शिवा गुटिका के फायदे (Shiva Gutika Benefits in Hindi): यह आयुर्वेद की एक बहुत ही प्रशिद्ध बलवृद्धक शास्त्रोक्त औषधि है । जिसका प्रयोग मधुमेह, कैंसर एवं अन्य गंभीर बिमारियों के उपचार में प्रयोग किया जाता है । यह जड़ी बूटियों एवं खनिज द्रव्यों से निर्मित होने वाली बहुत ही लाभकारी आयुर्वेदिक दवा है । जिसके उपयोगों के बारे मे एवं स्वास्थ्य लाभों से सभी को अवगत होना आवश्यक है ।
आज के इस लेख में हम शिव गुटिका के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग, घटक द्रव्य एवं खुराक आदि के बारे में बात करेंगे । यह एक पोलीहर्बल औषधि है जिसका इस्तेमाल विभिन्न रोग जैसे मधुमेह, HIV, कैन्सर, टीबी, एवं अन्य गंभीर रोगों में किया जाता है । आयुर्वेद के अष्टांग हृदय के अनुसार इस औषधि का निर्माण किया जाता है । तो चलिए सबसे पहले जानते हैं शिवा गुटिका या शिवा गुलिका के बारे में
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शिवा गुटिका क्या है ? / What is Shiva Gutika in Hindi
यह एक शास्त्रोक्त बलवर्द्धक रसायन है जिसमें शिलाजीत, गाय का घी, गोमूत्र, त्रिफला, दशमूल क्वाथ, गिलोय, बला जैसे लगभग 40 से अधिक औषधीय द्रव्य उपस्थित हैं । ऐसा माना जाता है कि शिवा गुटिका का ज्ञान भगवान् शिव से आया है । एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश को प्रमेह रोग ठीक करने के लिए शिवा गुटिका का इस्तेमाल बताया था ।
इसका मुख्य घटक शिलाजीत है जो अन्य जड़ी बूटियों के साथ मिलाकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि करता है एवं शरीर में त्रिदोष को संतुलित करता है । अत: शिवा गुटिका एक बहुत ही बलवान रसायन औषधि है जिसे शरीर को ताकत देने एवं गंभीर बिमारियों से लड़ने में उपयोगी बनाती है ।
शिवा गुटिका के घटक / Ingredients of Shiva Gutika
शिवा गुटिका के निर्माण में निम्न जड़ी बूटियों का समावेश होता है । आप इस table के माध्यम से शिवा गुटिका में डाली जाने वाली आयुर्वेदिक सामग्री को देख सकते हैं –
English Name | Hindi Name | Latin Name |
---|---|---|
Shilajatu | शिलाजीत | Asphaltum |
Triphala Kashaya | त्रिफला कशाय | Triphala Kashaya |
Dashamoola Kashaya | दशमूल कशाय | Dashamoola Kashaya |
Guduchi Kwatha | गुडूची क्वाथा | Tinospora cordifolia |
Patola Kashayam | पटोला कशायम | Trichosanthes dioica |
Bala Kashayam | बाला कशायम | Sida cordifolia |
Yashtimadhu (Licorice) | यष्टिमधु | Glycyrrhiza glabra |
Cow Urine | गौ मूत्र | Cow Urine |
Cow Milk | गौ दूध | Cow Milk |
Kakoli | ककोली | Lilium polyphyllum |
Ksheerakakoli | क्षीरककोली | Fritillaria roylei |
Musta | मुस्ता | Cyperus rotundus |
Pushkaramoola | पुष्करमूला | Inula racemosa |
Chitraka | चित्रक | Plumbago zeylanica |
Rasna | रसना | Pluchea lanceolata |
Meda | मेदा | Polygonatum cirrhifolium |
Mahameda | महामेदा | Polygonatum verticillatum |
Riddhi Chavya | ऋद्धि चव्या | Piper cubeba |
Gajapippali | गजपिप्पली | Scindapsus officinalis |
Pata | पटा | Cissampelos pareira |
Jeevaka | जीवका | Crepidium acuminatum |
Rishabhaka | ऋषभक | Malaxis muscifera |
Danti | दन्ती | Baliospermum montanum |
Vidari | विदारी | Pueraria tuberosa |
Ksheeravidari | क्षीरविदारी | Ipomoea paniculata |
Veera (Coconut) | वीर / नारियल | Cocos nucifera |
Shalaparni | शालपर्णी | Desmodium gangeticum |
Prishnaparni | पृष्णपर्णी | Uraria picta |
उपरोक्त सभी जड़ी-बूटियाँ को, प्रत्येक 48 ग्राम लेकर इसमें 12.288 लीटर पानी मिलाकर काढ़ा तैयार किया जाता है और जब क्वाथ 3.072 लीटर बचे तो निचे उतर कर ठंडा कर लिया जाता है ।
English Name | Latin Name | Quantity | Hindi Name |
---|---|---|---|
Karkatshringi | Pistacia integerrima | 96 g | कर्कटशृंगी |
Amla | Emblica officinalis | 96 g | आमला |
Trikatu | Ginger (Zingiber officinale), Pepper (Piper nigrum), Long pepper (Piper longum) | 96 g each | त्रिकटु |
Talisapatra | Abies webbiana | 192 g | तालीसपत्र |
Vidari powder | Pueraria tuberosa | 48 g | विदारी पाउडर |
Vamsha | Bambusa bambos | 24 g | वंश |
Cardamom | Elettaria cardamomum | 96 g | इलायची |
Cinnamon | Cinnamomum zeylanicum | 96 g | दालचीनी |
Patra | Cinnamomum tamala | 96 g | तेजपत्ता |
Nagakeshar | Mesua ferrea | 96 g | नागकेसर |
Taila | Sesame oil | 96 g | तिल का तेल |
Cow ghee | Cow ghee | 192 g | गौ घी |
Honey | Honey | 384 g | शहद |
Sugar | Sugar | 768 g | चीनी |
Jatipushpa | Jasminum sambac | Fragrance | जातीपुष्प |
शिवा गुटिका के औषधीय गुण | Ayurvedic Properties of Shiva Gutika
यह एक एंटीबायोटिक, एंटी-डायबिटिक, एंटी-वेनोमस, एंटी-हाइपोलिपिडेमिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, इम्यूनो-मॉड्यूलेटरी, एंटीवायरल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट एजेंटों भरपूर आयुर्वेदिक औषधि है । जिसकी बराबरी कोई भी अन्य औषधि नहीं कर सकती ।
इस दवा के सेवन मात्र से रोग दूर होने लगता है, शरीर में त्रिदोष बैलेंस होने लगते हैं, शरीर में पौषण बढ़ता है एवं इम्युनिटी बढती है । इसका सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक के दिशा निर्देशों में करने से औषधि का लाभ दुगुना मिलता है ।
शिवा गुटिका के फायदे / Shiva Gutika Benefits in Hindi
शिवा गुटिका के फायदे जानने से पहले आप सभी को जान लेना चाहिए कि शिवा गुटिका को गंभीर रोगों के उपचार के लिए काम में लिया जाता है । चलिए जानते हैं शिवा गुटिका के फायदों के बारे में –
मधुमेह रोग में: अगर आपको मधुमेह है तो शिवा गुटिका आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है । खाना खाने के बाद सुबह – शाम शिवा गुटिका की एक – एक गोली लेने से मधुमेह से हुई शारीरिक क्षति में लाभ मिलता है । यह लीवर, किडनी एवं फेफड़ों की क्रियाशीलता को बढाती है एवं शरीर में रोग के कारण आई कमजोरी भी इससे आसानी से दूर हो जाती है ।
प्रमेह रोग में शिवा गुटिका के फायदे: स्वप्न प्रमेह हो या किसी भी प्रकार का प्रमेह शिव गुलिका के सेवन से रोगी को तुरंत ही असर दिखाई देने लगता है । शिवा गुटिका को प्रमेह की उत्तम औषधि माना जाता है । इसके सेवन से सभी प्रकार के प्रमेह दूर होते हैं एवं इस रोग के कारण हुई शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है ।
अस्थमा एवं एलर्जी रोग में: शिवा गुटिका शारीरिक शक्ति बढ़ाने एवं शरीर में औज बढ़ाने के लिए प्रयुक्त होने वाली सबसे शक्तिशाली औषधि है । इसे अगर अस्थमा रोग में प्रयोग किया जाता है तो परिणाम अच्छे मिलते हैं । एलर्जी में भी यह शरीर की रक्षा करती है एवं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाकर एलर्जी में राहत देती है ।
हृदय विकार में: शिवा गुटिका हृदय के लिए भी बलशाली रसायन है । यह मोटापे एवं अतिरिक्त फैट को शरीर से हटाने का कार्य करती है । इसे नियमित कुछ समय के लिए प्रयोग करने से भी हृदय को बल मिलता है । अगर आप हृदय विकारों से पीड़ित है तो एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से शिवा गुटिका इस्तेमाल कर सकते हैं ।
लीवर और स्प्लीन रोग में: लीवर और स्प्लीन की समस्याओं में शिवा गुटिका अच्छा परिणाम देती है । यह लीवर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करती है । अगर किसी रोग के कारण लीवर में आई कमजोरी को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है । मधुमेह, कैंसर या अन्य गंभीर रोगों में लीवर को नुकसान पहुँचता है । एसे में शिवा गुटिका के इस्तेमाल से लीवर प्रॉपर तरीके से कार्य करता है एवं रोग से मुक्ति मिलती है ।
मिर्गी रोग में: मिर्गी के उपचार में भी शिवा गुटिका की उपयोगिता देखी गई है । यह मानसिक विकारों को दूर करके मिर्गी के उपचार में विशेष लाभ देती है । इस औषधि को अन्य आयुर्वेदिक औषधियों के योग के साथ प्रयोग करने से मिर्गी रोग में भी आराम मिलता है । साथ ही शिवा गुटिका त्वचा विकारों को भी ठीक करती है ।
खुराक / Dosage
आमतौर पर शिवा गुटिका को 6 ग्राम की मात्रा में सुबह – शाम दूध, जल या अन्य औषधीय क्वाथ आदि के अनुपान के साथ लिया जाता है । हालाँकि रोगानुसार खुराक के लिए आपको एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अनुसार ही इस औषधि का सेवन करना चाहिए ।
धन्यवाद ।