आज के इस लेख में विटामिन ई के कार्य, विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग, विटामिन ई की कमी को कैसे दूर करें और विटामिन ई खाने का तरीका आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे तो चलिए जानते हैं विटामिन ई हमारे शरीर में किस प्रकार कार्य करता है
विटामिन ई के बारे में आप सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि विटामिन ई हमारे बालों और त्वचा के लिए कितना जरूरी है परंतु इसके अतिरिक्त विटामिन ई हमारी प्रजनन शक्ति के लिए भी कितना जरूरी है यह नहीं जानते तो चलिए आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको विटामिन ई के कार्य, विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग, विटामिन ई की कमी को कैसे दूर करें व विटामिन ई खाने का तरीका और विटामिन ई को कौन से फल और सब्जियों के माध्यम से हम प्राप्त कर सकते हैं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे
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क्या है विटामिन ई | What is Vitamin E?
विटामिन ई एक पीले रंग का तेल जैसा पदार्थ होता है, जो वसा में घुलनशील है | यह पुरुष और महिला में प्रजनन शक्ति को बनाए रखता है अर्थात यह कहना गलत नहीं होगा कि यह एक प्रकार का बांझपन प्रतिरोधक पदार्थ है अर्थात जो महिला में बांझपन को रोकता है
विटामिन ई के शरीर में कार्य | Functions of ‘Vitamin E’ in the body
लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में विटामिन ई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन ई के अभाव में आरबीसी का निर्माण ठीक प्रकार से नहीं हो पाता जिसके कारण आरबीसी बड़े आकार की हो जाती है |
प्रजनन में सहायक है विटामिन ई
विटामिन ई सामान्य प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । इसकी कमी से स्त्री तथा पुरुष दोनों में ही प्रजनन शक्ति शुन्य हो जाती है। यौन हार्मोन का श्रावण अनियमित अनियंत्रित तथा असंतुलित हो जाता है इस कारण इसे प्रतिरोधक पदार्थ भी कहते हैं।
कोशिकाओं के रचना को बनाए रखने में सहायक
विटामिन ई कोशिकाओं के आवरण की रचनात्मक एकता को बनाए रखने में अमूल्य योगदान देता है। इस विटामिन की कमी से कोसों की रचनात्मक एकता बिगड़ जाती है जिससे कोशिकाओं की बाहरी झीलें नष्ट होने लगती है।
विटामिन ए तथा कैरोटीन को ऑक्सी क्रीक होने से रोकना
विटामिन ई में ऑक्सी प्रतिरोधक गुण होता है। अपनी इसी विशेषता के कारण विटामिन ई आंतों में कैरोटीन और विटामिन ए के ऑक्सीकरण को रोकता है। इस प्रकार यह कह सकते हैं कि विटामिन ई हमारे शरीर में विटामिन ए तथा कैरोटीन को भी नष्ट होने से बचाता है।
विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग | Vitamin E deficiency diseases
वयस्कों में इस विटामिन के कमी के प्रभाव कम ही देखे गए हैं क्योंकि इसकी पूर्ति आहार द्वारा हो जाती है बालकों में भी विटामिन ई की कमी के प्रभाव कम ही होते हैं।
विटामिन ई के अभाव में शरीर में अनेक प्रकार की बीमारियां और विकृतियां उत्पन्न हो जाती है जिससे अनेक लक्षण देखने को मिलते हैं।
प्रजनन क्षमता में कमी
विटामिन ई के अभाव में प्रजनन अंग सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाते हैं। यौन हार्मोन के श्रावण में गड़बड़ियां असंतुलन उत्पन्न हो जाता है। गर्भाशय की कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है जिसके परिणाम स्वरूप गर्भ में भ्रूण की मृत्यु हो जाती है।
पुरुषों में शुक्राणु उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं का नाश होने लगता है जिससे स्वस्थ शुक्राणुओं का निर्माण नहीं हो पाता है। अस्वस्थ कमजोर और निशक्त शुक्राणु अंडाणु का विभेदन करने में असमर्थ होते हैं जिससे गर्भधारण की क्रिया संपन्न नहीं हो पाती।
बार बार गर्भपात होना
पुरुष तथा महिला के शरीर में विटामिन ई सामान्य अवस्था में रहने पर ही गर्भधारण की क्रिया संपन्न होती है। जब पुरुष और महिला के शरीर में विटामिन ई की कमी हो जाती है तो पुरुष के शरीर में स्वस्थ शुक्राणु उत्पन्न नहीं होते जिसके कारण महिला में स्वस्थ भ्रूण का विकास नहीं हो पाता और वह बार-बार गर्भपात हो जाता है।
हृदय रोग
जब शोध में चूहों को विटामिन ई रहित आहार लंबे समय तक दिया गया तो उनके यकृत में रोग हो गया। इस कारण उनके यकृत धीरे-धीरे कल कर नष्ट होने लगी। उसी प्रकार विटामिन मनुष्य के यकृत को विभिन्न विषैले तथा हानिकारक पदार्थों से सुरक्षा करता है। परंतु विटामिन ई के अभाव में यह संभव नहीं हो पाता इस कारण यकृत में विषैले तत्वों का जमाव होने लगता है और विषैले तत्व यकृत की कोशिकाओं को नष्ट करने लगते हैं जिससे धीरे-धीरे यकृत की कोशिकाएं नष्ट होने लगती है और मरने लगती है।
त्वचा संबंधी विकार
विटामिन ई की कमी से त्वचा में अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इस विटामिन की कमी से त्वचा की चमक खत्म हो जाती है और त्वचा में रूखापन आ जाता है।
एनीमिया रोग
विटामिन ई के अभाव में शरीर में लाल रक्त कणिकाओं का नाश होने लगता है जिससे आरबीसी अर्थात लाल रक्त कणिकाएं का निर्माण ठीक प्रकार से नहीं हो पाता जिसके कारण शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जिससे एनीमिया रोग हो जाता है।
मांसपेशियां दुर्बलता
विटामिन ई के अभाव में शरीर की पेशियों में कमजोरी हो जाती है। इससे कोशिकाओं में टूट-फूट होने लगती है। मांसपेशियों में अनावश्यक संकुचन होने लगता है और पेशियों में तेज दर्द एवं एंथम शुरू हो जाता है जिसके कारण मांसपेशियों में दुर्बलता उत्पन्न हो जाती है।
विटामिन ई की कमी को कैसे दूर करें
अब तक हमने यह तो जान लिया है कि विटामिन ई की कमी से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है परंतु इसकी कमी को हम कैसे दूर करें इसके लिए हमें 500 से 1000 एमजी विटामिन ई लेने से अपेक्षाकृत हमारे शरीर में इसकी कमी में सुधार देखने को मिलता है।
इसके अतिरिक्त हम हरी पत्तेदार सब्जियों और मौसमीफलों का प्रयोग करके भी हमारे शरीर में विटामिन ई की कमी को दूर कर सकते हैं।
विटामिन ई प्राप्त करने के स्त्रोत
विटामिन इ सभी भोज्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहता है। गेहूं और मक्का के तेल में यह सर्वाधिक मात्रा में उपलब्ध रहता है। वनस्पति तेलों और वसा में भी विटामिन ई प्रचुर मात्रा में रहता है। फल और सब्जियां विटामिन ई की प्राप्ति के निकृष्ट साधन है।
धन्यवाद।