महामुद्रासन योग से कीजिये पेट, किडनी और जननांगों को निरोगी जानिए कैसे | Mahamudrasana Yoga in Hindi

महामुद्रासन योग (Mahamudrasan Yoga in Hindi) योगासनों में ही हठ योग का एक प्रकार है | इस आसन के बारे में कहा गया है कि यह महान एवं श्रेष्ठ मुद्रा है जिसे हठ योगी अपनाते है | इस महान मुद्रा को करने से पेट, किडनी, गर्भ एवं जननागों को मजबूती मिलती है |

आज इस लेख में डॉ राजेश जी (योगाचार्य) द्वारा आपको महामुद्रासन करने का सही तरीका, इसके लाभ एवं फायदों के बारे में बतलाया जायेगा |

यह मुद्रा मृत्यु और महारोगों का नाश करती है |
एसी कौनसी वस्तु है जिसे इस मुद्रा का अभ्यासी पचा नहीं सकता? महान विष को भी यह पचा सकता है |

हठ योग प्रदीपिका

अगर आप पेट की बीमारी, मोटापा, कब्ज, लीवर या किडनी की कमजोरी एवं जंघाओं की कमजोरी में बेहतरीन योग आसन करना चाहते है तो यह योग की मुद्रा आपके लिए है | यह उदरविकार, कब्ज, गैस, लीवर एवं किडनी की समस्याओं को ठीक करके शरिर में फुर्ती एवं मजबूती प्रदान करती है |

चलिए सबसे पहले जानते है महामुद्रासन करने का सही तरीका क्या है ?

महामुद्रासन योग करने की विधि | Method of Mahamudrasana yoga in Hindi

  • सबसे पहले सामने की तरफ पैर फैला कर बैठ जाएँ |
  • बाएँ घुटने से मोड़ते हुए बाएँ पैर के तलवे को दाहिने पैर की जाँघ से लगाते हुए एड़ी को गुप्तांग के समीप मूलाधार के पास यथोचित रूप से स्थिर करें |
  • इस प्रकार से बैठने से आपके पैर एक प्रकार के समकोण का निर्माण करेंगे |
  • अब हाथों को सामने की तरफ करते हुए सीधे लम्बे पैर के अंगूठे को पकड़ें |
  • इस समय आपका मेरुदंड बिलकुल तना हुआ सीधा होना चाहिए |
  • अब अपनी ठुड्डी को सीने के ऊपर स्थित हंसली के गड्ढे में टिका दें |
  • अब यही प्रक्रिया अंगों को स्थिल करते हुए दुसरे पैर को मोड़कर करें |

महामुदासन में श्वास – प्रश्वास की क्रिया एवं समय क्या होना चाहिए ?

इस आसान में श्वास लेते समय पुरे पेट को कसते हुए पिचकाकर श्वास लेना चाहिए | पेट और पीठ के अंत: स्थल मिलाने की कोशिश करें | अब पेट की स्थित को सामान्य करें | श्वास छोड़े, दुबारा श्वास लें और यही पुनरावर्ती फिर से करें | इस आसन को करते समय श्वास – प्रश्वास में जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए |

सामान्य समय 1 से 3 मिनट का होना चाहिए |

महामुद्रासन के लाभ या फायदे | Health Benefits of Mahamudrasana Yoga in Hindi

  • यह मुद्रा सभी उदर प्रदेश को लाभान्वित करती है |
  • किडनी को स्वस्थ कर यथावत कार्य करने में सक्षम बनाती है |
  • यह आसन अंडकोष के विकारों को दूर करने में भी फायदेमंद है |
  • महिलाओं के लिए भी यह मुद्रा लाभदायक है | गर्भाशय खिसकने की समस्या से ग्रसित महिलाओं में इस आसन को करने से गर्भाशय मूलस्थान में पहुँचता है |
  • पाचन को सुधारने में भी इस मुद्रा के लाभ है | यह कब्ज को खत्म करके पाचन को सुधारती है |
  • इस आसन का अभ्यास करने वालों को कुष्ठ, कब्ज, बवासीर, प्लीहा एवं इसी प्रकार के कई जटिल रोग नहीं होते |

देखें विडियो महामुद्रासन

credit: Kalakendra Music & Dance youtube channel

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