मुर्गासन / मुर्गा-आसनात्मक क्रिया – विधि , लाभ और सावधानियां |

पहले स्कुलों में विद्यार्थियों को मुर्गा बनाया जाता था और आज भी यह क्रिया बहुत सी स्कुलों मे विद्यार्थियों को दण्ड देने के लिए अपनाई जाती है। जी हाँ यह वही मुर्गा बनने का आसन है जो आप भी कभी न कभी अपने गुरूजनों के दण्ड देने के कारण बने होगें। वैसे तो यह आसन एक सजा का पर्याय बन चुका है लेकिन फिर भी इसके फायदे देखकर तो यह बिल्कुल नही लगता कि यह कोई सजा है।

मुर्गासन

मुर्गासन करने की विधि

वैसे तो मुर्गा बनने की कला सभी भारतीयों को अच्छे से आती है लेकिन फिर भी आजकल के बच्चों को शायद इस प्रकार का दण्ड देने का प्रचलन न हो इसलिए एसे नये नवेले लोगों के लिए मुर्गासन करने की विधि को जानना जरूरी है।

  • सबसे पहले दोनों पैरों को थोड़ा सा फैलाकर सीधे खड़े हो जायें।ऽ नीचे की तरफ झुकते हुए घुटनों को थोड़ा मोड़े।
  • अब दोनों हाथों को घुटने की तरफ से डालकर कानों को पकडे़।
  • इस अवस्था में आने के बाद धीरे-धीरे नितंबो को ऊपर उठायें।
  • अब सिर को सामने की तरफ करने का प्रयास करें।
  • इस अवस्था मेें 10 से 15 सेकेण्ड रूकें।
  • अब वापस मूल अवस्था में आ जायें।
  • सामने की तरफ झुकते समय श्वास को छोड़ें।
  •  मूल अवस्था में आते समय श्वास को ग्रहण करें।
  • यह प्रक्रिया 5 से 10 बार दोहराई जा सकती है।

मुर्गा-आसनात्मक क्रिया करने के लाभ या फायदे

  • यह आसन वायु निष्कासन के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
  • इस आसन को करने से चेहरे में रक्त संचार बढता है, जिस कारण चेहरे के ओज-तेज में वृद्धि होती है।
  •  स्मरण शक्ति बढाने में भी यह आसन लाभदायक है। इसलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि जब कभी आपके गरूजन आपको मुर्गा बनने की सजा दे ंतो इसे अवश्य करें। याद्दास्त बढेगी और अगली बार शायद आपको मुर्गा न बनना पडे़।
  • यह आसन आँखों के लिए लाभदायक है।
  • लगातार अभ्यास करते रहने से माइग्रेन जैसी समस्या में लाभ मिलता है।
  • नितंब, जंघा, पीठ एवं मेरूदण्ड की माँसपेशियों में खिंचाव होता है। इसलिए रक्त संचार बढाकर उनके विकार दूर करने में सहायक है।

मुर्गासन करते समय बरते ये सावधानियां

  • ह्नदय रोगी और उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति इसे न अपनाऐं।
  • पुराने कमर दर्द से पीड़ित व्यक्ति भी इसे न करें।
  • गर्भवती महीलाएंे इसे न अपनाएं।
  • अधिक देर तक इस आसन को नही करना चाहिए। लगातार अभ्यास से आप समय को बढ़ा सकते हैं
  • आसन को करते समय संयम बरतें। जल्दबाजी न करें।
  • चक्कर आने की समस्या में भी इस आसन से बचना चाहिए।

धन्यवाद |

One thought on “मुर्गासन / मुर्गा-आसनात्मक क्रिया – विधि , लाभ और सावधानियां |

  1. Ghanshyam manikpuri says:

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