रोजाना एक चम्मच देसी घी खाने के फायदे: गाय के शुद्ध देसी घी को हमारे देश में बहुत प्राथमिकता दी जाती है । आयुर्वेद ने शुद्ध देसी घी को अमृत तुल्य औषधि बताया है । अगर आप घी को औषधियों में नहीं गिनते या इसे खाने से डरते हैं तो आज का यह लेख पढ़ें निश्चित ही आप घी से जुड़े सभी फायदों से रूबरू हो जायेंगे ।
बाजारू उत्पादों ने घी की जीतनी निंदा की है उतनी निंदा तो शायद ही किसी ने की होगी । अगर आप भी इन्ही बातों में आकर घी को नहीं खाते हैं तो एक बार के लिए इन सभी को भूल जाएँ । गाय का घी आयुर्वेद अनुसार सौम्य औषधि है जो आपके विभिन्न रोगों का खात्मा करने के लिए फायदेमंद है । पुराने समय से ही घी को हमारे देश में उत्तम औषधि माना जाता रहा है, क्योंकि घी का इस्तेमाल करने से मानसिक और शारीरिक दोनों ही रोगों में फायदेमंद होता है ।
आज के इस लेख में हम रोजाना एक चम्मच देसी घी खाने के फायदे, घी क्या है?, घी के गुण और नुकसान आदि के बारे में जानेंगे । तो सबसे पहले जानते हैं देसी घी होता क्या है ?
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देसी घी क्या होता है ? (What is Desi Ghee)
गाय के दूध को जमा कर दही बनाया जाता है । इस दही को मठके इससे मक्खन को निकाला जाता है । मक्खन को आप कच्चा घी समझ सकते है । जिसमे छाछ का कुछ अंश रहता है । जब इस मक्खन को हलकी आंच पर गरम करके जलियांश और छाछ को अलग कर लिया जाता है तो जो शुद्ध घी बचता है वही देसी घी कहलाता है । आजकल दूध की क्रीम से भी घी निकाला जाता है । परन्तु देसी घी के रूप में दही से निकले गए मक्खन से बना घी ही माना जाता है ।
देसी घी के गुण | Ayurvedic Properties of Ghee
घी को आयुर्वेद में स्निग्ध, गुरु (भारी), मधुर विपाकी एवं शीतल तासीर का माना जाता है । यह हृदय के लिए, मस्तिष्क, शुक्र, कमजोरी एवं बल बढ़ाने वाला होता है । सौम्य होने के कारण निर्धारित मात्रा में सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होता है । इसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक खा सकते है ।
आयुर्वेद के अनुसार घी जितना पुराना होता है उतना ही उत्तम होता है । नविन घी से पुराना घी ज्यादा लाभदायक माना जाता है । आयुर्वेद में 100 वर्षों तक रखे गए घी को कुम्भघृत और अगर घी 100 वर्षों से भी अधिक समय तक सहेजा गया है उसे महाघृत कहते है जो एक प्रकार का चमत्कारिक घी होता है ।
गाय के दूध से निकाले गए घी को ही आयुर्वेद में उत्तम माना गया है । औषधीय उपयोग में भी गाय के देसी घी को ही लिया जाता है । भैंस के घी को कुछेच्क औषधीय योगों में ही प्रयोग किया जाता है ।
चलिए अब जानते है रोजाना एक चम्मच देसी घी खाने के फायदे
रोजाना एक चम्मच देसी घी खाने के फायदे हैं ये
घी के बहुत से फायदे होते हैं । अगर आप रोजाना एक चम्मच घी खाते हैं तो आपको निम्न रोगों में फायदे मिलते हैं –
1. मस्तिष्क को तेज करने में
रोजाना एक चम्मच घी खाने से मस्तिष्क तेज बनता है । याददास्त बढती है एवं मानसिक रोगों में लाभ मिलता है । इसे आप रोजाना चपाती में लगाकर खा सकते हैं । अगर आप इसे रोजाना खाते हैं तो इन मस्तिष्क विकारों में लाभ मिलता है । हालाँकि नियमित खाने से पहले अपनी प्रकृति और शारीरिक स्थिति को जानलेना चाहिए । अगर आपको कफज विकार है तो एक चिकित्सक की निर्देशानुसार ही सेवन करें ।
2. स्किन के लिए एक चम्मच देसी घी खाना फायदेमंद है
रोजाना एक चम्मच देसी घी खाने के फायदे से स्किन टोन सुधरता है । यह शरीर में चिकनाई लाता है तो त्वचा पर भी निखार का कार्य करता है । अगर आप इसे नियमित खाते हैं तो निश्चित ही स्किन के लिए देसी घी लाभदायक साबित होते हैं ।
3. वात का शमन
वात बढ़ने से शरीर में बहुत से रोग हो जाते हैं । वात विकृति के कारण शरीर में दर्द, जोड़ो में दर्द, यौन दुर्बलता, एवं शारीरिक दुर्बलता जैसे विभिन्न रोग जकड लेते हैं । देसी घी वात का शमन करने का सबसे उत्तम उपचार माना जाता है । अगर आपके शरीर में भी वात बढ़ी हुई है तो आपको रोजाना एक चम्मच देसी घी खाना चाहिए । इससे आपके शरीर में बढ़ी हुई वात का शमन हो जाता है और वात विकृति के कारण होने वाले रोगों में लाभ मिलता है ।
4. शुक्र वृद्धि
रोजाना एक चम्मच देसी घी खाने के फायदे से शरीर में शुक्र की वृद्धि होती है । इससे वीर्य विकारों में भी लाभ मिलता है । अगर आप अल्प शुक्रनुता से पीड़ित है तो रोजाना भोजन के साथ एक से 2 चम्मच देसी घी खाने से शुक्र की वृद्धि होती है । इससे शुक्र दुष्टता के कारण होने वाले रोगों में भी लाभ मिलता है ।
5. शारीरिक दुर्बलता में लाभदायक
शारीरिक दुर्बलता में देसी घी खाना बहुत ही फायदेमंद है । घी खाने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है एवं शरीर में बल वृद्धि होती है । हमारे यहाँ शरीर को बलवान बनाने के लिए घी प्रयोग प्राचीन समय से ही किया जाता रहा है । अत: अगर आप शारीरिक दुबलता से पीड़ित है तो रोजाना एक चम्मच देसी घी भोजन के साथ खाने से लाभ मिलता है ।
6. पाचन को सुधारने में लाभदायक
आयुर्वेद में देसी घी को पाचक माना जाता है । क्योंकि घी के सेवन से अधपका आहार भी पचने लगता है । जिन लोगों को गैस एवं एसिडिटी की शिकायत रहती उनके लिए देसी घी एक अच्छा विकल्प है । देसी गाय के देसी घी के सेवन से एसिडिटी और गैस आदि की समस्या खत्म होने लगती है । अल्सर की समस्या में भी आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है ।
रोजाना एक चम्मच देसी घी का सेवन कैसे किया जा सकता है ?
देखिये अगर आप पूर्णत: स्वस्थ है अर्थात आपको कोई कफज विकार जैसे अस्थमा, जुकाम, एलर्जी या खांसी आदि नहीं है तो आप नियमित एक चम्मच देसी घी खा सकते हैं । इसे खाने के लिए आप चपाती में लगाकर या दूध आदि में डालकर भी एक चम्मच देशी घी का सेवन कर सकते हैं ।
अगर आपका पाचन ठीक है तो आप एक चम्मच से अधिक भी देसी घी खा सकते हैं । सामान्यत: ग्रामीण इलाकों में एक या दो चम्मच घी को कुछ भी नहीं समझा जाता । वहां पर एक चम्मच देसी घी तो मात्र चपाती को चुपड़ने के लिए ही प्रयोग हो जाता है । बल्कि खाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी 5 से 6 चम्मच घी रोटी या सब्जी आदि में डालकर आसानी से खाया जाता है ।
मुख्यत: ग्रामीण व्यक्ति मेहनतकश होते हैं और दिनभर कार्य करते हैं अत: उन्हें इतनी मात्रा में घी खाना आसानी से पच जाता है । परन्तु अगर आप शहरी वातावरण में रहते हैं और वैसी ही आपकी दिनचर्या है तो एक चम्मच से अधिक घी खाने से पहले आपको अपने नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से सेवन करना चाहिए ।
देसी घी के संभावित नुकसान
आमतौर पर देसी घी खाने से कोई भी नुकसान नहीं होता । परन्तु इसे आपको एक सिमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए । साथ ही आपको अपने पाचन शक्ति का भी अंदाजा होना चाहिए की आप कितनी मात्रा में घी पचा सकते है । सामान्यत: एक व्यस्क व्यक्ति एक चम्मच देसी घी आसानी से पचा सकता है ।
परन्तु ध्यान दें अगर आप जुकाम, खांसी या अन्य कफज विकारों से पीड़ित हैं तो आपको घी का सेवन बिना चिकित्सकीय सलाह के नहीं करना चाहिए । क्योंकि कफज विकारों में देसी घी के चिकनेपन के कारण समस्या अधिक बढ़ सकती है ।