दिव्य मेधा वटी के फायदे एवं नुकसान: पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा निर्मित की जाने वाली पतंजलि कंपनी की पेटेंट आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग स्मरण शक्ति की बढ़ोतरी, मानसिक विकार जैसे मिर्गी आदि के लिए किया जाता है | यहाँ हमने दिव्य मेधा वटी की सामान्य जानकारी, घटक, सेवन की विधि, चिकित्सकीय उपयोग एवं फायदे और नुकसानों के बारे में बताया है |
दिव्य मेधा वटी की जानकारी
दवा का नाम (Name) | दिव्य मेधा वटी (Patanjali Medha Vati) |
मैन्युफैक्चरर (Manufacturer) | Patanjali Ayurved Limited |
दवा का फॉर्म (Med. Form) | कैप्सूल |
मूल्य (Price) | 250 रूपए |
उपयोग (Uses) | स्मरण शक्ति, मानसिक विकार, मिर्गी, अनिद्रा |
घटक (Ingredients) | ब्राह्मी, शंखपुष्पी, अश्वगंधा, जटामांसी, पुष्करमूल आदि |
समाप्ति (Expiration of Medicine) | 24 महीने |
यह दवा पूर्णत: आयुर्वेदिक घटकों के द्वारा बनाई गई है | पतंजलि बाबा रामदेव की कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली यह पेटेंट आयुर्वेदिक दवा स्मरणशक्ति की कमी, अनिद्रा, एकाग्रता की कमी आदि में प्रयोग होने वाली आयुर्वेदिक औषधि है | जिसका उपयोग पूर्णत: सुरक्षित है एवं वैद्य सलाह से इसे लम्बे समय तक के लिए उपयोग किया जा सकता है |
चलिए सबसे पहले आपको इसके घटक द्रव्यों के बारे में बताते है |
Post Contents
दिव्य मेधा वटी के घटक द्रव्य | Ingredients of Divya Medha Vati in Hindi
- ब्राह्मी
- शंखपुष्पी
- मीठी वच
- उस्ताखदुस
- अश्वगंधा
- मालकांगनी
- सौंफ
- जहरमोहरा पिष्टी
- गोजिह्वा
- प्रवाल पिष्टी
- जटामांसी
- मोती पिष्टी
दिव्य मेधा वटी के चिकित्सकीय उपयोग | Clinical Uses of Divya Medha Vati in Hindi
इसका उपयोग आयुर्वेद चिकित्सा में इनसोमनिया अर्थात अनिद्रा एवं मष्तिष्क से सम्बंधित विकारों में प्रमुखता से किया जाता है | हालाँकि दवा पतंजलि की पेटेंट आयुर्वेदिक औषधियों में गिनी जाती है एवं भिन्न – भिन्न वैद्यों का इस पर भिन्न – भिन्न विचार है | लेकिन चिकित्सकीय रूप से देखा जाये तो यह स्मरण शक्ति की कमी, दिमागी बीमारी, डिप्रेशन, सिरदर्द, मिर्गी, नींद न आना आदि रोगों में चिकित्सकीय प्रयोग किया जाता है |
दिव्य मेधा वटी के फायदे एवं नुकसान | Medha Vati Benefits and Side effects in Hindi
निम्न रोगों में इस दवा के उपयोग से स्वास्थ्य फायदे होते है | यहाँ हमने मेधा वटी के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में विस्तृत रूप से समझाया है |
Insomnia (अनिद्रा) में फायदे: दिव्य मेधा वटी स्लीप डिसऑर्डर में बेहतरीन कार्य करती है | इसमें एंटी रिलैक्सेशन गुण विद्यमान है जो मष्तिष्क को अनिद्रा एवं चिंता की समस्या से मुक्त करते है | ब्राह्मी एवं जटामांसी जड़ी – बूटी अनिद्रा रोग में अच्छा कार्य करती है |
स्मरणशक्ति वर्द्धक: दिव्य मेधा वटी मुख्य रूप से मानसिक विकारों की औषधि है | दिव्य मेधा वटी के फायदे एवं नुकसान मष्तिष्क विकारों में होते है | अगर आपकी स्मरण शक्ति कमजोर है तो निश्चित रूप से वैद्य सलाह से इस औषधि का सेवन किया जा सकता है |
Epilapsy (मिर्गी) में दिव्य मेधा वटी के फायदे: मिर्गी रोग भी एक मानसिक विकार है | इसमें व्यक्ति के मष्तिष्क की क्रियाशीलता कमजोर हो जाती है | दिव्य मेधा वटी मिर्गी रोगियों में फायदेमंद साबित होती है | यह दवा मष्तिष्क के सामान्य विकारों को दूर करके मिर्गी रोग में लाभ देती है |
Concentration (एकाग्रता): ब्राह्मी, शंखपुष्पी जैसी जड़ी – बूटियों मष्तिष्क को शांत करने एवं एकाग्रता बढ़ाने में महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि द्रव्यों में गिनी जाती है | दिव्य मेधा वटी में ये घटक मुख्य घटक के रूप में इस्तेमाल होते है अत: इस दवा के सेवन से concentration level बढ़ता है | इसे किसी भी उम्र के व्यक्ति सेवन कर सकते है |
नुकसान | Side Effects
दिव्य मेधा वटी पूर्णत: सुरक्षित औषधि है | इसका इस्तेमाल बच्चों से लेकर बुजर्ग एवं महिलाओं तक सभी कर सकते है | हालाँकि इस औषधि के कोई ज्ञात साइड effects नहीं है लेकिन फिर भी दिव्य मेधावटी का सेवन वैद्य दिशानिर्देशों अनुसार करना चाहिए |
इसका सेवन निर्धारित मात्रा में करना चाहिए | अधिक मात्रा में सेवन करने से सीने में जलन, सर में भारीपन आदि संभावित नुकसान प्रकट हो सकते है |
गर्भवती महिलाऐं एवं प्रसूता स्त्रियाँ चिकित्सक सलाह से सेवन करना फायदेमंद है |
दिव्य मेधा वटी सेवन की विधि एवं खुराक
इसका सेवन सुबह शाम 1 से 2 गोली की मात्रा में गुनगुने दूध या जल के साथ वैद्य सलाह लेकर किया जा सकता है | युवा एवं बुजुर्ग 1 से 2 गोली अपने बलाबल अनुसार चिकित्सक से सलाह लेकर कर सकते है | 5 साल से अधिक उम्र के बच्चो को वैद्य सलाह से 1 गोली की मात्रा में सेवन करवाई जा सकती है |
पतंजलि मेधा वटी की खुराक का निर्धारण आयुर्वेदिक चिकित्सक से ही करवाना चाहिए | वैद्य द्वारा निर्धारित एवं अनुशंषित औषधि का सेवन स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद होता है |