मोटापा क्या है एवं इसे रोकना क्यों आवश्यक है | जानें इसके कारण और रोकने के उपाय

वजन अगर बढ़ना शुरू हो जाये तो इससे मोटापे जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न होती है | मोटापा खुद में एक रोग होकर अन्य रोगों का कारण भी बनता है | वर्तमान समय में मोटापा एक गंभीर बीमारी का विषय बन चूका है | इसका सबसे बड़ा कारण हमारी व्यस्त एवं पाश्च्यात्य प्रभावित जीवन शैली है | आहार के रूप में डिब्बा बंद भोजन , जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड आदि का सेवन अत्यधिक मात्रा में करना भी मोटापा बढ़ने के सामान्य कारण है |

कई बार खाने में परहेज रखने के पश्चात भी मोटापा बढ़ने लगता है | इसके कई अन्य कारण है जिनकी जानकारी हम आगे प्राप्त करेंगे | कभी – कभी स्ट्रेस लेवल के कारण भी वजन बढ़ता है एवं अनुवांशिक कारण भी हो सकते है |

कोशिशों के बावजूद भी मोटापा (वजन) कम न होने के कारण

हममें से कई लोग वजन कम करने के हजारों तरह के उपाय करने के बाद भी मोटापा कम नहीं कर पाते है क्योंकि हमने वजन बढ़ने के कारण जानने की कोशिश ही नहीं की | जैसे सिर्फ वजन कम करने के लिए जिम जाना जरुरी नहीं होता | जिम में जाने से वजन कम तो हो सकता है लेकिन दुबारा से वजन बढ़ने की सम्भावना पूर्ण रूप से रहती है | हम बिना जिम में पैसे खर्च किये भी वजन कण्ट्रोल कर सकते है |

हमने पहले भी बताया है कि बीमारी की जड़ पर जाना आवश्यक है ताकि रोग का खात्मा हो सके | वजन एक बार बढ़ने के बाद उसे कम करना थोडा सा मेहनत वाला काम हो जाता है | ज्यादा मोटापा यानि की हमारे शरीर को अधिक काम करना होगा | इसलिए जैसे ही हमें मोटापा होने के लक्षण दिखें तुरंत उसका इलाज करना प्रारंभ कर देना चाहिए, क्योंकि मोटापा हमारे शारीरिक सौन्दर्य के साथ – साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है |

मोटापा कम करने के लिए पहला कदम

मोटापा कम करने के लिए सबसे पहले हमें हमारे मेटाबोलिज्म अर्थात पाचन को सुधारना आवश्यक है , क्योंकि अगर हमारा पाचन ठीक नहीं होगा तो जो हम खायेंगे वो हमारे शरीर में चर्बी के रूप में जमा होता रहेगा | जैसे – जैसे चर्बी बढ़ेगी तो ग्रषित व्यक्ति के पेट, हाथ एवं जांघ की त्वचा लटकने लगेगी |

मोटापे से ग्रषित व्यक्ति को बार – बार भूख लगती है जिसका कारण भी मेटाबोलिज्म की गड़बड़ी माना जा सकता है | क्योंकि पाचन ठीक न होने पर उसे बार – बार खाने की इच्छा होगी |

कई बार देखा जाता है कि व्यक्ति भोजन अल्प मात्रा में कर रहा है लेकिन फिर भी उसका मोटापा बढ़ रहा है | इसका मुख्य कारण शरीर के चैनल्स का मेटाबोलिज्म बिगड़ने के कारण शरीर में धातुओं का पोषण न होकर टोक्सिन्स की वृद्धि हो रही है या फिर सिर्फ मेद धातु का पोषण होकर शरीर में फैट की मात्रा बढ़ रही है |

आमतौर पर डॉक्टर अपनी प्रैक्टिस के दौरान मोटे व्यक्तियों में गैस बनना, एसिडिटी, पेट भारी होना, भूख न लगना आदि लक्षण देखते है | मोटे व्यक्तियों को अपने शरीर में स्थित विकृत तत्वों को बाहर निकालने के लिए डिटोक्षीफीकेशन का सहारा लेना चाहिए | बाजार में कई प्रकार के डेटोक्शिफाई पेय उपलब्ध है |

मोटापा बढ़ाने वाले आहार / भोजन (खाद्य पदार्थ)

चावल , मैदा, पनीर, चीज, मक्खन, भैंस का दूध, मिठाइयाँ, डिब्बा बंद वस्तुएं, हाई कार्बोहायड्रेट भोज्य पदार्थ, कोल्डड्रिंक, अल्कोहल एवं रात्री में दही का सेवन करना मोटापे को बढाने वाले होते है |

पेट की चर्बी बढाने वाली कुछ सामान्य गलत आदतें

  • दिन में एक दो बार भोजन करना लेकिन ज्यादा मात्रा में खाना, एसा करने से भूख अधिक लगती है और ज्यादा कैलौरी ग्रहण कर ली जाती है |
  • वीकेंड पर पार्टी आदि करना | हफ्ते में 4 – 5 दिन डाईटिंग करना और एक दिन बाहर का अत्यधिक कैलौरी युक्त भोजन ग्रहण करना |
  • चोकलेट एवं केक आदि का सेवन करना |
  • भोजन के बाद मीठा, आइसक्रीम आदि का प्रयोग करना |
  • शुगर फ्री का उपयोग – इसमें रासायनिक तरीके से आर्टिफीसियल मिठास पैदा की जाती है |

मोटापे को रोकने के उपाय (वजन नियंत्रण उपाय)

  • धीरे – धीरे चबा के भोजन करें |
  • भोजन प्रशन्न मन एवं शांत दिमाग से करें |
  • खाने के पश्चात 30 – 40 मिनट की टहल करें |
  • भोजन के 15 मिनट पहले 1 प्लेट सलाद खाएं |
  • खाने के दौरान या बाद में आधा घंटे तक पानी का प्रयोग न करें , विशेष रूप से फ्रीज का पानी |
  • बीच – बीच में खाने की आदत हो या कमजोरी महसूस होती हो तो आप स्नैक्स के रूप में मुरमुरे, रोस्टेड चने, पॉपकॉर्न, पोहा, ओट्स वेजिटेबल्स एवं फ्रूट आदि ले सकते है |
  • दिन में एक बार भोजन हैवी डाइट का होना चाहिए | रात्रि में भोजन बिल्कुल हल्का हो |
  • रात्रि में सोने से पहले दही या भैंस के दूध का सेवन न करें |
  • दोपहर में छाछ या दही का प्रयोग करें | इससे कमजोरी भी नहीं आएगी एवं पाचन भी ठीक रहेगा |
  • मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए |
  • फलों का रस भी बिना चीनी के लें एवं दिन भर गर्म गर्म शाकाहारी शुप लें |
  • सोडा, चाय के स्थान पे ग्रीन टी का प्रयोग करें या फिर ओलिव टी का प्रयोग भी फायदेमंद रहता है | इनमे चीनी की जगह शहद मिलाकर सेवन कर सकते है |
  • दिन भर गरम या गुनगुना पानी पियें | गर्मी के मौसम में गर्म पानी पीना कष्टदाई प्रतीत होता है अत: एसे में 2 लीटर पानी को अच्छे से उबाल कर ठंडा कर लें एवं सामान्य तापमान पर उपयोग में लें |
  • जिन्हें डिप्रेसन की शिकायत है या उसके कारण वजन बढ़ रहा है तो उन्हें अपना स्ट्रेस लेवल कम करना चाहिए | इसके लिए आप एक्सरसाइज, प्राणायाम या डॉक्टर की सलाह से दवा का सेवन कर सकते है |
  • सलाद की मात्रा ज्यादा रखें |

मोटापा घटाने के दौरान हमारी कैलौरी इंटेक प्रतिदिन 1200 से ऊपर नहीं होनी चाहिए | क्योंकि वजन तभी बढ़ता है जब हमारा कैलौरी इन्टेक, कैलौरी बर्न होने से ज्यादा हो |

मोटापा कम करने वाले आयुर्वेदिक नुस्खें

  • रात्रि में 1 चम्मच मेथी को 1 गिलास पानी में भिगों के रखें , सुबह खाली पेट छान कर सेवन करें |
  • त्रिफला सेवन शरीर के आम यानी मल को बाहर निकालता है और पाचन ठीक रखने में उपयोगी साबित होता है |
  • गुग्गुलु का प्रयोग भी वजन कम करने के लिए करते है |
  • त्रिफला गुग्गुलु बाजार में मिलने वाली आम आयुर्वेदिक दवा है | यह हरेक आयुर्वेदिक दवा स्टोर में उपलब्ध हो जाती है | इसका प्रयोग भी वजन कम करने के लिए किया जा सकता है |
  • काली मिर्च, सौंठ, पिप्पली, दालचीन – इन सभी को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें | इस चूर्ण की 1 – 1 चम्मच सुबह शाम पानी से लेनी चाहिए |
  • स्ट्रेस के कारण वजन बढ़े तो ब्राह्मी शंखपुष्पि से निर्मित सिरप या कोई अन्य आयुर्वेदिक सिरप जो मानसिक तनाव को कम करे का प्रयोग फायदेमंद रहता है |
  • जो लोग ग्रीन टी पीतें है उनके लिए ग्रीन टी का इफेक्ट बढाने के लिए चमत्कारिक प्रयोग – 5 तुलसी के पत्ते, पुदीने के पत्ते, अदरक का टुकड़ा एवं आंवले का टुकड़ा – इन सबको 300 मिली पानी में उबालें जब पानी आधा रह जाये तब इसमें 1 स्पून ग्रीन टी मिलाकर तुरंत गैस बंद करदें एवं 5 मिनट ढक कर रखें | 5 मिनट बाद निम्बू की 2 बूँद एवं जरुरत के अनुसार शहद मिलाकर पियें |

मोटापे को घटाने वाले योगासन

नियमित सैर के साथ योग करना मोटापे के लिए काल साबित होता है | आप वजन घटाने के लिए निम्न योगासनों का प्रयोग कर सकते है |

  1. धनुरासन
  2. भुजंगासन
  3. शलभासन
  4. अर्धमत्स्येन्द्रासन
  5. त्रिकोणासन
  6. वक्रासन
  7. नौका सञ्चालन

मोटापे के कारण होने वाली बीमारियाँ

  1. संधिवात – घुटने एवं एडियों में दर्द |
  2. वेरीकोस वेन |
  3. हार्ट डिजीज |
  4. ब्लड प्रेस्सर की समस्या |
  5. मधुमेह |

द्वारा –लेखक

Dr Eti Maurya

BAMS (Bachelor or Ayurvedic Medicine and Surgery ) Yashwant Ayurvedic Medial College Kodoli
Kolhapur, under university of MUHS Nashik.

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