Lavan Bhaskar Churna Uses in Hindi: लवण भास्कर चूर्ण एक शास्त्रोक्त उत्तम पाचक, कब्ज एवं गैस नाशक चूर्ण है । इस चूर्ण का इस्तेमाल पेट में होने वाली समस्याओं में प्रमुख रूप से किया जाता है । अगर आपका हाजमा बिगड़ा हुआ है तो लवण भास्कर चूर्ण के प्रयोग से जल्द ही हाजमा ठीक हो जाता है । इस लेख में, हम लवण भास्कर चूर्ण के विभिन्न उपयोगों (Lavan Bhaskar Churna Uses in Hindi) के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसके साथ ही, हम इसकी खुराक, सावधानियां और अवश्यकताओं पर भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा, हम इस चूर्ण के उपयोग से जुड़े सामान्य प्रश्नों के जवाब भी प्रदान करेंगे। तो चलिए सबसे पहले आज के इस टॉपिक का थोड़ा सामान्य विवरण आपको उपलब्ध करवा देते हैं –
Post Contents
सामान्य विवरण:
दवा का नाम: | लवण भास्कर चूर्ण |
प्रकार: | Classical |
प्रकरण: | चूर्ण |
विवरण ग्रन्थ: | शारंगधर संहिता |
उपयोग: | पाचन, कब्ज, गैस एवं पेट दर्द |
मूल्य: | ₹ 114 (डाबर लवण भास्कर 120 ग्राम) |
लेखक: | उपवैद्य योगेन्द्र |
लवण भास्कर चूर्ण क्या है?
यह स्वादिष्ट पाचक आयुर्वेदिक चूर्ण है । जो कब्ज, गैस, अपच, अजीर्ण आदि रोगों में इस्तेमाल होता है । लवण भास्कर चूर्ण का वर्णन शारंगधर संहिता में मिलता है । इसका निर्माण एवं घटकों की जानकारी इसी ग्रन्थ से मिलती है । यह एक उत्तम पाचक औषधि है । जो सेवन में आसान एवं रोगों को ठीक करने में तीव्रता से असर दिखने वाली है ।
इस औषधि का प्रयोग छाछ या गुनगुने पानी के साथ किया जाता है । इसमें धनिया, पीपल, नागकेशर, तेजपता जैसे आयुर्वेदिक घटक है । जो इसे पाचन ठीक करने में एक लाभदायक आयुर्वेदिक दवा बनाते है ।
लवण भास्कर चूर्ण के घटक | Ingredients of Lavan Bhaskar Churna
लवण भास्कर चूर्ण की सामग्री लिस्ट आप निचे देख सकते है –
Hindi Name | English Name |
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सौंचर नमक | Rock Salt |
सैंधव नमक | Himalayan Pink Salt |
समुद्र लवण | Sea Salt |
विड नमक | Black Salt |
कृष्ण जीरक | Caraway Seeds |
धनिया | Coriander |
तालीस | Star Anise |
तेजपत्ता | Bay Leaf |
श्वेत जीरा | Cumin Seeds |
सोंठ | Dry Ginger |
काली मिर्च | Black Pepper |
इलायची | Cardamom |
अनार के बीज | Pomegranate Seeds |
दालचीनी | Cinnamon |
नागकेशर | Nagkeshar |
अम्लवेत्स | Tamarind |
पिप्पली | Long Pepper |
लवण भास्कर चूर्ण के 9 उपयोग | Lavan Bhaskar Churna Uses in Hindi
लवण भास्कर चूर्ण एक प्रमुख आयुर्वेदिक दवा है जिसे लोग पाचन संबंधी समस्याओं, अम्लपित्त, आंत्र विकार, गैस, मलत्याग संबंधी समस्याओं, ग्रहणी विकार जैसी समस्याओं में उपयोग करते हैं। यह एक प्राकृतिक शास्त्रोक्त औषधि है जो नुकसान रहित एवं स्वादिष्ट औषधि है ।
1. पाचन संबंधी समस्याएं (Digestive Disorder): आप अक्सर खाने-पीने के बाद पेट में अवसाद, तेज़ी से पेट भर जाने की भावना, पेट दर्द, गैस, और बाहरी गैसों की समस्या से परेशान होते हैं। लवण भास्कर चूर्ण इन सभी पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकता है।
2. अम्लपित्त (Hyper Acidity): अम्लपित्त एक सामान्य समस्या है जो आपको जलन, अपच, पेट में असहजता, गैस, और उल्टी की समस्या के रूप में अनुभव करवा सकती है। लवण भास्कर चूर्ण अम्लपित्त को कम करने में मदद कर सकता है और पाचन क्रिया को सुधार सकता है। अम्लपित्त की समस्या में इसे मीठे सोडे के साथ मिलाकर खाना खाने के बाद लेने से तीव्रता से लाभ देता है । लवण भास्कर चूर्ण का उपयोग अविपत्तिकर चूर्ण के साथ करने से अम्लपित्त रोग ठीक हो जाता है ।
3. आंत्र विकार: आंत्र विकार जैसे कि उदरवय संक्रमण, गैस, दस्त, और पेट में असहजता के लिए भी लवण भास्कर चूर्ण बहुत उपयोगी होता है। इसे नियमित रूप से उपयोग करने से पाचन प्रक्रिया सुधरती है और आंत्र के विकारों को ठीक करने में मदद मिलती है।
4. अपानवायु संबंधी समस्याएं (Gais): अपानवायु संबंधी समस्याएं जैसे कि कब्ज, मलत्याग में कठोरता, पेट में दर्द, और गैस की समस्याएं भी लवण भास्कर चूर्ण से ठीक हो जाती हैं । इसमें मौजूद औषधीय गुण अपानवायु को शांत करने में मदद करते हैं और मलत्याग को सुचारु रूप से संचालित करने में मदद कर सकते हैं।
5. गैस और उदररोग (Gas and Colic): लवण भास्कर चूर्ण गैस और उदररोग समस्याओं को भी ठीक करने लाभदायक है। यह गैस को नियंत्रित करने, पेट के रोगों को दूर करने, और पाचन को सुधारने में मदद करता है । इस चूर्ण का इस्तेमाल नित्य खाना खाने के बाद करने से लाभ मिलता है।
6. मलत्याग संबंधी समस्याएं (Bowel problems): जब आप मलत्याग संबंधी समस्याओं से पीड़ित होते हैं, तो लवण भास्कर चूर्ण आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। यह पेट को साफ़ करने, कब्ज को दूर करने, और मलत्याग को सुचारु रूप से संचालित करने में मदद कर सकता है।
7. ग्रहणी विकार (Duodenal disorder): ग्रहणी विकार जैसे कि ग्रहणी में पीड़ा, पेट में असहजता, और अपाच के लिए भी लवण भास्कर चूर्ण उपयोगी होता है। इससे पेट की समस्याएं कम होती हैं, पाचन प्रक्रिया सुधारती है, और आंत्र को ठीक करता है।
8. भूख की कमी (Loss of Appetite): शरीर में मन्दाग्नि होने से भूख लगना बंद हो जाती है । मन्दाग्नि के भी बहुत से कारण होते हैं जैसे अधपके आहार पर भोजन करना, शरीर में कमजोरी आना, पाचकाग्नि का धीमे होना आदि के कारण मन्दाग्नि रोग हो जाता है । जिसे लवण भास्कर चूर्ण को नित्य सुबह छाछ के साथ सेवन करने से ठीक किया जा सकता है ।
9. कब्ज रोग में उपयोगी (Constipation): कब्ज एक समस्या है जिसमे रोगी अच्छी तरह से पेट साफ़ नहीं कर सकता । Lavan Bhaskar Churna Uses in Hindi अर्थात लवण भास्कर का उपयोग नियमित रात्रि में सोते समय गरम जल के साथ करने से सुबह पेट अच्छे से साफ़ होता है । दूसरा सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लवण भास्कर चूर्ण पाचक औषधि है और पेट एवं आँतों को साफ़ करने में उपयोगी है । अत: इसके सेवन से कब्ज ठीक हो जाता है ।
लवण भास्कर चूर्ण की खुराक (Dosage of Lavan Bhaskar Churna in Hindi)
लवण भास्कर चूर्ण की सामान्य खुराक 3 से 5 ग्राम तक सुबह – शाम छाछ या गुनगुने जल के साथ वैद्यकीय सलाह अनुसार किया जा सकता है । यह औषधि पूर्णत: सुरक्षित है अत: इसे नियमित लम्बे समय तक सेवन योग्य माना जाता है । विशेष रोगों में अन्य आयुर्वेदिक औषधियों के साथ लवण भास्कर चूर्ण का उपयोग (Lavan Bhaskar Churna Uses in Hindi) करवाया जाता है ।
नुकसान (Side Effects)
इस औषधि के कोई भी ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है । इसे निर्धारित मात्रा में लम्बे समय तक उपयोगी माना गया है । यह प्राकृतिक जड़ी – बूटियों से निर्मित होने के कारण पूर्णत: सुरक्षित है । फिर भी अन्य मामलों में आपको आयुर्वेदिक वैद्य के दिशा निर्देशों में इसका सेवन करना चाहिए । हालाँकि मात्रा निर्धारित ही सेवन करनी चाहिए । अधिक मात्रा लेने से दस्त जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं ।
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