Indukantham kashayam क्या है ? इसके उपयोग एवं फायदे

Indukantham kashayam in Hindi एक शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक दवा है | यह उदर विकार जैसे भूख की कमी, पेट दर्द, गैस, अपच एवं अजीर्ण आदि में बेहतर परिणाम देती है | साथ ही शरीर को बल प्रदान करके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है |

इंदुकांतम कषायम टेबलेट्स और सिरप दोनों रूप में उपलब्ध है | वैसे इसका निर्माण क्वाथ प्रक्रिया के द्वारा ही किया जाता है | लेकिन टेबलेट्स बनाने के लिए काढ़े को प्रवाही क्वाथ में तैयार करके गाढ़ा करके टेबलेट्स का निर्माण कर लिया जाता है |

विभिन्न फार्मेसी जैसे Arya Vaidya Shala, कैराली आयुर्वेद फार्मेसी एवं नागार्जुन आदि द्वारा निर्माण की जाती है | बाजार में आसानी से उपलब्ध होने वाली आयुर्वेदिक दवा है |

इंदुकांतम कषायम को भूख की कमी, पाचन समस्या, बुखार एवं शरीर की कमजोरी में इस्तेमाल किया जाता है | साथ ही यह शरीर में वात एवं कफ को संतुलित करती है |

घटक द्रव्य / Indukantham Kashayam Ingredients

इंदुकांतम कषायम

इस दवा में मुख्य रूप से 18 आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है | यहाँ हमने इसके निर्माण में काम आने वाली जड़ी – बूटियों की लिस्ट उपलब्ध करवाई है |

इन सभी जड़ी – बूटियों को समान मात्रा में लिया जाता है |

क्रमांकजड़ी – बूटी का नाममात्रा
01चिरबिल्व50 ग्राम
02देवदारु50 ग्राम
03अग्निमंथ50 ग्राम
04श्योनाक50 ग्राम
05पाटला50 ग्राम
06वृहती50 ग्राम
07गंभीरी50 ग्राम
08शालपर्णी50 ग्राम
09पर्शनपर्णी50 ग्राम
10कटेरी50 ग्राम
11पिप्पली50 ग्राम
12पिप्पली जड़50 ग्राम
13चित्रक50 ग्राम
14चव्य50 ग्राम
15यवक्षार50 ग्राम
16सौंठ50 ग्राम
17गोखरू50 ग्राम
18बिल्व50 ग्राम

इंदुकांतम कषाय बनाने की विधि / How to Prepare Indukantham Kashayam

इसे बनाने के लिए सबसे पहले इन सभी घटक द्रव्यों को समान मात्रा में लेकर यवकूट कर लिया जाता है | अब 16 गुण जल में इस यवकूट क्वाथ द्रव्यों को डालकर काढ़ा बनाया जाता है | जब जल 4 भाग बचे तब इसे तैयार समझा जाता है |

इंदुकांतम कषाय के चिकित्सकीय उपयोग

  • पाचन विकृति
  • पेट दर्द
  • पेट में एंठन
  • गैस
  • आंतो के अलसर
  • गैस्ट्रिक अल्सर
  • बुखार
  • वात एवं कफ विकृति
  • अस्थमा
  • ट्यूबरक्लोसिस
  • कब्ज प्रवृति
  • शारीरिक दुर्बलता

आयुर्वेदिक गुण धर्म

यह दवा मुख्य रूप से वात दोष को शांत करती है एवं कफज दोष को कम करने का कार्य करती है | इसके घटक द्रव्यों के कारण इसे शारीरिक दुर्बलता में भी प्रयोग किया जाता है | इंदुकांतम कषाय के सेवन से शरीर कांतिवान एवं त्वचा के रंग में भी सुधार होता है |

पाचन विकृति जैसे भूख की कमी, कब्ज, गैस, पेट दर्द एवं पेट में मरोड़ आदि रोगों में भी अपने आयुर्वेदिक गुणों के कारण प्रभावी दवा साबित होती है | तो चलिए अब जानते है इसकी सेवन मात्रा

इंदुकांतम कषाय की सेवन मात्रा / Doses

अगर इंदुकांतम टेबलेट्स रूप में है तो इसका सेवन दिन में तीन बार तक पानी के अनुपान के साथ सेवन किया जा सकता है |

एवं यदि यह सिरप फॉर्म में है तो एक वयस्क को 10 से 20 मिली. की मात्रा में आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्शानुसार सेवन करना चाहिए |

चिकित्सक द्वारा निर्देशित मात्रा में सेवन करने पर इस दवा के कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है | वैसे यह पूर्णत: नुकसान रहित है फिर भी चिकित्सक के परामर्शानुसार ही सेवन करना चाहिए |

धन्यवाद ||

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