भस्म के घटक द्रव्य / Ingredients of Hajrul Yahud Bhasma in Hindi

भस्म के लिए

  • बेर पत्थर
  • कुल्थी का क्वाथ या स्वरस
  • मुली स्वरस

पिष्टी बनाने के लिए घटक द्रव्य

  • बेर पत्थर
  • गुलाब अर्क या चंदनादी अर्क

भस्म बनाने की विधि / Method of Manufacture

इसे बनाने के लिए सबसे पहले संगयहुद पत्थर को शुद्ध करना होता है | शुद्ध करने के लिए पहले पत्थर को अग्नि में तपाकर कुल्थी के क्वाथ में बुझाया जाता है | यह प्रक्रिया 7 बार दोहराई जाती है जिससे यह पत्थर शुद्ध हो जाता है |

इसके पश्चात इस पत्थर को इमामदस्ते में डालकर कूटपीसकर कपडछान चूर्ण तैयार कर लिया जाता है | अच्छी तरह चूर्ण होने के बाद मुली के रस में अच्छी तरह घोंट कर टिकिया बना ली जाती है एवं सरावसम्पुट में अग्नि देकर इसकी भस्म तैयार कर ली जाती है | इस प्रकार से हजरुल यहूद भस्म का निर्माण होता है |

हजरुल यहूद भस्म

भस्म एवं पिष्टी में थोडा अंतर होता है | पिष्टी बनाने के लिए गुलाब अर्क में इसका मर्दन करके छाया में सुखा लिया जाता है | सूखने के बाद कांच की शीशी में भर लिया जाता है | यह हजरुल यहूद पिष्टी तैयार होती है |

अब चलिए इसके स्वास्थ्य लाभ जानते है |

हजरुल यहूद भस्म के फायदे / Health Benefits of Hajrul Yahud Bhasma

इसका उपयोग विशेषकर यूनानी चिकित्सक करते है लेकिन इस दवा के लाभों को देखते हुए आयुर्वेद के चिकित्सक भी इसका प्रयोग करने लगे है | यह मूत्र विकारों एवं पत्थरी की समस्या में बहुत लाभदायक है |

1.पत्थरी में हजरुल यहूद भस्म के फायदे

इसे पत्थरी नाशक औषधि माना जाता है | यह किसी भी प्रकार से रुके हुए मूत्र को फिर से शुरू कर देती है | अगर पत्थरी शुरूआती अवस्था में है और अधिक बड़ी नहीं है तो हजरुल यहूद भस्म के प्रयोग से यह शरीर से कटकर मूत्र के रास्ते बाहर निकाल जाती है | दूसरा मूत्रकृच्छ (पेशाब करने में परेशानी), शुगर आदि में पेशाब साफ़ आने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है |

2. पित्त वृद्धि

इसकी पिष्टी अर्थात हजरुल यहूद पिष्टी पित्तशामक है | यह प्रकुपित पित्त यानि की बढे हुए पित्त को शांत करती है | इस इसकी पिष्टी ठंडी प्रकृति की है जो पित्तशामक का कार्य करती है | पित्त वृद्धि के कारण होने वाले त्वचा विकारों एवं हाथ पैरों की जलन में भी यह फायदा पहुंचती है | नियमित प्रयोग से बढ़ा हुआ पित्त साम्यावस्था में आता है |

3. वमन रोकने में फायदेमंद

यह वमन अर्थात उल्टी को रोकने में भी लाभदायक औषधि है | वमन विकार में इसकी पिष्टी का प्रयोग करवाना फायदेमंद रहता है | 2 रति की मात्रा में ठन्डे जल के साथ इसका सेवन करवाने से वमन रुक जाता है |

सेवन की मात्रा एवं सावधानियां / Doses & Precautions

इसका सेवन 2 से 4 रति अर्थात 250mg से 500mg तक की मात्रा में चिकित्सक की देखरेख में सेवन की जा सकती है | पत्थरी के मरीजों को हजरुल यहूद भस्म 2 रति के साथ 2 रति यवक्षार मिलाकर गुक्षुरादी क्वाथ के साथ प्रयोग करवाने से पत्थरी कट गल कर पेशाब के साथ निकल जाती है |

सामान्य सवाल – जवाब / FAQ

क्या यह दवा सुरक्षित है ?

निश्चित रूप से हजरुल यहूद भस्म पूर्णत: सुरक्षित है | इसके कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है | लेकिन वैद्य परामर्श से ही इसका सेवन करना चाहिए |

पत्थरी में हजरुल यहूद भस्म का प्रयोग कर सकते है ?

आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से पत्थरी की समस्या में इसका सेवन अन्य आयुर्वेदिक योगों के साथ सेवन किया जाता है | यह मुख्य रूप से पत्थरी को काटकर निकालने में सहायक है |

क्या पेशाब रुक – रुक के आने में सेवन की जा सकती है ?

वैद्य परामर्श से सेवन कर सकते है |

हजरुल यहूद भस्म कहाँ मिलेगी ?

यह आपको प्रत्येक आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर एवं ऑनलाइन मार्केट में भी आसानी से उपलब्ध हो जाएगी |

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धन्यवाद |

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