ग्लूकोमा रोग के कारण, लक्षण एवं उपचार

ग्लूकोमा आंख का एक रोग होता है जिससे दृश्टि की हानि या अंधता हो सकती है। ग्लूकोमा होने पर, आंख में द्रव की मात्रा बढ़ जाती है जिससे आंख के पृश्ठ भाग पर दबाव पड़ता हैयह दबाव दृश्टि तंत्रिका को नुकसान पहुंचाता है और दृश्टि की हानि काकारण बनता है। प्रायः पहले पाष्र्व दृश्टि प्रभावित होती है, और इसके बाद सामने की दृश्टि पर प्रभाव पड़ता है।

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ग्लूकोमा के प्रकार

ग्लूकोमा के दो मुख्य प्रकार हैंः

1. ओपन-एंगल ग्लूकोमा के लक्षण प्रायः तब तक प्रकट नहीं होते जब तक कि यह उन्नत अवस्था में न पहुंच जाए। समय के साथ दबाव धीरे-धीरे दृश्टि तंत्रिका को नुकसान पहुंचाता जाता है। यह दोनों आंखों को प्रभावित करता है लेकिन हो सकता है कि आपको पहले एक आंख के लक्षणों का पता चले।

2. एंगल-क्लोज़र ग्लूकोमा में दबाव बहुत तेजी से बढ़ता है और लक्षण अचानक प्रकट होते हैं। लगभग एक दिन के अंदर स्थाई रूप से दृश्टिहीनता हो सकती है इसलिए तुरंत चिकित्सकीय देखभाल प्राप्त करना बहुत आवष्यक होता है।

जोखिम वाले कारक

आपको ग्लूकोमा होने का खतरा है यदिः

  • आपके परिवार के किसी सदस्य को ग्लूकोमा हो
  • आप को डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग या हाइपोथायराॅयडिज़्म हो
  • आपको निकट दृश्टिदोश हो
  • आप को आंख में कभी चोट लगी हो, आंख की कुछ खास षल्यक्रियाएं हुई हों या लंबे समय से आंखों में जलन रहती हो
  • आप लंबे समय से स्टेराॅयड ले रहे हों
  • आप 60 वर्श से अधिक आयु के हों
  • आप अफ्रीकी-अमेरिकी या मेक्सिकन-अमेरिकी हों
  • एषियाई-अमेरिकी मूल के हों – इससे आपको एंगल-क्लोज़र ग्लूकोमा होने का जोखिम बढ़ जाता है

ग्लूकोमा के लक्षण / Glaucoma Symptoms

हो सकता है कि दृश्टिहीनता होने तक ग्लूकोमा के कोई लक्षण प्रकट न हों। आपके अन्य लक्षणों में निम्न हो सकते हैंः

  • धुंधला नजर आना
  • प्रकाष के इर्द-गिर्द प्रभामंडल दिखना
  • परिधिगत या पाष्र्व दृश्टि खो देना
  • सीमित वृत्तीय दृश्टि
  • लाल आंखें
  • आंखों में बहुत तेज दर्द होना
  • मतली और उल्टी आना

ग्लूकोमा के उपचार (इलाज) / Glaucoma Treatments

आपका नेत्र चिकित्सक निम्नलिखित की जांच के लिए आपका परीक्षण कर सकता हैः

  • आंख का दबाव
  • दृश्टि तंत्रिका
  • दृश्टि

ग्लूकोमा का इलाज नहीं किया जा सकता और इससे हुए नुकसान को ठीक नहीं किया जा सकता है। लेकिन उपचार से, आंख पर दबाव कम किया जा सकता है और आगे हो सकने वाली दृश्टि की हानि को रोका जा सकता है। ग्लूकोमा के आरंभिक उपचार के लिए आंख में दवा डालना सबसे सामान्य है। अन्य उपचारों में मुंह से दवाई लेना, लेज़र उपचार या षल्यक्रिया कराना षामिल हो सकता है। अगर आपको ग्लूकोमा हो, तो जीवन भर आपको इसका उपचार कराना होता है।

द्वारा

लेखक – डॉ विकास मिश्रा

Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS)
Ch.Brahm Prakash Ayurved Charak Sansthan
Govt. of NCT of Delhi
Under Guru Gobind Singh Indraprastha University, Delhi

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