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फॉस्फोरस क्या है
हमारे शरीर में कई खनिज लवण पाए जाते है जिनमे से फास्फोरस भी एक खनिज है | शरीर के विकास और वर्द्धि के लिए अन्य खनिज लवणों की तरह फास्फोरस की भी अत्यंत आवश्यकता होती है | मानव शरीर में खनिजों में कैल्शियम सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है और कैल्शियम के बाद अगर देखा जाए तो दूसरा नम्बर फॉस्फोरस का ही आता है | शरीर के कुल भार का 1% भाग फास्फोरस होता है | यह शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं में उपस्थित रहता है और कोशिकाओं के केंद्र में रहकर यह इनके विभाजन में सहायक होता है |
दांतों और हड्डियों के निर्माण में फॉस्फोरस का 80% भाग कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम फॉस्फेट बनाता है | कैल्शियम फॉस्फेट ही हड्डियों और दांतों के निर्माण में उपयोगी होता है | एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग 400 से 700 ग्राम फास्फोरस रहता है |
फॉस्फोरस के स्रोत
प्राय अल्प या अधिक मात्रा में सभी प्रकार के भोज्य पदार्थो में फॉस्फोरस विद्यमान रहता है | दूध , अंडा , मांस , मछली , मुर्गा , आटा , तील , जेई का आटा आदि में स्रवाधिक फास्फोरस रहता है | इसके अलावा अनाज , दाले , सूखे मेवे , मटर , चना , चुकंदर , बादाम आदि भी फास्फोरस प्राप्ति के अच्छे साधन है | आप निम्न तालिका से भोज्य पदार्थो में इसकी मात्रा को अच्छी तरह जान सकते है |
फॉस्फोरस सारणी
उत्कृष्ट भोज्य पदार्थ प्रति 100 ग्राम | उतम भोज्य पदार्थ प्रति 100 ग्राम | निम्न भोज्य पदार्थ प्रति 100 ग्राम |
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दूध – 90 – 130 Mg | जेई का आटा – 380 Mg | एस्पैरेगस – 62 Mg |
सम्पूर्ण दूध पाउडर – 730 Mg | बाजरा – 350 Mg | आलू – 56 Mg |
वसा रहित दूध पाउडर – 1000 Mg | चावल – 210 Mg | गाजर – 37 Mg |
चीज – 520 Mg | जौ – 230 Mg | टमाटर – 27 Mg |
पनीर – 495 Mg | सोयाबीन – 690 Mg | सलाद – 25 Mg |
अंडा – 220 Mg | सुखा मटर – 300 Mg | नारंगी – 23 Mg |
मांस – 240 Mg | उड़द दाल – 370 Mg | सेम – 10 |
मछली – 410 Mg | लोबिया – 490 Mg | |
बादाम – 490 Mg | मसूर दाल – 250 Mg | |
काजू – 450 Mg | ज्वार – 280 Mg |
विभिन्न भोज्य पदार्थो में फॉस्फोरस की मात्रा
फॉस्फोरस के कार्य
⇒ हड्डियों और दांतों के निर्माण में
फास्फोरस हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए आवश्यक होता है | यह कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम फास्फेट का निर्माण करता है | यह एक अघुलनशील लवण होता है जो अस्थियों एवं दांतों के निर्माण में अहम् भूमिका निभाता है | कैल्शियम फास्फेट अस्थियों एवं दांतों में जमा रहता है | जो इन्हें दृढ़ता , मजबूती , बल एवं स्थिरता प्रदान करता है | इसलिए फास्फोरस की कमी के कारण शरीर में हड्डियाँ कमजोर होने लगती है |
⇒ कोशिकाओं के केंद्र में अम्ल और प्रोटीन के निर्माण में
फास्फोरस कोशिका के जीवद्रव्य ( Protoplasm ) में उपस्थित रहता है और वहां न्यक्लियो प्रोटीन और न्युक्लियो अम्ल के निर्माण के लिए आवश्यक और नितांत महत्वपूर्ण खनिज लवण है | जिसकी भूमिका किसी भी कीमत पर नकारी नहीं जा सकती | कोशिकाओं के जीवद्रव्य तथा न्यूक्लियस में फॉस्फोरस न्युक्लियो प्रोटीन और न्युक्लियो अम्ल का निर्माण करता है | फॉस्फोरस कोशिका के विभाजन में भी मुख्य भूमिका निभाता है |
⇒ कार्बोज के चयापचय में फॉस्फोरस
कार्बोज के चयापचय में फास्फोरस की अहम् भूमिका होती है | कोशिका के जीवद्रव्य में माईट्रोकोंद्रिया रहता है | माईट्रोकोंद्रिया कोशिका का उर्जा गृह होता है | यह उर्जा इसमें ADP ( Adenosine Diphosphate ) के रूप में रहती है | जब कभी हमारी कोशिका को उर्जा की आवश्यकता पड़ती है तब यह ADP – ATP ( Adenosine Triphosphate ) में बदल जाती है | ADP को ATP में बदलने का कार्य फास्फोरस के द्वारा ही संभव हो पाता है |
⇒ अम्ल और क्षार संतुलन में सहायक
फॉस्फोरस शरीर में अम्ल और क्षार के संतुलन को नियमित बनाये रखने में सहायक होता है | फास्फोरस में अधिक हैड्रोजन के अणुओ से संयोग करने की क्षमता होती है | इसी क्षमता के कारण यह शरीर में अम्लता और क्षारता को बैलेंस करने में कारगर सिद्ध हो पाता है |
⇒ कोशिकाओं के विकास में सहायक
फॉस्फोरस कोशिकाओं के विकास और निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाता है | कोशिकाओं के निर्माण और विकास के लिए फॉस्फोलिपिड (Phospholiipid) की आवश्यकता पड़ती है | फॉस्फोलिपिड लेसिथिन और cephalin का निर्माण फास्फोरस के बिना असम्भव होता है | अत: कोशिकाओं के सम्पूर्ण विकास के लिए फास्फोरस का हमारे शरीर में उचित मात्रा में बने रहना नितांत आवश्यक है|
⇒ कैल्शियम के शोषण को बढ़ाना
फास्फोरस शरीर में कैल्शियम शोषण को बढाता है | शरीर में फॉस्फोरस के आभाव में कैल्शियम का ठीक प्रकार से शोषण नहीं हो पाता | शरीर में कैल्शियम का शोषण ठीक ढंग से तभी हो पाता है जब शरीर में उपस्थित कैल्शियम और फास्फोरस उचित मात्रा और अनुपात में बने रहे |
फॉस्फोरस की कमी के प्रभाव
सामान्यतया मानव शरीर में फास्फोरस की कोई कमी नहीं होती | क्योकि सभी प्रकार के भोज्य पदार्थो में जिनमे कैल्शियम और प्रोटीन उपस्थित रहते है , उनमे फास्फोरस भी अवश्य पाया जाता है | लेकिन जो लोग अम्ल अर्थात अम्लीयता से भरपूर खाद्य पदार्थो का सेवन अधिक करते है | उनके शरीर में फास्फोरस की कमी हो जाती है | क्योकि अम्ल फास्फोरस के अवशोषण में बाधा पंहुचता है | फॉस्फोरस की कमी से शरीर पर निम्न प्रभाव पड़ सकते है |
- भूख न लगना |
- शरीर में थकावट |
- अस्थियाँ और दांत कमजोर हो जाना | ( जरा सी चोट से ही टूट जाते है )
- शरीर का विकास रुक जाना |
- अस्थियों में विकार उत्पन्न हो जाता है |
- हड्डियों के जॉइंट्स सख्त हो जाते है |
- जॉइंट्स में दर्द रहने लगता है |
धन्यवाद |