Divya Mukta vati Uses in Hindi: मुक्ता वटी पतंजलि फार्मेसी की पेटेंट दवा है | यह दवा रक्तचाप की अनियमितता एवं मष्तिष्क विकारों में उपयोग होने वाली आयुर्वेदिक औषधि है | ब्लड प्रेशर की शिकायत में इस दवा का उपयोग किया जाता है |
यह मन एवं मष्तिष्क को शांत करती है | नशों की कमजोरी को दूर करने के साथ – साथ रक्त शुद्धि का कार्य भी करती है | मुख्यत: दिव्य मुक्ता वटी का उपयोग उच्च रक्त चाप के कारण अनिद्रा, मानसिक तनाव एवं घबराहट में किया जाता है |
आज इस आर्टिकल में हम आपको मुक्ता वटी के उपयोग (mukta vati uses in hindi) एवं घटक द्रव्यों आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाएंगे |
चलिए सबसे पहले इस दवा की सामान्य जानकारी इस टेबल के माध्यम से आपको उपलब्ध करवाते है |
Medicine Name | Divya Mukta vati |
Pharmacy | Patanjali |
Weight | 68 gram |
Price | Rs. 215 |
Ingredients | Shankhpushpi, Gotu Kola, Ashwagandha, Arjuna, Giloy etc |
Uses | Blood Pressure, anxiety, Sleepliness, etc |
Post Contents
मुक्ता वटी के चिकित्सकीय उपयोग | Mukta Vati Uses in Hindi
यहाँ निचे हमने दिव्य मुक्ता वटी के उपयोगों को सारणीबद्ध किया है | आप इस सारणी के माध्यम से मुक्ता वटी के चिकित्सकीय उपयोगों को आसानी से समझ सकते है | चलिए देखते है कि यह दवा किन – किन रोगों में कार्य करती है |
- उच्च रक्तचाप – हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में मुक्ता वटी प्रभावी रूप से कार्य करती है | यह बढ़ें हुए रक्त चाप को सामान्य करने का कार्य करती है |
- तनाव – ब्लड प्रेशर की समस्या के कारण रोगी को मानसिक तनाव का उपद्रव उत्पन्न होता है | इस दवा में शंखपुष्पी जैसे घटक द्रव्य है जो मष्तिष्क को शांत करने का कार्य करते है
- अनिद्रा – रात्रि में नींद न आने की समस्या में भी मुक्ता वटी अच्छा कार्य करती है | अनिद्रा की समस्या में मुक्ता वटी के सेवन से लाभ मिलता है |
- चिडचिडापन – रक्त चाप के रोगी में चिडचिडापन भी दिखाई देता है | एसे में यह दवा चिडचिडेपन को ठीक करने के लिए चिकित्सकीय रूप से उपयोग की जाती है |
- हृदय विकार – हृदय की तेज धडकनों में भी मुक्ता वटी का चिकिसकीय उपयोग होता है | यह हृदय की असामान्य रूप से बढ़ी हुई गति को कम करने का कार्य करती है |
- रक्त शुद्धि – रक्त में उपस्थित विकारों को दूर करने के लिए भी यह दवा उपयोगी है | इसका उपयोग ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के साथ – साथ रक्त असुद्धि में भी किया जाता है |
- दिल एवं दिमाग को शांत करने – मुक्ता वटी पतंजलि आयुर्वेद की हर्बल फार्मूलेशन है | यह दिल एवं दिमाग को शांत करके एंग्जायटी को दूर करने में उपयोगी है |
मुक्ता वटी के घटक द्रव्य | Ingredients of Divya Mukta Vati in Hindi
इस दवा के निर्माण में निम्न घटक द्रव्यों अर्थात आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल होता है | इसमें जड़ी – बूटियों के एक्सट्रेक्ट फॉर्म का इस्तेमाल किया गया है | यहाँ निचे हमने इसके घटक द्रव्यों की लिस्ट आपको उपलब्ध करवाई है |
- शंखपुष्पी (Convolvulus pluricaulis)
- ब्राह्मी (Bacopa monnieri)
- अश्वगंधा (Withania somniferra)
- गुले गावजवान (Onosma bracteatum)
- गिलोय (tinospora Cordifolia)
- सर्पगंधा (Rauwolfia serpentina)
- प्रवाल पिष्टी (Praval Pishti)
- मोती पिष्टी (Moti Pishti)
- मालकांगनी (Celastrus paniculatus)
- जटामांसी (Nardostachys jatamansi)
- वचा (Vach Acorus calamus)
इन उपरोक्त जड़ी – बूटियों के एक्सट्रेक्ट को एक निर्धारित मात्रा में मिलाकर इस दवा का निर्माण किया जाता है | इस कम्पोजीशन में सभी घटक द्रव्यों की मात्रा भिन्न – भिन्न है | आप मुक्ता वटी के बॉक्स पर इन सभी की मात्रा को पढ़ सकते है |
मुक्ता वटी के फायदे | Mukta vati benefits in Hindi
निम्न रोगों में दिव्य मुक्ता वटी का सेवन करना फायदेमंद रहता है | यहाँ हमने इस दवा के उपयोग से होने वाले फायदों के बारे में संक्षिप्त में आप सभी को अवगत करवाते है |
अनियंत्रित रक्तचाप – उच्च एवं लो ब्लड प्रेशर की शिकायत आजकल सभी उम्र के व्यक्तियों में देखने को मिलती है | एसे में पतंजलि मुक्ता वटी के सेवन से ब्लड प्रेशर को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है | इस दवा में प्रवाल पिष्टी, शंखपुष्पी, ब्राह्मी एवं सर्पगंधा जैसे घटक द्रव्य है जो रक्त चाप को नियंत्रित करते है |
मष्तिष्क विकार – मानसिक व्याधियों में आयुर्वेद काफी प्रभावी चिकित्सा उपलब्ध करवाता है | दिव्य मुक्ता वटी भी मस्तिष्क से सम्बंधित विकारों में कार्यकारी दवा साबित होती है | यह दवा शंखपुष्पी एवं ब्राह्मी जैसे घटक द्रव्यों से युक्त है जो मस्तिष्क को शांत करने में फायदेमंद होते है |
अनिद्रा रोग में मुक्ता वटी के फायदे – अनिद्रा की समस्या तनाव एवं चिंता जैसे स्थितियों के कारण अधिक पनपती है | एसी स्थिति में पतंजलि की मुक्ता वटी (Mukta Vati uses in hindi) मस्तिष्क को शांत करने का कार्य करती है | मानसिक शांति के कारण अच्छी तरह से नींद आती है | दवा में सर्पगंधा जड़ी – बूटी है जो अनिद्रा रोग में काल की तरह कार्य करती है |
मानसिक तनाव – मस्तिष्क विकारों में तनाव भी एक प्रमुख विकार है | तनाव के कारण रोगी का स्वास्थ्य काफी प्रभावित होता है | एसी स्थिति में दिव्य मुक्ता वटी अच्छा कार्य करती है | यह मानसिक तनाव को दूर करके मूड का अच्छा करने में फायदेमंद औषधि है |
असामान्य हृदय गति – उच्च रक्त चाप की स्थिति में हार्ट की गति असामान्य रूप से बढ़ जाती है | हृदय की बढ़ी हुई गति को ठीक करने के लिए मुक्ता वटी फायदेमंद औषधि साबित होती है | हृदय की तेज धडकनों में इसका सेवन वैद्य सलाह से किया जा सकता है | यह हृदय गति को सामान्य करने में फायदेमंद है |
मुक्ता वटी की खुराक | Mukta vati Dosage in Hindi
इस दवा का उपयोग हमेंशा वैद्य सलाह अनुसार करना चाहिए | सामान्यत: इसकी 1 से 2 गोली दूध या पानी के साथ सेवन की जा सकती है | एक से दो गोली सुबह – शाम खाली पेट ली जानी चाहिए |
इसे दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है | रात्रि में सोते समय खाना खाने से पहले इसका सेवन किया जाना चाहिए | रोग की स्थिति के आधार पर आयुर्वेदिक चिकित्सक दिव्य मुक्ता वटी की खुराक कम या ज्यादा कर सकते है | दवा के सेवन से पहले वैद्य सलाह अवश्य ली जानी चाहिए |
मुक्ता वटी के नुकसान | Side effects of Divya Mukta vati in Hindi
इस दवा के कोई ज्ञात साइड इफेक्ट्स नहीं है | फिर भी दवा का सेवन निधारित मात्रा एवं चिकित्सक द्वारा निर्धारित किये गए समय अन्तराल तक ही करना चाहिए | अधिक मात्रा में सेवन करने से चक्कर आना जैसी समस्याएँ हो सकती है | अत: निर्धारित मात्रा में ही दवा का सेवन करना चाहिए |
इस दवा में सर्पगंधा जड़ी बूटी घटक के रूप में है अत: यह बैचेनी, जलन एवं चक्कर आना जैसी समस्याएँ हो सकती है |
धन्यवाद |