Fistula Means in Hindi: फिस्टुला को हिंदी में भगंदर कहते हैं। यह एक ऐसी समस्या है जिसे पाइल्स से संदर्भित किया जा सकता है, लेकिन यह पाइल्स नहीं है। पाइल्स और फिस्टुला अलग अलग होते हैं। जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे। फिस्टुला या भगंदर की बात करें तो यह एक गंभीर बीमारी है जिसमें anal (गुदा मार्ग) में इन्फेक्शन से मवाद और itching की समस्या हो जाती है। आगे इस लेख में हम फिस्टुला से जुड़ी सभी जरुरी बातों और इसके इलाज के बारे में बात करेंगे।
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फिस्टुला (भगंदर) क्या है | Fistula Means in Hindi
जैसा आपको ऊपर बताया है, फिस्टुला को हिंदी में भगंदर के नाम से जाना जाता है। यह एक जटिल रोग है जिसका समय रहते पता नहीं लगने पर ऑपरेशन की जरूरत बन आती है। असल में गुदा मार्ग में ग्रंथियों में किसी वजह से संक्रमण हो जाने पर इसमें पस या मवाद उत्पन्न हो जाती है। यह मवाद जहाँ से बाहर निकलती है उस रास्ते को फिस्टुला या भगंदर कहते हैं। यानि anal area में एक tunnel बन जाती है जो संकर्मित anus को ओपनिंग से जोड़ती है।
फिस्टुला होने का रीज़न क्या है | Fistula causes in hindi
Fistula होने के कारण बहुत ही सिंपल हैं। यह एक लाइफस्टाइल डिजीज है जिसके निम्न कारण हो सकते हैं:
- कब्ज की समस्या की वजह से।
- अधिक समय तक बैठने के कारण।
- क्रोहन रोग की वजह से।
- टीबी जैसी समस्या में।
- anal एरिया में इन्फेक्शन की वजह से।
- Digestive सिस्टम में खराबी के कारण।
- HIV जैसी समस्या में भी इसका खतरा ज्यादा होता है।
- Anal एरिया में कोई सर्जरी होने की वजह से भी हो सकता है।
Fistula के लक्षण क्या हैं | Fistula Symptoms in Hindi
- Anal एरिया में itching होना।
- शौच जाते समय दर्द और खुजली होना।
- बैठे बैठे निचे की तरफ असहजता होना।
- Anus की तरफ गिला महसूस होना।
- खांसने पर Anal एरिया में भयंकर दर्द होना।
- बदबूदार स्मेल के साथ मवाद आना।
- मल के साथ मवाद का आना।
- गुदा (Anus) के पास फिस्टुला की ओपनिंग दिखना।
- Anus में जलन रहना।
फिस्टुला (भगंदर) के लिए कौनसा टेस्ट होता है | Fistula Diagnosis in Hindi
आमतौर पर इसका परिक्षण (Diagnosis) शारीरिक जाँच के द्वारा किया जाता है। लेकिन कुछ विशेष सिचुएशन में इसके लिए कुछ टेस्ट करने की आवश्यकता होती है। ऐसे में आपका डॉक्टर आपको फिस्टुला परिक्षण की सलाह देता है। इस डायग्नोसिस में निम्न टेस्ट होते हैं
- X-Ray
- CT Scan
- कोलोनोस्कोपी
फिस्टुला के प्रकार | Fistula Type in Hindi
फिस्टुला (भगंदर) को मुख्यतः दो प्रकार में समझा जाता है। एक सिंपल (साधारण) या complicated (जटिल) फिस्टुला और दूसरा कम (low) या ज्यादा (high) फिस्टुला। यहाँ पर सिंपल का मतलब है एक ही फिस्टुला होना, एक से ज्यादा होने पर इसे complicated फिस्टुला कहते हैं। फिस्टुला के ओपनिंग की anal एरिया से दुरी अगर ज्यादा है तो इसे कम और दुरी कम होने पर इसे ज्यादा (High) फिस्टुला कहते हैं।
बचाव क्या है | Prevention in Hindi
आयुर्वेद में बचाव को सबसे बड़ा उपचार माना गया है। यानि वे तरीके जिन्हें अपनाकर आप फिस्टुला होने से बच सकते हैं। ऐसा होने पर आपको दवा और उपचार की जरूरत ही नहीं होगी। फिस्टुला बहुत ही कष्टदायक रोग है इससे बचाव करना बहुत जरुरी है। Prevention के लिए आप निम्न टिप्स को फॉलो करें:
- अधिक समय तक बैठे न रहें।
- ज्यादा फाइबर वाला खाना खाएं।
- तरल पदार्थ जैसे जूस रस आदि का अधिक सेवन करें।
- मसालेदार भोजन और शराब आदि के नशे को कम करें।
- डायबिटीज मोटापा जैसी कंडीशन को कण्ट्रोल रखें।
- Anal एरिया की हाइजीन को मेन्टेन रखें।
- दस्त और कब्ज जैसी समस्या होने पर तुरंत इलाज लें।
- मल को अधिक समय तक रोक के न रखें।
- मल जाते समय ज्यादा जोर न लगायें।
- योग व्यायाम जरुर करें।
- Digestion की समस्या होने पर आयुर्वेदिक उपचार लें।
फिस्टुला (भगंदर) हो जाये तो क्या करना चाहिए | Fistula Tips in Hindi
अगर आपको गुदा मार्ग में itching या pain हो रहा है तो हो सकता है आपको फिस्टुला या बवासीर जैसी कोई समस्या हो। ऐसा होने पर खुद से इलाज करने की बजाय पहले डॉक्टर से परिक्षण करवाकर रोग निर्धारण करना सही होता है। डॉक्टर से मिलकर अगर आपको पता चलता है की आपको फिस्टुला है तो फिस्टुला के निम्न टिप्स को ध्यान में रखें:
- अधिक समय तक बैठे न रहें।
- हरी सब्जियों और फाइबर युक्त खाने का सेवन करें।
- मल को रोकने की आदत को छोड़ें।
- गुदा एरिया को साफ रखें।
- स्टूल सॉफ्टनर का उपयोग करें अगर नही हो तो गद्दी का उपयोग करें।
- पानी ज्यादा पियें।
फिस्टुला का इलाज क्या है | Fistula Ilaj in Hindi
आमतौर पर फिस्टुला को एक कठिन रोग माना जाता है। ज्यादातर केस में फिस्टुला बिना ऑपरेशन (सर्जरी) के ठीक नहीं होता है।इसलिय आमतौर पर इसका इलाज सर्जरी से ही करने किस सलाह डॉक्टर देता है। आयुर्वेद में फिस्टुला का बिना सर्जरी इलाज भी संभव है जिसकी बात हम बाद में करेंगे।अगर फिस्टुला के इलाज की बात करें मुख्यतः सर्जरी के तरीके हैं जिनमें फिस्टुला के ओपनिंग को खुला रखकर इसे सुखाने की कोशिश की जाती है। यहाँ दिए गये treatments ज्यादातर दिए जाते हैं:
Fistulotomy: यह एक मुख्य सर्जिकल प्रोसेस है जिससे फिस्टुला का इलाज किया जाता है।
सेटोल तकनीक: यह भी एक सर्जरी प्रक्रिया है जिसमें एक धागे से फिस्टुला ओपनिंग को खुला रखकर ठीक करने की कोशिश की जाती है।
Lift Process: इसमें फिस्टुला के हिस्से को काटकर धागे से सील देते हैं और इसकी ओपनिंग को खुला छोड़ देते हैं।
लेजर ट्रीटमेंट: यह एक सामान्य लेजर सर्जरी की तरह ही है फिस्टुला को काट कर ठीक किया जाता है।
फिब्रीन ग्लू ट्रीटमेंट: यह एलॉपथी में एक मात्र नॉन सर्जरी ट्रीटमेंट है जिसमे रोगी को फिस्टुला एरिया में एक ग्लू (गोंद) डाल दिया जाता है। यह गोंद फिस्टुला को सूखने में मदद करता है।
फिस्टुला (भगंदर) का आयुर्वेदिक उपचार | Fistula Ayurveda Treatment in Hindi
आयुर्वेद में फिस्टुला (भगंदर) को digestive सिस्टम में असुंतलन या खराबी का नतीजा माना जाता है। इसके लिए अपथ्य खान पान और ख़राब दिनचर्या को मुख्य वजह माना जाता है। आयुर्वेद में फिस्टुला का इलाज सर्जिकल और मेडिकल दोनों उपलब्ध है। सर्जिकल में क्षारसूत्र कर्म और मेडिकल में आयुर्वेदिक दवाओं से भगंदर को ठीक किया जाता है। यहाँ पर हम दोनों के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
फिस्टुला का क्षारसूत्र कर्म से इलाज | Fistula Kshar Sutra Treatment in Hindi
यह प्राचीन आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट आज भी फिस्टुला का सबसे प्रभावी इलाज है। फिस्टुला के इलाज में सबसे जरुरी होता है इसकी ओपनिंग को खुला रखना और इन्फेक्शन को ख़त्म करना। इसी को ध्यान में रखकर हमारे वैद्यो ने क्षारसूत्र कर्म से फिस्टुला का इलाज करने की तकनीक को विकसित किया था। इस तकनीक में एक सूती धागे को आयुर्वेदिक क्षार में डुबोकर इसको फिस्टुला मार्ग में डाल कर छोड़ा जाता है जो इसको ठीक करने की लिए काम करता है। आयुर्वेदिक दवाएं जो इन्फेक्शन को ख़त्म करने और कफ रोधी होती हैं उनमे इस धागे को डुबाया जाता है। इसके बाद इसको गुदा और फिस्टुला के अन्दर से निकाला जाता है और पीछे से काट दिया जाता है।
इस धागे में मौजूद औषधियां इन्फेक्टेड एरिया को जल्द ठीक होने में मदद करती हैं। यह घाव भी इस विधि से सुखकर जल्द ही भर जाता है। fistuloscopy की बजाय यह प्राचीन सर्जरी प्रक्रिया ज्यादा कारगर है और इससे दुबारा फिस्टुला होने का खतरा नहीं होता है।
फिस्टुला के क्षार कर्म से इलाज के फायदे | Kshar Karm Treatment Benefits
- क्षारकर्म फिस्टुला का सबसे प्रभावी इलाज है।
- इससे फिस्टुला बार बार नहीं होता है।
- क्षार कर्म से फिस्टुला का परमानेंट इलाज संभव है।
- इसकी लागत (Cost) बहुत कम है।
- इससे रोगी को कम परेशानी होती है।
- जल्द ठीक हो जाता है।
- पूर्णतः नेचुरल होने की वजह से किसी तरह का दुष्प्रभाव भी नहीं होता है।
फिस्टुला (भगंदर) को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक मेडिसिन | Fistula Ayurvedic Medicine in Hindi
आयुर्वेद में बवासीर और फिस्टुला जैसी हेल्थ कंडीशन के लिए बहुत प्रभावी दवाएं मौजूद हैं। चूँकि फिस्टुला एक इन्फेक्शन की स्थिति है इसलिए इसको ठीक करने के लिए ऐसी दवाओं की आवश्यकता होती है जिनमे एंटीबायोटिक और एंटी inflamatory गुण होते हैं। यूँ तो आयुर्वेद में फिस्टुला (भगंदर) के लिए बहुत सी दवाएं हैं लेकिन उनमे से कुछ ऐसी दवाएं है जो बहुत कारगर हैं। यहाँ पर हम ऐसी ही पञ्च दवाओं के बारे में आपको बता रहे हैं जिनसे बिना सर्जरी के फिस्टुला का इलाज संभव है।
- त्रिफला
- आरोग्यवर्धिनी वटी
- दिव्य अर्श्कल्प वटी
- निर्गुन्डी आयल
- त्रिफला गुग्गुलु
फिस्टुला हो जाने पर डाइट प्लान | Fistula Diet Plan in Hindi
आयुर्वेदानुसार फिस्टुला पाचन विकारों और इम्युनिटी की कमी से होने वाली बीमारी है। इस समस्या का इलाज करने के लिए ट्रीटमेंट के साथ साथ डाइट का ध्यान रखना भी बहुत जरुरी है। फिस्टुला डाइट प्लान में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जिनमें एंटी बायोटिक और इम्युनिटी वर्धक गुण हो और जिनसे पाचन की समस्या ठीक होती हो। ऐसा एक डाइट प्लान निचे दिया गया है:
ब्रेकफास्ट (नाश्ता): फिस्टुला को ठीक करने के लिए ब्रेकफास्ट में फ्रेश फ्रूट्स और जूस का उपयोग करना चाहिए। इसमें आप केला, पपीता, ऑरेंज, मौसमी आदि को शामिल कर सकते हैं। इसके जल्दी पचने वाला भोजन करें।
लंच (दोपहर का भोजन): दोपहर में आप अधिक फाइबर युक्त चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें। ताजा दही और छाछ का भी सेवन कर सकते है।
डिनर (रात्रि भोजन): रात के खाने में दलिया खिंचड़ी या फिर कम मसाले वाली सब्जी के साथ रोटी खा सकते हैं। खाने के बाद दूध का सेवन भी किया जा सकता है। ध्यान रखें की खाना देरी से न खाएं।
Conclusion (निष्कर्ष)
फिस्टुला एक जटिल रोग है और इसका समय रहते इलाज करना बहुत जरुरी है। फिस्टुला के इलाज के लिए आयुर्वेदिक क्षार सूत्र कर्म सबसे प्रभावी माना जाता है क्योंकि यह बहुत ही किफायती, कम कष्टदायक और प्राकर्तिक है। इसके अलावा सर्जरी से भी इसका इलाज किया जाता है लेकिन उसमें इसके फिर से होने का खतरा रहता है। फिस्टुला के लक्षण नजर आने पर आयुर्वेदिक डॉक्टर को दिखाकर उचित इलाज शुरू कर देना चाहिए।
Note: यहाँ पर दी गयी जानकारी विश्वसनीय और डॉक्टर सत्यापित है लेकिन फिस्टुला के इलाज के लिए आपको इसे उपयोग में नहीं लेना चाहिए। फिस्टुला की समस्या से परेशान हैं तो स्वदेशी उपचार आयुर्वेद से कांटेक्ट करके डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।