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मर्दाना ताकत बढ़ाने के उपाय
आज के समय में हर उम्र के लोग इस समस्या से झुझते दिखाई पड़ते है | चाहे 20 साल का युवा हो या 40 की उम्र का प्रोढ़ व्यक्ति अधिकतर को मर्दाना ताकत बढ़ाने के उपाय खोजते एवं स्टैमिना बढाने वाली गलत दवाइयों का सेवन करते देखा जा सकता है | इन सब का कारण सीधा सा है – आज के समय की जलवायु, गलत आहार – विहार, आलस्य, नशा, कुसंगति के कारण गलत आदतें आदि | अब इन कारणों से व्यक्ति में मर्दाना ताकत की कमी होने लगती है एवं वह इसके उपाय ढूंढता है |
अब इन्ही उपायों में सबसे पहले अंग्रेजी पद्धति की स्टेमिना बढाने वाली दवाएं (वियाग्रा आदि) आती है जो लम्बे समय तक का वादा तो करती है , लेकिन कब तक असरदार होंगी ये कहा नही जा सकता | लम्बे समय तक इन औषधियों का प्रयोग करने से शरीर इनका आदि हो जाता है एवं बैगर इन दवाओं के सेवन के व्यक्ति कुच्छ भी नहीं कर सकता | जो व्यक्ति इन स्टेमिना बढाने वाली दवाओं का सेवन करते है वे इनके परिणामों से अच्छी तरह से परिचित भी होते है | लेकिन फिर वही “ढाक के तीन पात” वाली कहानी चरितार्थ होती है |
अत: अगर आप भी मर्दाना कमजोरी जैसे – धातु दुर्बलता, शीघ्र स्खलन , नपुंसकता, धातु का गिरना, वीर्य विकृति एवं कमजोर उत्थान से ग्रषित है तो आज के इस आर्टिकल में हम लेकर आयें है | मर्दाना ताकत बढाने के उपाय में कुच्छ अद्वितीय योग जिनका निर्माण आप आसानी से घर पर कर सकते है एवं अपनी खोयी हुई शक्ति एवं स्वास्थ्य को वापिस से प्राप्त कर सकते है |
मर्दाना ताकत बढाने के लिए आयुर्वेदिक योग
यहाँ हम आपको विभिन्न आयुर्वेदिक औषधीय योग के बारे में बातएंगे जिन्हें आप आसानी से घर पर बना सकते है |
मर्दाना ताकत बढाने के लिए धातु दौर्बल्य नाशक योग
धातु दौर्बल्य नाशक योग बनाने के लिए हमें निम्न औषधियों की आवश्यकता होती है |
- गुडूची (गिलोय) = 60 ग्राम
- अश्वगंधा = 60 ग्राम
- शतावरी = 60 ग्राम
- विदारीकन्द = 60 ग्राम
- सफ़ेद मुसली = 60 ग्राम
- गाय का घी = 150 ग्राम
- शक्कर = लगभग 1 किलो या आवश्यकतानुसार
सबसे पहले गिलोय से लेकर सफ़ेद मुसली तक सभी पांचो जड़ीबूटियों को कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना ले | अब इस चूर्ण को गाय के घी में मंद – मंद आंच पर भुन ले | एक बर्तन में शक्कर की एक तार की चासनी तैयार कर ले | अब भूने हुए चूर्ण को इस चासनी में मिलाकर थोड़ी देर और पकाएं | जब योग गाढ़ा होने लगे तो इसे आंच से उतार कर ठंडा कर ले |
ठंडे होने पर इससे एक – एक तोले के लड्डू बना ले | सर्दियों के मौसम में महीने दो महीने सुबह एवं शाम एक – एक लड्डू खाकर ऊपर से गाय का दूध पीने से धातु – दुर्बलता खत्म होकर शरीर पुष्ट बनता है | व्यक्ति में मर्दाना ताकत बढती है एवं बुढापे के लक्षण कम होने लगते है |
धातु रोग नाशक योग
पेशाब करते समय धातु गिरना अर्थात धातु रोग से पीड़ित हो तो एक छोटा सा प्रयोग करें | वट के वृक्ष का 20 बूंद दूध – 1 बतासे में डालकर सेवन करें | बतासे में ऊपर से छेद करके इसमें वट का दूध डालें यह इसकी एक मात्रा हुई | अब इस बतासे को निरंतर चालीस दिनों तक सेवन करने से शुक्रमेह शीघ्र मिट जाता है |
पखाने के समय गिरने वाली धातु बंद हो जाती है एवं शरीर भरने लगता है | साथ ही व्यक्ति जवान दिखाई देने लगता है | शरीर का रंग निखर कर मर्दाना कमजोरी दूर होती है |
शीघ्र स्खलन के लिए शिलाजीत वटी से करें मर्दाना ताकत के उपाय
शिलाजीत वटी बनाने के लिए शुद्ध शिलाजीत, वंगभस्म, छोटी इलायची के दानों का चूर्ण एवं वंशलोचन का चूर्ण – इन सभी को 60 – 60 ग्राम की मात्रा में ले | अब इन चारों को दो – दो घंटे खरल में खूब घोटें | अच्छी तरह घुटने के बाद इसमें थोडा शहद डालें और थोड़ी देर और घोटें |
लुग्दी जैसा बनने पर इसकी मटर के दानो जितनी गोलियां बना ले एवं धुप में सुखा ले | इन वटीयों का इस्तेमाल 1 से 2 की मात्रा में सुबह, शाम एवं रात्री में सोते समय महीने भर के लिए करें | अनुपान में गाय का दूध या शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है | जल्द ही शीघ्र स्खलन की समस्या जाती रहेगी | शिलाजीत वटी के सेवन से शीघ्रपतन के साथ – साथ शारीरक दुर्बलता, वीर्य विकार, उत्थान में कमी, नपुंसकता आदि सभी प्रकार की मर्दाना कमजोरी दूर होती है |
नपुंसकता के लिए मालकांगनी योग से करें मर्दाना ताकत के उपाय
नपुंसकता जैसी समस्या में मालकांगनी से तैयार योग का इस्तेमाल चमत्कारिक फायदा देता है | मालकांगनी योग तैयार करने के लिए मालकांगनी – 500 ग्राम , भृंगराज (भांगरे) का रस – 700 ग्राम , गाय का दूध – 1.2 किलो , जल – 1.2 किलो एवं शहद – 1.2 किलो लें | (पढ़ें मालकांगनी जड़ी – बूटी का सम्पूर्ण विवरण)
सबसे पहले एक मिटटी के घड़े में मालकांगनी को रख कर ऊपर से कपड़े से छना भांगरे का रस डालें और रात भर के लिए इसे भीगने दें | सुबह मालकांगनी को इसमें से निकाल कर रस को फेंक दें | अब दूध और पानी के साथ मालकांगनी को आग पर चढ़ा दें | जब दूध एवं पानी उड़ जाए एवं मावा जैसा बचे तो इसे आंच से उतार कर ठंडा करें | अब मालकांगनी के दानो पर लगे हुए मावे के साथ इन्हें पत्थर पर पिसलें | अच्छी तरह पिसजाने पर इसमें शहद मिलाकर बर्तन में ढँक कर रख ले |
यह एक चमत्कारिक रसायन है जो सभी प्रकार की मर्दाना कमजोरी को दूर करता है | नपुंसकता से पीड़ित अगर इसका प्रयोग सम्पूर्ण सर्दियों में करें तो उनका असीम शक्ति का संचार होकर नपुंसकता जड़ से खत्म हो जाती है | साथ ही यह रसायन वात व्याधि के लिए भी उत्तम सिद्ध होता है | शीघ्रपतन, वीर्य दोष, धातु विकार एवं मर्दाना ताकत के लिए यह उत्तम उपाय सिद्ध होता है |
मालकांगनी योग का सेवन सुबह एवं शाम करें | प्रथम सप्ताह केवल सुबह के समय उपयोग में लें | फिर दुसरे सप्ताह से दोनों वक्त एक – एक मात्रा का सेवन करना चाहिए | लगभग महीने भर के प्रयोग से सभी विकार दूर होने लगते है |
मर्दाना ताकत का उपाय बल-वीर्य दायक सिद्ध चूर्ण
इसके निर्माण के लिए छिलके से रहित जौ, नागबला का पंचांग, अश्वगंधा, काले तिल और छिलके रहित काली उड़द की दाल – इन पांचो को 100 – 100 ग्राम की मात्रा में और एक साल पुराना आधा किलो गुड लें |
सबसे पहले सभी पांचो को कूट पीसकर चूर्ण बना ले | अब इस चूर्ण को गुड़ में अच्छी तरह मिलाकर बर्तन में रख ले | इस योग का नियमित 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से शरीर में बल-वीर्य की व्रद्धी होकर सभी प्रकार के मर्दाना ताकत में सहायक सिद्ध होता है | इस योग का सेवन सभी मौसम में किया जा सकता है |
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