नमस्कार पाठकों, इस हेल्थ ब्लॉग में हम सटीक और उपयोगी जानकारी आप तक पहुँचाने का प्रयास करते है | इसी क्रम में आज इस लेख में हम बात करेंगे मानव शरीर में खून की कमी के कारण एवं आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से उपचार के बारे में | हम प्रयास करेंगे की मानव शरीर में रक्त एवं रक्त की कमी (Khun Ki Kami) को लेकर जितने सवाल आपके मन में होते हैं उन सभी का जवाब यहाँ पर दें | अगर फिर भी आपका कोई और सवाल है, तो आप निचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं | हम जरुर जवाब देंगे |
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खून एवं खून की कमी से जुड़े इन सवालों का जवाब मिलेगा:-
हमारे शरीर में खून (रक्त ) का बहुत महत्व है | मानव हृदय और अन्य अंग सही ढंग से काम करें इसके लिए जरुरी है कि रक्त का प्रवाह बना रहे | अगर शरीर में खून की कमी हो जाये या खून में इन्फेक्शन हो जाये तो इसके शरीर पर घातक दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं | इसलिए खून एवं उसकी कमी से जुड़े सभी सवालों का जवाब हम यहाँ पर दे रहे हैं |
मानव रक्त से जुड़े आपके इन सवालों का जवाब मिलेगा |
- खून क्या है एवं यह कैसे बनता है ?
- लहू या खून में क्या क्या होता है ?
- लहू का pH मान कितना होना चाहिए ?
- श्वेत रक्त कणिका एवं लाल रक्त कणिका का क्या काम होता है ?
- हमारे खून में कितनी प्लेटलेट्स होनी चाहिए ?
- मानव शरीर में खून कहाँ बनता है ?
- रक्त (खून) कहाँ पर शुद्ध होता है ?
- हमारे शरीर में खून का क्या काम होता है ?
- खून किन किन चीजों से बनता है ?
- खून का रंग लाल क्यों होता है ?
- मानव शरीर में कितना रक्त (खून ) होना चाहिए ?
- प्रेगनेंसी (गर्भावस्था ) में महिला में कितना खून होना चाहिए ?
- पुरुष में कितना खून होना चाहिए ?
- बच्चों में कितना खून होना चाहिए ?
- आयु के अनुसार शरीर में कितना खून होना चाहिए ?
- खून में कितना हिमोग्लोबिन होना चाहिए ?
रक्ताल्पता (खून की कमी) से जुड़े इन सवालों के जवाब भी आप इस लेख में जानेंगे |
- खून की कमी या रक्ताल्पता (एनीमिया ) क्या है ?
- हमारे शरीर में खून की कमी क्यों होती है इसके क्या कारण हैं ?
- खून कम होने से शरीर पर इसके क्या दुष्प्रभाव होते हैं ?
- इसके क्या लक्षण हैं ?
- रक्ताल्पता (खून की कमी ) कितने प्रकार की होती है ?
- खून (रक्त) कम हो जाने का पता कैसे लगाते हैं ? इसके लिए क्या जाँच (टेस्ट) होती है ?
- प्लेटलेट्स कम होने के क्या दुष्प्रभाव हैं एवं इनको कैसे दूर करें ?
- आयुर्वेद में रक्ताल्पता (रक्त की कमी) को दूर करने का क्या इलाज है ?
- आधुनिक चिकित्सा (एलॉपथी ) में खून बढाने की क्या दवा है ?
- शरीर में खून बढाने के लिए क्या खाना चाहिए ?
- कोनसे फल एवं सब्जियां खाने से खून बढ़ता है ?
- क्या दूध पिने से खून बढ़ता है ?
- गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) में खून की कमी को कैसे दूर करें ?
- बच्चों में खून बढ़ाने के लिए क्या करें ?
- खून बढाने के लिए कोनसा व्यायाम (एक्सरसाइज ) करें ?
- रक्त बढ़ाने का घरेलु उपचार क्या है ?
हमारे शरीर में खून से जुड़े तथ्य एवं आपके सवालों के जवाब |
हमारी धमनियों में बहने वाला यह तरल (द्रव) पदार्थ हमें जीवित रखने के लिए बहुत जरुरी है | शरीर के अंगो तक ऑक्सीजन पहुँचाने से लेकर हानिकारक जीवाणुओं से बचाने जैसे सभी काम खून से ही संभव हैं | या यूँ कह लें जब तक रक्त का प्रवाह बना हुआ है तब तक ही हम जीवित हैं |
खून (लहू) क्या है, खून में क्या क्या होता है एवं हमारे शरीर में खून (ब्लड ) कैसे बनता है ?
रक्त वाहिकाओं में बहने वाला गाढ़ा और थोड़ा चिपचिपा सा तरल पदार्थ खून (लहू) या रुधिर होता है | यह लाल रंग का होता है | रुधिर (खून) एक उत्तक (जीवित) है, जो रक्त कणों के साथ प्लाज्मा से मिलकर बना है | रक्त कण प्लाज्मा के सहारे शरीर के एक अंग से दुसरे अंग तक पहुँचते हैं | रक्त कण तीन प्रकार के होते हैं:-
- श्वेत रक्त कण :- हानिकारक तत्वों एवं बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से शरीर की रक्षा करती हैं |
- लाल रक्त कण :- श्वसन अंगो से ऑक्सीजन ले के सारे शरीर में पहुंचाती हैं एवं शरीर के अन्य अंगो से कार्बनडाइऑक्साइड को श्वसन अंगो तक ले जाती हैं |
- प्लेटलेट्स :- रक्त धमनियों की सुरक्षा करती हैं | खून बनाने में सहायक होती हैं | एक स्वस्थ व्यक्ति में 1 लाख 50 हज़ार से लेकर 4 लाख 50 हजार तक प्लेटलेट्स होनी चाहिए |
खून कैसे बनता है :- लहू में मौजूद लाल रक्त कणिकाओं की उम्र लगभग 120 दिन होती है | इसके उपरांत इसकी कोशिकाएं टूटने लग जाती है | टूटने के साथ साथ निश्चित अनुपात में बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में इनका निर्माण भी होता रहता है | निश्चित अनुपात में बनने और टूटने के कारण शरीर में खून की कमी नही होती |
लहू का pH मान कितना होना चाहिए :- pH किसी द्रव (विलयन) की अम्लता या क्षारकता को मापने की इकाई है | लहू (खून का pH) का pH 7.4 होना चाहिए |
जानें खून कितने प्रकार का होता है ?
मानव शरीर में खून कहाँ बनता है, खून किस से मिलकर बनता है एवं यह कहाँ पर शुद्ध होता है ?
- खून (लहू) या रुधिर कहाँ बनता है :- आयुर्वेदानुसार रक्त यकृत और प्लीहा में बनता है | लेकिन आधुनिक विज्ञान का मानना है कि खून का निर्माण बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में होता है |
- लहू के घटक क्या हैं :- खून लाल रक्त कणिकाओं, श्वेत रक्त कणिकाओं एवं प्लेटलेट्स से मिलकर बनता है |
- खून कहाँ पर शुद्ध होता है :- हमारे शरीर में रक्त (खून) को साफ करने का कार्य किडनी करती है | इसमें मौजूद छन्नियो से छन कर खून शुद्ध (साफ) होता रहता है |
हमारे खून कर रंग लाल क्यों होता है ? इसके क्या कारण होते हैं ?
हिमोग्लोबिन के कारण हमारे खून (रक्त) का रंग लाल होता है | हिमोग्लोबिन में मौजूद घटक लाल रंग के होते हैं जिन्हें हिम कहा जाता है | ग्लोबिन नाम के प्रोटीन से मिलकर ये घटक हिमोग्लोबिन बनाते हैं | ये घटक हरे एवं नीले रंग को अब्सोर्ब कर लेते हैं जिस कारण खून का रंग लाल दिखाई देता है | अब सवाल ये है की हिमोग्लोबिन खून में क्या काम आता है ? इसका जवाब है, यह रक्त के साथ ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाता है |
एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कितना खून होना चाहिए ?
सामान्यतः मनुष्य के शरीर में 5 लीटर खून रहता है | आयु, लिंग एवं अवस्था के अनुसार खून की मात्रा अलग अलग हो सकती है | सामान्यतः ब्लड में हिमोग्लोबिन के स्तर की जांच करके शरीर में खून की कमी का पता लगाया जाता है | इसकी कितनी मात्रा होनी चाहिए ये हमारी आयु, लिंग एवं अवस्था से निर्धारित होता है|
- पैदा होने के समय कितना खून होना चाहिए :- जन्म के समय हिमोग्लोबिन का स्तर 17 (+- 1) g/dl होना चाहिए |
- बच्चे में कितना खून होना चाहिए :- एक स्वस्थ बालक में 11.05 (+- 0.5) g/dl हिमोग्लोबिन होना चाहिए |
- पुरुष में खून की मात्रा :- पुरुषों के खून में हिमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 16 (+- 2) g/dl होना चाहिए |
- महिलाओं में खून का सामान्य स्तर :- 14 (+- 2) g/dl
- प्रेगनेंसी (गर्भावस्था में ) के समय महिला में खून कितना होना चाहिए :- 12 (+- 2) g/dl
- खून में हिमोग्लोबिन कितना होता है:– लाल रक्त कणिकाओं का 30 से 35 प्रतिशत भाग हिमोग्लोबिन होता है |
यह भी पढ़ें :- प्रेगनेंसी में महिलाओं में खून की कमी
खून की कमी होने के कारण, लक्षण, प्रभाव एवं उचित उपचार
जैसा आपने ऊपर पढ़ा कि, हमारे शरीर में लाल रक्त कणिकाओं के विघटन एवं उत्पादन की प्रक्रिया एक निश्चित अनुपात में चलती रहती है | जिसके फलस्वरूप मनुष्य शरीर में खून का स्तर सामान्य बना रहता है | लेकिन अगर किसी कारणवश लाल रक्त कणिकाओं का उचित अनुपात में उत्पादन न हो या फिर इनका क्षय अधिक मात्रा में होने लग जाये तो इस से खून की कमी हो जाती है | और इससे एनीमिया रोग हो जाता है |
रक्ताल्पता (एनीमिया) के कारण :- इसके निम्न कारण हो सकते हैं |
- आयरन एवं विटामिन B-12 की कमी से |
- फोलिक एसिड की कमी से खून की कमी हो सकती है |
- आंतो के रोग :- अगर छोटी आंत में पोषक तत्वों का होने वाला अवशोषण किसी रोग की वजह से कम हो जाये तो एनीमिया हो सकता है |
- शराब पिने की लत भी खून की कमी का कारण बन सकती है |
- अगर आप किसी हानिकर केमिकल के संपर्क में रहते हैं तो उसके दुष्प्रभाव से भी रक्ताल्पता हो सकती है |
- मासिक धर्म :- महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अगर ज्यादा रक्तस्राव हो जाये तो इससे खून की कमी हो जाती है |
- गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) :- अगर इस दौरान विटामिन और फोलिक एसिड युक्त पोषक भोजन न किया जाये तो खून की कमी का खतरा बढ़ जाता है |
- कैंसर, मधुमेह एवं गुर्दे की बीमारी होने पर लाल रक्त कणिकाओं के उत्पादन की प्रक्रिया प्रभावित होती है जिससे एनीमिया हो सकता है |
- वंशानुगत एनीमिया होने पर |
- बढती आयु :- 65 वर्ष के बाद खून की कमी होना सामान्य है |
हमारे शरीर में खून की कमी हो जाने के क्या लक्षण हैं ?
- कमजोर महसूस करना एवं चक्कर आना |
- सर दर्द रहना |
- दिल की धडकन अनियमित हो जाना |
- थकान रहना |
- सिने में दर्द रहना |
- यादाश्त कमजोर हो जाना |
- नींद कम आना एवं आँखों से कम दिखायी देना |
- हाथ पैर ठन्डे पड़ जाना |
- व्यक्ति का वजन अगर अचानक से कम हो तो खून की कमी इसका कारण हो सकती है |
- तनाव महसूस करना एवं साँस फूलने लग जाना |
खून की कमी से हमारे शरीर पर क्या दुष्प्रभाव होते हैं ?
रक्ताल्पता या खून की कमी में लाल रक्त कणिकाए कम हो जाती हैं | लाल रक्त कणिकाएं शरीर के अंगो तक ऑक्सीजन पहुँचाने का कार्य करती हैं | इनमे कमी की वजह से शरीर में ऑक्सीजन का संचार बाधित होता है | जिसके फलस्वरूप ये अंग सुचारू रूप से काम नहीं कर पाते | इसकी वजह से हमें चक्कर आना, थकान महसूस होना एवं साँस फूलने जैसी समस्या हो जाती है | इसके निम्न दुष्प्रभाव हैं :-
- थकान हो जाने के कारण आप कोई भी काम ठीक ढंग से नहीं कर पाते |
- गर्भावस्था में खून की कमी हो जाने से माँ और बच्चे के लिए खतरा बढ़ जाता है |
- इससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है |
- अगर खून की कमी ज्यादा हो जाये तो मौत भी हो सकती है |
एनीमिया (खून की कमी ) कितने प्रकार का होता है ?
खून की कमी का क्लासिफिकेशन पैथोफिजिओलोजी एवं मोर्फोलोजी पर आधारित होता है | लाल रक्त कणिकाओं की कमी से होने वाले इस रोग निम्न प्रकार में बाँट सकते हैं |
- आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया |
- क्रोनिक डिसऑर्डर से होने वाला एनीमिया |
- विटामीन की कमी से खून की कमी हो जाना |
- लाल रक्त कणिकाओं के ज्यादा विघटन हो जाने के कारण होने वाला एनीमिया |
- विघटन एवं उत्पादन का अनुपात अस्थिर हो जाने से होने वाला एनीमिया |
- अस्थि मज्जा (बोन मेरो ) रोग के कारण खून की कमी होना |
रक्ताल्पता पता करने के लिए कोनसी जाँच होती है ? खून की कमी के लिए कोनसा टेस्ट करते हैं ?
इसके लिए मुख्यतः दो तरह से जाँच की जाती है | जो अलग अलग थ्योरी पर आधारित है |
- CBC (Complete Blood Count):- इसमें खून के नमूने (सैंपल) में रक्त कोशिकाओं को गिनने के लिए CBC का उपयोग किया जाता है | इसमें पता लगाया जाता है कि रक्त में हिमोग्लोबिन का स्तर कितना है | अगर यह सामान्य से कम हो तो आप खून की कमी के शिकार हैं |
- लाल रक्त कणिकाओं के आकार से :- इसमें यह जाँच की जाती है की आपके रक्त में मौजूद लाल रक्त कणिकाओं सामान्य है या असामान्य | इसके अलावा इसमें उनके रंग एवं स्वरुप का भी अध्ययन किया जाता है |
रक्त में प्लेटलेट्स कम हो जाने के क्या दुष्प्रभाव हैं एवं प्लेटलेट्स कैसे बढ़ाएं ?
प्लेटलेट्स हमारी रक्त धमनियों की रक्षा करती हैं | अगर इनका स्तर सामान्य (1,50000 से 4,50000) से कम हो जाये तो रक्त स्राव एवं खून की कमी जैसी समस्याए हो जाती हैं | अगर आप किसी ऐसे रोग से पीड़ित है जिससे खून का थक्का बनने में समस्या है तो प्लेटलेट्स की कमी होने पर समस्या और ज्यादा गंभीर हो जाती है |
शरीर में प्लेटलेट्स का सामान्य स्तर बना रहना बहुत आवश्यक है | प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए ये उपाय करें :-
- पपीता खाएं एवं पपीता के पतों का रस बना कर पियें |
- आयुर्वेद में गिलोय का बहुत महत्व है | प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए गिलोय का रस पियें |
- चुकंदर का रस पियें |
- ज्यादा पानी पियें |
- विटामिन – सी वाले वाले फल जैसे आंवला, निम्बू एवं मौसमी आदि का सेवन करें |
आयुर्वेद में हैं खून की कमी दूर करने के लिए ढेरों जड़ी बूटियां |
आयुर्वेद प्रकृति का वरदान है | आयुर्वेदानुसार जीवनशैली अपनाकर हम एक स्वस्थ और सुखी जीवन का निर्वाह कर सकते हैं | खून की कमी आयुर्वेद के अनुसार पाचन अग्नि (digestive fire) में अनियमितता के कारण होती है | इसे आयुर्वेद में पंडू रोग भी कहा जाता है |
यहाँ हम उन सभी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की लिस्ट दे रहें है जिनसे खून की कमी दूर हो सकती है |
द्राक्षा | अंजीर | पालक | इक्षु | अमृता |
भृंगराज | गोरखमुंडी | त्रिफला | अनार | अन्नानस |
अर्जुन | गाजर | आमलकी | घृत | खर्जुर |
पिप्पली | चान्गेरी | भल्लातक | तरबूज | नागकेसर |
पुनर्नवा | फालसा | बथुआ | बिजोरा | मुलेठी |
भुल्यामलकी | रोहितक | शहतूत | सेव | वासा |
खून की कमी (एनीमिया) की बेस्ट आयुर्वेदिक मेडिसिन क्या है ?
इस रोग के उपचार में एलॉपथी से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाएं कारगर होती हैं | यहाँ पर हम कुछ बेहतरीन आयुर्वेदिक दवाओं के नाम आपको बता रहें है :-
- पुनर्नवादी मंडूर (Punarnavadi Mandura)
- दादिमादी घृत (Dadimadi Ghrita)
- त्रिकत्रयादी लौह (Trikarayadi Lauha)
- नवयासा लौह (Navayasa Lauha)
- रक्तदा (Raktda – Iron Management)
खून बढ़ाने की एलॉपथी (अंग्रेजी दवा) कोनसी हैं ?
- फेरस सल्फेट (Ferrous sulfate)
- फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स (Folic Acid Supplement)
- आयरन सप्लीमेंट्स (Iron Supplements)
- मेगा फ़ूड ब्लड बिल्डर (Mega Food Blood Builder)
- विटामिन – सी एवं विटामिन बी – 12 टेबलेट्स
शरीर में खून की कमी दूर करने एवं खून बढाने के लिए क्या खाना चाहिए ?
- हरी सब्जियां एवं उचित पोषण वाला भोजन |
- आयरन रिच खाना |
- विटामीन सी एवं विटामिन बी 12 युक्त खाद्य पदार्थ |
- प्रयाप्त पानी पीते रहें |
- फल (जैसे:- अनार , मौसमी, अन्नानास)
एनीमिया (रक्ताल्पता ) में कोनसे फल एवं सब्जियां खाएं ?
अनार | अन्नानास | सेब | मौसमी |
निम्बू | तरबूज | आंवला | चुकंदर |
गाजर | संतरा | स्ट्रॉबेरी | पालक |
खर्जुर | बादाम | मेथी | मटर |
प्रेगनेंसी में खून की कमी कैसे दूर करें ?
गर्भावस्था में खून की कमी होना आम समस्या है | गर्भावस्था के दौरान महिला को भरपूर पोषण वाला खाना ग्रहण करना चाहिए | खाने के अलावा आयरन बढ़ाने वाले फल एवं सब्जियों का सेवन भी करें | अगर खून की कमी ज्यादा है तो आयरन एवं विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए |
बच्चो में खून कैसे बढ़ाएं:- बच्चों में कमी को दूर करने के लिए उन्हें उचित पोषक तत्वों वाला खाना खिलाना चाहिए | आयरन एवं विटामिन सी से भरपूर गुणों वाले फल एवं सब्जियों का सेवन करें |
क्या दूध पिने से खून बढ़ता है ? क्या खून बढाने के लिए दूध का सेवन अच्छा रहता है |
दूध में बहुत सारे पोषक तत्व रहते हैं और इसका सेवन करना हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है | खून बढाने के लिए आयरन एवं विटामिन की आवश्यकता होती है | अर्थात खून बढ़ाने में दूध ज्यादा सहायक नही होता | फिर भी खून की कमी में दूध का सेवन करना लाभप्रद रहता है |
एनीमिया (रक्त की कमी) में कोनसा योगासन (एक्सरसाइज) करना चाहिए ?
- अनुलोम – विलोम
- कपाल भाती
- भ्रामरी
- उत्थान पद्मासन
- मंडूकासन
- त्रिकोणासन
- भस्त्रिका
लहू (खून) की कमी का घरेलु उपचार (देशी नुश्खा) क्या है ?
आइये जानते हैं कुछ बेहतरीन घरेलु उपाय जिसकी सहता से आप खून (रक्ताल्पता) को दूर कर सकते हैं |
- रोजाना सुबह अनार एवं आंवला सेवन करें |
- सब्जियों में गाजर, पालक, ब्रोकोली का सेवन करें |
- चुकंदर एवं सेव का जूस पियें |
- मेथी के दानो को भिगोकर उनका एक महीने तक सेवन करें |
- तिल को गुड़ के साथ मिलाकर उसके लड्डू बनाकर खाएं |
- रोजाना २ केले खाएं |
अगर आपको इस लेख में दी गयी जानकारी उपयोगी लगी तो हमें कमेंट करके बताये और आपके कुछ सुझाव हो तो उन्हें भी हमें कमेंट करके बता सकते हैं |
धन्यवाद
Sir ,
Headache Ki problem bhut jyda Hai aap kuch upay btaye
नमस्कार, नित्य प्राणायाम करें एवं ब्राह्मी और घी की दो बूंद रोजाना नाक में डालें |