नौसादर विभिन्न रोगों में उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि

नौसादर एक सफ़ेद रंग का दानेदार लवण द्रव्य है | यह करीर और पीलू आदि वृक्षों के कोष्ठों को जलाने पर क्षार के रूप में प्राप्त होता है | इसे ईंटो के भट्टे से प्राप्त राख के क्षार से भी प्राप्त किया जाता है |

आयुर्वेद चिकित्सा में नौसादर को शोधन पश्चात स्वास्थ्य उपयोग में लिया जाता है | यह विभिन्न रोगों जैसे – खांसी, जुकाम, दांतों की पीड़ा, अस्थमा, अपच एवं अजीर्ण आदि में प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है |

यह त्रिदोषघन औषधि है जो दीपन, पाचन, सारक, गुल्म एवं प्लीहा जैसी समस्याओं में उपयोगी साबित होती है |

नौसादर
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नौसादर के अन्य नाम – इसे हिंदी में नौसादर, संस्कृत में नवसादर कहते है | अंग्रेजी में Ammonium Chloride कहा जाता है | इसका रासायनिक सूत्र NH4CL है |

नौसादर का शोधन

इसका शोधन करने के लिए सबसे पहले नौसादर का एक भाग एवं जल तीन भाग लेकर नवसादर को पानी में घोल कर मोटे एवं साफ़ वस्त्र से दो बार छान लें | अब इस छने हुए घोल को एक पात्र में डालकर अग्नि पर चढ़ा दें |

जब जल पूरा भाप बन कर उड़ जाए तब पात्र में बचे शुद्ध नवसादर को इक्कठा कर लें | इसे किसी कांच की शीशी में रख लें |

इस शुद्ध नौसादर का प्रयोग चिकित्सार्थ किया जाता है | इसका सेवन 2 से लेकर 8 रति तक किया जा सकता है |

नौसादर के सहयोग से विभिन्न औषध योगों का निर्माण होता है जैसे – क्षार पर्पटी, शंखद्रावक रस, वृश्चिकदंशहर लेप आदि |

नौसादर के फायदे / रोगोपयोग

दांतों का दर्द या कीड़े

दांतों की समस्या में नौसादर के साथ फिटकरी, सैन्धव लवण बराबर मात्रा में मिलाकर दांतों पर मालिश करने से दांतों की सभी समस्या से निजात मिलती है |

अगर दांतों में कीड़े लगे हो तो 4 रति नौसादर को 1 / 4 ग्राम अफीम मिलाकर दांतों में दबाने से कीड़े मरकर बाहर निकल जाते है |

श्वास एवं कास में नौसादर के फायदे

खांसी की समस्या में एक चुटकी नौसादर को गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करने से खांसी से राहत मिलती है |

श्वांस या अस्थमा की शिकायत में यह बहुत लाभदायक रहता है | इसे पान में रखकर खाने से श्वांस नली की रूकावट दूर होती है |

इसकी चिलम भर कर सेवन करने से भी दमा में आराम मिलता है |

जुकाम / बंद नाक

नौसादर के साथ चुने और कपूर को बराबर मात्रा में मिलाकर एक शीशी में भर लें | इस शीशी को अच्छी तरह हिलाकर रख लें | इसे बंद नाक में सूंघने से जुकाम में आराम मिलता है एवं बंद नाक खुल जाती है |

प्लीहा रोग

2 रति के बराबर नौसादर को सेवन करने से प्लीहा रोग में लाभ मिलता है |

यह त्रिदोषघन औषधि है अत: वात, पित एवं कफ की असम्यावस्था में लाभदायक सिद्ध होता है | यह वातज, पितज एवं कफज तीनों समस्याओं में फायदेमंद रहता है |

धन्यवाद |

4 thoughts on “नौसादर विभिन्न रोगों में उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि

  1. Madan tiwari says:

    नौसादर से सिर्द दर्द में उपयोग नीबू में लगाकर सूंघने से सिर दर्द दूर हो सकता है या इससे संबंधित कोई अन्य औषधि किया हो सकती है.. बायीं भौंह के ऊपर से आधा सिर भारी लगता है दर्द लगातार बना रहता है सिटी स्केन एक्सरे में कुछ नहीं निकला सभी जांच में कुछ भी नहीं निकला. परन्तु यह शिकायत लगातार बनी हुई है.

  2. Madan tiwari says:

    औषधि किया हो सकती है.. बायीं भौंह के ऊपर से आधा सिर भारी लगता है दर्द लगातार बना रहता है सिटी स्केन एक्सरे में कुछ नहीं निकला सभी जांच में कुछ भी नहीं निकला. परन्तु यह शिकायत लगातार बनी हुई है.

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