गरुड़ासन करने की सही विधि, लाभ और सावधानियां (Eagle Pose in Hindi)

गरुड़ासन अर्थात जिस आसन को करते समय गरुड़ पक्षी (Eagle) की तरह मुद्रा (Pose) बने वह गरुड़ासन कहलाता है । गरुड़ पक्षियों का राजा और भगवान विष्णु का वाहक है। गरुड़ को दुनिया भर में बुरी शक्तियों से लड़ने का प्रतीक भी समझा जाता है । उसी प्रकार गरुड़ासन योग भी हमें अनेक रोगों साइटिका, मांसपेशियों की ऐंठन, जननांग विकार आदि से लड़ने में मदद करता है। गरुड़ासन खड़े होकर किया जाने वाला योगासन है।

गरुड़ासन | Eagle Pose

आज इस लेख में हम आपको गरुड़ासन क्या है, गरुड़ासन करते समय कौन-कौन सी सावधानी रखनी चाहिए, गरुड़ासन करने की विधि और गरुड़ासन से कौन-कौन से रोगों में फायदा मिलता है आदि सभी जानकारी विस्तार से देंगे। तो चलिए जानते हैं

गरुड़ासन की सामान्य जानकारी | General Details of Eagle Pose in Hindi

  • आसन का नाम – गरुड़ासन
  • अग्रेजी में नाम – Eagle pose
  • ध्यान – आज्ञाचक्र पर।
  • श्वांस क्रम – पूर्ण आसन में धीरे-धीरे गहरी सांस लें।
  • लाभ- एकाग्रता, साइटिका, मांसपेशियों की ऐंठन।
  • समय- लगभग 15 से 20 सेकंड इसी अवस्था में रुके।

गरुड़ासन क्या है (What is Garudasana)

गरुड़ासन योग का एक आसन है । गरुड़ासन (Garudasana) को अंग्रेजी में ईगल पोज (Eagle pose) भी कहा जाता है। ईगल का अर्थ है चील अर्थात इस योग को करने वाला मनुष्य चील की तरह की मुद्रा में दिखाई देता है। गरुड़ भगवान विष्णु का वाहक हैं । पुराने समय में जब देवताओं और असुरों का युद्ध होता था उस समय गरुड़ देवताओं की तरफ से युद्ध में भाग लेते थे और असुरों का विनाश करते थे उसी प्रकार गरुड़ासन भी हमारे शरीर से नेगेटिव एनर्जी को दूर करता है। गरुड़ासन करने से कंधे, एड़ियां, हिप्स, जांँघ, पिंडलियों और अपर बेक (Upper Back) में मजबूती तथा खिंचाव आता है।

गरुड़ासन करने की विधि या तरीका | How to Practice Garudasana or Eagle Pose

  • सबसे पहले ताड़ासन में खड़े हो जाएं।
  • दाहिना पैर उठाए और बाएं पैर पर इस प्रकार लपेटे की दाहिनी जांँघ का पिछला हिस्सा बाईं जाँघ पर और दाहिने पैर बाईं पिंडली को स्पर्श करें।
  • अब हाथों को भी कोहनियों से मोड़कर आपस में लपेट लें।
  • दोनों हथेलियों को आपस में प्रार्थना की मुद्रा में जोड़ लें।
  • अब वापिस ताड़ासन की स्थिति में आ जाएं।
  • अब दोबारा इतने ही समय के लिए पैरों और हाथों को बदलकर यही किया दोबारा दोहराएं।
  • यही क्रिया 2 से 5 बार करें।
  • पूरे आसन में धीरे-धीरे गहरी श्वास लेते रहे।

गरुड़ासन करने के फायदे या लाभ | Benefits of Garudasana in Hindi

  • इस आसन को करने से टखनों का सही विकास होता है।
  • एकाग्रता बढ़ती है।
  • शरीर के संतुलन का अभ्यास बढ़ता है।
  • साइटिका रोग में आराम मिलता है।
  • पिंडलियों की मांसपेशियों की ऐंठन को रोकने के लिए बड़ा ही लाभदायक आसन है।
  • हाथ व पैर लचीले और मजबूत बनते हैं।
  • जननांग के विकारों को भी बहुत हद तक गरुड़ासन से ठीक किया जा सकता है।
  • पैरों को दृढ़ता प्रदान करता है। निरंतर गरुड़ासन के अभ्यास करने से पैरों का कांपना भी दूर हो जाता है।
  • अपर बेक मजबूत रहती है।

सावधानियांँ

गरुड़ासन करते समय हमें अनेक बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे

  • गरुड़ासन का शुरुआत में अभ्यास योग ट्रेनर की देखरेख में ही करना चाहिए ।जब आपको यह अच्छी तरह से आ जाए तब आप स्वयं कर सकते हैं।
  • गठिया रोग में गरुड़ासन का अभ्यास सावधानीपूर्वक करना चाहिए या डॉक्टर से परामर्श के बाद ही करें।
  • ब्लड प्रेशर के रोगी को गरुड़ासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए या अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा करके गरुड़ासन का अभ्यास करें।
  • ऐसा व्यक्ति जिसे घुटनों में दर्द की शिकायत हो वह गरुड़ासन नहीं करें।
  • जिस व्यक्ति को हाथ या पैर में किसी प्रकार की चोट या दर्द हो वह भी गरुड़ासन न करें।
  • गरुड़ासन करने से पहले मन को शांत रखें।
  • गरुड़ासन का अभ्यास सरल नहीं होता है परंतु निरंतर शांत मन से अभ्यास करते रहने से इस आसन में अवश्य ही सफलता मिलती है अतः मन को शांत रखें।
  • शुरुआत के कुछ दिनों में यह आसन आपको जल्दी ही थका देता है। कई बार इतना ज्यादा थका देता है की हार मानने की हद तक जा सकते हैं। अगर इस आसन के अभ्यास के दौरान आप अपना हौसला खो देते हैं तो संभव है कि आप जमीन पर गिर जाएंगे और आपका संतुलन बिगड़ जाएगा अतः स्वयं पर संतुलन बनाए रखें।

अगर गरुड़ासन से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें हमारे whatsapp नंबर या निचे दिए गए कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है |

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